छत्तीसगढ़

 सरपंच संघ की मांग पर मुख्यमंत्री ने बस्तर अंचल में ४ से ५ बड़े स्टील प्लांट खोलने की दी सहमति
Posted Date : 21-Oct-2020 3:45:34 pm

सरपंच संघ की मांग पर मुख्यमंत्री ने बस्तर अंचल में ४ से ५ बड़े स्टील प्लांट खोलने की दी सहमति

  • मुख्यमंत्री ने कहा: शहीद महेन्द्र कर्मा की इच्छानुरूप होगा बस्तर का विकास
  • दंतेवाड़ा के सरपंच संघ के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री से की सौजन्य मुलाकात
  • देवगुड़ी के संरक्षण और संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों के लिए व्यक्त किया आभार

     रायपुर सरपंच संघ की मांग पर मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने बस्तर अंचल के विकास और समृद्धि के लिए ४ से ५ बड़े स्टील प्लांट को खोलने की सहमति प्रदान की है ताकि यहां के स्थानीय युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिल सके। दंतेवाड़ा जिले से आए सरपंच संघ के प्रतिनिधि मंडल ने आज राजधानी रायपुर में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से उनके निवास कार्यालय में सौजन्य मुलाकात कर क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने के लिए ज्ञापन सौंपा। मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति व्यक्त करते हुए कहा कि शहीद महेन्द्रकर्मा जी की भी इच्छा थी कि दंतेवाड़ा सहित बस्तर अंचल में बड़े उद्योग लगे। उनकी इच्छानुरूप ही बस्तर का विकास किया जाएगा। सरपंच संघ की मांग पर राज्य सरकार द्वारा इस अंचल में ४ से ५ बडे़ स्टील प्लांट खोलने के लिए आवश्यक पहल की जाएगी।   प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री से गीदम विकासखण्ड के घोटपाल-हीरानार में उपलब्ध लगभग ५०० एकड़ जमीन में उद्योग लगाने के संबंध में ज्ञापन सौंपते हुए बताया कि इसके लिए किसानों से जमीन लेने की आवश्यक्ता भी नहीं होगी।    प्रतिनिधि मण्डल ने मुख्यमंत्री से कहा कि बस्तर अंचल से लौह अयस्क बाहर भेजा जाता है। इस अंचल के दंतेवाड़ा, कांकेर, कोण्डागांव सहित अन्य स्थानों में बड़े लगने से स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा वहीं इन उद्योगों के लगने से अन्य सहायक उद्योग धंधे भी प्रारंभ होंगे जिनमें बड़ी संख्या में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि उद्योग लगने से यहां होटल और परिवहन व्यवसाय में भी बढ़ोतरी होगी। इसका फायदा भी स्थानीय लोगों को मिलेगा।   मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान सरपचों ने राज्य सरकार द्वारा आदिवासी समाज की आस्था के अनुरूप वनांचल क्षेत्रों में देवगुड़ी के संरक्षण और संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों की प्रशंसा की और सरपंच संघ की ओर से मुख्यमंत्री के प्रति आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान गोधन न्याय योजना के क्रियान्वयन की भी जानकारी ली। सरपंचों ने बताया कि कोरोना संकट के समय गोबर विक्रय से मिली राशि ग्रामीणों के काम आयी। गोबर से पैसा मिलने से ग्रामीण खुश हैं। गोठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट बनाने का काम भी किया जा रहा है। गांवों में मध्यान्ह भोजन योजना के तहत सूखा राशन वितरण की जानकारी उन्होंने दी।    सरपंच संघ के अध्यक्ष श्री अनिल कर्मा ने बताया कि जिले के सभी ग्राम पंचायतों में गोठान निर्माण का कार्य चल रहा है साथ ही गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर खरीदी एवँ वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य भी शुरू कर दिया गया है । उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर पुराने भवनों का जीर्णोद्धार कर स्थानीय युवाओं को कपड़ा दुकान, नाई की दुकान, पंचर रिपेयरिंग जैसे छोटे-छोटे रोजगार उपलब्ध कराने का भी कार्य किया जा रहा है । इस अवसर पर मोपलनार, बड़े सुरोखी, नांगुल और गोठपाल ग्राम पंचायत के सरपंच भी उपस्थित थे ।

पुलिस के जवान प्राणों की आहूति देकर हर चुनौती का बहादुरी से करते हैं सामना:  उइके
Posted Date : 21-Oct-2020 3:42:47 pm

पुलिस के जवान प्राणों की आहूति देकर हर चुनौती का बहादुरी से करते हैं सामना: उइके

  • पुलिस स्मृति दिवस का अवसर देश सेवा के लिए प्राण न्यौछावर करने के सर्वोच्च बलिदान पर गौरवान्वित होने के साथ अपने बहादुर साथियों से बिछड़ने की याद में भावुक होने का भी: मुख्यमंत्री श्री बघेल
  • पुलिस के जवान नक्सलियों का सूझबूझ और साहस से कर रहे सामना: गृहमंत्री श्री साहू
  • राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री पुलिस स्मृति दिवस परेड में हुए शामिल
  • शहीद जवानों को दी श्रद्धांजलि

    रायपुर पुलिस के जवानों ने अपने प्राणों की आहूति देकर विपरीत परिस्थितियों में भी हर चुनौतियों का सामना बहादुरी से किया है। आज का दिन उन वीर जवानों की शौर्य गाथाओं की याद दिलाता है, जिन्होंने मातृभूमि की रक्षा के लिए सब कुछ न्यौछावर कर दिया। इस अवसर पर मैं उन वीर सपूतों को नमन करती हूं। यह बात राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कही। वे आज चौथी वाहिनी सी.ए.एफ. माना रायपुर के प्रांगण में पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपना संबोधन दे रहीं थीं। उन्होंने कहा कि पुलिस का सूत्र वाक्य परित्राणाय साधुनाम है, गीता के इस वाक्य को पुलिस के वीर जवानों ने सार्थक सिद्ध किया है। ऐसे वीर सपूतों को जन्म देने वाले माता-पिता तथा उनके परिजनों को मैं प्रणाम करती हूं। इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री उइके, मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल एवं गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने पुलिस के शहीद जवानों को पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके परिजनों से भी मुलाकात कर ढांढस बंधाया।   राज्यपाल सुश्री उइके ने कहा- पुलिस के जवानों ने अपने प्राणों की आहूति देकर हमें सुरक्षित किया है। अपने घरों में हम चैन की नींद ले पाते हैं क्योंकि हमारी पुलिस रात-रात भर जागकर पेट्रोलिंग करते हैं। मैंने कोविड काल में देखा कि कोरोना वायरस के खौफ के वातावरण के बावजूद हमारे पुलिस के जवान मोर्चे पर तैनात थे। उनके कार्य के जज्बा को देखकर सबसे फोन में बात की, उनका हौसला बढ़ाया। ड्यूटी के समय कुछ जवान कोरोना संक्रमित भी हो गए और इस बीमारी के कारण कुछ जवानों ने अपने प्राणों की आहूति दे दी, परन्तु उनका हौसला नहीं टूटा और वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते रहे।

    सुश्री उइके ने कहा- हमारा प्रदेश नक्सल समस्या से जूझ रहा है। इन क्षेत्रों में तैनात हमारे जवान बड़े ही सूझबूझ और साहस के साथ नक्सलियों का सामना करते हैं। सही मायने में उन क्षेत्रों में विकास की अलख जगाने के साथ-साथ वहां के भटके हुए लोगों को मुख्यधारा में जोड़ने का भी कार्य करते हैं। इन सब प्रयासों के चलते प्रदेश के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में जागरूकता आई है और मुझे आशा है कि हमारा प्रदेश जल्द नक्सल समस्या से मुक्त होगा। विकास की रोशनी वहां तक पहुंच सके और वे देश की मुख्यधारा से जुड़ सकें, इसके लिए शासन द्वारा अनेक जनहितैषी योजनाएं एवं कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि पुलिस या विभिन्न सुरक्षा बलों में तैनात जवान स्वयं की जान की परवाह किए बिना जनता और देश की हिफाजत के लिए समर्पित होते हैं। उनके जज्बे से ही समाज में उनका सम्मान सुनिश्चित होता है। इसलिए उनका कार्य रोजगार के अन्य अवसरों से भिन्न एवं अधिक प्रतिष्ठित होता है। पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर मैं सभी सुरक्षा बलों में तैनात जवानों के प्रति अपनी सहभागिता, शहीदों के प्रति कृतज्ञता और उनके परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं। उन्होंने कहा कि यह अवसर एक ओर जहां देश सेवा के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने के सर्वोच्च बलिदान पर गौरवान्वित होने का है, वहीं अपने बहादुर साथियों से बिछुड़ने की याद में भावुक होने का भी है। वास्तव में जोखिमपूर्ण कर्त्तव्यों का निर्वहन करते हुए होने वाली शहादतें व्यापक समाज के लिए किसी व्यक्ति का अमिट और सर्वोच्च योगदान होता है। इस योगदान के प्रति आदर का भाव रखना, व्यक्त करना तथा शहीद परिवारों की देख-रेख सिर्फ शासन का ही नहीं बल्कि व्यापक समाज का कर्त्तव्य है।    मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी नक्सलवाद प्रभावित अंचलों में सीआरपीएफ या अन्य सुरक्षा बल के जवानों का त्याग, समर्पण और शहादत किसी से कम नहीं है। हमारी सरकार ने सुरक्षा बलों के कार्यों को सर्वोच्च महत्ता देते हुए उनके लिए राहत और कल्याण के कदम सर्वोच्च प्राथमिकता से उठाए हैं लेकिन मेरा यह मानना है कि समाज की व्यापक सहभागिता के बिना वीर जवानों के कर्त्तव्य निर्वहन का समुचित सम्मान संभव नहीं है। गृहमंत्री श्री साहू ने अमर-शहीदों को श्रद्धा-सुमन अर्पित करते हुए कहा कि बहादुर शहीद जवानों के परिवार के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं तथा भरोसा दिलाता हूं कि छत्तीसगढ़ सरकार सदैव आपके साथ खड़ी है तथा आपकी मदद के लिए हमेशा तत्पर है। उन्होंने कहा कि लद्दाख में चीनी फौज के साथ २१ अक्टूबर १९५९ को हुई मुठभेड़ का अध्याय सुरक्षा बलों के शौर्य और पराक्रम के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज है। उस मुठभेड़ में सुरक्षा बलों के वीर जवानों की शहादत की याद में हर साल २१ अक्टूबर को पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है। छत्तीसगढ़ राज्य के वनांचल जिले नक्सल प्रभावित हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हमारे जवान २४ घंटे जनता की सुरक्षा में अत्यंत सूझबूझ एवं साहस के साथ नक्सलियों का सामना करते है। हाल में छत्तीसगढ़ सरकार के पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर माओवादी लगातार आत्म समर्पण कर रहे हैं। परिणाम स्वरूप नक्सली घटनाओं में ४७ प्रतिशत की कमी आई है। पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम. अवस्थी ने कहा कि नक्सलवाद देश के अनेक भागों में फैला हुआ है, जिसमें छत्तीसगढ़ राज्य का बहुत बड़ा भाग भी प्रभावित है। माओवादी, मानवता एवं प्रजातांत्रिक मूल्यों के विरूद्ध सक्रिय है। छत्तीसगढ़ पुलिस नक्सल समस्या के उन्मूलन हेतु कृत संकल्पित है। हमारे जवान हमेश विकट परिस्थितियों में रहकर इस चुनौती का निडरता, अद्म्य साहस एवं धैर्य के साथ सामना कर रहे हैं एवं राज्य में ०१ सितम्बर २०१९ से ३१ अगस्त २०२० तक पुलिस जवानों ने नक्सली मुठभेड़ में ४७ नक्सलियों को मार गिराया है। इस निर्णायक लड़ाई में विगत एक वर्ष में छत्तीसगढ़ पुलिस के २५ जवानों ने वीरगति प्राप्त की है। हमें पूरा विश्वास है कि वीर जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इस अवसर पर गृह एवं जेल विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी, शहीद जवानों के परिजन उपस्थित थे।

अवैध शराब के साथ एक गिरफ्तार,30 पौवा प्लेन देशी मदिरा जब्त
Posted Date : 21-Oct-2020 3:39:00 pm

अवैध शराब के साथ एक गिरफ्तार,30 पौवा प्लेन देशी मदिरा जब्त

रायपुर। अवैध शराब बेचने की सूचना पर पुलिस घेराबंदी कर एक युवक को गिरफ्तार कर उसके पास से 30 पौवा देशी शराब जब्त किया है। 
मिली जानकारी के अनुसार मुखबीर की सूचना पर डीडीनगर पुलिस ने ठाकुर किचन के पास एक व्यक्ति को शराब बेचते घेराबंदी कर पकड़ा है। पकड़े गए व्यक्ति ने अपना नाम आशीष उर्फ  जीतु ठाकुर 31 वर्ष पिता आशीष ठाकुर सेक्टर 2 एलआईजी डीडीनगर निवासी है। आरोपी के पास से सफेद रंग की प्लास्टीक की बोरी मे कुल 30 पौवा प्लेन मदिरा  शराब कीमत 24 सौ  रूपये जब्त किया गया है। आरोपी केखिलाफ पुलिस ने अवैध शराब बेचने के जुर्म में धारा 34(2) आबकारी एक्ट के तहत जुर्म दर्ज किया हैै। 

दस्तावेजों के पंजीयन के लिए ई पंजीयन प्रणाली में अपॉइंटमेंट व्यवस्था और दुरूस्त
Posted Date : 21-Oct-2020 3:38:19 pm

दस्तावेजों के पंजीयन के लिए ई पंजीयन प्रणाली में अपॉइंटमेंट व्यवस्था और दुरूस्त

रायपुर। महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक द्वारा नवरात्रि त्योहार को ध्यान में रखते हुए और पंजीयन कार्यालय में प्रस्तुत होने वाले पंजीयन योग्य दस्तावेजों की संख्या अत्यधिक होने के कारण आम जनता की सुविधा के लिए अपॉइंटमेंट व्यवस्था को दुरूस्त किया गया है। इसके साथ ही अब आधे घंटे में तीन अपॉइंटमेंट लिए जा सकते हैं इस प्रकार एक दिन में अधिकतम 42 अपॉइंटमेंट लिए जा सकेंगे। इसके पूर्व एक दिन में अधिकतम 28 अपॉइन्ट्मन्ट लिए जा सकते थे जो इस नई व्ययस्था लागू होने के बाद अधिकतम 42 अपॉइन्ट्मन्ट लिए जा सकेंगे। यह नई व्ययस्था 21 अक्टूबर से चालू कर दी गई है । पक्षकार अपॉइंटमेंट लेते समय किसी भी दिन  का चयन कर उपलब्ध स्लॉट मैं अपना अपॉइंटमेंट प्राप्त कर सकते हैं।
अपॉइंटमेंट प्राप्त करने में यदि किसी पक्षकार को कोई समस्या होने पर वे हेल्प लाईन नम्बर 0771-4912523 या टोल फ्री नंबर 18002332488 तथा ई-मेल आईडी ह्लद्गष्द्धह्यह्वश्चश्चशह्म्ह्लञ्चद्बह्लह्यशद्यह्वह्लद्बशठ्ठद्बठ्ठस्रद्बड्ड.ष्शद्व पर संपर्क कर सकते है। अपॉइंटमेंट प्रणाली में अब तक किए गए सुधार के अनुसार अब 1 दिन में अधिकतम 42 अपॉइंटमेंट लिए जा सकेंगे पहले यह संख्या 28 थी। विक्रय पत्र के मामले में सौदा किए गए रकम की कम से कम 5 प्रतिशत मूल्य के ई-स्टेंप के आधार पर ही लिया जा सकेगा। कोई भी व्यक्ति एक ही दस्तावेज के लिए केवल एक अपॉइंटमेंट ले सकेगा। यदि कोई व्यक्ति निर्धारित अपॉइन्ट्मन्ट तिथि मे उपस्थित नहीं होता है तो उन्हें आगामी 15 दिवस के बाद का ही अपॉइंटमेंट मिलेगा। नई व्यवस्था से 15 दिवस आगे तक के लिए अपॉइंटमेंट बुक किए जा सकेंगे

मेडिकल छात्र भागवत देवांगन के हत्या के मामले की जांच को लेकर छग देवांगन  समाज के लोगों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा
Posted Date : 21-Oct-2020 3:37:57 pm

मेडिकल छात्र भागवत देवांगन के हत्या के मामले की जांच को लेकर छग देवांगन समाज के लोगों ने राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा

मामला नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर में रेंगिग के बाद भागवत देवांगन की हत्या का 
रायपुर।  कुछ रसूखदार और राजनीतिक पहुंच रखने वाले सीनियर छात्रों अभिषेक गेमें, सलमान खान, विकास द्विवेदी, अमन गौतम, और शुभम शिंदे, द्वारा भागवत देवांगन का रैगिंग कर शारीरिक और मानसिक प्रताडऩा करते थे।  छत्तीसगढ़ीया लोग यहाँ क्यो पढऩे आते हो बोल कर हमेशा रैगिंग के नाम पर मारपीट करते रहते थे। जिसकी सूचना कालेज प्रबंधक और हॉस्टल इंचार्ज डॉ. अरविंद शर्मा को बताने पर भी कोई ध्यान नही दिया।  जिसका परिणाम भागवत को मानसिक प्रताडऩा एवं रेङ्क्षगंग का शिकार होकर अपनी जान से  हाथ धो कर चुकाना पड़ा। मृतक परिवार ने जब थाना-गढ़ा जिला-जबलपुर में रिपोर्ट करने गये तो थाना स्टॉफ  ने कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया। पुलिस प्रशासन के उक्त रवैये के चलते मामला संदिग्ध हो गया है। हॉस्टल इंचार्ज बार-बार भागवत द्वारा आत्महत्या किये जाने की जानकारी देते रहे जबकि पीडि़त छात्र की रेगिंग के दौरान हत्या की गई। नेताजी सुभाषचन्द्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर मध्यप्रदेश में घटित उक्त वारदात सुप्रीम कोर्ट द्वारा रैगिंग के खिलाफ दिये गये निर्देश की खुली अवहेलना है। उक्त मामले में कार्यवाही नहीं होने पर छग देवांगन समाज के अध्यक्ष प्रदीप देवांगन एवं मृतक भागवत के भाई प्रहलाद देवांगन ने बड़ा आंदोलन हत्या की जांच की मांग को लेकर करने का इलान किया है। राज्यपाल को ज्ञापन सौंपे जाने के दौरान छत्तीसगढ़ देवांगन समाज के सदस्य बड़ी संख्या में राजभवन पहुंचे। 

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने खोला महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का रास्ता
Posted Date : 21-Oct-2020 3:36:35 pm

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने खोला महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण का रास्ता

  •  सरकार के सहयोग से नए-नए क्षेत्रों में कर रही हैं स्वरोजगार, बड़ी संख्या में मास्क और सेनिटाइजर तैयार कर कोरोना से निपटने में भी कर रही हैं मदद
  •  बिहान मार्ट और बिहान बाजार के जरिए घर-घर पहुंचा रही हैं अपने उत्पाद

रायपुर। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) महिलाओं को मजबूत करने के लिए अनेक आयामों पर काम कर रही है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा महिलाओं को सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त व स्वावलंबी बनाने स्वरोजगार शुरू करने के लिए प्रशिक्षण एवं वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही उनके उत्पादों को घर-घर तक पहुंचाने की भी व्यवस्था की जा रही है।  स्वसहायता समूह की महिलाओं को स्वरोजगार के लिए मल्टी-यूटिलिटी सेंटर और गौठानों में जगह व संसाधन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बिहान की विभिन्न गतिविधियों से प्रदेश की महिलाओं को बड़ी संख्या में रोजगार मिल रहा है। आमदनी बढऩे से परिवार की माली स्थिति अच्छी होने के साथ बच्चों की बेहतर परवरिश और पढ़ाई-लिखाई भी हो रही है।     
छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के लिए संचालित समुदाय आधारित संवहनीय कृषि परियोजना से बड़ी संख्या में महिलाओं को जोड़ा गया है। इसके माध्यम से तीन लाख 76 हजार महिलाएं खेती और पशुपालन कर रही हैं। इन कार्यों में सहायता और मार्गदर्शन के लिए 4110 कृषि सखी एवं 4052 पशु सखी को प्रशिक्षित किया गया है। महिला किसानों के उत्पादों के मूल्य संवर्धन एव विपणन के लिए पांच कृषक उत्पादक संगठन भी बनाए गए हैं। इनमें दस हजार 394 उत्पादकों को जोड़ा गया है। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में इन संगठनों द्वारा अब तक कुल एक करोड़ 62 लाख रूपए का व्यवसाय किया जा चुका है। 
बिहान द्वारा संचालित स्टार्ट-अप विलेज उद्यमिता कार्यक्रम से 7901 महिला उद्यमी स्वरोजगार कर रही हैं। इसके माध्यम से ईंट बनाने के काम में लगीं महिलाओं द्वारा अब तक   पांच करोड़ 65 लाख ईंटों का निर्माण किया गया है। इन ईंटो का उपयोग प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माणाधीन मकानों और विभिन्न शासकीय भवनों में किया जा रहा है। मकान बना रहे ग्रामीण एवं निजी ठेकेदार भी इनसे ईंटों की खरीदी कर रहे हैं। प्रदेश भर में स्वसहायता समूहों की महिलाएं गौठानों में भी व्यापक स्तर पर रोजगारपरक गतिविधियों में लगी हुई हैं। बड़े पैमाने पर वर्मी कंपोस्ट के निर्माण के साथ वे बकरीपालन, मुर्गीपालन, मछलीपालन, सब्जियों की खेती जैसे कृषि से संबद्ध व्यवसाय के साथ ही रोजमर्रा के जीवन में उपयोग होने वाले उत्पादों जैसे साबुन, अगरबत्ती, दोना-पत्तल, गमला, दीया, गुलाल जैसी सामग्रियां बना रही हैं।   
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत गठित स्वसहायता समूहों की महिलाएं ईंट, सीमेंट पोल, पेवर-ब्लॉक और चैनल-लिंक फेंसिंग बनाने के साथ ही कैंटीन संचालन, सेनेटरी नैपकिन निर्माण, हस्त शिल्प, रेडी-टू-ईट निर्माण, हाट-बाजारों के संचालन, मछली पालन और सिलाई जैसे कार्यों में भी लगी हुई हैं। रायपुर जिले के सुरभि क्लस्टर की 50 महिलाओं ने नवा रायपुर की सड़कों की साफ-सफाई का काम लिया हुआ है। वे यहां की 75 किलोमीटर सड़कों की सफाई करती हैं। स्वसहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री के लिए राज्य एवं जिले के मुख्य बाजारों में 125 बिहान बाजारों की स्थापना की जा रही है। इनका संचालन समूह की महिलाएं खुद करेंगी।
बिहान से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं के स्वरोजगार के लिए सर्वसुविधायुक्त मल्टी-यूटिलिटी सेंटर (एकीकृत सुविधा केंद्र) स्थापित किए गए हैं। विभिन्न जिलों में अब तक स्थापित ऐसे 13 केंद्रों में महिलाएं 90 तरह की आजीविकामूलक गतिविधियां संचालित कर रही हैं। इन केंद्रों में 145 समूहों की 1014 महिलाओं को रोजगार मिला हुआ है। चप्पल, एल.ई.डी. बल्ब, मास्क, जूट बैग, गारमेंट सिलाई, मोमबत्ती, अगरबत्ती, धूपबत्ती, पेंसिल, साबुन, वाशिंग पावडर, दोना-पत्तल, ट्री-गार्ड, बेकरी आइटम, मशरूम उत्पादन, मोती की खेती, लाख ज्वेलरी, चूड़ी-कंगन, फेस-शील्ड, मछलीपालन, नर्सरी, गमला, पेवर-ब्लॉक, फ्लाई-एश ब्रिक्स, चैन लिंक फेंसिंग, आरसीसी फेंसिंग, सीमेंट पोल, फिनाइल, बांस के समान, कोसा धागाकरण, हथकरघा, सब्जी उत्पादन, मसाला, गुलाल, हैंडवाश, सेनेटरी नैपकिन, पेपर फाइल, लिफाफा, बैग, राखी जैसे विविध उत्पाद वहां तैयार किए जा रहे हैं।
स्वसहायता समूहों की महिलाएं बैंक सखी के रूप में कार्य कर बैंकिंग सेवा की कमी वाले इलाकों में लोगों को नगद राशि उपलब्ध कराने का काम भी कर रही हैं। वे गांव-गांव में पहुंचकर मनरेगा मजदूरी, पेंशन और छात्रवृत्ति की राशि हितग्राहियों के हाथों तक पहुंचा रही हैं। बुजुर्गों और दिव्यांगों को उनके घर तक जाकर बैंक सखी रकम दे रही हैं। मनरेगा कार्यस्थलों पर जाकर भी वे मजदूरों को उनके खाते में आई मजदूरी का भुगतान करती हैं। प्रदेश भर में अभी 2069 बैंक सखी काम कर रही हैं। 1500 नई बैंक सखियों का चयन और प्रशिक्षण प्रक्रियाधीन है। कोरोना महामारी के दौरान 1 अप्रैल से 15 अगस्त 2020 तक बैंक सखियों द्वारा 13 लाख 57 हजार ट्रांजैक्शन्स कर 232 करोड़ 19 लाख रूपए का लेन-देन किया गया है। प्रदेश की 285 महिला समूह भी बैंक सखी की सेवाओं का उपयोग कर बैंकों से डिजिटल लेन-देन कर रही हैं। 
स्वसहायता समूहों की महिलाएं प्रदेश में कोरोना प्रबंधन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। कोरोना काल में विभिन्न समूहों की महिलाओं द्वारा निर्मित 47 लाख 14 हजार मास्क की बिक्री हुई है जिससे उन्हें पांच करोड़ 70 लाख रूपए मिले हैं। वहीं 19 हजार 615 लीटर सेनिटाइजर के विक्रय से महिला समूहों को 68 लाख 64 हजार रूपए प्राप्त हुए हैं। मास्क बनाने के काम में प्रदेश भर की 2274 समूहों की 8526 महिलाएं लगी हुई हैं। अलग-अलग जिलों की 68 महिला समूहों की 474 महिलाएं सेनिटाइजर बना रही हैं।
कोरोना काल में आंगनबाड़ी के बच्चों और गर्भवती महिलाओं तक पोषण आहार पहुंचाने में भी बिहान की महिलाओं ने सक्रिय सहयोग दिया है। ये महिलाएं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर बस्तर जिले में 90 हजार 042 बच्चों तक नियमित रेडी-टू-ईट पहुंचा रही हैं। कोरिया, बलरामपुर-रामानुजगंज, बस्तर, कांकेर, दंतेवाड़ा और धमतरी जिलों में बिहान मार्ट के माध्यम से समूह की महिलाएं मास्क, राशन, हरी सब्जियां, दवाईयां इत्यादि की घर पहुंच सेवा उपलब्ध करा रही हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी महिलाएं गांवों में कोरोना संक्रमण से बचाव के बारे में जन-जागरूकता फैलाने में भी जुटी हुई हैं। वे हाथ धुलाई के सही तरीके का प्रदर्शन कर, दीवार लेखन, रंगोली, व्हाट्स-अप इत्यादि के माध्यम से ग्रामीणों को लगातार जागरूक और शिक्षित कर रही हैं।