0 मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती भेंडिय़ा से प्रस्ताव प्रस्तुत करने कहा
रायपुर, 18 मई । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोरोना संकट काल और लॉकडाउन के दौरान फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में कार्य कर रहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मृत्यु के प्रकरणों में उनके पारिवारिक सदस्यों को नियुक्ति करने के प्रस्ताव पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है।
आज कैबिनेट की वर्चुअल बैठक के दौरान महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंडिय़ा ने मुख्यमंत्री बघेल से इस विषय पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं घर-घर जाकर रेडी-टू-ईट के पैकेट का नियमित रूप से महिलाओं और बच्चों को वितरण कर रही है। इसके साथ ही साथ उनके स्वास्थ्य एवं टीकाकरण की भी निगरानी कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि संकट काल में महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और पोषण की चिंता करने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं ने सेवा का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है। बघेल ने महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती भेंडिय़ा को इस संबंध में प्रस्ताव प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने इस प्रस्ताव पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।
गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण फिलहाल आंगनबाड़ी केन्द्र बंद हैं। इसके बावजूद बच्चों एवं महिलाओं को खाद्यान्न सामग्री का वितरण नियमित रूप से किया जा रहा है। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका खाद्यान्न सामग्री के वितरण के साथ-साथ बच्चों को पात्रता अनुसार सप्ताहिक टीकाकरण के कार्य तथा कोविड से बचाव के लिए लोगों को टीका लगवाने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं।
रायपुर, 18 मई । छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण और रोकथाम के लिए 14 लाख 82 हजार 529 संदिग्ध मरीजों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवाईयों की किट वितरित की गई है। विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले व्यक्तियों के त्वरित इलाज और उन्हें गंभीर स्थिति में पहुंचने से बचाने के लिए मितानिनों एवं सर्विलेंस टीमों द्वारा दवाईयों की किट नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही है। इस किट में आइवरमेक्टिन, डॉक्सीसाइक्लिन, पैरासिटामॉल, विटामिन-सी और जिंक की टैबलेट शामिल हैं। कोविड-19 के संदिग्ध मरीजों को दवा किट उपलब्ध कराने के अच्छे परिणाम आए हैं। इससे पूरे प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार को रोकने में मदद मिली है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रदेश में अब तक (17 मई तक) कोरोना के लक्षण वाले छह लाख 25 हजार 256 लोगों को दवा किट उपलब्ध कराई गई है। जांच केंद्रों और अस्पतालों में कोरोना जांच के लिए पहुंच रहे इसके लक्षण वाले छह लाख 21 हजार 809 लोगों को भी दवा किट मुहैया कराया गया है। मितानिनों और सर्विलेंस टीमों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों व कन्टेनमेंट जोनों में एक्टिव सर्विलेंस के दौरान मिले दो लाख 35 हजार 464 व्यक्तियों को भी कोरोना के इलाज और बचाव के लिए दवाईयां दी गई हैं।
0 कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के लिए सतर्क रहने और सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने दिए निर्देश
0 पीएससी स्तर पर ऑक्सीजन कंसट्रेटर की हो व्यवस्था
0 मितानिनों को दवाई किट के साथ पल्स ऑक्सीमीटर उपलब्ध कराने का दिया सुझाव
रायपुर, 18 मई । गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने आज अपने रायपुर निवास कार्यालय से प्रभार जिले बिलासपुर और गरियाबंद की वर्चुअल समीक्षा की। उन्होंने जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से सीधे जुड़ कर कोरोना महामारी से निपटने स्वास्थ्य सुविधाओं की विस्तृत समीक्षा की।
गृह मंत्री ने कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए सतर्क रहने और सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय और अनुभाग मुख्यालय के साथ ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर भी ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की व्यवस्था सुनिश्चित करें। उन्होंने मितानिनों को दवाई किट के साथ पल्स ऑक्सीमीटर उपलब्ध कराने का सुझाव दिया ताकि लोगों में ऑक्सीजन स्तर की जांच नियमित रूप से होती रहे।
गृह मंत्री ने संक्रमण की अत्यधिक संभावना वाले क्षेत्र को चिन्हित करने, आवश्यक दवाइयों, इंजेक्शन तथा एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था, डॉक्टर्स, विशेषज्ञ तथा चिकित्सकीय स्टॉफ़ को प्रशिक्षण देने के भी निर्देश दिए। उन्होंने शिशु रोग विशेषज्ञों से परामर्श कर रणनीति तैयार करने तथा निजी अस्पतालों और मेडिकल दुकानों की सतत निगरानी करने और उनके द्वारा मरीज़ों से इलाज के लिए ज्यादा राशि वसूलने और दवाईयों की कालाबाजारी करने पर सख्त कार्यवाही करने के निर्देश दिए।
गृह मंत्री ने पोस्ट कोविड प्रभवितों के इलाज तथा काउंसिल के लिए पोस्ट कोविड सेल बनाने और वहां दूरभाष की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने कोरोना से मृत व्यक्ति के आश्रितों को यथासंभव सहायता उपलब्ध कराने को भी कहा।
गृह मंत्री ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए कोविड-19 प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन कराने और ग्राम पंचायत स्तर पर मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए वैक्सीनेशन के साथ ही सकारात्मक सोच के लिए जन जागरूकता के भी निर्देश दिए। वर्चुल बैठक में दोनों जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
सीजीस्कूलडाटइन के लिंक में 10 जून तक सकते है ऑनलाईन आवेदन
रायगढ़, 18 मई2021/ स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय रायगढ़ में शिक्षा सत्र 2021-22 में प्रवेश के लिए दिशा निर्देश जारी किया गया है। विद्यार्थी, अभिभावक 10 जून तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। प्राचार्य श्रीमती वंदना रोहिल्ला ने बताया कि कक्षा पहली में 40 तथा कक्षा ग्यारहवीं में 40 सीट उपलब्ध है। कक्षा ग्यारहवीं के लिए अंग्रेजी माध्यम से पढ़े बच्चों को प्रवेश दिया जायेगा। कक्षा ग्यारहवी में जीवविज्ञान, गणित और वाणिज्य विषय की सीट उपलब्ध है। कक्षा में कुल उपलब्ध सीट में से 50 प्रतिशत सीट में बालिकाओं को प्राथमिकता में प्रवेश दिया जाएगा। बीपीएल एवं आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को कुल रिक्त सीट में से 25 प्रतिशत के विरुद्ध प्रवेश दिया जाएगा। इच्छुक छात्र/अभिभावक लिंक http://cgschool.in/saems/studentadmission/studentadmission.aspx
में जाकर आवेदन कर सकते है।
डॉक्टरी सलाह पर लें इलाज, पात्र है तो जरूर लगवायें वैक्सीन
स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवायजरी
रायगढ़, 18 मई2021/ कोरोना वायरस को लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं। किसी को लहसुन में वायरस का इलाज दिख रहा है, तो कोई श्वास रोककर फेफड़ों की मजबूती को जांच रहा है। इस तरह की गलत जानकारियां बीमारी के प्रति लोगों के बर्ताव में अनुचित बदलाव लाती हैं और संकट को गहरा कर देती हैं। कोरोना महामारी इलाज के लिये लक्षण दिखते ही टेस्टिंग, डाक्टरी सलाह के अनुरूप ही दवा व इलाज लेना तथा पात्र होने पर वैक्सीन लगाना ही कोविड से बचाव के कारगर उपाय है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में एक एडवायजरी जारी करते हुये लोगों से अपील की है कि वायरस से स्वयं को व दूसरों को सुरक्षित रखने के लिये भ्रामक बातों के चक्कर में न पड़े तथा कोविड अनुकूल व्यवहार मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंस बनाये रखना और हाथों को सेनेटाईज करते रहना जरूरी है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी ने जानकारी देते हुये बताया कि लहसुन खाने से कोविड-19 को रोका या ठीक नहीं किया जा सकता। लहसुन एक प्राकृतिक औषधि है व इसमें प्राकृतिक एण्टीबायोटिक वाले गुण भी होते है परंतु इससे आशय नहीं है कि यह हमें कोविड-19 वायरस से पूर्णरूप से बचाव या ठीक करेगा। कोरोना वायरस से स्वयं को बचाने के लिये आप दूसरों से सुरक्षित दूरी बनायें रखें तथा सोशल डिस्टेंस बनायें रखें और हाथों को बार-बार अच्छी तरह से धोते रहें।
अपनी सांस रोककर रखना कोविड-19 का परीक्षण नहीं है, बिना खांसे या बेचैनी महसूस किए 10 सेकेंड या उससे अधिक समय तक अपनी सांस रोक पाने में सक्षम होने का मतलब यह नहीं कि आप कोविड-19 या फेफड़ो की अन्य बीमारी से मुक्त है।
नियमित सेलाइन से अपनी नाक को धोने से श्वसन संक्रमणों से बचाता है कि वे आपको सामान्य सर्दी से तेजी से ठीक होने में मदद कर सकते है। कोविड-19 वायरस इतना नया और अलग-अलग स्ट्रेन में मौजूद है कि इसके लिये स्वयं को टीका लगाकर सुरक्षित किया जा सकता है।
इसलिये अफवाहों को ध्यान न दें, पेनिक होने से बचें, भीड़ का हिस्सा न बनें। कोरोना के बारें में ऑनलाइन भ्रामक जानकारी से लोगों में दहशत न फैलायें। सोशल मीडिया में कोरोना महामारी को लेकर स्वयं में नाकरात्मक सोंच से बचें और सकारात्मक सोंच रखें। स्वस्थ रहें और सुरक्षित रहें।
जिला अस्पताल रायगढ़ में शुरू होगी पोस्ट कोविड ओपीडी
कलेक्टर श्री सिंह ने ली समय सीमा की बैठक
रायगढ़, 18 मई2021/ कोरोना संक्रमण की दर में कमी और टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए गांव-गांव में मैदानी अमले के माध्यम से जागरूकता को बढ़ावा देना होगा। इसके लिए ग्राम स्तर के शिक्षक, सचिव, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से कोविड रोकथाम और टीकाकरण से जुड़ी वास्तविक जानकारी लोगों तक पहुंचानी है। ताकि संक्रमण की दर को नियंत्रित कर न्यूनतम किया जा सके। इससे गंभीर मरीजों की जल्द पहचान करने और मृत्यु दर में कमी लाने में भी सहायता मिलेगी। उक्त बातें कलेक्टर श्री भीम सिंह ने आज समय-सीमा की बैठक में कही। इसके लिए एसडीएम के साथ संबंधित अधिकारियों को अपने ग्राम स्तर के कर्मचारियों के साथ समन्वय कर कार्य करने के निर्देश दिए।
उन्होंने प्रशासन स्तर से की जाने वाली डेथ ऑडिट के अलावा अस्पतालों को अपनी इंटरनल ऑडिट करने के लिए कहा। जिससे गंभीर मामलों के इलाज के लिए नॉलेज शेयरिंग को बढ़ावा मिले। बैठक के दौरान ऑक्सीजन बेड बढ़ाने को लेकर चर्चा की गयी। उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने पिछले दिनों समीक्षा बैठक के दौरान चपले हॉस्पिटल में 50 ऑक्सीजन बेड की सुविधा तैयार करने के निर्देश दिए थे। कलेक्टर श्री भीम सिंह ने अस्पताल प्रारम्भ करने के कार्यों की समीक्षा करते हुए अगले 1 दिन के भीतर 50 ऑक्सीजन बेड तैयार करने के निर्देश एसडीएम तथा सीएमएचओ को दिए। इसके साथ ही उन्होंने खरसिया सिविल अस्पताल में 50 ऑक्सीजन बेड की सुविधा तैयार करने पाइपलाइन फिटिंग का काम चालू कराने के निर्देश सीएमएचओ को दिए। मेडिकल कॉलेज के ग्राउंड फ्लोर में 100 ऑक्सीजन बेड के लिए चल रहे पाइप लाइन फिटिंग का काम भी जल्द पूरा करने के लिए कहा।
कलेक्टर श्री सिंह ने रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र में 24 घंटे संचालित सैंपलिंग सेंटर्स में हमेशा सैंपलिंग की सुविधा मिले इसके निर्देश देते हुए अधिकारियों को इसकी मॉनिटरिंग के निर्देश दिए। कलेक्टर श्री सिंह ने बॉर्डर इलाकों के साथ औद्योगिक क्षेत्रों में जांच की जानकारी ली। उन्होंने उद्योगों द्वारा बनाए गए क्वारेंटीन सेंटर्स और उसमें निवासरत लोगों की जानकारी बनाकर देने के निर्देश उद्योग विभाग के अधिकारियों को दिए।
कलेक्टर श्री सिंह ने बीते दिनों हुई बारिश के चलते फसल क्षति के प्रकरणों की जानकारी ली। बताया गया कि सारंगढ़, रायगढ़ और पुसौर से प्रकरण तैयार कर आपदा एवं राहत शाखा में भेजे गए हैं। यहाँ से आगे की कार्यवाही की जा रही है। कलेक्टर श्री सिंह ने खाद्य अधिकारी से समितियों से धान उठाव की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि 31 मई तक उठाव कार्य पूर्ण करना है।
इस दौरान एडीएम श्री राजेन्द्र कटारा, सीईओ जिला पंचायत डॉ.रवि मित्तल, डीएफओ रायगढ़ श्री प्रणय मिश्रा, डीएफओ धरमजयगढ़ श्री मणिवासगन एस, अपर कलेक्टर श्री आर.ए.कुरूवंशी, नगर निगम आयुक्त श्री आशुतोष पाण्डेय, सीएमएचओ डॉ.एस.एन.केशरी सहित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।
जिला अस्पताल में चलेगी पोस्ट कोविड ओपीडी
कलेक्टर श्री भीम सिंह ने ब्लैक फंगस के केसेस को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से चर्चा की। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने बताया कि इसके लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमेटी गठित कर दी गयी है। जो केसेस आने पर इलाज का काम देखेगी। कलेक्टर श्री सिंह ने इसके लिए जरूरी दवाओं की व्यवस्था हेतु सीजीएमएससी से समन्वय करने के निर्देश दिए। उन्होंने पोस्ट कोविड लक्षण वाले व्यक्तियों के लिए जिला अस्पताल में ओपीडी संचालित करने के लिए कहा। मरीजों की मनोवैज्ञानिक हेल्प के लिए उन्होंने साइकियाट्रिक क्लिनिक चलाने के निर्देश दिए।
होम आइसोलेशन का मापदंड पूरा नही करने वाले मरीजों का हॉस्पिटल में होगा इलाज
होम आइसोलेशन रैपिड रिस्पांस टीम के कार्यों की समीक्षा की। होम आइसोलेटेड मरीजों यदि दिशा निर्देश का उल्लंघन करते हैं आउट घर से बाहर निकलते हैं तो उन पर एफआईआर दर्ज करवाने के लिए कहा। उन्होंने फॉलोअप कॉल्स का जवाब नही देने वाले होम आइसोलेटेड मरीजों को तत्काल अस्पताल शिफ्ट करने के निर्देश दिए। होम आइसोलेशन अलॉटमेंट के दौरान क्राइटेरिया के तहत जरूरी व्यवस्थाएं नहीं होने वाले मरीजों को भी अस्पताल में शिफ्ट कर उनका इलाज करने के लिए कहा। होम आइसोलेशन वाले घरों से नियमित कचरे का उठाव करने के भी निर्देश दिए।
नही हो कोई अनट्रेसड पॉजिटिव केस
कलेक्टर श्री सिंह ने सभी विकासखंडों में टेस्टिंग पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा। उन्होंने रिप्रेजेन्टेटिव सैंपलिंग करने के निर्देश दिए जिससे संक्रमण विस्तार की जल्द पहचान की जा सके। उन्होंने कहा कि आरटीपीसीआर कि रिपोर्ट 48 घंटे और ट्रूनाट की रिपोर्ट 24 घंटे के भीतर देनी है। इस दौरान उन्होंने सभी टेस्टिंग सेंटर्स में टेस्ट कराने वालों के मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन कर नंबर सही तथा चालू स्थिति में है इसकी जांच करने के लिए कहा। जिससे अनट्रेसड पॉजिटिव केसेस की संख्या को घटाकर शून्य करना है। रिपोर्ट मिलने के बाद तत्काल मरीज से संपर्क कर उसका इलाज करना संभव होगा।
टीकाकरण के लिए हेल्प डेस्क से बढ़ाएं पंजीयन
बिना मोबाइल व नेट कनेक्टिविटी वाले हितग्राहियों के कोविड टीकाकरण हेतु पंजीयन के लिए हेल्प डेस्क के संचालन की कलेक्टर श्री सिंह ने समीक्षा की। जिन विकासखंडों तथा नगरीय निकाय में पंजीयन कम हुए हैं उन पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अधिक से अधिक लोगों को डेस्क की सहायता से पंजीयन करें। जिससे जिले में टीकाकरण को रफ्तार मिलेगी।
समितियों में रखवाएं वर्मी कम्पोस्ट
बैठक में गोधन न्याय योजना पर भी चर्चा की गयी। कलेक्टर श्री सिंह ने गोबर खरीदी, वर्मी कम्पोस्ट निर्माण व बिक्री की जानकारी ली। उन्होंने पिट से नियमित अंतराल में तैयार कम्पोस्ट को निकालते रहने के निर्देश दिए। कम्पोस्ट बनाने के लिए सूखे पत्ते व आर्गेनिक मटेरियल को डालने के लिए कहा। तैयार कम्पोस्ट की पैकेजिंग कर उसे समितियों में रखवाने के निर्देश दिए। जिससे किसान उसे वहां से क्रय कर सके।