सजने संवरने के लिए महिलाएं पहुंची ब्यूटी पार्लर
रायपुर,। प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर सुहागिन महिलाओं द्वारा अपनी पति की आयु में वृद्धि के लिए करवा चौथ का निर्जला व्रत कियाा। मिली जानकारी के अनुसार करवा चौथ का व्रत मुख्यत: उत्तर भारत के प्रदेशों में धूमधाम से मनाने की परंपरा रही है। करवा चौथ के शुभ अवसर पर शहर के ब्यूटी पार्लरों में महिलाओं द्वारा सजने संवरने के लिए जमकर भीड़ उमड़ी। करवा चौथ के पीछे पौराणिक कथा के अनुसार कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत करने का विधान है। सौभाग्यवती महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत की शुरुआत सरगी से होती है। इस दिन घर की बड़ी महिलाएं अपनी बहू को सरगी, साड़ी सुबह सवेरे देती हैं। सुबह चार बजे तक सरगी खाकर व्रत को शुरू किया जाता है, सरगी में फैनी, म_ी आदि होती हैं।
करवा चौथ की पूजा के ये हैं कुछ नियम, पढ़ें पूजा का शुभ मुहूर्त
इस व्रत में पूरे दिन निर्जला रहा जाता है। व्रत में पूरा श्रृंगार किया जाता है। महिलाएं दोपहर में या शाम को कथा सुनती हैं। कथा के लिए पटरे पर चौकी में जलभरकर रख लें। थाली में रोली, गेंहू, चावल, मिट्टी का करवा, मिठाई, बायना का सामान आदि रखते हैं। प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा से व्रत की शुरुआत की जाती है। गणेश जी विघ्नहर्ता हैं इसलिए हर पूजा में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। इस बात का ध्यान रखें कि सभी करवों में रौली से सतियां बना लें। अंदर पानी और ऊपर ढ़क्कन में चावल या गेहूं भरें।
यहां पढ़ें करवा चौथ व्रत की संपूर्ण कहानी
संध्या पूजा का शुभ मुहूर्त 4 नवंबर (बुधवार)- शाम 05 बजकर 34 मिनट से शाम 06 बजकर 52 मिनट तक।
इस व्रत में पूरे दिन निर्जला रहा जाता है। व्रत में पूरा श्रृंगार किया जाता है। महिलाएं दोपहर में या शाम को कथा सुनती हैं। कथा के लिए पटरे पर चौकी में जलभरकर रख लें। थाली में रोली, गेंहू, चावल, मिट्टी का करवा, मिठाई, बायना का सामान आदि रखते हैं। प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा से व्रत की शुरुआत की जाती है। गणेश जी विघ्नहर्ता हैं इसलिए हर पूजा में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है। इसके बाद शिव परिवार का पूजन कर कथा सुननी चाहिए। करवे बदलकर बायना सास के पैर छूकर दे दें। रात में चंद्रमा के दर्शन करें। चंद्रमा को चलनी से देखना चाहिए। इसके बाद पति को चलनी से चंद्रमा को देखकर पैर छूकर व्रत पानी पीना चाहिए।
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लिए गए दूरदर्शितापूर्ण निर्णयों से कोरोना संकट काल में भी छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास को गति मिली है। छत्तीसगढ़ सरकार की नई औद्योगिक नीति के तहत अब इस्पात (स्पंज आयरन एण्ड स्टील) क्षेत्र के मेगा अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट में निवेश हेतु विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज देने का निर्णय लिया गया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा मेगा निवेशकों के लिए घोषित किए गए पैकेज में अधितम 500 करोड़ रूपए तक का निवेश प्रोत्साहन (बस्तर संभाग हेतु 1000 करोड़ तक) मान्य होगा। इसके लिए प्रस्तावित इकाईयों को 31 अक्टूबर 2024 को अथवा उसके पूर्व व्यावसायिक उत्पादन प्रारंभ करना जरूरी होगा। इसी तरह 100 करोड़ रूपए का स्थाई पूंजी निवेश मद में निवेश कर व्यावसायिक उत्पादन आरंभ करने वाली नवीन इकाईयों को आर्थिक निवेश प्रोत्साहन दिया जाएगा। राज्य सरकार द्वारा कोर सेक्टर के उद्योगों को पूरे राज्य में विद्युत शुल्क छूट की पात्रता भी प्रदान की गई। बिजली में सब्सिडी मिलने से इस्पात सहित कोर सेक्टर के उद्योगों को नई संजीवनी मिली है। इससे इन कोर सेक्टर के उद्योगों को देश भर के मार्केट का लाभ मिलेगा। स्पंज आयरन एवं स्टील सेक्टर के उद्योगों के लिए बी-स्पोक पालिसी के तहत विशेष पैकेज घोषित करते हुए, क्षेत्रवार छूट की सीमा 60 प्रतिशत से 150 प्रतिशत तक कर दी गई है। लॉकडाउन की अवधि में राज्य के द्वारा 27 लाख टन का स्टील उत्पादन किया गया, जो भारत के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक उत्पादन है।
रायपुर। कोरोना वायरस कोविड 19 वैश्विक महामारी के चलते देश एवं प्रदेश में अब तक कोरोना पाजीटिव संक्रमण से हजारों प्रभावितों की मौत हो चुकी है। देश में आए इस संकट का मल्टी इंटरनेशनल दवा कंपनियों द्वारा आपदा को अवसर में तब्दील कर दवाओं के मूल्य में जबर्दस्त वृद्धि के चलते अधिकांश मरीज परेशान है। वहीं निजी चिकित्सा संस्थानों में भी महंगी चिकित्सा एवं महंगी दवाओं ने मरीज एवं उसके परिजनों की स्थिति को जर्जर कर दिया है। दवा बाजार सूत्रों के अनुसार कंपनियों द्वारा विक्रय की गई दवाएं मेडिकल स्टोर संचालकों को अधिक कीमत पर मिलती है जिसके चलते इसका सीधा भार मरीज एवं उनके परिजनों को उठाना पड़ रहा है। कई दवा कंपनियों के एरिया सेल्स मैनेजर एवं दवा प्रतिनिधियों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया है कि अप्रत्याशित वृद्धि का विरोध करने पर कई कर्मियों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है।
गौरतलब है कि नौ रुपये की लागत में बनने वाली ग्लूकोश की बोतल बाजार में दवा विक्रेताओं द्वारा 160-170 रुपये के दाम में प्रति बोतल बेची जा रही है वहीं पैरासिटामाल कंटेंट फार्मूले से निर्मित दवाओं के स्ट्रीप में भी 3 से 4 गुना वृद्धि यथा ब्लड प्रेशर, डायबिटीज आदि की दवाएं भी इन दिनों महंगी बिक रही हैं। अल्ट्रासेट दर्द निवारक दवा जो कोरोनाकाल से पहले 160-150 रुपये में 15 गोली मिलती थी वह अब 201 मूल्य पर बेची जा रही है। वहीं दर्द निवारक रोजीवाक दवा दस टेबलेट 350 रुपये में बेची जा रही है जिसके चलते मरीजों की हालत दवा खरीदते खरीदते पस्त हो चुकी है।
ज्ञातव्य है कि कोरोना काल में लंबे लाकडाउन के कारण कई व्यावसाय ठप्प होने के कारण वहां के सेठ भी दवा बाजार में जोर आजमाइश कर जमकर कमाई कर रहे हैं। आरटीआई कार्यकर्ता डॉ. चंद्रमणी तिवारी ने जीवनरक्षक दवाओं के मूल्यों में हुई एकाएक वृद्धि को जनहित के विपरीत करार दिया है वहीं उन्होंने केंद्र सरकार एवं प्रदेश सरकार द्वारा मनमानी दरों पर बिक रही दवाओं पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए उक्त महंगी दवाओं के मूल्यों में कमी लाने की मांग की है। शहर के वरिष्ठ चिकित्सक एवं आईएमए के पूर्व अध्यक्ष डॉ. अशोक त्रिपाठी ने भी सोशल मीडिया पर 15 रुपये की स्ट्रीप 120 में बिकने पर कड़ी आपत्ति व्यक्त करते हुए स्वास्थ्य विभाग के विशेष औषधि नियंत्रक केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार से जानना चाहा है कि उक्त दवाओं को महंगे मूल्यों पर बेचने की अनुमति कौन देता है एवं अच्छी दवाएं मरीजों की सर्वोत्तम चिकित्सा के लिए पर्ची पर लिखे जाने पर महंगी मिलने पर मरीज एवं उसके परिजन डॉक्टरों की कड़ी निंदा करते हैं जबकि दवा बनाने वाली कंपनियों पर डॉक्टरों का कोई अधिकार नहीं है वे केवल अपने अस्पताल में आने वाले मरीजों का इलाज करते हैं। शासन की जिम्मेदार एजेंसियां दवा विक्रेताओं एवं निर्माता कंपनियों पर अंकुश नहीं रख पा रही है यह उनकी लापरवाही है न की डॉक्टरों की।
राज्यपाल ने बूढ़ा तालाब-विवेकानंद सरोवर का किया भ्रमण_
रायपुर। राज्यपाल अनुसुईया उइके ने राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब-स्वामी विवेकानंद सरोवर का भ्रमण किया। उन्होंने बूढ़ा तालाब में नौका विहार भी किया। इस अवसर पर परिसर में रंगबिरंगी रोशनी की गई और आतिशबाजी भी की गई। राज्यपाल ने कहा कि ऐतिहासिक बूढ़ा तालाब रायपुर ही नहीं पूरे छत्तीसगढ़ का गौरव है। इस अल्प अवधि में सौंदर्यीकरण करने के पश्चात एक सुंदर स्वरूप में शहरवासियों के लिए प्रस्तुत किया गया। इसके लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल, महापौर एजाज ढेबर तथा नगर निगम आयुक्त सौरभ कुमार बधाई के पात्र हैं। रायपुर शहर के अंदर शहरवासियों के लिए पर्यटन तथा सहपरिवार समय व्यतीत करने के लिए एक सुंदर जगह है। अभी तक छत्तीसगढ़वासी छत्तीसगढ़ से बाहर दूसरे राज्यों में पर्यटन के लिए जाते थे। मगर अब शासन के प्रयासों के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ में ही कई सुंदर पर्यटन स्थल विकसित हो रहे हैं। इससे हमारे प्रदेश के ही नहीं दूसरे प्रदेश के लोग भी पर्यटन के लिए आएंगे और निश्चित ही प्रदेश की राजधानी रायपुर देश में प्रथम स्थान पर सबसे खुबसूरत शहर के रूप में जाना जाएगा। राज्यपाल ने महापौर एवं जिला प्रशासन को ऐतिहासिक बूढ़ेश्वर मंदिर को विकसित करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर वरिष्ठ विधायक सत्यनारायण शर्मा, विधायक कुलदीप जुनेजा, सभापति प्रमोद दुबे, रायपुर नगर निगम के पार्षदगण तथा कलेक्टर एस. भारतीदासन और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री अजय यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।