रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा के विशेष सत्र में छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2020 पर चर्चा करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा लाया गया नया कृषि कानून किसानों के लिए नहीं, बल्कि पूंजीपतियों को लाभ देने वाला है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार एक राष्ट्र-एक बाजार की दुहाई देती है। जब एक राष्ट्र-एक बाजार है, तो कीमत भी एक होनी चाहिए। यदि केन्द्र सरकार एक राष्ट्र-एक बाजार-एक कीमत की व्यवस्था लागू कर दें, तो हमें कानून में संशोधन करने की जरूरत ही नहीं पड़ती। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में तीन नये कानून बनाकर केन्द्र सरकार पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाना चाहती है। केन्द्र सरकार का कानून किसानों को ठगने वाला कानून है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार के नए कानूनों से किसानों के मन में संशय पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इस बात की गारंटी देनी चाहिए कि किसानों के उपज को कोई भी समर्थन मूल्य से नीचे नहीं खरीदेगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में केन्द्र सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि कानूनों की खामियों की जमकर आलोचना की और कहा कि हम अपने किसानों के हितों को सुरक्षित रखना चाहते हैं, छत्तीसगढ़ के व्यापार को सुरक्षित रखना चाहते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के लोग भोले-भाले है। लोग ठगाए मत, इसलिए हम मंडी विधेयक में संशोधन कर किसानों और आम उपभोक्ता के हितों की रक्षा की व्यवस्था कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा कोरोना संक्रमण काल के दौरान 20 लाख करोड़ रूपए के राहत पैकेज का उल्लेख करते हुए कहा कि इस विशेष पैकेज से किसी को एक पैसा भी नहीं मिला। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और शांता कुमार कमेटी सिफारिशों का उल्लेख किया और केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हितों की अनदेखी के मामले को सदन में बड़े ही तार्किक ढंग से उठाए। मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान पूरे सदन में खामोशी छायी रही। सदन के सदस्य, किसानों के हित में मुख्यमंत्री के तर्कों को बड़े ही गौर से सुनते नजर आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जब छत्तीसगढ़ की बात हो, किसानों की बात हो, तो दल नहीं, दिल देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पीएम किसान सम्मान निधि से छत्तीसगढ़ के किसानों को लाभ देने के मामले में केन्द्र सरकार द्वारा अड़ंगा लगाया जा रहा है। केन्द्र सरकार किसानों को भ्रमित कर रही है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार ने कृषि के क्षेत्र में जो तीन नए कानून बनाए है, उसकी जरूरत क्या थी? क्या किसी किसान संगठन ने या किसी राजनीतिक दल ने कानून में बदलाव की मांग की थी? कोरोना संकट काल में जब देश के लोग समस्याओं से जूझ रहे थे, ऐसी स्थिति में केन्द्र सरकार ने किसानों के हितों की परवाह न करते हुए कृषि के क्षेत्र में तीन नए अध्यादेश जारी कर दिए। उन्होंने कहा कि इसके चलते केन्द्र सरकार के एक सहयोगी दल की मंत्री ने इस्तीफा दे दिया। इन्ही तीनों कानूनों के चलते एनडीए के सहयोगी दल नाराज है। एनडीए के कई केन्द्रीय मंत्री भी इस कानून से सहमत नहीं है। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार का कहना है कि कृषि के तीनों नए कानून, किसानों के लिए लाभकारी है। उन्होंने कहा कि यह भ्रम पूरे देश में फैलाया जा रहा है। इससे किसानों का भला होने वाला नहीं है। यह कानून पूंजीपतियों को लाभ देने वाला कानून है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में 2006 से यह कानून लागू है। आज हालत यह है कि समर्थन मूल्य तो दूर की बात, बिहार में 1&00 रूपए क्विंटल से अधिक मूल्य पर किसानों का धान खरीदने वाला कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि जब इस कानून से बिहार के किसानों का कोई भला नहीं हुआ तो देश के किसानों का भला होने वाला नहीं है।
केन्द्र सरकार के नए कानून के तहत निजी मंडी खोलने की बात पर एतराज जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके जरिए सरकारी मंडियों को समाप्त करने का षडय़ंत्र रचा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस कानून की वजह से धीरे-धीरे मंडियां खत्म हो जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह चिटफंड कम्पनी जैसी व्यवस्था है। उन्होंने छत्तीसगढ़ राÓय में चिटफंड कम्पनियों के कारनामों को भी एक-एक कर उजागर किया और कहा कि जिस तरीके से चिटफंड कम्पनियां लोगों को लालच देकर लूटती है। उसी तरह केन्द्र सरकार द्वारा पारित नए कानूनों के जरिए किसान और आम उपभोक्ता लूटे जाएंगे। मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि समर्थन मूल्य भारत सरकार घोषित करती है, तो किसानों को समर्थन मूल्य दिलाने के जिम्मेदारी भी केन्द्र सरकार की है। राÓय सरकारें एजेंसी के रूप में काम करती है। उन्होंने कहा कि जब हम छत्तीसगढ़ के किसानों का धान 2500 रूपए क्विंटल में खरीद रहे थे। भारत सरकार ने किसानों को बोनस देने पर प्रतिबंध लगा दिया। उन्होंने कहा कि धान और गेहूं खरीदने पर यूपीए सरकार ने किसानों को बोनस दिया था। वर्तमान में केन्द्र में ऐसी सरकार है, जो किसानों को बोनस देने से रोकती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार से किसानों को बोनस देने की अनुमति के लिए हम कृषि मंत्री और खाद्य मंत्री के साथ दिल्ली गए थे। तत्कालीन केन्द्रीय खाद्य मं़त्री से मुलाकात कर छत्तीसगढ़ और यहां के किसानों की विशेष परिस्थितियों को देखते हुए बोनस दिए जाने की मांग की थी। परंतु हमारी इस मांग को केन्द्र सरकार ने ठुकरा दिया था। मजबूरन हमें किसानों का धान 2500 रूपए प्रति क्विंटल के बजाए समर्थन मूल्य पर खरीदना पड़ा। किसानों के हितों की रक्षा और उनके उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना शुरू की है। इसका लाभ हम राÓय के धान उत्पादक किसानों के साथ-साथ गन्ना और मक्का उपजाने वाले किसानों को भी दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ ऐसा राÓय है, जहां स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशों पर अमल किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार, राÓय सरकारों के हितों की लगातार अनदेखी कर रही है। उन्होंने कहा कि बीते छह माह से जीएसटी का पैसा केन्द्र सरकार ने नहीं दिया है। केन्द्र सरकार से छत्तीसगढ़ को 4000 करोड़ रूपए लेना है। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर अत्यावश्यक वस्तु विधेयक में केन्द्र सरकार द्वारा किए गए बदलाव को आम लोगों के लिए नुकसानदायक बताते हुए कहा कि यह विपणन कानून है। इसमें बदलाव पंूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। इससे अत्यावश्यक वस्तुओं में जैसे खाद्यान्न, तेल, आलू, प्याज आदि के भंडारण की सीमा को खत्म कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इसका फायदा उठाकर कारपोरेट और बड़े-बड़े व्यापारी मन माफिक कीमत पर किसानों की उपज खरीदकर जमाखोरी करेंगे। पूरा बाजार उनके कब्जे में हो जाएगा और मनमाने दाम पर सामान बचेंगे। उन्होंने कहा कि इसका दुष्परिणाम अभी से देखने को मिलने लगा है। आलू और प्याज की कीमतें कई गुना बढ़ गई है। यह कानून आम उपभोक्ताओं के खिलाफ है।
मुख्यमंत्री ने सदन में विपक्षी सदस्यों द्वारा चर्चा के दौरान धान खरीदी के संबंध में उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने चावल उपार्जन की जो लिमिट इस साल तय की है। वह भी भेदभाव पूर्ण है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ से छोटे राÓयों की भी लिमिट छत्तीसगढ़ से Óयादा है। उन्होंने कहा कि धान से एथेनॉल बनाने के उनके प्रस्ताव का शुरूआती दौर में लोगों ने मजाक उठाया था। अब तो केन्द्र सरकार ने हमारे प्रस्ताव को लाभकारी बताते हुए मान्य कर लिया है। धान से एथेनॉल बनाने की अनुमति भी दे दी है और इसका विधिवत दर 54.87 रूपए घोषित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ राÓय में धान की अतिशेष मात्रा तथा गन्ना से एथेनॉल बनाने के लिए राÓय सरकार ने एमओयू भी कर लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी एक साल में राÓय में एथेनॉल का उत्पादन भी शुरू हो जाएगा। इससे किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान शांता कुमार कमेटी की सिफारिशों को उल्लेख करते हुए कहा कि केन्द्र सरकार इसके जरिए बोनस को समाप्त करने के बाद अब पीडीएस सिस्टम को भी बंद करने की जुगत में लगी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ देश का एक ऐसा राÓय है, जहां का पीडीएस सिस्टम पूरे देश के लिए मॉडल है। हमारे राÓय में पीडीएस के 98 प्रतिशत उपभोक्ताओं का राशनकार्ड उनके आधार कार्ड से लिंक है। उन्होंने कहा कि शांता कुमार कमेटी की रिपोर्ट के एकदम उलट छत्तीसगढ़ राÓय में 80 प्रतिशत से अधिक किसान समर्थन मूल्य से लाभान्वित होते हैं। मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार के कॉन्ट्रेक्ट फॉर्मिंग कानून को भी किसानों के लिए घातक बताया। उन्होंने कहा कि हम अपने किसानों के हितों की रक्षा के लिए नया कानून लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार किसानों के हित में खड़ी है और उनके हितों की अनदेखी नहीं होने देगी। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के किसानों और आम उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए सर्व सम्मति से मंडी विधेयक संशोधन विधेयक 2020 को पारित करने का आग्रह किया।
न्याय साक्षी/रायगढ़। थाना घरघोडा में पदस्थ उप निरीक्षक जितेन्द्र एसैया एवं हमराह स्टाफ द्वारा दिनांक 26/10/2020 की रात्रि मुखबिर सूचना पर ग्राम चोटीगुडा नवा तालाब पचडी में जुआ खेल रहे लोगों को घेराबंदी कर पकड़े। इस दौरान पकड़े गये तीन जुआडिय़ा 1. अमृत सेन पिता तुलसी राम सेन उम्र 39 वर्ष 2. रामलाल राठिया पिता फुल सिंह राठिया उम्र 30 वर्ष 3. चमरा राठिया पिता फूल सिंह राठिया उम्र 22 वर्ष सभी साकिनान चोटीगुडा थाना घरघोडा से मौके पर 52 पत्ती तास एवं एक यूरिया का प्लास्टिक बोरी तथा नगदी रकम 8,040 रूपये को जप्त किया गया है । आरोपियों के विरूद्ध थाना घरघोड़ा में धारा 13 जुआ एक्ट की कार्यवाही किया गया है ।
रायपुर छत्तीसगढ़ शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं से पीडि़तों को जिला कलेक्टर के माध्यम से आथिज़्क सहायता स्वीकृत की जाती है। इसी तरह को दो प्रकरणों में जांजगीर चांपा जिले की मालखरौदा तहसील के ग्राम बड़ेसीपत के श्री घासुराम और तहसील सक्ती के ग्राम सकरेली खुदज़् की अलकुशा बाई की मृत्यु अग्नि में जल जाने पर मृतकों के पीडि़त परिजनों को चार-चार लाख रूपए की आथिज़्क सहायता राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के तहत स्वीकृत की गई है।
रायपुर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल बुधवार 28 अक्टूबर को जगदलपुर के लालबाग में झीरम शहीद मेमोरियल भवन की आधारशिला रखेंगे। मुख्यमंत्री जगदलपुर प्रवास के दौरान बस्तर संभाग को 562 करोड़ 77 लाख रुपए से अधिक के विकास कायोज़्ं की सौगात देंगे। श्री बघेल यहां विश्वप्रसिद्ध बस्तर दशहरा में शामिल होंगे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल निधाज़्रित दौरा कायज़्क्रम के अनुसार दोपहर 12.50 बजे जगदलपुर पहुंचेंगे और सिरहासार भवन में आयोजित मुरिया दरबार कायज़्क्रम में शामिल होंगे। दोपहर 2 बजे झीरम घाटी शहीद मेमोरियल भवन का भूमिपूजन और अन्य विकास कायोज़्ं का लोकापज़्ण करेंगे। कायज़्क्रम के बाद श्री बघेल शाम 4.15 बजे रायपुर लौट आएंगे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जगदलपुर के लालबाग में झीरम शहीद मेमोरियल भवन की आधारशिला रखेंगे। यह स्मारक लगभग दो करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। श्री बघेल बस्तर संभाग को 562 करोड़ रुपए से अधिक के विकास कायोज़्ं की सौगात भी देंगे। इनमें 196 करोड़ 76 लाख रुपए से अधिक के 58 विकास कायोज़्ं का लोकापज़्ण और 360 करोड़ 89 लाख रुपए से अधिक के 224 विकास कायोज़्ं के भूमिपूजन शामिल है। कायज़्क्रम में श्री बघेल 82 हजार 235 हितग्राहियों को 512 लाख रुपए से अधिक के हितग्राहीमूलक सामग्री का वितरण करेंगे। मुख्यमंत्री बस्तर संभाग के जिन कायोज़्ं का लोकापज़्ण एवं शिलान्यास करेंगे उनमें बस्तर जिले में 35 करोड़ 15 लाख रुपए के 18 विकास कायोज़्ं का लोकापज़्ण और 104 करोड़ 48 लाख से अधिक राशि के 31 कायोज़्ं का भूमिपूजन करेंगे। इसके साथ ही दंतेवाड़ा के 161 करोड़ 60 लाख रुपए से अधिक के 140 विकास कायोज़्ं का लोकापज़्ण और 107 करोड़ 32 लाख रुपए से अधिक के 125 कायोज़्ं , कांकेर जिले के 69 करोड़ 33 लाख रुपए से अधिक के 33 कायज़्, कोंडागांव जिले के 35 करोड़ 72 लाख रुपए से अधिक के 18 कायज़्, सुकमा जिले के 39 करोड़ 26 लाख रुपए से अधिक के 15 कायज़् और नारायणपुर जिले के 4 करोड़ 39 लाख रुपए से अधिक के एक विकास कायज़् का भूमिपूजन शामिल है।
बालिका को भगाकर ले जाने वाला युवक पाक्सो एक्ट में गया जेल
न्याय साक्षी/रायगढ़। थाना कोतरारोड़ में नाबालिग बालिका के दिनांक 10.10.2020 के दोपहर घर में बिना बताये कहीं चले जाने की रिपोर्ट बालिका के पिता द्वारा दर्ज कराया गया था। बालिका के पिता के रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अप.क्र. 204/2020 धारा 363 आईपीसी पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। बालिका के पिता द्वारा यह भी बताया गया था कि दिनांक 10.10.2020 को बालिका घर के मोबाइल पर नये नम्बर से व्हाटसअप की थी कि वह सारंगढ़ में है, घरवाले उस नम्बर पर काल किये तो अज्ञात व्यक्ति काल रिसीव कर सारंगढ़ से बोल रहा हूं कहकर और कोई जवाब नहीं दिया।
कोतरारोड़ थाना प्रभारी निरीक्षक चमन सिन्हा द्वारा नाबालिग के गुम मामले को गंभीरता से लेकर तत्काल उस नम्बर को ट्रेस कराये और पुलिस टीम सारंगढ़ भेजे, जहां बालिका व संदेही युवक नहीं मिले। जिसके बाद बालिका व संदेही युवक की पतासाजी के लिये जानकारी जुटाई गई। तब दोनों के बालको, कोरबा में होने की जानकारी मिली और कोरबा के लिए पुलिस पार्टी दिनांक 25.10.2020 को रवाना किया गया, जहां एक किराये मकान पर संदेही युवक विक्रम उर्फ विक्की चौहान बालिका को अपने साथ रख हुआ था। बालिका को दस्तयाब कर संदेही के साथ थाना कोतरारोड़ लाया गया। बालिका का महिला अधिकारी एवं सीडब्ल्यूसी में कथन बाद प्रकरण में धारा 366, 354 आईपीसी 8,12 पाक्सो एक्ट जोड़ी गई और आरोपी विक्रम उर्फ विक्की चौहान पिता स्व. कातिज़्क राम चौहान उम्र 19 साल निवासी ग्राम दनसरा थाना सारंगढ़ हाल मुकाम भगवानपुर नीचेबस्ती थाना कोतरारोड़ को गिरफ्तार कर रिमांड पर भेजा गया, जहां से उसे जेल वारंट पर आरोपी को जेल दाखिल किया गया है। आरोपी विक्रम उर्फ विक्की कोतरारोड़ क्षेत्र में गार्ड का काम करता था, इसी दरम्यान बालिका से उसकी जान पहचान हुई और उसे शादी का प्रलोभन देकर भगा ले गया था। बालिका उसके साथ दुष्कमज़् जैसी कोई घटना नहीं होना बताई है।