रायगढ़। खरीफ विपणन वर्ष 2024 हेतु रायगढ़ जिले के अंतर्गत समस्त 69 सहकारी समितियों में खाद-उन्नत बीज एवं ऋण की अग्रिम वितरण हेतु शासन द्वारा दिशा-निर्देश प्राप्त हुए है। रायगढ़ जिले के समस्त किसानों को जिले के अंतर्गत स्थित 69 सहकारी समितियों से खाद-बीज एवं ऋण की अग्रिम वितरण हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत कर योजना का लाभ प्राप्त कर सकते है। रायगढ़ जिला अंतर्गत समस्त किसान अपने नजदीकी सहकारी समितियों में जाकर परमिट/रसीद कटाकर खाद-उन्नत बीज तथा खेती हेतु असक्षम किसानों के लिए फसलीय ऋण प्राप्त करने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकते है। जिससे जिले के किसानों को बुवाई के पूर्व/मानसून के पूर्व खाद-बीज एवं उन्नत बीज (यूरिया, डीएपी, एनपीके, सुपर-पोटास)तथा धन (फसलीय ऋण)की आपूर्ति न हो।
रायगढ़। रायगढ़ जिले के देशी/विदेशी, कम्पोजिट मदिरा दुकान के अनुज्ञप्त परिसर से संलग्न अहाता के अनुज्ञप्तिधारियों का 27 मई 2024 को प्रात: 11 बजे से कलेक्टे्रट सभाकक्ष, रायगढ़ में चयन कार्यवाही संपन्न होगी। उक्त कार्यवाही में वे ही आवेदक जो ऑनलाईन अहाता अनुज्ञप्ति हेतु आवेदन किए हो, पावती धारक हो वे उक्त स्थल पर अवलोकन हेतु उपस्थित हो सकते है।
रायगढ़। शासन के निर्देशानुसार विद्यार्थियों में सर्वाधिक विकास के लिए स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट हिन्दी माध्यम विद्यालय-पडिग़ांव में समर कैंप का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में छात्र-छात्राओं को विभिन्न प्रकार के क्रियाकलाप कराए जा रहे है। समर कैंप में विद्यार्थियों को स्पोकन इंग्लिश, करसिव राईटिंग, चित्रकारी सिखायी जा रही है। योग व्यायाम के साथ-साथ गायन वादन कला भी सिखाया जा रहा है। समर कैंप में स्कूल के सभी विद्यार्थी अपनी रूचि अनुरूप विभिन्न विधाओं में भाग ले रहे है। इस वर्ष विद्यालय के परीक्षा परिणाम भी विगत वर्षो से बेहतर रहा। हायर सेकेण्डरी का परीक्षा परिणाम 76 प्रतिशत एवं हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम 86 प्रतिशत रहा। विद्यालय की ओर बच्चों को ओआरएस की व्यवस्था प्रतिदिन की जा रही है। शासन द्वारा जारी शेड्यूल के अनुसार विभिन्न प्रकार के विधाओं से विद्यार्थियों को अवगत कराया जा रहा है।
गणना पर्यवेक्षकों और सहायकों का दिया गया प्रशिक्षण
सारंगढ़-बिलाईगढ़। लोकसभा निर्वाचन 2024 के मतगणना के लिए कलेक्टोरेट सभाकक्ष में शुक्रवार को प्रशिक्षण आयोजित किया गया, जिसमें कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी धर्मेश कुमार साहू, उप जिला निर्वाचन अधिकारी अनिकेत साहू, नोडल अधिकारी स्वीप हरिशंकर चौहान शामिल हुए। जिले के दोनों विधानसभा सारंगढ़ और बिलाईगढ़ के गणना पर्यवेक्षकों और सहायकों को इसमें प्रशिक्षण दिया गया।
कलेक्टर साहू ने कहा कि यहां उपस्थित और अनुपस्थित सभी को मतदान सफलतापूर्वक निष्पादन करने पर बधाई। मतदान की अपेक्षा मतगणना कार्य सरल है। इस कार्य में भी सावधानी बरतनी है। सभी गणना कर्मी प्रत्याशी और उनके अभिकर्ताओं के साथ सौहार्द्रपूर्ण अच्छा व्यवहार करेंगे। डिजिटल डिवाइस कोई भी नहीं रखेंगे।
जिला मास्टर ट्रेनर चूड़ामणि गोस्वामी ने बताया कि विधानसभावार गणना पर्यवेक्षक, गणना सहायक, माइक्रो आब्जर्वर का टेबल में ड्यूटी थर्ड रेन्डमाइजेशन के आधार पर होगा। पहला रेन्डमाइजेशन 27 मई को, दूसरा 2 जून को और थर्ड रेन्डमाइजेशन 4 जून 2024 को सुबह 5 बजे रिटर्निंग अधिकारी/सहायक रिटर्निंग अधिकारी की उपस्थिति में किया जाएगा। सुबह 7 बजे से मतगणना परिसर में प्रवेश करना है। प्रवेश के दौरान किसी भी प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे मोबाइल, कैमरा, डिजिटल घड़ी आदि प्रतिबंधित है। मतगणना कक्ष में प्रवेश के बाद बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
बैठक व्यवस्था
अभ्यर्थी या उनके अभिकर्ताओं के बैठने का क्रम पहले स्थान में राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल, दूसरा स्थान में राज्य से मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल का होगा। प्रत्येक टेबल में एक अभिकर्ता होंगे। जिस टेबल का अभिकर्ता नियुक्त है, वह उसी टेबल में गणना का अवलोकन करेंगे।
सावधानी और अंतिम निर्णय
ईव्हीएम के सीयू बटन चालू करने पर डिस्प्ले में कुछ भी प्रदशित नहीं हो तो मशीन बंद कर बैटरी का परिवर्तन करेंगे। इसी प्रकार मतदान की समाप्ति के बाद क्लोज बटन नहीं दबा है तो अभिकर्ता के सामने क्लोज बटन दबाएंगे। उल्लेखनीय है कि क्लोज बटन दबाए बिना रिजल्ट प्रदर्शित नहीं होगा। अथवा कोई कारणवश तकनीकी त्रुटि आता है। अथवा टोटल बटन दबाने पर भिन्न-भिन्न रिजल्ट आए तो सहायक रिटर्निंग अधिकारी (एआरओ) को सूचित करेंगे। इसमें अंतिम निर्णय एआरओ का होगा।
गणना प्रक्रिया
गणना पर्यवेक्षक (सुपरवाइजर) सर्वप्रथम ईव्हीएम मशीन के सीरियल का मिलान करेंगे। प्रत्याशी या उनके अभिकर्ता (एजेंट) के सामने मशीन के एड्रेस टैग को फाडेंगे, सावधानीपूर्वक मशीन को चालू कर तारीख, समय की जानकारी देते हुए आगे बढ़ना है। अभ्यर्थी की संख्या, वोट की संख्या, पीठासीन द्वारा दर्ज संख्या और मशीन में बताए गए रिजल्ट मतों की संख्या का मिलान करना है।
व्हीव्हीपैट मशीन के पर्चियों को 25-25 का बंडल बनाना है और अतिरिक्त पर्ची का अलग से बंडल बनाना है। जैसे-55 पर्ची का 25-25 का दो बंडल और 5 का एक बंडल बनेगा। साथ ही अभ्यर्थी के एक ही बॉक्स में तीनों बंडल को रखा जाएगा।
शब्दों और अक्षरों में रिजल्ट का उद्घोष
गणना पर्यवेक्षक और सहायक मतों के परिणाम की घोषणा अभ्यर्थियों के क्रमवार जैसे कैंडिडेट-एक, कैंडिटेट-वन, मत की संख्या-बावन, मत की संख्या-फाइव टू, उच्चारण करेंगे। इसी प्रकार अन्य सभी अभ्यर्थी एवं नोटा के मतों की गिनती भी किया जाएगा।
परिणाम के बाद कागजी कार्यवाही
फार्म-17 ग के भाग-2 में गणना पर्यवेक्षक और सहायक सभी अभ्यर्थी के सूची, उनके द्वारा प्राप्त किए मतों की संख्या को भलीभांति भरकर अपना हस्ताक्षर करेंगे।
पारदर्शिता
जिला मास्टर ट्रेनर एस.आर. अजय ने बताया कि मतगणना प्रक्रिया के दोरान रिजल्ट में ओवर राइट या किसी प्रकार के कार्य में कमी होने पर कंट्रोलिंग अधिकारी द्वारा गणना पर्यवेक्षक को बदला दिया जाएगा या दंडित किया जाएगा।
सारंगढ़-बिलाईगढ़। राज्य के कई कार्यालयों और विभागों द्वारा जीएसटी पंजीयन नहीं लिया गया है और जीएसटी पंजीयन लेने वाले प्राधिकारियों द्वारा सही प्रकार से जीएसटी की स्रोत पर कटौती संबंधी प्रावधानों का पालन नहीं किया जा रहा है। इससे राज्य शासन को जीएसटी से हो रही क्षति के मद्देनजर छत्तीसगढ़ सरकार के वित्त विभाग ने राज्य सरकार के समस्त विभाग, संभागीय आयुक्त, कलेक्टर्स और अध्यक्ष राजस्व मंडल बिलासपुर को पत्र जारी किया है।
जारी पत्र में निर्देशित किया है कि शासकीय विभागों द्वारा किए जाने वाले क्रय पर विक्रेता एवं निर्माण कंपनी, ठेकेदारों को तथा सेवा प्रदाताओं को किए जाने वाले भुगतानों पर कटौती (जीएसटी-टीडीएस) के संबंध में कटौती के प्रावधानों का कड़ाई से पालन किया जाए। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी वस्तु अथवा सेवा प्रदाय कर्ता द्वारा एक वित्तीय वर्ष के दौरान एक ही क्रय अथवा सेवा आदेश के विरूद्ध पृथक-पृथक देयकों में राशि का विभाजन करते हुए जीएसटी की स्रोत पर कटौती हेतु निर्धारित 2.5 लाख रूपए की सीमा का उल्लंघन न हो।
वित्त विभाग के पत्र और ट्रेनिंग में जानकारी दी गई कि केंद्रीय माल और सेवा कर अधिनियम 2017, छत्तीसगढ़ माल और सेवाकर अधिनियम 2017 की धारा 51 के प्रावधानों के अनुसार शासकीय विभागों द्वारा की जाने वाले सामग्री खरीदी एवं सेवा प्राप्ति पर प्रदायकर्ताओं को तथा ठेकेदारों को किए जाने वाले भुगतान पर शासकीय विभाग या स्थापना या स्थानीय प्राधिकारी या शासकीय अभिकरण (एजेंसी) या शासन के किसी भी आहरण एवं संवितरण अधिकारी (डीडीओ) द्वारा (किसी कराधेय वस्तु या सेवा हेतु) 2.5 लाख (ढाई लाख) से अधिक रूपये के भुगतान होने पर 2 प्रतिशत जीएसटी (1 प्रतिशत सीजीएसटी और 1 प्रतिशत एसजीएसटी) की दर से स्रोत पर कटौती (जीएसटी-टीडीएस) किया जाना है।
सभी डीडीओ की हुई ट्रेनिंग
सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में डीडीओ की ट्रेनिंग हुई। इस अवसर पर जिला कोषालय अधिकारी चन्द्रपाल सिंह ठाकुर, सभी डीडीओ सहित जीएसटी काउंसलर आशीष अग्रवाल उपस्थित थे। अलग-अलग तिथियों में सभी जिलों में यह प्रशिक्षण हुआ।
जीएसटीआर-07 रिटर्न
इस संबंध में सभी शासकीय विभागों तथा स्थानीय प्राधिकारियों को जीएसटी के अंतर्गत स्रोत पर कटौतीकर्ता (टीडीएस डिडक्टर) के रूप में रजिस्ट्रेशन लिया जाना है। विभागों द्वारा खरीदी की जाने वाले सामग्री, मशीन उपकरण अथवा अन्य कोई भी वस्तुएं, निर्माण कार्यों एवं ठेकों तथा लिए जाने वाले किसी भी प्रकर की सेवाओं की राशि पर जीएसटी-टीडीएस कटौती करने के बाद अगले माह की 10 तारीख तक जीएसटीआर-07 रिटर्न में प्रस्तुत किया जाना है।
जीएसटीआईएन सक्रिय और वैध हो
वित्त विभाग ने सभी कोषालयों, उप कोषालयों, निर्माण विभागों सहित वन विभाग के भुगतान प्राधिकारियों को निर्देश दिया है कि आहरण एवं संवितरण अधिकारियों द्वारा वस्तु एवं सेवा प्रदाय के भुगतान संबंधी प्रस्तुत देयकों में प्रदायकर्ताओं की जीएसटीआईएन को चिन्हांकित करने की व्यवस्था की जाए तथा देयकों के भुगतान के पूर्व यह भी सुनिश्चित किया जाए कि प्रदायकर्ता द्वारा दिया गया जीएसटीआईएन वर्तमान में सक्रिय और वैध हो।
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग ने विद्युत वितरण में निष्पादन संबंधी मानक विनिमय-2020 में किए गए बदलाव पर अब अमल करते हुए एक्शन लेने की तैयारी कर ली है।
अब बिजली मीटर से संबंधित गड़बड़ी की शिकायत समय पर नहीं करने पर उपभोक्ताओं को जेब से भारी जुर्माना भरना पड़ सकता है।
छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि मीटर संबंधी शिकायत आने पर जैसे मीटर जलने पर शहरों में 24 घंटे और गांव में 72 घंटे में बदलकर नया मीटर लगवाना अनिवार्य होगा।
वहीं इसके साथ ही हर महीने मीटर की रीडिंग भी करनी होगी। वहीं इस काम में देरी होने पर पहले महीने के लिए उपभोक्ताओं को पांच सौ और उसके बाद के प्रतिमाह एक हजार रुपये टैक्स देना होगा। राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड के एमडी राजेश कुमार शुक्ला ने बताया कि मीटर जलने संबंधित अधिकारियों को सूचना मिलने पर मीटर ड्रा करने की कार्रवाई की जाती है।
केंद्र सरकार की आरडीएसएस योजना के तहत अब प्री पैड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे, जिसके बाद यह समस्या अपने आप ही हल हो जाएगी।
आरडीएसएस योजना का लक्ष्य इस अंतर को कम करना है, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बिजली से अर्जित धन इसे प्रदान करने की लागत के लगभग बराबर हो। इस योजना का उद्देश्य वित्तीय वर्ष 2024-25 तक इस अंतर को पूरी तरह खत्म करना है।
24 घंटे में उपभोक्ताओं को देना होगा सूचना
आयोग ने कहा है कि एक संवर्ग के शहर एवं नगरीय क्षेत्रों में चार घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्र में 24 घंटे बिजली गुल होने की शिकायत उपभोक्ताओं को विभाग में 24 घंटे के भीतर करनी होगी। शिकायत नहीं करने की स्थिति में कंपनी की जवाबदेही नहीं होगी और प्रभावित उपभोक्ताओं पर हर दिन के लिए 500 रुपए प्रतिकर लगेगा।
इसी तरह लाइन ब्रेक डाउन, माइनर ब्रेक डाउन छह घंटे से मेजर ब्रेक डाउन 24 घंटे ए संवर्ग के शहरों एवं नगरीय क्षेत्रों में होता है तथा माइनर ब्रेकडाउन 12 घंटे या मेजर ब्रेकडाउन ग्रामीण क्षेत्र में दो दिन तक होता तो भी उपभोक्ता को हर दिन के 500 रुपए देने होंगे।
आयोग की अधिसूचना के मुताबिक मीटर संबंधी शिकायत होने के बाद वितरण लाइसेंसी त्रुटिपूर्ण, बिना कार्यरत (बंद धीमे एवं तेजी से चलने) मीटर की पहचान के लिए निरीक्षण किया जाएगा। यह निरीक्षण ए संवर्ग के शहरों क्षेत्रों में चार दिन, नगरीय क्षेत्र में सात दिन, ग्रामीण क्षेत्र में 12 दिन की समय सीमा में किया जाएगा।
खराबी का पता लगने पर वितरण लायसेंसी द्वारा मीटर को बदला जाएगा। शहरों और नगरीय क्षेत्रों में यह काम 24 घंटे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 72 घंटे से अधिक नहीं होगा।
यदि मीटर प्रथम दृष्टया दोषपूर्ण या जला या चोरी पाया जाता है, जिसका कारण उपभोक्ता नहीं तो लाइसेंसी को आयोग द्वारा दी गई समय सीमा के भीतर अपनी लागत पर नए मीटर के माध्यम से आपूर्ति बहाल करनी होगी। यदि जांच में उपभोक्ताओं की वजह से मीटर खराब हो गया है, जल गया या चोरी हो गया है तो उसका शुल्क उपभोक्ताओं से वसूल किया जाएगा।