छत्तीसगढ़

 रेलवे ने दी यात्रियों को राहत : 20 ट्रेनों में जोड़े गए अतिरिक्त कोच, यात्रियों को सुगम यात्रा का मिलेगा लाभ
Posted Date : 18-May-2024 9:29:06 pm

रेलवे ने दी यात्रियों को राहत : 20 ट्रेनों में जोड़े गए अतिरिक्त कोच, यात्रियों को सुगम यात्रा का मिलेगा लाभ

रायपुर। यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा सुविधा उपलब्ध कराने रेलवे लगातार बेहतर प्रयास करता आ रहा है। इसी कड़ी में यात्रियों की मांग और सामान्य श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों की विशेष सुविधा के लिए दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से एलएचबी कोचों के साथ चलने वाली सभी 20 ट्रेनों में आगे और पीछे दोनों तरफ सामान्य श्रेणी के कोच जोड़े गए हैं। इससे सामान्य श्रेणी में यात्रा करने वाले यात्रियों को ट्रेनों के दोनों साइड सुगम यात्रा का लाभ मिलेगा। वहीं अधिक से अधिक यात्रियों को कंफर्म बर्थ उपलब्ध कराने दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से होकर चलने वाली ट्रेन नंबर 20917/20918 इंदौर-पुरी-इंदौर हमसफर एक्सप्रेस में दो अतिरिक्त स्लीपर कोच की सुविधा अस्थायी रूप से उपलब्ध कराई गई है। सुविधा ट्रेन नंबर 20917 इंदौर-पुरी हमसफर एक्सप्रेस में 21 मई को और ट्रेन नंबर 20918 पुरी-इंदौर हमसफर एक्सप्रेस में 24 मई को उपलब्ध रहेगी। ट्रेन नंबर 18237/18238 कोरबा-अमृतसर-बिलासपुर छतीसगढ़ एक्सप्रेस में दोनों तरफ सामान्य कोच जुड़ेंगे। इसी प्रकार ट्रेन नंबर 18239/18240 कोरबा-नेताजी सुभाषचंद्र बोस इतवारी-कोरबा शिवनाथ एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 12855/12556 बिलासपुर-सुभाषचंद्र बोस इतवारी-बिलासपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 20845/20846 बिलासपुर-बीकानेर-बिलासपुर एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 20843/20844 बिलासपुर-भगत की कोठी-बिलासपुर एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 22843/22844 बिलासपुर-पटना-बिलासपुर एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 22815/22816 बिलासपुर-एरणाकुलम-बिलासपुर एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 12849/12850 बिलासपुर-पुणे-बिलासपुर एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 12851/12852 बिलासपुर-चेन्नई-बिलासपुर एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 12853/12854 दुर्ग-भोपाल-दुर्ग अमरकंटक एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 18205/18206 दुर्ग-नौतनवा-दुर्ग एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 18207/18208 दुर्ग-अजमेर-दुर्ग एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 20847/20848 दुर्ग-ऊधमपुर-दुर्ग एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 18213/18214 दुर्ग-अजमेर-दुर्ग एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 12823/12824 दुर्ग-निज़ामुद्दीन-दुर्ग संपर्कक्रांति एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 18249/18250 रायपुर-कोरबा-रायपुर हसदेव एक्सप्रेस, ट्रेन नंबर 18203/18204 दुर्ग-कानपुर-दुर्ग बेतवा एक्सप्रेस और ट्रेन नंबर 12549/12550 दुर्ग-ऊधमपुर-दुर्ग एक्सप्रेस में दोनों और सामान्य कोच की सुविधा मिलेगी।

 

तीन छत्तीसगढिय़ा खिलाड़ी आईपीएल में दिखा हैं दम
Posted Date : 18-May-2024 9:28:51 pm

तीन छत्तीसगढिय़ा खिलाड़ी आईपीएल में दिखा हैं दम

0-बन गए हैं टीम इंडियन के दावेदार
रायपुर।  छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, दल्लीराजहरा और भिलाई के  भी 3 खिलाड़ी मौजूदा आआईपीएल धूम मचा रहे हैं। इनमें से एक तो अपने दमदार प्रदर्शन के दम पर टीम इंडिया के दावेदार बन गए हैं। छत्तीसगढ़ प्रदेश के क्रिकेटरों की चर्चा होती है तो केवल एक राजेश चौहान का नाम आता है। चौहान अविभाजित मध्य प्रदेश के दौर में 1993 से 1998 तक भारतीय टीम का हिस्सा रहे। राज्य बनने के बाद से अब तक कोई भी खिलाड़ी भारतीय टीम में स्थान नहीं बना पाया है। लेकिन अब प्रदेश के कुछ युवा सितारे आईपीएल के जरिये भारतीय टीम में जगह बनाने का प्रयास कर रहे हैं।
शशांक का बल्ला मचा रहा धूम...
आईपीएल के मौजूदा सीजन में छत्तीसगढ़ के 3 प्लेयर्स अलग-अलग टीमों से खेल रहे हैं। इनमें से 2 पंजाब और एक चिन्नई की टीम से खोल रहे हैं। इनमें हरप्रीत भाटिया, शशांक सिंह और अजय मंडल शामिल हैं। हरप्रीत और शशांक पंजाब के लिए खेलते हैं, जबकि अजय चेन्नई की टीम का हिस्सा हैं। शशांक की बल्लेबाजी की आईपीएल में धूम मची हुई है। विस्फोटक बल्लेबाजी के कारण शशांक को टी-20 वलर््ड कप का दावेदार माना जा रहा था।
राजनांदगांव : अजय मंडल
28 वर्षीय अजय मंडल का परिवार राजनांदगांव में रहता है। अजय चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा हैं। अजय ने चार साल की उम्र से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। अजय 2016 से छत्तीसगढ़ के लिए खोल रहे हैं। ऑलाराउंडर बल्लेबजा अजय को 2023 में सीएसके ने अपनी टीम का हिस्सा बनाया।
भिलाई : शशांक सिंह
32 वर्षीय शशांक का जन्म छत्तीसगढ़ में हुआ था। शशांक के पिता शैलेश सिंह आईपीएस हैं और राज्य बंटवारा के दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश कैडर चुन लिया। शशांक अभी पंजाब किग्स के लिए खेल रहे हैं। एक साक्षात्कार के दौरान शशांक उन्होंने 8 साल की उम्र में ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। आईपीएस पिता भी चाहते थे कि शशांक क्रिकेट बने इसलिए उन्होंने शशांक को ट्रेनिंग के लिए मुंबई भेज दिया। शशांक 2015 से प्रथम श्रेणी क्रिकेट खेल रहे हैं। 2015 से 2018 तक उन्होंने मुंबई के लिए खोला। 2018 से 2019 पुडुचेरी का हिस्सा रहे। 2019 से वे अपने जन्म स्थान छत्तीसगढ़ के लिए खेल रहे हैं। आईपीएस में उन्होंने 2017 दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ खेलना शुरू किया। 2019 से 2021 तक राजस्थान रॉयल्स और 2022 में सनराइजर्स हैदराबाद का हिस्सा रहे। अभी वे पंजाब किंग्स के लिए खोल रहे हैं।
दल्लीराजहरा : हरप्रीत भाटिया
दल्लीराजहरा (दुर्ग) में जन्में 32 वर्षीय हरप्रीत का क्रिकेट कैरियर बहुत उतार-चढ़ाव भरा रहा। कुछ गलती के कारण उन्हें लंबे समय तक क्रिकेट से दूर रहना पड़ा। 2008 में उन्होंने विजय हजारे ट्राफी से क्रिकेट प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदापर्ण किया। 2009 में आस्ट्रेलिया के दौरे पर गई भारत की अंडर-19 टीम में वे उप कप्तान थे। 2018 से वे छत्तीसगढ की क्रिकेट टीम से जुड़े। 2010 में वे कोलकाता नाइट राइडर्स, 2011 में पुणे वॉरियर्स इंडिया, 2017 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर का हिस्सा रहे। 2023 से वे पंजाब किंग्स के साथ हैं।

 

उप-मुख्यमंत्री शर्मा ने 10वीं की परीक्षा पास करने वाले पूर्व नक्सली युवा को वीडियो कॉल कर दी बधाई
Posted Date : 18-May-2024 9:28:31 pm

उप-मुख्यमंत्री शर्मा ने 10वीं की परीक्षा पास करने वाले पूर्व नक्सली युवा को वीडियो कॉल कर दी बधाई

0-उपमुख्यमंत्री शर्मा ने भटके हुए लोगों से की अपील, मुख्यधारा में लौटकर अपना जीवन संवारे
रायपुर। उप-मुख्यमंत्री व गृह मंत्री विजय शर्मा ने आज वीडियो कॉल कर कबीरधाम के उस युवा लिवरु उर्फ  दिवाकर से बात की, जो कभी 14 लाख का इनामी नक्सली था। लेकिन अब समाज की मुख्यधारा से जुडक़र अपना भविष्य संवारने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए पुलिस के सहयोग से 10वीं की परीक्षा पास कर ली है। उप-मुख्यमंत्री शर्मा ने बड़ी आत्मीयता के साथ लिवरु से बात की, उनकी इस सफलता के लिए हार्दिक बधाई और उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं देते हुए उनका हौसला बढ़ाया। उप-मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा है कि हमारे जो भी भाई-बहन रास्ता भटककर नक्सली गतिविधियों से जुड़े हैं वे लिवरु उर्फ दिवाकर से प्रेरणा लें और मुख्यधारा में लौटकर अपने जीवन में भी सुखद परिवर्तन लाएं। हमारी सरकार और हमारी पुलिस हर तरह से सहयोग करने को तैयार है। गौरतलब है कि दिवाकर ने महज 16 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था। नक्सली के रूप में 17 वर्षों तक जंगल-जंगल भटकने के बाद अपनी पत्नी के साथ  पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था। उनकी पत्नी पर 8 लाख रुपये का इनाम था। सरकार की पुनर्वास नीति के तहत आज वे समाज की मुख्यधारा से जुडक़र काम कर रहे हैं। शर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सरकार की नीति से प्रभावित होकर राज्य के नक्सली आत्मसमर्पण कर रहे हैं और समाज में अपनी एक अलग पहचान बना रहे हैं। उप-मुख्यमंत्री शर्मा ने इस बात के लिए प्रसन्नता व्यक्त की है कि कबीरधाम पुलिस की पहल और मदद से जिले के नक्सल प्रभावित गांवों के 105 छात्रों ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा पास कर ली है। शर्मा ने सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कबीरधाम पुलिस की सराहना की है। कबीरधाम पुलिस ने जिले के सुदूर वनांचल क्षेत्र और अति नक्सल प्रभावित गांवों के बच्चों को शिक्षित करने और उनकी पढ़ाई लिखाई जारी रखने के लिए  200 से अधिक बच्चों को कक्षा 10वीं व 12वीं का ओपन परीक्षा का फॉर्म भरावाया था। पुलिस विभाग की कड़ी मेहनत और लगन से आज 105 विद्यार्थी परीक्षा में पास हुए हैं। ये सभी विद्यार्थी नक्सल प्रभावित क्षेत्र के चिल्फी, तरेगाव, रेंगाखार झलमला, बोड़ला के सुदूर वनांचल गांव के हैं।

 

14 जिलों के सरकारी अस्पताल में टेस्टिंग लैब का इंतजार
Posted Date : 18-May-2024 9:27:22 pm

14 जिलों के सरकारी अस्पताल में टेस्टिंग लैब का इंतजार

रायपुर। छत्तीसगढ़ के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2026 तक 28 जिला अस्पतालों और 146 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में हमर लैब खोलने का निर्देश दिया था, लेकिन अब तक हमर लैब 2026 में ही खुल पाए हैं।
14 जिला और नौ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। 14 जिलों के लाखों लोग अब भी प्राइवेट लैब पर निर्भर हैं. तीन मेडिकल कॉलेजों में हमर लैब खोलने का भी प्रस्ताव है, लेकिन अभी तक सफलता केवल सरगुजा में ही मिल पाई है।
रायपुर और जगदलपुर मेडिकल कॉलेज में हमर लैब खुलने का इंतजार 2018 से ही चल रहा है। कोरबा जिले के पाटडी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले के छुईखदान और रायगढ़ जिले के सिविल अस्पताल खरसिया में एचएमआर लैब के लिए भवन तैयार हैं, लेकिन जांच उपकरण नहीं हैं। जिला अस्पताल की हमर लैब में 120 प्रकार की और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 50 प्रकार की जाँच सुविधाएँ उपलब्ध करायी जाती हैं।
प्रदेश की पहली हमर लैब वर्ष 2018 में राजधानी के एक जिला अस्पताल में खोली गई थी। इसके बाद राज्य के सभी जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में हमर लैब खोलने की योजना बनाई गई। देश की पहली सार्वजनिक स्वास्थ्य इकाई (ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट) ब्लॉक स्तरीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पाटन में स्थापित किया गया था। प्रदेश के इस मॉडल प्रोजेक्ट को पूरे देश में अपनाया गया है।
इसलिए हमर लैब जरूरी है
पीएचसी, सीएचसी से लेकर जिला और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों तक बीमारी का इलाज लैब या डायग्नोस्टिक सेंटर के बिना संभव नहीं है। मरीजों को जांच पर सबसे ज्यादा पैसा खर्च करना पड़ता है. हम्मर लैब में ब्लड ग्रुप के अलावा डायबिटीज, लिवर, किडनी, यूरिन, जापानी इंसेफेलाइटिस, हेपेटाइटिस ए, बी और सी, हेमेटोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, माइक्रोबायोलॉजी की 120 तरह की जांचें होती हैं।
हर साल तीन से चार लाख लोगों का सैंपल टेस्ट
रायपुर जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एस.के. भंडारी ने कहा कि हम्मर लैब में हर साल तीन से चार लाख लोगों के सैंपल की जांच होती है। वहीं, निजी प्रयोगशालाओं में इन परीक्षण सुविधाओं की कीमत 10,000 रुपये से अधिक है। लाखों मरीजों को मुफ्त सुविधा मिल रही है. कुछ परीक्षणों में बहुत कम राशि ली जाती है। मेडिकल कॉलेजों, प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से भी नमूने परीक्षण के लिए हम्मर लैब में आते हैं। हमर लैब बालोद, बलौदाबाजार, बलरामपुर, बस्तर, बीजापुर, दुर्ग, कांकेर, कोंडागांव, रायपुर, राजनांदगांव, सुकमा, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, नारायणपुर और कबीरधाम जिला अस्पतालों में कार्यरत है। हमर लैब्स सीएचएसी में संचालित होती है: पलरी, कसडोल, पाटन, धमधा, मैनपुर, भानुप्रतापपुर, धरमजयगढ़, सिविल अस्पताल धरमजयगढ़, पुसौर।
स्वास्थ्य संचालनालय के उपसंचालक डॉ. डी.के.तुरे ने बताया कि जिला अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में प्रयोगशाला लैब खोले जा रहे हैं। कुछ स्थानों पर भवनों का काम पूरा हो चुका है और जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा। हमर लैब से मरीजों को काफ ी फ ायदा हो रहा है.

 

छत्तीसगढ़ के स्कूलों में समर कैंप का आयोजन
Posted Date : 18-May-2024 9:27:08 pm

छत्तीसगढ़ के स्कूलों में समर कैंप का आयोजन

  • 0 बच्चों में छिपी प्रतिभा और हुनर में आ रहा निखार

रायपुर। कहीं दीवारों पर तो कहीं किताबों पर नन्हे हाथों से ड्राइंग करते दिखाई दे रहे हैं बच्चे। कोई गा रहा है, कोई डांस कर रहा है और कोई अभिनय। पत्तों से कलाकारी, सब्जियों से चित्रकारी, रंगीन चावल की कला, मिट्टी से खिलौना निर्माण, धागे से डिजाइन बनाना और मुखौटा निर्माण जैसी रोचक गतिविधियों में बच्चे डूबे हुए हैं। अलग-अलग भाव के साथ बच्चों के चेहरे पर विजय मुस्कान दिखाई दे रही है।
यह नजारा है छत्तीसगढ़ राज्य की स्कूलों का। गर्मी की छुट्टियों में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने बच्चों में रचनात्मकता के लिए सकारात्मक व नवाचारी पहल की है। बस्तर, दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर व सरगुजा संभाग तक बच्चे खुशनुमा माहौल में खेल-खेल में बुनियादी साक्षरता व संख्या ज्ञान सीखने की ओर कदम बढ़ा रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिश को छत्तीसगढ़ के स्कूलों के माध्यम से बालक-पालक व शिक्षकों तक पहुंचाने का यह अनूठा तरीका है। 
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित इस समर कैंप का उद्देश्य बच्चों का मनोरंजन के साथ स्वस्थ वातावरण में उनकी छिपी हुई प्रतिभा को उभारना और उनमें आत्मविश्वास को बढ़ावा देना है। समर कैंप को सफल बनाने सचिव परदेसी द्वारा प्रतिदिन एक-एक कड़ी जोड़ी जा रही है। शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत एनजीओ को जहां प्रदेश में स्वेच्छा से समर कैंप आयोजित करने कहा गया है। वहीं खेल संघो एवं अन्य संस्थाओं को भी इस कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है। यह उल्लेखनीय है कि समर कैंप बच्चों के एक साथ आने और मौज मस्ती करने का एक विशेष शिविर है। वे घर से दूर सुरक्षित वातावरण में नए साहसिक प्रयास करते हैं और नई चीज़ सीखते हैं। इस प्रकार उनमें स्वतंत्रता की भावना विकसित होती है। वे नए दोस्त भी बनाते हैं और मेल जोड़ बढ़ाते हैं, जिससे उनके सामाजिक कौशल और आत्मविश्वास का विकास होता है। 
राज्य में ग्रीष्मकालीन अवकाश में समर कैंप का आयोजन सुबह 7 से 9.30 बजे तक आयोजित किया जा रहा है। यह कैंप पूर्णत: स्वैच्छिक है। बच्चों के लिए यह बहुत अच्छा कार्यक्रम है। सभी बच्चों में कुछ न कुछ प्रतिभा होती है। बच्चों की प्रतिभा को प्रोत्साहित करने से उनका परिणाम भी बेहतर होता है।
स्कूल शिक्षा विभाग के कुशल मार्गदर्शन में लोक शिक्षण संचालक दिव्या उमेश मिश्रा के संयोजन में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के त्वरित क्रियान्वयन हेतु संभाग व जिले के अधिकारियों को प्रशासनिक व वित्तीय प्रशिक्षण भी प्रशासन अकादमी के माध्यम से प्रदान किया जा रहा है।

 

सुने मकान में चोरी करने वाला चोर गिरफ्तार
Posted Date : 18-May-2024 9:26:45 pm

सुने मकान में चोरी करने वाला चोर गिरफ्तार

रायपुर।  राजधानी रायपुर में सूने मकानों में चोरी की घटनाएं थमने का नहीं ले रहा है। आये दिन आपराधिक मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे ही एक मामला टिकरापारा थाना क्षेत्र से सामने आया है।
शातिर चोर ने सूने मकान को निशाना बनाकर सोने चांदी के जेवरात लेकर फरार हो गया। मामले में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। उसके कब्जे से दो लाख 50 हजार रुपये के जेवरात जब्त किया है। 
पूरा मामला रायपुर के टिकरापारा थाना क्षेत्र का है। प्रार्थी दोमेन्द्र कुमार सिन्हा ने संजय नगर थाना में रिपोर्ट दर्ज कराया कि उसके सूने मकान में किसी अज्ञात चोर ने सोने चांदी के जेवरात पर हाथ साफ कर दिया है। उसने रिपोर्ट में बताया कि दोमेन्द्र अपना ड्यूटी चलाया गया था, उसकी पत्नी बच्चे के साथ अपने मायका में चली गई थी। रात लगभग आठ बजे वापस आकर देखने पर जेवरात को किसी अज्ञात चोर ने चोरी कर फरार हो गया था। 
उन्होंने बताया कि उपर के कमरे का आलमारी का लॉकर खुला हुआ था। साथ ही घर का सामान बिखरा पड़ा हुआ था। अलमारी के लॉकर का ताला तोडक़र उसमें रखे सोने चांदी के ज्वेलरी को किसी शातिर चोर ने चोरी कर फरार हो गया था। इस पर प्रार्थी ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ थाना टिकरापारा में रिपोर्ट लिखवाया। मामले में पुलिस ने कार्रवाई शुरू करते हुए आसपास के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले।
पुलिस ने अज्ञात चोर को पकडऩे के लिए मुखबिर लगाए। इस दौरान मुखबिर से घटना के संबंध में जानकारी मिली। उसने अज्ञात चोर की सूचना पुलिस को दी। इस पर उसके बताए हुए हुलिए के व्यक्ति को चिन्हांकित कर पकड़ा गया। पूछताछ के बाद आरोपी ने चोरी की घटना को स्वीकार किया। इस पर टिकरापारा निवासी आरोपी विजय यादव (22साल) गिरफ्तार किया गया। साथ ही उसके कब्जे से दो लाख 50 हजार रुपये के सोने चांदी के जेवरात जब्त किया गया है।