रायपुर, 17 मई । राज्य में ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) से ग्रसित मरीज के प्रकरण आ रहे हैं। अभी तक प्रदेष में 76 प्रकरण सामने आए हैं और उनका इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में इसके इलाज के लिए पर्याप्त दवाईयां हैं। राज्य में ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) का इलाज सभी चिकित्सा महाविद्यालयों में किया जाएगा।
ब्लैक फंगस संक्रामक बीमारी नही है।यह एक मरीज से दूसरे मरीज को नही फैलता है। यह सेंकेडरी संक्रमण की श्रेणी में आता है। यह उन मरीजों को ज्यादा प्रभावित करता है जिन्हे अनियंत्रित डायबिटीज हो और कोविड से ग्रस्त होने के कारण स्टेरायड दवाई से उनका उपचार हुआ हो। यह बीमारी व्यक्तिगत साफ सफाई,मुख की साफ सफाई नही रखने वाले व्यक्तियों को अधिक हो सकती है। इसके अलावा जिनका अंग प्रत्यारोपण हुआ हो और उन्हे इम्यूनोसप्रेसेंट दवाईयां दी गई हों ,उनमें भी ब्लैक फंगस होने की संभावना अधिक होती है।
पीडि़त मरीजों के उपचार हेतु राज्य के तकनीकी समिति के विशेषज्ञों द्वारा अनुशंसित स्टैन्डर्ड ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल राज्य के सभी चिकित्सा महाविद्यालयों को जारी किया है।
ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) की सामान्य जानकारी व उससे बचने के उपाय
ब्लैक फंगस (म्युकरमाइकोसिस) एक फंगल संक्रमण है। यह उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जो दूसरी स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रसित है और दवाईयां ले रहे हैं। इससे उनकी प्रतिरोधात्मक क्षमता प्रभावित होती है। यदि व्यक्ति के शरीर में यह फंगस सूक्ष्म रूप में शरीर के अन्दर चला जाता है तो उसके साइनस या फेफड़े प्रभावित होंगे जिससे गम्भीर बीमारी हो सकती है। यदि इस बीमारी का इलाज समय पर नहीं किया गया तो यह घातक हो सकती है।
. यह बीमारी किसे हो सकती है - यह बीमारी कोविड-19 मरीजों में जो डायबीटिक मरीज हैं या अनियंत्रित डायबीटिज वाले व्यक्ति को, स्टेरोईड दवाईयां ले रहे व्यक्ति को या आई.सी.यू. में अधिक समय तक भर्ती रहने से यह बीमारी हो सकती है। यदि निम्नानुसार लक्षण दिखे तो चिकित्सक से तुरंत सम्पर्क करना चाहिए।
. बीमारी के लक्षण - आंख/नाक में दर्द और आंख के चारों ओर लालिमा, नाक का बंद होना, नाक से काला या लाल तरल द्रव्य निकलना, जबड़े की हड्डी में दर्द होना, चेहरे में एक तरफ सूजन होना, नाक/तालु काले रंग का होना, दांत में दर्द, दांतों का ढि़ला होना, धुंधला दिखाई देना, शरीर में दर्द होना, त्वचा में चकते आना, छाती में दर्द, बुखार आना, सांस की तकलीफ होना, खून की उल्टी, मानसिक स्थिति में परिवर्तन आना।
. कैसे बचा जा सकता है - धूल भरे स्थानों में मास्क पहनकर, शरीर को पूरे वस्त्रों से ढंक कर, बागवानी करते समय हाथों में दस्ताने पहन कर और व्यक्तिगत साफ-सफाई रख कर।
0 छत्तीसगढ़ को इस आयु वर्ग के लिए अब तक 7.97 लाख टीकों की आपूर्ति, सभी जिलों में चारों वर्गों के लिए टीके उपलब्ध
0 सीजी टीका वेब पोर्टल के माध्यम से टीकाकरण के लिए करा सकते हैं पंजीयन
0 प्रदेश में पहली और दूसरी खुराक मिलाकर कुल 65.38 लाख टीकाकरण
रायपुर, 17 मई । छत्तीसगढ़ में 18 से 44 वर्ष आयु वर्ग का टीकाकरण तेजी से किया जा रहा है। प्रदेश में अब तक (16 मई तक) इस आयु वर्ग के चार लाख 77 हजार 044 युवाओं को टीके लगाए जा चुके हैं। इनमें अंत्योदय राशनकार्डधारी परिवारों के 83 हजार 303, बीपीएल वर्ग के दो लाख चार हजार 603, एपीएल के एक लाख 33 हजार 181 और 55 हजार 957 युवा फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं। प्रदेश को इस आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए अब तक कुल सात लाख 97 हजार टीकों की आपूर्ति हुई है जिन्हें सभी जिलों को वितरित कर दिया गया है। चारों वर्गों के टीकाकरण के लिए सभी जिलों में टीके उपलब्ध हैं।
प्रदेश के 18 से 44 वर्ष के युवा टीकाकरण के लिए राज्य शासन के वेब पोर्टल के माध्यम से पंजीयन करा सकते हैं। इस आयु वर्ग के लिए एक ही टीकाकरण केंद्र पर अलग-अलग वर्गों के लिए बनाए गए साइट्स पर टीके का वेस्टेज रोकने के लिए वायल में बचे हुए टीकों को आपस में साझा किया जा रहा है। इससे टीकों को बर्बाद होने से बचाने में बहुत मदद मिल रही है।
प्रदेश में 18 से 44 आयु वर्ग को कोरोना से बचाव के लिए लगाए गए पहले टीके तथा 45 वर्ष से अधिक के लोगों को लगाए गए पहले और दूसरे डोज को मिलाकर कुल 65 लाख 38 हजार 063 टीके लगाए गए हैं। इनमें तीन लाख चार हजार 056 स्वास्थ्य कर्मी, तीन लाख तीन हजार 761 फ्रंटलाइन वर्कर्स, 45 वर्ष से अधिक के 43 लाख 74 हजार 937 नागरिक और 18 से 44 वर्ष के चार लाख 77 हजार 044 युवा शामिल हैं। प्रदेश भर के विभिन्न टीकाकरण साइट्स में प्रतिदिन बड़ी संख्या में 45 वर्ष से अधिक के नागरिकों और 18 से 44 वर्ष के युवाओं को टीके लगाए जा रहे हैं। व्यापक स्तर पर टीकाकरण से कोरोना संक्रमण का प्रसार रोकने में बहुत मदद मिल रही है।
0 दैनिक औसत टेस्टिंग में जनवरी के मुकाबले लगभग तीन गुना वृद्धि
0 अब तक 65 लाख से अधिक लोगों को मिली वैक्सीन की डोज
रायपुर, 17 मई । छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की स्थिति में तेजी से सुधार हो रहा है। राज्य में संक्रमण-दर में तेज गिरवाट दर्ज की जा रही है। 16 मई को यह आंकड़ा 9 प्रतिशत दर्ज किया गया, जबकि अप्रैल माह में संक्रमण की दर 30 प्रतिशत तक जा पहुंची थी। इसी तरह दैनिक औसत टेस्टिंग जनवरी माह के 22 हजार 761 की तुलना में मई माह में 64 हजार 338 हो चुकी है। प्रदेश में टीकाकरण का काम भी तेज गति से जारी है। 16 मई तक राज्य में कुल 65 लाख 38 हजार लोगों लोगों को वैक्सीन के डोजेस दिए जा चुके थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अपनी ठोस रणनीति से छत्तीसगढ़ ने न केवल कोरोना की दूसरी लहर पर शीघ्रता से काबू पा लिया है, बल्कि तीसरी लहर की आशंका को समाप्त करने व्यापक स्तर पर तैयारी कर रही है। यदि तीसरी लहर आती भी है तो उससे और भी कुशलता के साथ निपटा जा सकेगा। उन्होंने कहा है कि इस समय हमारा पूरा जोर ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण को रोकने तथा वहां टेस्टिंग, ट्रेसिंग और उपचार की सुविधाओं के विस्तार पर है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा की जा रही सतत् मॉनिटंरिग और निर्देशन से अब 39 लैबों में ट्रूनाट और 15 में आरटीपीसीआर टेस्ट की सुविधा मुहैया करायी जा ही है। इसके साथ ही आरटीपीसीआर टेस्ट के लिए बलौदाबजार, दुर्ग, दंतेवाड़ा, जांजगीर-चांपा, जशपुर और कोरबा में 6 नये शासकीय लैब और तैयार हो रहे है। एंटिजन टेस्ट राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों स्तर तक उपलब्ध है जबकि प्रत्येक जिले में अतिरिक्त मशीन प्रदाय कर टूऊनाअ लैब की जांच क्षमता भी बढ़ाई जा रही है।
कोरोना संक्रमण के लिए राज्य में किए जा रहे प्रयासों से संक्रमण दर में तेज गिरावट आयी है, अप्रैल में जो संक्रमण दर 30 प्रतिशत के करीब थी वह उतरकर अब 9 प्रतिशत हो गई है। पिछले साल जहां कोविड संक्रमित मरीज पर औसत 4 से 5 कॉंटेक्ट्स को ही टेऊक किया जा रहा था वहीं अब हर कोविड मरीज के 7 संपर्को की तलाश और उनकी जांच सुनिश्चित की जा रही है जिससे संक्रमण को रोकने में काफी मदद मिली है।
प्रदेश में वर्तमान में 1019 कॉटेन्मेंट क्षेत्र घोषित किये गए हैं जहां घर-घर जाकर टेस्टिंग की जा रही है। राज्य में 6 मेडिकल कॉलेज और एम्स रायपुर सहित 37 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल तथा कुल 154 कोविड केयर सेण्टर बनाए गए हैं इसके साथ ही राज्य के प्रत्येक जिले में डेडिकेटेड कोविड अस्पताल भी बनाए गए है। शासकीय डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 5294 बेड तथा कोविड केयर सेण्टर में 16405 बेड की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। निजी कोविड अस्पतालों में 9 हजार 596 बेड उपलब्ध कराए गए है। इसके साथ ही कुल 1151 वेटिंलेटर उपलब्ध कराए गए है जिसमें 526 शासकीय और 625 निजी अस्पतालों में है।
ऑक्सीजेनेटेड बेड की संख्या बढ़ाये के लिए राज्य में 18 नए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स स्थापित किये गए हैं इसके अतिरिक्त 6 प्लांट्स प्रक्रियाधीन हैं इनमे से 3 प्लांट अगले एक सप्ताह में स्थापित हो जायेंगे। रायपुर मेडिकल कॉलेज में एक विशेष टेलीकंसल्टेशन हब स्थापित किया गया है जिसके माध्यम से मई 2020 से कॉलेज के विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रत्येक दिन सभी शासकीय डेडिकेटेड कोविड अस्पतालों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से संपर्क स्थापित कर उन्हें टेलीकंसल्टेशन प्रदान किया जा रहा है। आवश्यकता पडऩे पर टेली राउंड भी लिए जाते हैं।
छत्तीसगढ़ में अब तक 7.97 लाख से अधिक लोगों ने कोरोना को दी मात
वर्तमान में सामान्य मरीजों की सुविधा के लिए डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर में वर्चुअल ओ.पी.डी. की सुविधा भी प्रारंभ की गई है। यह सुविधा प्रतिदिन सुबह 10:30 बजे से 11:30 बजे तक उपलब्ध है। इस दौरान मेडिसिन विभाग, पल्मोनरी मेडिसिन विभाग एवं मनोरोग विभाग के विशेषज्ञों द्वारा चिकित्सकीय परामर्श दिया जाएगा। भविष्य में मरीजों की संख्या बढऩे पर अन्य विभागों के चिकित्सक भी उपलब्ध रहेंगे। लिंक के माध्यम से वर्चुअल ओ.पी.डी. ज्वाइन की जा सकती है। छत्तीसगढ़ में अब तक 7.97 लाख से अधिक लोग कोरोना से ठीक हो चुके हैं जिसमें से 1.40 लाख अस्पताल से डिस्चार्ज हुए तथा 6.57 लाख मरीजों ने होम आइसोलेशन की अवधि पूरी की है। होम आइसोलेटेड मरीजों की निगरानी के लिए प्रत्येक जिले में कण्ट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है।
’18-44 वर्ष के आयु वर्ग के 4.77 लाख लोगों का टीकाकरण’
बीते 11 मई को भारत सरकार की वीडियो कांफ्रेंसिंग के अनुसार 45 वर्ष से अधिक आयु समूह को कोविड-19 वैक्सीन की प्रथम डोज देने में छत्तीसगढ़ राज्य का स्थान पूरे देश में छठा है। पूरे देश में सिर्फ लद्दाख, सिक्किम, त्रिपुरा, लक्षद्वीप और हिमाचल प्रदेशही छत्तीसगढ़ से आगे हैं। यदि हेल्थ केयर वर्कर्स की प्रथम डोज की कवरेज की बात करें तो छत्तीसगढ़ (99 प्रतिशत) के साथ देश में तीसरे नंबर पर है।
प्रदेश में 2 अप्रैल 2021 को सर्वाधिक 3.26 लाख व्यक्तियों का तथा 3 अप्रैल को 2.92 लाख व्यक्तियों का टीकाकरण किया गया। 16 मई तक राज्य में कुल 65.38 लाख हितग्राहियों को वैक्सीन डोजेज दी गई हैं। जिसमें 18-44 वर्ष के आयु वर्ग वाले कुल 4,77,044 हितग्राहियों का टीकाकरण किया गया। 16 मई 2021 के टीकाकरण के पश्चात् केंद्र सरकार के चैनल में से 6,48,810 डोज तथा राज्य सरकार के चैनल में से 3,36,754 शेष हैं।
’सार्वजनिक स्थल पर मास्क नही लगाने वाले लोगों से 3.44 करोड़ रूपए की वसूली’
कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिए सार्वजनिक स्थलों में मास्क न पहनने की स्थिति में राज्य सरकार द्वारा 500 रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है। 25 फरवरी 2021 से 10 मई 2021 तक सभी जिलों के 2.22 लाख लोगों से 3 करोड़ 44 लाख रुपये की वसूली की गई।
० थोड़ी सी लापरवाही पड़ सकती है भारी
० मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और सैनेटाइजिंग का पालन करते रहना होगा
० अपनी बारी आने पर टीका जरूर लगवाएं, जिनकों पहला डोज लग गया है वो निर्धारित समय पर दूसरा लगवाएं
रायपुर, 17 मई । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेशवासियों से कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर का सतत रूप से पालन करते रहने की अपील की है।
श्री बघेल ने कहा है कि हम सभी ने बहुत मुश्किलें झेलकर कोरोना की दूसरी लहर को नियंत्रित किया है, हमें हर हाल में तीसरी लहर की आशंका को समाप्त करना है। इस दूसरी लहर में न केवल हमें बड़ा आर्थिक नुकसान पहुंचाया, बल्कि बहुत से करीबियों को भी हमसे छीन लिया है।
उन्होंने कहा कि सभी के सम्मिलित प्रयासों से कोरोना संक्रमण दर को हम 30 प्रतिशत से 9 प्रतिशत तक लाने में कामयाब हुए हैं। कोरोना की स्थिति में तेजी से हो रहे सुधार को देखते हुए राज्य शासन ने लाकडाउन के प्रतिबंधों में थोड़ी छूट देने का निर्णय लिया है। यह छूट जन-सामान्य की मुश्किलों को थोड़ा आसान करने के लिए दी जा रही है।
इस छूट के दौरान भी बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है। मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजिंग का पालन करते रहना होगा, अन्यथा निकट भविष्य में हमें और भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है।
मुख्यमंत्री नेे लोगों से यह भी अपील की है कि कोरोना महामारी से बचाव के लिए अपनी बारी आने पर टीका जरूर लगवाएं, जिन लोगों को टीका का पहला डोज लग गया है वो निर्धारित समय अवधि के बार टीका का दूसरा डोज अवश्य लगवाए तभी हम इस महामारी पर विजय प्राप्त कर सकेंगे।