छत्तीसगढ़

नए कानूनी प्रावधानों पर कलेक्ट्रेट में हुई कार्यशाला
Posted Date : 20-Jun-2024 9:23:27 pm

नए कानूनी प्रावधानों पर कलेक्ट्रेट में हुई कार्यशाला

  • 01 जुलाई से लागू होने वाली नवीन संहिताओं के बारे में विस्तार से दी गई जानकारी
  • 24 जून को नगर निगम ऑडिटोरियम में वृहत कार्यशाला, विशेषज्ञ देंगे जानकारी, आम जन हो सकते हैं शामिल

रायगढ़।  कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देश पर जिला अधिकारियों के लिए 01 जुलाई से लागू होने जा रहे नवीन कानून संहिताओं के संबंध में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला में आगामी 01 जुलाई 2024 से लागू होने वाले भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के बारे में जानकारी दी गई। सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव, एडीएम संतन देवी जांगडे, अपर कलेक्टर राजीव कुमार पाण्डेय कार्यशाला में उपस्थित रहे। जिला लोक अभियोजन अधिकारी सिद्धार्थ ठाकुर व पुलिस विभाग से डीएसपी अखिलेश कौशिक और निरीक्षक सीताराम धु्रव ने नवीन अधिनियमों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 106(2) को छोड़कर उपरोक्त तीनों संहिता/अधिनियम के सभी उपबंध संपूर्ण भारत में 01 जुलाई 2024 से लागू हो जाएंगे। इसका उद्देश्य आम जनता को त्वरित रूप से न्याय दिलाकर राहत प्रदान करना है, इसलिए नवीन कानून के बारे में हर आम और खास लोगों को जानकारी होना बहुत आवश्यक है। अपराधियों के लिए नए कानून में गंभीर सजा का प्रावधान किया गया है। समाज को अपराध मुक्त बनाने के लिए कड़े प्रावधान है। नए कानून में कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करवा सकता है।
कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों ने बताया गया कि भारतीय  दण्ड संहिता 1860 के स्थान पर भारतीय न्याय संहिता 2023ए भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 के स्थान पर भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के स्थान पर भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को अधिसूचित किया गया है। उक्त सभी कानूनों के उपबंध 01 जुलाई 2024 को या उसके बाद घटित होने वाले अपराधों पर ही लागू होंगे। इन नए कानूनों का उद्देश्य औपनिवेशिक कानूनों में बदलाव, नागरिक केन्द्रित, अभियुक्त केन्द्रित, पीडि़त केन्द्रित कानून एवं कल्याणकारी अवधारणा, अभियोजन को मजबूती प्रदान करना, न्याय को नागरिक अनुकूल बनाना, उचित नियंत्रण और संतुलन के साथ पुलिस का सामंजस्यपूर्ण बनाना, प्रक्रियाओं की सरलता एवं संक्षिप्त ट्रायल को सरल बनाना, अनुसंधान में वैज्ञानिक तकनीक (फोरेंसिक), डिजीटल एवं इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के प्रावधान के साथ समयबद्ध प्रक्रिया का पालन किया जाना है। नए कानूनों में पुराने प्रचलित संहिताओं की धारा संख्या में परिवर्तन के साथ कई स्थानों में परिभाषाओं और प्रक्रियाओं में समयानुकूल परिवर्तन किए गए हैं। जिससे कानूनी प्रक्रिया सरल हो। कार्यशाला में सभी एसडीएम, तहसीलदार सहित सभी जिलाधिकारी उपस्थित रहे।
24 जून को नगर निगम ऑडिटोरियम में होगी कार्यशाला
24 जून सोमवार को दोपहर 3 बजे से नगर निगम ऑडिटोरियम पंजरी प्लांट रायगढ़ में भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 पर कार्यशाला का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में न्यायिक सेवा, प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों के साथ मीडिया प्रतिनिधि और आम जन भी कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल ने सभी से इस कार्यशाला में उपस्थित होने और विधिक जागरूकता एवं नवीन क़ानूनों के प्रचार-प्रसार कार्य में सहयोग की अपील की है।

 

नशीली दवाओं के अवैध विक्रय की शिकायत के लिए कंट्रोल रूम स्थापित
Posted Date : 20-Jun-2024 9:22:57 pm

नशीली दवाओं के अवैध विक्रय की शिकायत के लिए कंट्रोल रूम स्थापित

  • कंट्रोल रूम के दूरभाष नंबर 07762-223750 पर दे सकते है सूचना

रायगढ़।  कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देशन में जिले में नशीली दवाओं के विक्रय, उपयोग एवं परिवहन की शिकायत के लिए जिला कार्यालय रायगढ़ के कक्ष क्रमांक 42 में जिला स्तरीय कंट्रोल रूम स्थापित किया गया है। जिसका फोन नंबर 07762-223750 है। आम जन उक्त नंबर में कॉल कर नशीली दवाओं के अवैध विक्रय और उपयोग के संबंध में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

 

जल शक्ति अभियान: ‘नारी शक्ति से जल शक्ति’ थीम के साथ चलेगा जिले में जल संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान
Posted Date : 20-Jun-2024 9:22:40 pm

जल शक्ति अभियान: ‘नारी शक्ति से जल शक्ति’ थीम के साथ चलेगा जिले में जल संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान

  • जल संरक्षण में महिलाओं की सक्रिय भूमिका को मिलेगा बढ़ावा, सभी पंचायतों में होंगे कार्यक्रम

रायगढ़।  केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण एवं भू-जल निर्भरता कम करने हेतु जल शक्ति अभियान कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। इस वर्ष यह अभियान ‘नारी शक्ति से जल शक्ति’ थीम के साथ चलाया जा रहा है। जिसका उद्देश्य जल संरक्षण में महिलाओं की सक्रिय भूमिका को बढ़ावा देना और उनके योगदानों को पहचान देना है। कलेक्टर कार्तिकेया गोयल गोयल के निर्देश व सीईओ जिला पंचायत जितेन्द्र यादव के मार्गदर्शन में रायगढ़ जिले में जल शक्ति अभियान के तहत सभी पंचायतों में कार्यक्रम आयोजित किए जाने की रूपरेखा तैयार की गई है। सिंचाई विभाग को अभियान का नोडल बनाया गया है। कार्ययोजना के सुचारू संचालन एवं विभिन्न विभागों से समन्वय स्थापित करने हेतु जल संसाधन संभाग, रायगढ़ द्वारा जल शक्ति केन्द्र, रायगढ़ की स्थापना की गई है।
जल शक्ति अभियान 2024 के लिए  पंचायतों में महिलाओं के बीच जागरूकता अभियान चलाया जाएगा, साथ ही जल संचयन के लिए अधोसंरचना विकास और प्रबंधन के लिए अंतर्विभागीय समन्वय से कार्य किया जाएगा। ईई सिंचाई विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार जल शक्ति के लिए बनाई गई कार्ययोजना में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा रायगढ़ जिले के सभी पंचायतों में जल शक्ति अभियान के तहत सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए महिलाओं को पेयजल जांच संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। जल संरक्षण की दिशा में विशेष पहल करते हुए स्कूली बच्चों के लिए कार्यशाला आयोजित की जाएगी। जल संसाधन विभाग रायगढ़ द्वारा जल संसाधन विभाग के डेम के गाद सफाई का कार्य कराया जाएगा। जिला पंचायत द्वारा चेकडेम, बोल्डर चेक डेम, मिट्टी चेक डेम, तालाबों का निर्माण/मरम्मत कार्य एवं वाटर कंजर्वेशन हेतु ट्रेप निर्माण, कुंआ निर्माण, सोकपिट, परकोलेशन टैंक जैसे अन्य निर्माण कराया जाएगा। इसी प्रकार जंगली-जानवरों के लिए पेयजल उपलब्धता सुनिश्चित करने एवं जल संग्रहण हेतु वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण और पानी रोकने हेतु जलीय संरचनाओं का निर्माण कराया जाएगा।
रायगढ़ में स्थापित जल शक्ति केंद्र जल संरक्षण की दिशा में जिले के जल संरक्षण तकनीकों से संबंधित सूचनाओं के प्रसार के लिए ज्ञान केंद्र होंगे और लोगों को तकनीकी मार्गदर्शन प्रदान करेंगे। साथ ही यहां से जिले के लिए तैयार कार्ययोजना की मॉनिटरिंग अंतर्विभागीय समन्वय के साथ की जायेगी।

 

पानी बचत के साथ प्रतिकूल जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए करें धान की सीधी बुवाई-डॉ.के.डी.महंत
Posted Date : 20-Jun-2024 9:22:21 pm

पानी बचत के साथ प्रतिकूल जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए करें धान की सीधी बुवाई-डॉ.के.डी.महंत

रायगढ़।  वर्तमान समय में डीएसआर (डायरेक्ट सीडेड राइस मशीन)एक लागत प्रभावी और पर्यावरण अनुकूल तकनीक है जिसका तात्पर्य धान की खेती में समय की बचत, पानी की बचत, श्रम की बचत और संसाधन संरक्षण सेहै। यह प्रतिकूल जलवायु परिवर्तनों से निपटने के लिए पारंपरिक पोखर में प्रत्यारोपित चावल (सीटी-पीटीआर) की तुलना में एक स्थायी वैकल्पिक तकनीक है। यह प्रति इकाई क्षेत्र में खेती की लागत को कम करके किसानों की शुद्ध आय को अधिकतम करता है। समय पर बुवाई, भूमि प्रोफाइल के अनुसार उपयुक्त किस्मों का चयन, इष्टतम बीज दर, खरपतवार और जल प्रबंधन द्वारा मात्रात्मक और गुणात्मक उपज प्राप्त की जा सकती है।
मृदा वैज्ञानिक डॉ.के.डी.महंत ने जलवायु अनुकूल डीएसआर (धान की सीधी बुवाई) तकनीक के संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि धान की खेती में बढ़ती लागत चिंता का विषय बनी हुई है। एक तरफ  मजदूर न मिलने से धान की रोपाई में बहुत परेशानी होती है, तो वहीं महंगी होती मजदूरी से खेती की लागत भी काफी बढ़ जाती है, जिससे किसानों को धान की खेती करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं धान की खेती करने में किसानों को कई तरह के कार्य करने होते हैं यह कार्य काफी मेहनत भरा होता है, मसलन धान की खेती के लिए नर्सरी तैयार करना, रोपाई करना, रोपाई के खेत की तैयारी जैसे काम करने होते हैं, जो किसानों की लागत को बढ़ाते ही हैं साथ ही उनका समय भी खराब करते हैं। ऐसे परिस्थिति में मृदा वैज्ञानिक डॉ महंत ने किसानों को जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम अपनाने की सलाह देते हुए कहा कि किसान धान की सीधी बुवाई करके कम लागत से अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। डीएसआर तकनीक से धान की बुआई करने पर धान की फसल रोपाई करके लगाई गई धान की फसल की तुलना में 7 से 10 दिन पहले पक कर तैयार हो जाती है। जिससे धान की फसल के बाद लगने वाली फसलों को समय पर लगाया जा सकता है। मृदा विशेषज्ञ डॉ.महंत ने कहा कि इस मशीन से धान की खेती करने के लिए किसानों को धान की नर्सरी तैयार करने की आवश्यकता नहीं होती है। डीएसआर मशीन के माध्यम से किसान धान की बीजों से सीधे खेत में बुवाई कर सकते हैं। इससे बुवाई करने पर श्रमिकों तथा पानी की कम आवश्यकता होती है। साथ ही अधिक क्षेत्र में कम समय के अंदर बुआई को पूरा किया जा सकता है। डॉ.महंत ने बताया कि डीएसआर मशीन का पूरा नाम डायरेक्ट सीडेड राइस मशीन है यह मशीन धान की परंपरागत रोपाई से हटकर कार्य करती है। इस मशीन से बुवाई करने से पहले खेत को लेजर लैंड लेवलर से समतल कराने की जरूरत होती है। उसके बाद डीएसआर मशीन के द्वारा बुवाई की प्रक्रिया को किया जाता है। इसके बाद इस मशीन से खाद और बीज को एक साथ बोया जाता है। यह मशीन बुआई करते समय खेत की भूमि में पतली लाइन चढ़ाती है। मशीन के साथ लगी दो अलग-अलग पाइप से उर्वरक और बीज अलग-अलग गिरता है, जिससे धान की बीज की बुआई होती है।

 

 

पेट्रोल/डीजल का अवैध कारोबार करने वाले संस्थानों के विरूद्ध जांच कार्यवाही जारी
Posted Date : 20-Jun-2024 9:21:54 pm

पेट्रोल/डीजल का अवैध कारोबार करने वाले संस्थानों के विरूद्ध जांच कार्यवाही जारी

घरघोड़ा तहसील में स्थित कलिंगा कमर्शियल कार्पो. लिमि. के द्वारा डीजल के अवैध विक्रय किये जाने हेतु गुजरात के जामनगर रिफाईनरी से मंगाये गये 34 के.एल डीजल लोडमय टैंकर को खाद्य विभाग ने किया जप्त
रायगढ़।  कलेक्टर कार्तिकेया गोयल के निर्देशन में जिले में बिना अनुज्ञा/कन्जूमर पम्प अनुज्ञप्ति/दस्तावेज के पेट्रोल/डीजल का अवैध कारोबार करने वाले संस्थानों के विरूद्ध जांच की जा रही है। खाद्य अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले के घरघोड़ा तहसील में स्थित कलिंगा कमर्शियल कार्पो. लिमि. के द्वारा डीजल (एचएसडी बीएस-व्हीआई) के अवैध विक्रय किये जाने हेतु गुजरात के जामनगर रिफाईनरी से मंगाये गये 34 के.एल डीजल लोडमय टैंकर क्रमांक जी.जे.12 बी.एक्स 9751 को खाद्य विभाग रायगढ़ द्वारा जप्त किया गया है। जांच में यह पाया गया कि कलिंगा कमर्शियल कार्पो.लिमि. द्वारा एमएस/एचएसडी का क्रय-विक्रय बिना अनुज्ञा के किया जा रहा है, इसके द्वारा तलईपाली कोल माईनिंग में लगे वाहनों को डीजल सप्लाई किया जाता है। जांच में यह तथ्य पाया गया कि उपरोक्त मंगाये गये 34 के.एल.डीजल का कुल क्रय मूल्य 26 लाख 86 हजार 536 रूपये है जो कि 01 लीटर का मूल्य 79 रूपये होता है, जबकि घरघोड़ा क्षेत्र में 01 लीटर डीजल का विक्रय मूल्य लगभग 94.24 रूपये 15 रूपये मार्जिन अवैध लाभ लिया जा रहा है। कलिंगा कमर्शियल कार्पो. लिमि. के विरूद्ध छ.ग. मोटर स्पिरिट एवं हाई स्पीड डीजल ऑयल (अनुज्ञापन तथा नियंत्रण) आदेश 1980 तथा आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत प्रकरण खाद्य विभाग द्वारा तैयार कर प्रकरण न्यायालय कलेक्टर रायगढ़ में प्रस्तुत किया गया।

 

प्राकृतिक आपदा पर टोल फ्री नंबर 1070 पर सम्पर्क करें
Posted Date : 20-Jun-2024 9:21:32 pm

प्राकृतिक आपदा पर टोल फ्री नंबर 1070 पर सम्पर्क करें

सारंगढ़ बिलाईगढ़।  प्रदेश में किसी आपदा में जन समुदाय को त्वरित सहायता उपलब्ध कराने हेतु  टोल फ्री नंबर-1070 पर सूचित कर सहायता प्राप्त किया जा सकता है। भारत सरकार, गृह मंत्रालय, राष्ट्रिय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, नई दिल्ली तथा सी-डेक, तिरूवनंतपुरम एवं राज्य सरकार के सहयोग से ईआरएसएस डॉयल 1070-आपदा प्रबंधन आपातकालीन नम्बर संचालित किया जा रहा है। जन समुदाय द्वारा 1070 नम्बर पर बाढ़, अग्नि दुर्घटना, आकाशीय बिजली दुर्घटना, सर्पदंश आदि में सहायता हेतु सम्पर्क किया जा सकता है।