छत्तीसगढ़

रेत की सुचारू आपूर्ति के लिए खनिज विभाग द्वारा इस वर्ष 107 रेत भंडारण अनुज्ञा स्वीकृत: अधिकांश जिलों में रेत की कीमते वर्षा  ऋ तु के पूर्व के स्तर में पहुँची
Posted Date : 20-Oct-2020 1:41:37 pm

रेत की सुचारू आपूर्ति के लिए खनिज विभाग द्वारा इस वर्ष 107 रेत भंडारण अनुज्ञा स्वीकृत: अधिकांश जिलों में रेत की कीमते वर्षा ऋ तु के पूर्व के स्तर में पहुँची

  •  रेत खदानों में रैम्प एवं पहुंच मार्ग मरम्मत के बाद मूल्य में और कमी आने की संभावना
  • रेत के अवैध उत्खनन के 37 प्रकरण, अवैध परिवहन के 1,726 प्रकरण तथा अवैध भण्डारण के 26 प्रकरण दर्ज कर 2 करोड़ 7 लाख रूपए समझौता राशि की वसूली

रायपुर। राज्य सरकार के प्रयासों से प्रदेश में रेत की आपूर्ति सुचारू हो रही है। रेत की कीमतें अधिकांश जिलों में वर्षा ऋतु के पूर्व के स्तर पर पहुंच गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन पर रेत की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए खनिज विभाग द्वारा इस वर्ष विशेष प्रयास करते हुए प्रदेश में कुल 107 रेत भण्डारण अनुज्ञा स्वीकृत की गई है। साथ ही प्रदेश के विभिन्न जिलों में रेत के अवैध उत्खनन करने वालों पर कड़ी कार्यवाही करते हुए उनके विरूद्ध प्रकरण दर्ज किए गए और जुर्माना की राशि वसूल की गई। खनिज विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूरे प्रदेश में अवैध उत्खनन के 37 प्रकरण, अवैध परिवहन के एक हजार 726 प्रकरण तथा अवैध भण्डारण के 26 प्रकरण दर्ज करते हुए संबंधितों से 2 करोड़ 7 लाख 49 हजार 89 रूपए समझौता राशि की वसूली भी की गई है।
गौरतलब है कि वर्तमान में प्रदेश में कुल 319 रेत खदानों में निविदा जारी की गई है। कुल 210 रेत खदानों में पर्यावरण सम्मति प्राप्त होने पश्चात अनुबंध के बाद ये खदानें संचालित की जा रही हंै एवं शेष रेत खदानों में पर्यावरण सम्मति प्राप्त करने की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है। वर्तमान समय में प्रदेश के सभी जिलों में रेत खदान आबंटन हेतु निविदा जारी की जा चुकी है। वर्तमान में भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा जारी गाईडलाईन अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य हेतु 10 जून से 15 अक्टूबर तक वर्षाऋतु में रेत खनन को प्रतिबंधित किया गया था। वर्षाऋतु के पूर्व प्रदेश में रेत का औसतन मूल्य 5000-7000 रूपए प्रति हाईवा (10 घनमीटर) था। वर्षाऋतु के दौरान प्रदेश में प्रतिवर्ष रेत के मूल्य में बढ़ोत्तरी होती है, इस दौरान रेत की सुचारू आपूर्ति किये जाने हेतु इस वर्ष खनिज विभाग द्वारा विशेष प्रयास कर प्रदेश में कुल 107 रेत भंडारण अनुज्ञा स्वीकृत किया गया। चूंकि भण्डारण अनुज्ञप्ति क्षेत्र में सीमित भण्डारण क्षमता होने के कारण रेत की कीमतों में आंशिक वृद्धि देखी गई है। वर्षाकाल पश्चात अधिकतर जिलों के कई रेत खदानों में वर्तमान में पानी भरा हुआ है एवं कई रेत खदानों में रैम्प एवं पहुंच मार्ग मरम्मत का कार्य भी किया जा रहा है। इन रेत खदानों में आगामी दिनों में लोडिंग एवं परिवहन का कार्य आरंभ हो जाएगा जिससे मूल्य में और कमी आने की संभावना है।
वर्षा ऋतु के पूर्व एवं वर्षा ऋतु के दौरान विभिन्न जिलों में रेत के मूल्यों की तुलनात्मक जानकारी निम्नानुसार है। वर्षा ऋतु के पूर्व रायपुर जिले में रेत का मूल्य 8000 रूपए से 9000 रूपए था। वर्षा ऋतु में बढ़कर 16000 से 17000 रूपए हो गया था। वर्तमान में यह घटकर 9000 से 9500रूपए हो गया है तथा रैम्प निर्माण एवं पहुंच मार्ग मरम्मत पश्चात रेत की कीमत 7000 से 8000 रूपए संभावित है। इसी तरह बिलासपुर जिले में वर्षा ऋतु के पूर्व 5000 रूपए से 6000 रूपए था। वर्षा ऋतु में बढ़कर 10000 से 12000 रूपए हो गया था। वर्तमान में यह घटकर 7000 से 8000 रूपए हो गया है तथा रैम्प निर्माण एवं पहुंच मार्ग मरम्मत पश्चात रेत की कीमत 5000 से 7000 रूपए संभावित है। बस्तर जिले में वर्षा ऋतु के पूर्व 5000 रूपए से 6000 रूपए था। वर्षा ऋतु में बढ़कर 7000 से 8000 रूपए हो गया था। रैम्प निर्माण एवं पहुंच मार्ग मरम्मत पश्चात रेत की कीमत 4000 से 5000 रूपए संभावित है। राजनांदगांव जिले में वर्षा ऋतु के पूर्व 7000 रूपए से 8000 रूपए था। वर्षा ऋतु में बढ़कर 9000 से 10000 रूपए हो गया था। वर्तमान में यह घटकर 8000 से 9000 रूपए हो गया है तथा रैम्प निर्माण एवं पहुंच मार्ग मरम्मत पश्चात रेत की कीमत 7000 से 8000 रूपए संभावित है। इसी तरह जांजगीर-चांपा जिले में वर्षा ऋतु के पूर्व 5000 रूपए से 7000 रूपए था। वर्षा ऋतु में बढ़कर 9000 से 10000 रूपए हो गया था। वर्तमान में यह घटकर 4500 से 7000 रूपए हो गया है तथा रैम्प निर्माण एवं पहुंच मार्ग मरम्मत पश्चात रेत की कीमत 4000 से 5000 रूपए संभावित है। 

भाजपा आंदोलन के चलते गृहमंत्री के बंगले की बढ़ाई गई सुरक्षा
Posted Date : 20-Oct-2020 1:40:28 pm

भाजपा आंदोलन के चलते गृहमंत्री के बंगले की बढ़ाई गई सुरक्षा

रायपुर। प्रदेश में कानून व्यवस्था के बिगड़ते हालात को लेकर भाजपा आज आंदोलन कर गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के बंगले का घेराव करने का प्रयास करेगी। हालांकि भाजपा को रोकने के लिए पहले से ही धरना स्थल बूढ़ापारा के पास पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, वहीं गृहमंत्री के बंगले की सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है। भाजपा के इस आंदोलन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह, पूर्व केन्द्रीय राज्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, राजेश मूणत सहित कई दिग्गज नेताओं के अलावा बड़ी संख्या में कार्यकर्ता शामिल होंगे। प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने आंदोलन को लेकर कहा कि प्रदेश में लगातार हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, बलात्कार सहित अन्य अपराधिक घटनाएं बढ़ रही है, जिससे पूरे प्रदेश में अशांति का माहौल है।

गोदड़ीवाला धाम में बाबा हरदासराम साहेब का वर्सी महोत्सव प्रारंभ
Posted Date : 20-Oct-2020 1:39:54 pm

गोदड़ीवाला धाम में बाबा हरदासराम साहेब का वर्सी महोत्सव प्रारंभ

रायपुर। राजधानी रायपुर के देवपुरी स्थित गोदड़ीवाला धाम में बाबा हरदासराम साहेब का वर्सी महोत्सव का आज शुभारंभ हुआ। 
धाम की महंत अम्मा मीरादेवी व जलगांव के महंत देवीदास के सानिध्य में मनाया जा रहे वर्सी महोत्सव की शुरूआत सुबह पूजा-आरती, हवन के साथ किया गया, वहीं शाम 7 बजे अखंड पाठ साहब  आरंभ होगा। धाम के सेवादारी अमर गिदवानी ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते इस बार वर्सी महोत्सव सादगी से मनाया जा रहा है।  महोत्सव के दूसरे दिन 21 अक्टूबर को भगवान झूलेलाल सांई का बहराणा साहेब सादगी के साथ निकाला जाएगा। 
कोरोना संक्रमित 428 स्वथ्य होकर हुए डिस्चार्ज, 2376 नए संक्रमित मिले
Posted Date : 20-Oct-2020 1:39:00 pm

कोरोना संक्रमित 428 स्वथ्य होकर हुए डिस्चार्ज, 2376 नए संक्रमित मिले

 16 की उपचार के दौरान हुई मृत्यु 
रायपुर। कोरोना वायरस कोविड 19 स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार सोमवार रात 8 बजे की स्थिति में कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर डिस्चार्ज होने वालों की संख्या 428 दर्ज की गई। वहीं 2376 नए मरीज कोरोना पाजीटिव के मिले है। अब तक प्रदेश में 1 लाख 62 हजार 772 मरीज कोरोना पाजीटिव के बुलेटिन के अनुसार संक्रमित हुए है। वहीं 69 हजार 105 मरीज स्वस्थ होकर अपने घरों को लौटे हैं। जारी बुलेटिन के अनुसार होम आइसोलेशन से डिस्चार्ज होने वाले मरीज 2011 है। अब तक 66 हजार 154 मरीज आइसोलेशन से डिस्चार्ज हो चुके हैं। नोडल अधिकारी द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार वर्तमान में कुल 25 हजार 979 मरीज सक्रिय दर्ज किये गये है। कोविड 19 के संक्रमण से उपचार के दौरान पिछले 24 घंटे में 16 मरीजों की मृत्यु हुई है जिनमें कोविड 19 के 6 एवं को मार्बिडिटी के 10 मरीज शामिल है। गत 24 घंटे में 21 हजार 348 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया है। बुलेटिन के अनुसार जिलेवार जानकारी इस प्रकार है। दुर्ग 191, राजनांदगांव 81, बालोद 86, बेमेतरा 36, कबीरधाम 34, रायपुर 196, धमतरी 86, बलौदाबाजार 104, महासमुंद 67, गरियाबंद 18, बिलासपुर 195, रायगढ़ 172, कोरबा 108, जांजगीर चांपा 200, मुंगेली 66, गोरेला पेंड्रा मरवाही 12, सरगुजा 42, कोरिया 70, सूरजपुर 89, बलरामपुर 46, जशपुर 55, बस्तर 94, कोंडागांव 49, दंतेवाड़ा 83, सुकमा 42, कांकेर 84, बीजापुर 57, नारायणपुर 8 एवं अन्य राज्यों से पांच मरीज कोरोना पाजीटिव के संक्रमित पाये गये हैं। 

 नवरात्रि के चतुर्थ दिवस पर माता देवालयों में मां कुष्मांडा की आराधना हुई
Posted Date : 20-Oct-2020 1:38:21 pm

नवरात्रि के चतुर्थ दिवस पर माता देवालयों में मां कुष्मांडा की आराधना हुई

 माता के चौथे स्वरूप का पूजन विधिविधान से करने पर भक्तों को मिलती है अक्षय सुखों की प्राप्ति 
रायपुर। शारदीय नवरात्र के चतुर्थ दिवस पर आज शहर के प्राचीनतम मंदिरों यथा महामाया मंदिर, शीतला मंदिर, पुरानी बस्ती आमापारा, मां दंतेश्वरी मंदिर कुशालपुर, मां कालीमंदिर आकाशवाणी आमापारा, महादेव घाट एवं कंकाली मंदिर में मां कुष्मांडा की आराधना मंदिर के पुजारियों द्वारा विधि विधान से पूजा कर संपन्न की गई। ज्ञातव्य है कि माता के नवरूपों में माता कुष्मांडा का विशिष्ठ महत्व है। नवरात्रि में चौथे दिन देवी को कुष्मांडा के रूप में पूजा जाता है। अपनी मंद, हल्की हंसी के द्वारा अण्ड यानी ब्रह्मांड को उत्पन्न करने के कारण इस देवी को कुष्मांडा नाम से अभिहित किया गया है। जब सृष्टि नहीं थी, चारों तरफ अंधकार ही अंधकार था, तब इसी देवी ने अपने ईषत हास्य से ब्रह्मांड की रचना की थी। इसीलिए इसे सृष्टि की आदिस्वरूपा या आदिशक्ति कहा गया है।
 इस देवी की आठ भुजाएं हैं, इसलिए अष्टभुजा कहलाईं। इनके सात हाथों में क्रमश: कमण्डल, धनुष, बाण, कमल-पुष्प, अमृतपूर्ण कलश, चक्र तथा गदा हैं। आठवें हाथ में सभी सिद्धियों और निधियों को देने वाली जप माला है। इस देवी का वाहन सिंह है और इन्हें कुम्हड़े की बलि प्रिय है। संस्कृत में कुम्हड़े को कुष्मांड कहते हैं इसलिए इस देवी को कुष्मांडा। इस देवी का वास सूर्यमंडल के भीतर लोक में है। सूर्यलोक में रहने की शक्ति क्षमता केवल इन्हीं में है। इसीलिए इनके शरीर की कांति और प्रभा सूर्य की भांति ही दैदीप्यमान है। इनके ही तेज से दसों दिशाएं आलोकित हैं। ब्रह्मांड की सभी वस्तुओं और प्राणियों में इन्हीं का तेज व्याप्त है। अचंचल और पवित्र मन से नवरात्रि के चौथे दिन इस देवी की पूजा-आराधना करना चाहिए। इससे भक्तों के रोगों और शोकों का नाश होता है तथा उसे आयु, यश, बल और आरोग्य प्राप्त होता है। यह देवी अत्यल्प सेवा और भक्ति से ही प्रसन्न होकर आशीर्वाद देती हैं। सच्चे मन से पूजा करने वाले को सुगमता से परम पद प्राप्त होता है। विधि-विधान से पूजा करने पर भक्त को कम समय में ही कृपा का सूक्ष्म भाव अनुभव होने लगता है। यह देवी आधियों-व्याधियों से मुक्त करती हैं और उसे सुख समृद्धि और उन्नति प्रदान करती हैं। अंतत: इस देवी की उपासना में भक्तों को सदैव तत्पर रहना चाहिए।
मंत्र- सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कुष्मांडा शुभदास्तु मे॥
मां कुष्मांडा की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार मां कुष्मांडा का अर्थ होता है कुम्हड़ा। मां दुर्गा असुरों के अत्याचार से संसार को मुक्त करने के लिए कुष्मांडा का अवतार लिया था। मान्यता है कि देवी कुष्मांडा ने पूरे ब्रह्माण्ड की रचना की थी। पूजा के दौरान कुम्हड़े की बलि देने की भी परंपरा है। इसके पीछे मान्यता है ऐसा करने से मां प्रसन्न होती हैं और पूजा सफल होती है।
 मां कुष्मांडा की पूजा विधि
नवरात्रि के चौथे दिन सुबह स्नान करने के बाद मां कुष्मांडा स्वरूप की विधिवत करने से विशेष फल मिलता है। पूजा में मां को लाल रंग के फूल, गुड़हल या गुलाब का फूल भी प्रयोग में ला सकते हैं, इसके बाद सिंदूर, धूप, गंध, अक्षत् आदि अर्पित करें। सफेद कुम्हड़े की बलि माता को अर्पित करें। कुम्हड़ा भेंट करने के बाद मां को दही और हलवा का भोग लगाएं और प्रसाद में वितरित करें।

 मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने की सौजन्य मुलाकात
Posted Date : 20-Oct-2020 1:37:36 pm

मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से आज यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक श्री कमल वर्मा के नेतृत्व में विभिन्न कर्मचारी-अधिकारी संगठनों के प्रांताध्यक्षों ने सौजन्य मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को प्रदेश के कर्मचारियों-अधिकारियों की विभिन्न मांगों से संबंधित ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री ने राज्य में कोरोना संकट के दौर में कर्मचारी-अधिकारियों के कर्मठ सहभागिता की सराहना भी की। इस अवसर पर फेडरेशन के आर.के.रिझारिया, सतीश मिश्रा, संजय सिंह, पंकज पांडेय, विजय झा, बी पी शर्मा, श्री राकेश शर्मा, डॉ लक्ष्मण भारती, यशवंत वर्मा तथा अशोक रायचा आदि उपस्थित रहे।