रायपुर। वन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में राज्य के 12 वनमण्डलों में वर्तमान में एक-एक हाईटेक रोपणी का निर्माण प्रगति पर है। इनके निर्माण के लिए कैम्पा मद के अंतर्गत 42 करोड़ 30 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है। इस संबंध में प्रधान मुख्य वन संरक्षक राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि हाईटेक रोपणी से उच्च गुणवत्तायुक्त पौधों को तैयार किया जाएगा। वर्तमान में पौधा उत्पादन की अत्याधुनिक तकनीक विकसित हो चुकी है। इसके मद्देनजर राज्य के प्रत्येक वनमण्डल में एक-एक हाईटेक रोपणी का निर्माण किया जाएगा।
कैम्पा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी व्ही. श्री निवास राव ने बताया कि राज्य में वर्तमान में 12 विभिन्न वनमण्डलों में लगभग 42 करोड़ रूपए की स्वीकृत राशि से हाईटेक रोपणी का निर्माण तीव्र गति से जारी है। इनका निर्माण कैम्पा मद के वार्षिक कार्ययोजना के तहत स्वीकृत राशि से किया जा रहा है। इनमें वनमण्डल दुर्ग के अंतर्गत ग्राम सिकोला, पाटन में 3 करोड़ 25 लाख रूपए की राशि से हाईटेक रोपणी का निर्माण किया जा रहा है। इसी तरह वनमण्डल कवर्धा के अंतर्गत 3 करोड़ 76 लाख रूपए की राशि से कवर्धा, दंतेवाड़ा के अंतर्गत 3 करोड़ 75 लाख रूपए की राशि से पातररास, जगदलपुर के अंतर्गत 3 करोड़ 75 लाख रूपए की राशि से सरगीपाल (तोकापाल परिक्षेत्र) और कांकेर के अंतर्गत 3 करोड़ 75 रूपए की राशि से सिंगारभाट में हाईटेक रोपणी का निर्माण प्रगति पर है।
इसी तरह कोण्डागांव वनमण्डल के अंतर्गत कुम्हारपारा, सरगुजा वनमण्डल के अंतर्गत धरमपुर (सीतापुर) कोरिया वनमण्डल के अंतर्गत आनंदपुर, कोरबा वनण्मडल के अंतर्गत कोसाबाड़ी (कोरबा), बिलासपुर के अंतर्गत पेंडरवा (बिल्हा परिक्षेत्र) तथा राजनांदगांव वनमण्डल के अंतर्गत दर्री (खुज्जी परिक्षेत्र) में हाईटेक रोपणी का निर्माण किया जा रहा है। इनमें से प्रत्येक रोपणी के निर्माण के लिए 3 करोड़ 75 लाख रूपए की राशि स्वीकृत है। इसके अलावा गरियाबंद वनमण्डल के अंतर्गत केसोडार (गरियाबंद परिक्षेत्र) में एक करोड़ 55 लाख रूपए की राशि से हाईटेक रोपणी का निर्माण किया जा रहा है।
83 लाख रुपये से अधिक की राशि स्वीकृत
रायपुर। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रूद्रकुमार की पहल पर अब वनवासी बसाहटों को भी पेयजल योजनाओं की सौगात मिलने लगी है। राज्य शासन की मंशा के अनुरूप वनांचल और ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर पेयजल व्यवस्था की जा रही है। इसी कड़ी में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा 83.83 लाख रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कांकेर जिले के अंतागढ विकासखंड के ग्राम पंचायत गोडरी व उसके गोटापारा और समताटोलापारा बसाहट में 29 लाख 59 हजार की लागत से, भानुप्रतापपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम पंचायत आसुलखार के ग्राम अलवरकला और अलवरकला बसाहट में 29 लाख 59 हजार की लागत से, ग्राम पंचायत कराठी के ग्राम घनगुडरा व नेतामपारा बसाहट में 17 लाख 40 हजार की लागत और दुग्गापारा बसाहट 16 लाख 88 हजार रुपए लागत की सोलर आधारित मिनी जल प्रदाय योजना की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है।
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नई दिल्ली प्रवास के दौरान सांसद राहुल गांधी से सौजन्य मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने उन्हें छत्तीसगढ़ राज्योत्सव-2020 में शामिल होने का न्यौता दिया। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर उन्हें जानकारी दी कि कोविड-19 के कारण राज्योत्सव का कार्यक्रम संक्षिप्त रूप से आयोजित किया जा रहा है। राज्योत्सव के अंतर्गत 'राज्य अलंकरण समारोह' के आयोजन के साथ ही 'राजीव गांधी किसान न्याय योजना' के तहत राज्य के 19 लाख किसानों को तीसरी किश्त की राशि प्रदाय की जाएगी।
पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा यह राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि
रायपुर। आराध्य देवी माँ बम्लेश्वरी की नगरी डोंगरगढ़ देश के पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में शामिल हो गया है। भारत सरकार पर्यटन मंत्रालय की प्रसाद योजना के तहत आराध्य देवी माँ बम्लेश्वरी की नगरी डोंगरगढ़ को धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किए जाने एवं इसके सौन्दर्यीकरण के लिए 43 करोड़ 33 लाख रूपए की स्वीकृति दी गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू के विशेष प्रयासों से भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने माँ बम्लेश्वरी की नगरी डोंगरगढ़ को प्रसाद योजना में शामिल किया है। डोंगरगढ़ को महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में मान्यता देने के साथ ही इसके विकास एवं सौन्दर्यीकरण के लिए स्वीकृति भी दे दी है। पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने इसे प्रदेश के लिए एक बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा है कि इससे छत्तीसगढ़ के पर्यटन को वैश्विक स्तर पर एक अलग पहचान मिलेगी। श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की संख्या बढऩे से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। गौरतलब है कि डोंगरगढ़ को महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में मान्यता दिए जाने के लिए छत्तीसगढ़ टूरिज्म बोर्ड एवं सचिव पर्यटन विभाग द्वारा केन्द्रीय पर्यटन मंत्रालय से लगातार पत्राचार एवं प्रस्तुतिकरण किया जाता रहा है। अंतत: पर्यटन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा डोंगरगढ़ को धार्मिक स्थल के रूप में विकसित किए जाने के लिए प्रसाद योजना में शामिल किए जाने की मंजूरी दे दी गई है। इस परियोजना के तहत माँ बम्लेश्वरी मंदिर की सीढिय़ों पर पर्यटन सुविधाएं, पार्किंग, तालाब सौंदर्यीकरण एवं पिलग्रिम एक्टिविटी सेंटर (श्रद्धालुओं के लिए सुविधा केन्द्र) विकसित् किये जायेंगे साथ ही प्रज्ञागिरी पहाड़ी पर भी श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के लिए सुविधाएं विकसित किया जाना प्रस्तावित है। इस योजना के मुख्य आकर्षण का केन्द्र यंत्र की डिजाईन में विकसित किये जाने वाला पिलग्रिम एक्टिविटी सेंटर (श्रद्धालुओं के लिए सुविधा केन्द्र) होगा।
रमणीक केन्द्र के रूप में विकसित हो रहा है ऐतिहासिक बूढ़ा तालाब
रायपुर। प्रदेश के मुख्य सचिव आर. पी. मंडल ने अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू के साथ नगर निगम व रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा किए जा रहे बूढ़ा तालाब विकास एवं सौंदर्यीकरण कार्यों का निरीक्षण किया।
उन्होंने कहा कि निश्चित समय-सीमा में इस कार्य को पूरा कर ऐसा स्वरूप दें कि यह ऐतिहासिक धरोहर सभी आयु वर्ग के लोगों को आकर्षित कर एक रमणीक केन्द्र के रूप में अपनी विशेष पहचान बनाएं। इस दौरान नगर निगम आयुक्त व रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के एम.डी. सौरभ कुमार ने इस महत्वपूर्ण कार्य योजना के विभिन्न चरणों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
निरीक्षण भ्रमण के दौरान मुख्य सचिव मंडल और अपर मुख्य सचिव साहू ने बूढ़ा तालाब के कायाकल्प की योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी ली एवं परिक्षेत्र का भ्रमण कर अपने सुझाव भी दिए। नगर निगम आयुक्त सौरभ कुमार ने बूढ़ा तालाब उन्नयन कार्य के संबंध में उन्हें अवगत कराया कि रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड एवं नगर पालिक निगम मिलकर रायपुर के ऐतिहासिक बूढ़ा तालाब के कायाकल्प की योजना के प्रथम चरण के कार्यों को अंतिम रूप दे रहा है।
बूढ़ा तालाब में क्षेत्रफल के अनुसार देश के सबसे बड़े फाउंटेन की स्थापना की जा रही है, जो विशेष आकर्षण का केन्द्र होगा। तालाब के किनारे भ्रमण के लिए फ्लोटिंग डेक लगाए जा रहे हैं, जहां पैदल भ्रमण कर तालाब के स्वरूप का नैसर्गिक आनंद लिया जा सकेगा। यहां बन रहे दो स्तरीय पाथवे से तालाब का भव्य स्वरूप देखा जा सकेगा। इस परिसर में विशाल प्रवेश द्वार, म्यूजिकल फाउंटेन और टनल फाउंटेन इस तालाब की खूबसूरती को बढ़ाएंगे। आकर्षक लैंड स्कैपिंग, लेजर शो, रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगाते तालाब के दीवारों पर हो रही पेंटिंग से तालाब का स्वरूप और भी निखरेगा। उन्होंने बताया कि तालाब पर बोटिंग की भी व्यवस्था की जा रही है।
निरीक्षण के दौरान मुख्य सचिव मंडल व अपर मुख्य सचिव साहू ने ऐतिहासिक धरोहर के रूप में प्रतिष्ठित बूढ़ा तालाब के कायाकल्प की इस योजना की सराहना करते हुए अपना मार्गदर्शन भी प्रदान किया। उन्होंने कहा है कि तय समय सीमा में कार्य को पूर्ण कर एक आकर्षक व सभी के रूचिकर रमणीक स्थल के रूप में बूढ़ा तालाब को विकसित कर जल्द ही शहर को एक बड़ी सौगात दें।
इस अवसर पर रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के महाप्रबंधक (तकनीकी) एस.के. सुंदरानी, मैनेजर सिविल एस.पी. साहू, नगर निगम के सहायक यंत्री लोकेश चंद्रवंशी भी उपस्थित थे।
रायपुर। राज्य शासन द्वारा कॉलेजों में प्रवेश की तिथि को 22 अक्टूबर से बढ़ा कर 29 अक्टूबर कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति की अनुमति से महाविद्यालयों के प्राचार्यों द्वारा छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा।
राज्य शासन द्वारा कोविड-19 महामारी से उत्पन्न स्थिति के कारण छात्र हित में यह निर्णय लिया गया है। कॉलेजों में प्रवेश की तिथि 29 अक्टूबर तक बढ़ाने के संबंध में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मंत्रालय महानदी भवन से आदेश जारी किया गया है। गौरतलब है कि उच्च शिक्षा विभाग के सचिव धनंजय देवांगन ने 9 अक्टूबर को मंत्रालय में वीडियो कॉन्फ ं्रेसिंग के जरिए सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और विद्यालयों के प्राचार्यो से कॉलेजों में प्रवेश, ऑनलाइन क्लास, परीक्षा परिणाम और पाठ्यक्रमों के संबंध में चर्चा के दौरान विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने कॉलेजों में शत प्रतिशत सीटों में प्रवेश हो सके इसके लिए प्रवेश के लिए निर्धारित तिथि 22 अक्टूबर से बढ़ाकर 30 अक्टूबर तक करने के भी सुझाव दिए थे।