न्याय साक्षी/रायगढ़। मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना वर्ष 2020-21 के अंतर्गत आज कलेक्टोरेट सभाकक्ष रायगढ़ में जिला स्तरीय टॉस्क फोर्स समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में समिति के समक्ष मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजनान्तर्गत प्राप्त 73 ऋण आवेदनों को विचार हेतु रखा गया। साक्षात्कार उपरांत 60 ऋण आवेदनों को विभिन्न बैंक शाखाओं को अग्रेषित किये जाने हेतु अनुमोदिन किया गया।
समिति की बैठक में संयुक्त कलेक्टर नम्रता डोंगरे, जिला अग्रणी बैंक अधिकारी एम.आर.लहरे, जिला रोजगार अधिकारी रामजीत राम, प्रतिनिधि पालीटेक्निक कालेज, प्रतिनिधि आईटीआई प्रतिनिधि अभिजीत दुबे, सत्यव्रत पण्डा प्रतिनिधि पंजाब नेशनल बैंक, प्रतिनिधि सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडया उपस्थित रहे।
वारिसानों को सहायता राशि स्वीकृत
न्याय साक्षी/रायगढ़। अनुविभाग धरमजयगढ़ अंतर्गत दो व्यक्तियों की प्राकृतिक आपदा के तहत असामायिक मृत्यु होने पर कलेक्टर के अनुमोदन उपरंात एसडीएम धरमजयगढ़ द्वारा राजस्व पुस्तक परिपत्र 6-4 के संशोधित प्रावधान के अनुसार मृतक के नजदीकी वारिसानों को 4-4 लाख रुपये की वित्तीय सहायता अनुदान राशि स्वीकृत की गई है। कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसीलदार धरमजयगढ़ ग्राम-सिवार के विदाराम की 22 मार्च 2020 को आकाशीय गाज से मृत्यु होने पर उनकी पत्नी साधेनमोती तथा ग्राम-दर्रीडीह (खलबोरा)के दीपक मांझी की 13 अप्रैल 2020 को पानी में डूबने से मृत्यु होने पर उनकी माता-राजकुमारी राशि स्वीकृत की गई है।
न्याय साक्षी/रायगढ़। एकीकृत बाल विकास परियोजना मुकडेगा में शासन द्वारा स्वीकृत आंगनबाड़ी केन्द्रों में मेढरमाल में कार्यकर्ता के 01 पद तथा पिपराही, कमरगा, कटेलपारा-नारायणपुर, चेलीटोंगरी चंवरपुर, सुकबासूपारा-चिराई, कंवरपारा-बिरसिंघा, कर्राहन एवं मुड़पारा-टटकेला में सहायिका के एक-एक पद कुल 8 पद एवं पालापारा-बिरसिंघा एवं कटाईपारा-बिरसिंघा मिनी कार्यकर्ता के एक-एक पद कुल 2 पद शामिल है। आवेदिका 5 नवम्बर 2020 तक सीधे एवं पंजीकृत डाक से दावा-आपत्ति परियोजना कार्यालय एकीकृत बाल विकास परियोजना मुकडेगा में कर सकते है। निर्धारित तिथि के पश्चात प्राप्त दावा-आपत्ति पर कोई विचार नहीं किया जायेगा।
योजना 31 मार्च 2021 तक बढ़ाई गई
न्याय साक्षी/रायगढ़। संयुक्त कलेक्टर एवं जिला परिवहन अधिकारी ने जानकारी देते हुये बताया है कि पूर्व में छ.ग.शासन परिवहन विभाग द्वारा संचालित 'एक मुश्त निपटानÓ व्यवस्था की अवधि में वृद्धि कर योजना 31 मार्च 2021 तक बढ़ायी गई है। जिसके अंतर्गत त्रैमासिक एवं मासिक कर देय वाहनों में दिनांक 31 मार्च 2013 तक वाहन के कर, शास्ति एवं ब्याज की राशि में पूर्णत: छूट, त्रैमासिक एवं मासिक कर देय वाहनों में 01 अप्रैल 2013 से दिनांक 31 दिसम्बर 2018 तक शास्ति की राशि में पूर्णत: छूट, केवल वाहनों में लंबित कर एवं ब्याज देय होगी। जिला परिवहन अधिकारी ने जिले के समस्त वाहन स्वामी को 31 मार्च 20121 तक इस योजना का अधिक से अधिक लाभ उठाने हेतु आग्रह किया है।
कलेक्टर भीम सिंह के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग कर रहा उम्दा काम
न्याय साक्षी/रायगढ़। होम आइसोलेटेड कोरोना संक्रमित मरीजों की देखभाल में रायगढ़ जिले की व्यवस्थाओं को पूरे प्रदेश में दूसरी रैंकिंग मिली है। मरीजों से मिले फीडबैक के आधार पर यह रैंकिंग तैयार की गयी है। होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों का स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग छत्तीसगढ़ शासन द्वारा 19 से 23 अक्टूबर तक राज्य स्तरीय टेलीफोनिक सर्वे करवाया गया। जिसमें कोविड गाइडलाइन्स के अनुसार जिले में की गयी व्यवस्थाओं के संबंध में 11 बिंदुओं पर जानकारी सीधे मरीजों से ली गयी। सर्वे के अनुसार 88 प्रतिशत के स्कोर के साथ रायगढ़ जिला पूरे राज्य में दूसरे पायदान पर है।
कलेक्टर भीम सिंह ने संभाल रखी है कमान
कलेक्टर भीम सिंह ने कोरोना की चुनौती से निपटने के लिए जिले में आवश्यक स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था के लिए कमान खुद संभाल रखी है। वे प्रत्येक सप्ताह स्वास्थ्य विभाग और कोविड का उपचार कर रहे अस्पताल संचालकों की बैठक लेकर बीते 1 हफ्ते के दौरान जिले में कोरोना की क्या स्थिति रही उसकी समीक्षा करते हैं। जिसमें संक्रमण की स्थिति, टेस्टिंग, हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर विकास तथा मैन पॉवर के साथ चिकित्सा उपकरण और संसाधनों की उपलब्धता, प्रशासनिक मॉनिटरिंग की व्यवस्था जैसे महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा कर निष्कर्षों के आधार पर आगे की रणनीति तैयार कर उस पर अमल करने की रुपरेखा तैयार की जाती है।
तीन टीमें संभालती हैं होम आइसोलेशन अलॉटमेंट का काम
होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की देखभाल के लिए एक पूरा सेटअप तैयार किया गया। जिसका नोडल डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारी को बनाया गया। टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद मरीज को होम आइसोलेशन उपलब्ध करवाने का पूरा काम व्यवस्थित तरीके से किया जाता है। इसके लिए तीन अलग-अलग टीम लगायी गयी। पहली टीम टेस्ट रिपोर्ट आने के बाद मरीजों को कॉल कर किस मरीज को होम आइसोलेशन में रहना है यह जानकारी इक_ी करती है। दूसरी टीम कांटेक्ट ट्रेसिंग के तहत होम आइसोलेशन का आप्शन चुने मरीजों के घर का जाकर उसका मुआयना कर यह देखती है कि मरीज का घर होम आइसोलेशन के लिए उपयुक्त है या नहीं। सब कुछ सही होने पर होम आइसोलेशन के लिए सारे फॉर्म भरकर, मरीज से सहमति पात्र लेते हुए उन्हें सभी आवश्यक जानकारी देती है, तीसरी टीम होम आइसोलेटेड मरीजों को दवाई उपलब्ध करवाने का कार्य करती है।
मरीजों का रोजाना होता है डबल फॉलो अप
होम आइसोलेशन के मरीजों के डबल फॉलो अप की व्यवस्था बनाई गयी है। पहला होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को एक डॉक्टर अलाट किया जाता है। जो नियमित कॉल कर उनकी स्वास्थ्य के अपडेट लेता है। इसके अलावा होम आइसोलेशन सेल से भी फोन कर सभी मरीजों से नियमित फॉलो अप किया जाता है। जिसमें उनसे ऑक्सीजन सेचुरेशन, टेम्परेचर रीडिंग की जानकारी ली जाती है। मरीजों के लिये आपात कालीन सुविधा हेतु 24&7 काल सेंटर बनाया भी गया है, जिसमें तीन शिफ्ट में डॉक्टर्स तैनात रहते हैं। जिले में अब तक 5041 मरीज कोरोना संक्रमण से ठीक होकर होम आइसोलेशन से डिस्चार्ज हो चुके हैं।
मनरेगा से विकसित आम के सामुदायिक बाग में सब्जी की अंतरवर्ती खेती से दोहरा लाभ
रायपुर । सहकारिता की भावना के साथ एक सूत्र में बंधकर आगे बढऩे की मिसाल है जशपुर जिले का सुरेशपुर गांव। वहां के पांच आदिवासी किसानों ने अपनी एक-दूसरे से लगती जमीन को मिलाकर करीब पांच हेक्टेयर के चक में कुछ साल पहले मनरेगा से आम का बगीचा तैयार किया था। इस बगीचे से पिछले तीन सालों में आठ लाख 70 हजार रूपए की आमदनी इन किसानों को हो चुकी है। आम बेचने के साथ सब्जियों की अंतरवर्ती खेती कर वे दोहरा मुनाफा कमा रहे हैं। ये किसान अब गांव में फल उत्पादक किसान के रुप में भी पहचाने जाने लगे हैं। जशपुर जिला मुख्यालय से 96 किलोमीटर दूर सुरेशपुर एक आदिवासी बाहुल्य गांव है। पत्थलगांव विकासखण्ड के इस गांव के 45 वर्ष के आदिवासी किसान श्री मदनलाल को अपनी लगभग ढाई हेक्टेयर की पड़ती (बंजर) जमीन पर कुछ भी नहीं उगा पाने का काफी दुख था। रोजगार सहायक और ग्राम पंचायत की सलाह पर उन्होंने उद्यानिकी विभाग की सहायता से सामुदायिक फलोद्यान लगाने एवं उनके बीच अंतरवर्ती खेती के रुप में सब्जियों के उत्पादन का निश्चय किया। श्री मदनलाल ने पंचायत की सलाह पर तुरंत अपनी कृषि भूमि से लगते अन्य किसानों श्री बुधकुंवर, श्री मोहन, श्री मनबहाल और श्रीमती हेमलता से चर्चा कर सामुदायिक फलोद्यान से होने वाले फायदों के बारे में बताया। चूंकि इन सभी किसानों की आधे से लेकर एक हेक्टेयर तक की कृषि भूमि श्री मदनलाल की कृषि भूमि से लगती थी और भूमि पड़ती होने के कारण सभी के लिए लगभर अनुपयोगी थी। इसलिए सभी ने इसके लिए अपनी सहमति दे दी। आखिरकार श्री मदनलाल की मेहनत रंग लाई और ग्राम सभा के प्रस्ताव के आधार पर नौ लाख 48 हजार रूपए की प्रशासकीय स्वीकृति के साथ सामुदायिक फलोद्यान रोपण का मार्ग प्रशस्त हो गया। मनरेगा के अभिसरण से उद्यानिकी विभाग ने वर्ष 201&-14 में श्री मदनलाल सहित पांचों किसानों की जमीन को मिलाकर 4.6 हेक्टेयर के एक चक पर आम के सामुदायिक फलोद्यान का रोपण कराया। करीब आठ लाख रूपए की लागत से आम की दशहरी प्रजाति के 1&00 पौधे रोपे गए। इस काम को पांचों हितग्राही परिवारों के साथ गांव के 67 श्रमिकों ने मिलकर पूरा किया। मनरेगा के अंतर्गत सभी मजदूरों को कुल &617 मानव दिवस रोजगार के एवज में पौने छह लाख रूपए से अधिक का मजदूरी भुगतान किया गया।
किसानों ने आम बेचकर कमाए 5.70 लाख, सब्जियों से & लाख की कमाई
उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आम के इस फलोद्यान से पांचों किसानों ने पिछले तीन सालों में आठ लाख 70 हजार रूपए कमाए हैं। आम की बिक्री से पांच लाख 70 हजार रूपए की आमदनी हुई है। वहीं अंतरवर्ती फसल के रूप में बरबट्टी, भिण्डी, करेला, मिर्च, टमाटर, प्याज और आलू की खेती से तीन लाख रूपए की अतिरिक्त कमाई हुई है। सामुदायिक फलोद्यान के फायदे साझा करते हुए इसे लगाने में प्रमुख भूमिका निभाने वाले श्री मदनलाल बताते हैं कि आम के इस बगीचे में उद्यानिकी विभाग ने हमारी बहुत मदद की है। विभाग ने राष्ट्रीय बागवानी मिशन से ड्रिप इरिगेशन सिस्टम, सब्जी क्षेत्र विस्तार, पैक हाउस, मल्चिंग शीट और वर्मी कम्पोस्ट यूनिट के रूप में विभागीय अनुदान सहायता उपलब्ध कराई है। हम पांचों किसानों की एकजुटता तथा मनरेगा और उद्यानिकी विभाग के तालमेल से विकसित इस फलोद्यान से तीन वर्षों में ही हमारी आर्थिक स्थिति अ'छी हुई है। आमों की गुणवत्ता अ'छी होने के कारण पत्थलगांव के फल व्यापारी सीधे खेतों में पहुंचकर हमसे थोक में खरीदी कर रहे हैं।