छत्तीसगढ़

सरकार की दी गई आवास राशि से मकान बनाएं अन्यथा होगा कुर्की: परियोजना निदेशक हरिशंकर चौहान
Posted Date : 17-May-2024 11:42:57 am

सरकार की दी गई आवास राशि से मकान बनाएं अन्यथा होगा कुर्की: परियोजना निदेशक हरिशंकर चौहान

05 जून 2024 तक आवास निर्माण पूर्ण करने वाले को मिलेगा प्रोत्साहन पुरस्कार

सारंगढ़ बिलाईगढ़।  एक लापरवाह हितग्राही से पूर्व में राशि वसूलने के बाद अब परियोजना निदेशक पंचायत हरिशंकर चौहान ने लापरवाह श्रेणी के ग्रामीण आवास हितग्राहियों को सख्त हिदायत देते हुए कहा है कि आवास निर्माण के लिए सरकार की सहायता राशि लेकर जो हितग्राही मकान नहीं बना रहे हैं उनको 31 मई 2024 तक आवास पूर्ण करना अनिवार्य होगा। यदि प्रथम किश्त प्राप्त हितग्राही आवास की राशि लेकर आवास निर्माण नही करा रहे हैं उसका आवास निरस्त कर राशि कुर्की के माध्यम से वसूली की जाएगी।
प्रथम किश्त प्राप्त करने वाले हितग्राहियों को आवास निर्माण प्रारंभ कराना है। द्वितीय और तृतीय किश्त प्राप्त हितग्राहियों को आवास कार्य पूर्ण कराना है। अभी 15 मई से 05 जून तक आवास कार्य पूरा करने का महाअभियान रखा गया है, जिसमें जिला, जनपद और पंचायत स्तर की टीम जिले के हितग्राहियों के घर तक जाएंगे। किसी भी प्रकार की कोई समस्या होगा तो निराकरण किया जाएगा। इस महाअभियान के दौरान जो हितग्राही समय अवधि में आवास कार्य पूर्ण करेगा उसको प्रोत्साहन स्वरुप उपहार दिया जाएगा।

 

खनिज विभाग के केन्द्रीय व जिला की संयुक्त टीम ने पकड़ी चैन माउंट मशीन
Posted Date : 17-May-2024 11:42:35 am

खनिज विभाग के केन्द्रीय व जिला की संयुक्त टीम ने पकड़ी चैन माउंट मशीन

सारंगढ़ बिलाईगढ़।  छत्तीसगढ़ के खनिज विभाग के केंद्रीय उड़नदस्ता और  जिला दल के संयुक्त टीम ने सारंगढ़ तहसील क्षेत्र के ग्राम सिंघनपुर में प्रातः 5 बजे छापामार कार्यवाही की। इस आकस्मिक निरीक्षण में मौका स्थल पर अवैध रेत उत्खनन में संलिप्त 1 मशीन (210 चैन माउंट मशीन) होना पाया गया। मौका स्थल में भंडारित खनिज रेत के संबंध में उपस्थित ग्रामवासियों द्वारा बताया गया की जप्त मशीन कृष्णा राजपूत का है, जिसे जप्त कर थाना प्रभारी कोसीर थाना के सुपुर्दगी मंे दिया गया। जांच टीम में निरीक्षण के दौरान डिप्टी डायरेक्टर बी. के. चंद्राकर नेतृत्व मे खनि अधिकारी अवधेश बारीक, अनिल साहू, सहायक खनि अधिकारी रोहित साहू, राहुल गुलाटी, सुपरवाइजर सुनील दत्त शर्मा, खनि निरीक्षक जागृत गायकवाड, भूपेंद्र भक्त, दीपक पटेल, अनुराग नंद, विवेक वाणी, प्रहलाद देवांगन, दिनेश तिवारी आदि उपस्थित थे।

 

सिंघनपुर में अवैध रेत परिवहन एवं भंडारण में एक हाइवा पकड़ा गया
Posted Date : 17-May-2024 11:42:20 am

सिंघनपुर में अवैध रेत परिवहन एवं भंडारण में एक हाइवा पकड़ा गया

सारंगढ़ बिलाईगढ़।  कलेक्टर धर्मेश कुमार साहू के निर्देश पर खनि अधिकारी हीरादास भारद्वाज के मार्गदर्शन में खनिज टीम द्वारा कोसीर क्षेत्र के ग्राम सिंघनपुर का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान रेत (बालू) का अवैध खनिज भंडारण होना पाया गया। मौका स्थल में उपस्थित ग्रामवासियों द्वारा बताया गया कि कृष्णा राजपूत निवासी सिंघनपुर द्वारा भंडारण किया गया है। इस भंडारित खनिज रेत से लगभग 80-100 हाइवा के ट्राली को भरा जा सकता है। इस रेत को जप्त कर ग्राम पंचायत सिंघनपुर के सुपुर्दगी में कार्यवाही की गई तथा एक हाइवा क्रमांक सीजी 11 बीजे  7593 जप्त कर थाना प्रभारी सरसींवा के सुपुर्दगी में दिया गया। इसकी आगे कार्यवाही छ्त्तीसगढ़ गौण खनिज नियम 2015 एवम् ख़ान एवं खनिज विकास आधिनियम 1957 की धारा 21 के तहत की जाएगी। कलेक्टर के निर्देश पर अवैध उत्खनन परिवहन एवं भण्डारण की कार्यवाही आगे भी निरंतर की जायेगी। मौके पर निरीक्षण के दौरान खनिज टीम में दीपक पटेल, अनुराग नंद सहित सुरक्षाकर्मी शामिल थे।

 

रात्रि 10 बजे के बाद बजने वाले डीजे आदि होंगे जब्त
Posted Date : 17-May-2024 11:42:06 am

रात्रि 10 बजे के बाद बजने वाले डीजे आदि होंगे जब्त

सारंगढ़ बिलाईगढ़।  जिला प्रशासन द्वारा रात्रि 10 बजे से बजने वाले सभी ध्वनि विस्तारक यंत्रों को जप्त किया जाएगा, जिले में 16 मार्च से ध्वनि कोलाहाल नियंत्रण के अंतर्गत रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक प्रतिबंधित है। प्रतिबंध के बावजूद ऐसे कानून के उल्लंघन करने वाले के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के द्वारा किसी समारोह में ध्वनि विस्तारक यंत्र के अनुमति होने के बाद भी रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे तक कोलाहाल प्रतिबंधित रहेगा। ऐसी स्थिति में अनुमति और बिना अनुमति दोनों परिस्थिति में रात्रि 10 बजे से ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर प्रतिबंध है। इस प्रकार की जिले में घटना होने पर 112 की टीम को कॉल कर डीजे या अन्य ध्वनि विस्तारक यंत्र को बंद करा सकते हैं। कार्यपालिक दंडाधिकारी की टीम द्वारा किसी डीजे आदि को जप्त की जाएगी तो नियम के साथ 4 जून 2024 तक आदर्श आचरण संहिता का भी नियम भी स्वमेव जुड़ जाएगा।

 

आरटीई अधिनियम अंतर्गत प्रदेश के गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में प्रवेश के संबंध में कलेक्टरों को दिशा-निर्देश
Posted Date : 17-May-2024 11:41:55 am

आरटीई अधिनियम अंतर्गत प्रदेश के गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों में प्रवेश के संबंध में कलेक्टरों को दिशा-निर्देश

रायपुर। प्रदेश में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, अप्रैल 2010 से प्रभावशील है। जिसके अन्तर्गत प्रदेश के गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के प्रारंभिक कक्षाओं में 25 प्रतिशत् आरक्षित सीटों पर कमजोर एवं दुर्बल वर्ग तथा अलाभित समूह के बच्चों को उनकी पहुंच सीमा में प्रवेश दिलाया जाता है। किन्तु यह संज्ञान में आ रहा है कि इन वर्गों के विद्यार्थियों को अधिनियम की मंशा के अनुरूप इस महत्वपूर्ण योजना का पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है और वे शिक्षा से वंचित हो रहे हैं। ऐसी स्थिति में योजना का मैदानी स्तर पर योजना के सफल क्रियान्वयन हेतु समय-समय पर शासन द्वारा विभिन्न आदेश, दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी द्वारा आरटीई अधिनियम के अंतर्गत जिला कलेक्टरों को निर्देश जारी कर पुन: आपका ध्यान आकृष्ट किया जा रहा है- अधिनियम की धारा 12 (1) (ब) में यह स्पष्ट उल्लेख है कि निजी स्कूलों में प्रारंभिक कक्षा में, दुर्बल वर्ग और असुविधाग्रस्त समूह के उस कक्षा के बालकों की कुल संख्या के कम से कम 25 प्रतिशत् की सीमा तक प्रवेश देगा और नि:शुल्क और अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा की, उसके पूरा होने तक, व्यवस्था करेगा।
नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, की धारा 36 के तहत प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए राज्य सरकार द्वारा उक्त अधिनियम की धारा 13 की उप-धारा (2), धारा 18 की उप-धारा (5) एवं धारा 19 की उप-धारा (5) के अधीन दण्डनीय अपराधों का अभियोजन संस्थित करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को अपने-अपने क्षेत्राधिकार की सीमा में ‘सक्षम प्राधिकारी‘ अधिसूचित किया गया है। सक्षम प्राधिकारी की हैसियत से अधिनियम का निचले स्तर पर पालन कराये जाने का सम्पूर्ण दायित्व जिला शिक्षा अधिकारी का है।
इस योजना के सुचारू एवं पारदर्शी संचालन हेतु वर्ष 2018-19 से आर.टी.ई. पोर्टल का निर्माण किया गया है, जिसके माध्यम से ऑनलाईन आवेदन आमंत्रित कर लॉटरी के माध्यम से विद्यार्थियों का चयन करते हुए उनके द्वारा चाहे गये विद्यालयों में प्रवेश कराया जाता है।
सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रारंभिक कक्षा में प्रवेश हेतु विद्यार्थियों की पहुंच सीमा की परिधि में संचालित शालाओं की मैपिंग की जाती है। अत: सभी विद्यालयों की आर.टी.ई. पोर्टल में मैपिंग हो, यह आवश्यक है। इस हेतु अपने जिले में योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार हो, ऐसा प्रयास किया जाये, साथ ही इस बात का विशेष ध्यान रखा जावे कि जिले में संचालित सभी गैर अनुदान प्राप्त अशासकीय विद्यालय आर.टी.ई. पोर्टल में अनिवार्य रूप से पंजीकृत हों जिससे अधिक से अधिक विद्यार्थी योजना अंतर्गत उन विद्यालयों में प्रवेश प्राप्त कर सकें।
प्राथमिक शाला के संदर्भ में बसाहट के एक किलोमीटर के भीतर स्थित विद्यालयों को बसाहट सीमा के निर्धारण में शामिल किया जाता है। बसाहट सीमा के निर्धारण में यह संभव है कि क्षेत्र विशेष में एक किलोमीटर के भीतर एक से अधिक अशासकीय, शासकीय या दोनो तरह के विद्यालय हों। यह भी संभव है कि, अशासकीय विद्यालय के एक किलोमीटर के भीतर भौगोलिक रूप से कोई बसाहट न हो। इस स्थिति में ऐसे अशासकीय विद्यालय के लिये उपयुक्त बसाहट सीमा में क्षेत्र की भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा क्षेत्र का निर्धारण किया जावेगा।
नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009, के अंतर्गत विद्यालयों के द्वारा विद्यार्थियों को स्कूल पाठ्यपुस्तकें, गणवेश एवं लेखन सामग्री विद्यार्थियों को नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाना है। कतिपय विद्यालयों के द्वारा स्कूल पाठ्यपुस्तकें, गणवेश एवं लेखन सामग्री विद्यार्थियों को नि:शुल्क उपलब्ध न कराकर नगद राशि प्रदान की जा रही है, जो कि अधिनियम में उल्लेखित प्रावधान का उल्लंघन है, जिसके लिये दोषी पाये जाने पर वे अधिनियम की धारा 18 (3) के तहत दण्ड के भागी होंगे साथ ही माननीय उच्च न्यायालय द्वारा जनहित याचिका में पारित निर्णय अनुसार अवमानना के दोषी होंगे।
यद्यपि कक्षा 9वीं से 12वीं तक शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू नहीं होता है किन्तु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम अन्तर्गत् प्रवेशित छात्रों का कक्षा 8वीं के पश्चात् पढ़ाई में निरन्तरता बनाये रखने हेतु कक्षा 9वीं से 12वीं तक नि:शुल्क शिक्षा प्रदाय करने का निर्णय लिया गया है, जिनके शिक्षण शुल्क की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा वहन किया जाता है। इसके अंतर्गत प्रति छात्र 15 हजार रूपए एवं शिक्षण सामग्री हेतु एक हजार रूपए देय है।
यह संज्ञान में आया है कि अधिनियम अन्तर्गत् प्रवेशित कुछ छात्र पढ़ाई के मध्य में ही विद्यालय का त्याग कर देते हैं परन्तु उन विद्यार्थियों का नाम पोर्टल में प्रदर्शित होता रहता है, ऐसी स्थिति में संबंधित विद्यालय के द्वारा उन विद्यार्थियों को ड्राप आउट मार्क किया जाना अनिवार्य है, परन्तु अधिकांश विद्यालयों के द्वारा आर.टी.ई. पोर्टल में उपरोक्तानुसार कार्यवाही नहीं की जाती है। नोडल प्राचार्य, जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा विद्यालय में वास्तविक रूप से अध्ययन कर रहे विद्यार्थियों का ही देयक पारित किया जा सके, इस हेतु यह आवश्यक है कि प्रतिवर्ष कम से कम दो बार आर.टी.ई. अन्तर्गत् चयनित विद्यार्थियों का भौतिक सत्यापन किया जावे।
योजना का मुख्य उद्देश्य कमजोर एवं दुर्बल वर्ग तथा अलाभित समूह के बच्चों को सामान्य विद्यार्थियों के समान उनके साथ नि:शुल्क शिक्षा प्रदान करना है, इस हेतु सतत् निरीक्षण किया जाना आवश्यक है। जिले में असमानता की स्थिति निर्मित होने पर जिला शिक्षा अधिकारी संबंधित विद्यालय के विरूद्ध प्रावधानों में उल्लेखित कार्यवाही करने हेतु अधिसूचित हैं तथा उन्हें समस्त अधिकार प्रदत्त हैं।
आर.टी.ई. के अंतर्गत की जाने वाली कार्यवाहियों के लिये प्रतिवर्ष कैलेण्डर बनाकर राज्य में प्रसारित किया जाता है। इस वर्ष 2024-25 के लिये जारी कैलेण्डर के अनुसार जिले के समस्त गैर अनुदान प्राप्त निजी विद्यालयों के प्रबंधक, प्राचार्यों की एक बैठक 10 दिवस के भीतर बुलाना सुनिश्चित करें जिसमें यह समीक्षा किया जाना अपेक्षित है कि उनके विद्यालय में प्रारंभिक कक्षा में कितने विद्यार्थियों ने आर.टी.ई. के तहत प्रवेश लिया था तथा उनमें से कितने विद्यार्थियों ने उनके विद्यालय में उपलब्ध अंतिम कक्षा (कक्षा 8वीं, 10वीं, 12वीं) तक की पढ़ाई पूर्ण की है और कितने बच्चें बीच में ही पढ़ाई छोडक़र ड्रॉप आउट हो गये है। इस दौरान कृपया यह भी आवश्यक रूप से समीक्षा करें कि कहीं ड्रॉप आउट होने का कारण विद्यालय की महंगी यूनिफॉर्म, पुस्तकें, अन्य शुल्क, असमानता का व्यवहार तो नहीं है।
सचिव स्कूल शिक्षा ने विश्वास व्यक्त किया है कि ड्रॉप आउट बच्चों के व्यक्तिश: कारणों की सूची तैयार करने पर जिले में आर.टी.ई. के सफल क्रियान्वयन हेतु योजना तैयार करने में काफी मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी अपेक्षा की है कि इस तरह की त्रैमासिक समीक्षात्मक बैठकों का आयोजन एवं इन विद्यालयों के सघन निरीक्षण का तंत्र विकसित कर इस योजना के सफल संचालन में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे। 

 

31 मई और 2 जून को रद्द रहेगी दुरंतो एक्सप्रेस
Posted Date : 17-May-2024 11:41:16 am

31 मई और 2 जून को रद्द रहेगी दुरंतो एक्सप्रेस

रायपुर। मध्य रेलवे के मुंबई मंडल के सीएसएमटी स्टेशन के प्लेटफार्म विस्तार के साथ स्टेशन और स्टेशन यार्ड में नान इंटरलाकिंग का काम कराया जा रहा है। इसके कारण दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से गुजरने वाली दोनों तरफ  से दुरंतो एक्सप्रेस को रद किया गया है। साथ ही तीन ट्रेनों को गंतव्य से पहले दादर स्टेशन में समाप्त करने और चार ट्रेनों को गंतव्य से पहले दादर स्टेशन से ही शुरू करने का फैसला लिया गया है। रेलवे के इस निर्णय से रायपुर, बिलासपुर समेत अन्य जिलों के यात्रियों को मुंबई और हावड़ा आने-जाने में परेशानी होगी। रायपुर रेल मंडल से मिली जानकारी के मुताबिक, 31 मई को हावड़ा से चलने वाली ट्रेन नंबर 12262 हावड़ा-सीएसएमटी दुरंतो एक्सप्रेस और दो जून को सीएसएमटी से चलने वाली ट्रेन नंबर 12261 सीएसएमटी-हावड़ा दुरंतो एक्सप्रेस रद्द रहेगी। साथ ही 16 मई से 31 मई तक हावड़ा से चलने वाली ट्रेन नंबर 12810 हावड़ा-सीएसएमटी सुपरफास्ट मेल एक्सप्रेस गंतव्य से पहले दादर स्टेशन में समाप्त होगी। जबकि 18 मई और 31 मई को हावड़ा से चलने वाली ट्रेन नंबर 12870 हावड़ा-सीएसएमटी एक्सप्रेस दादर स्टेशन में समाप्त होगी। 31 मई को हावड़ा से चलने वाली ट्रेन नंबर 12860 हावड़ा-सीएसएमटी गीतांजली एक्सप्रेस दादर स्टेशन में समाप्त होगी। 31 मई और एक जून को गोंदिया से चलने वाली ट्रेन नंबर 12106 गोंदिया-सीएसएमटी एक्सप्रेस दादर स्टेशन में समाप्त होगी।