नईदिल्ली ,30 नवंबर । खजूरी खास पुलिस स्टेशन क्षेत्र में एक 15 वर्षीय नाबालिग ने डेढ़ साल के बच्चे को स्कूटी से टक्कर मार दी. गंभीर हालत में श्री राम कॉलोनी निवासी इस बच्चे को अस्पताल में ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
इस संबंध में किशोर के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है. वहीं किशोर को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड की ओर से बाल सुधार गृह में भेज दिया है. पुलिस मामले में जांच कर रही है. बता दें कि गुरुवार देर रात एक किशोर ने बच्चे को टक्कर मार दी थी. इस संबंध में पुलिस के पास पीसीआर कॉल से सूचना पहुंची.
0-कोयला आवंटन घोटाला
नयी दिल्ली,30 नवंबर । राजधानी दिल्ली की एक न्यायालय ने शुक्रवार को पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता को कोयला घोटाला के एक मामले में भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश का दोषी ठहराया। यह मामला पश्चिम बंगाल में कोयला ब्लॉक के आवंटन से संबंधित है। विशेष सीबीआई जज भरत पाराशर ने गुप्ता के अतिरिक्त निजी कंपनी विकास मेटल्स एंड पावर लिमिटेड, एक सेवारत और एक रिटायर्ड आफिसर—कोयला मंत्रालय में पूर्व संयुक्त सचिव के एस क्रोफा और कोयला मंत्रालय में तत्कालीन निदेशक (सीए-1) के सी सामरिया को मामले में दोषी ठहराया। अदालत ने कंपनी के प्रबंध निदेशक विकास पटानी और उसके अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता आनंद मलिक को भी मामले में दोषी ठहराया। मामला पश्चिम बंगाल में मोइरा और मधुजोर (उत्तर और दक्षिण) कोयला ब्लॉकों का वीएमपीएल को किए गए आवंटन में कथित अनियमितता से संबंधित है। सीबीआई ने सितंबर 2012 में मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की थी। सभी पांचों दोषियों को हिरासत में ले लिया गया है और सजा पर दलीलों पर बहस तीन दिसंबर को होगी। दोषियों को अधिकतम सात साल के कारावास की सजा हो सकती है।
0-केन्द्र सरकार का प्रस्ताव
नई दिल्ली ,30 नवंबर । केंद्र सरकार ने किसी भी सर्कस या मनोरंजन केंद्रों में जानवरों के करतब दिखाने या उनका इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव दिया है। पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने इसे प्रगतिशील तथा प्रशंसनीय कदम करार दिया है। पर्यावरण मंत्रालय ने 28 नवंबर को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन के तहत विभिन्न पक्षकारों से इस मुद्दे पर 30 दिनों के अंदर विचार मांगें हैं।
ड्राफ्ट में कहा गया है, ‘परफॉर्मिंग एनिमल्स रूल्स 2001 के नियम 13 में 13 ए को भी जोड़ा जाएगा जिसमें विशिष्ट प्रदर्शन के लिए जानवरों को प्रशिक्षित करने और उनका प्रदर्शन करने पर प्रतिबंध रहेगा। किसी भी सर्कस या मोबाइल मनोरंजन केंद्रों में किसी भी जानवर का इस्तेमाल, प्रदर्शन या करतब दिखाने में नहीं किया जाएगा।’
इस पहल की प्रशंसा करते हुए पीपल फॉर एनिमल्स की ट्रस्टी गौरी मौलेखी ने कहा कि सर्कस एवं अन्य मोबाइल मनोरंजन केंद्रों में जानवरों के इस्तेमाल पर रोक काफी प्रगतिशील एवं प्रशंसनीय कदम है।
नई दिल्ली ,30 नवंबर । राजधानी दिल्ली से प्रदूषण और स्मॉग की छाया का संकट टला नहीं है। दो दिसंबर को एक बार फिर दिल्ली का दम घुट सकता है। सफर के अलर्ट के अनुसार 2 दिसंबर को बादल छाएंगे, तापक्रम भी कम रहेगा। इसी वजह से दिल्ली-एनसीआर में इनवर्जन लेयर बनेगी जो प्रदूषक तत्वों को जमने में मदद करेगी। यह स्थिति कितने दिनों तक रहेगी इसका आकलन फिलहाल नहीं दिया गया है।
बीते तीन दिनों से दिल्ली में स्मॉग की परत दोबारा नजर आ रही है, लेकिन यह हल्की है। लेकिन प्रदूषण का पूर्वानुमान करने वाली विभिन्न एजेंसियां दावा कर रही हैं कि स्मॉग की परत मोटी होने की संभावनाएं काफी अधिक हैं। बुधवार को प्रदूषण के स्तर में काफी इजाफा हुआ। दिल्ली का एयर इंडेक्स 358 दर्ज हुआ, जबकि एनसीआर के दो शहर खतरनाक श्रेणी में रहे। इनमें भिवाड़ी और गाजियाबाद में एयर इंडेक्स 404 रहा। वहीं फरीदाबाद का एयर इंडेक्स 338, ग्रेटर नोएडा का 375, गुरुग्राम का 216 और नोएडा का 366 रहा। जबकि बीते मंगलवार को दिल्ली का एयर इंडेक्स महज 316 था।
सफर के अनुसार, अगले दो दिनों तक एयर इंडेक्स में थोड़ा बहुत इजाफा होगा, लेकिन लोगों को इतनी ही परेशानियां होती रहेंगी। धूप हल्की होने लगी है, लेकिन प्रदूषक तत्वों की वजह से सूर्य की गर्मी नीचली स्तह पर ट्रेप हो रही है, जिसकी वजह से तापमान भी गिर नहीं रहा है। लेकिन दो दिनों बाद प्रदूषण काफी अधिक बढ़ सकता है।
स्काईमेट के प्रमुख धातुकार्मिक महेश पलावत के अनुसार, एक दिसंबर तक उत्तर पश्चिमी हवाएं 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती रहेंगी। लेकिन इसके बाद दो दिसंबर से एक नया वेस्टर्न डिस्टरबेंस सक्रिय है, जिसकी वजह से हवाओं के रुख में बदलाव आएगा। दो दिसंबर से हवाएं दक्षिणी पूर्व या दक्षिणी पश्चिमी से आएंगी।
0-खोदा पहाड़ निकली चुहिया
नई दिल्ली ,30 नवंबर । राजधानी दिल्ली में अब चोरों के हौसले इतने बुलंद हो चले हैं कि वीवीआईपी इलाके भी सुरक्षित नहीं बचे हैं। लुटियंस दिल्ली के इलाके में जमीन के नीचे दबी एमटीएनएल की महंगी केबल को चुराने के लिए चोरों का एक गिरोह सारी हदें पार कर गया। इस गिरोह के सदस्यों ने फिरोजशाह रोड पर स्थित एक सांसद की कोठी की बाउंड्री वॉल के ठीक नीचे गहरी सुरंग खोद डाली, ताकि उसमें से केबल को निकालकर चुरा ले जाएं, लेकिन उनकी किस्मत दगा दे गई।
दरम्यानी रात को पेट्रोलिंग पर निकले पुलिसवालों ने जब कोठी की बाउंड्री वॉल के पास हरकत होते देखी, तो वे अलर्ट हो गए। पुलिस को देखकर दो चोर भागने लगे। उन्होंने जब उन्हें पीछा करके पकड़ा, तो पता चला कि सांसद की कोठी के बाहर चार गहरे गड्ढे खोदकर 7-8 चोर उनमें छुपे हुए थे। इन लोगों को पकडऩे के लिए एक्स्ट्रा फोर्स बुलानी पड़ी। पुलिस को सामने देख चोर इधर-उधर भागने लगे। पुलिसवाले भी उनके पीछे दौड़ पड़े और काफी मशक्कत के बाद 10 लोगों को मौके से पकडऩे में कामयाब रहे, जबकि एक अन्य चोर बाद में किसी और जगह से पकड़ा गया। गिरोह का सरगना और इसके कुछ अन्य सदस्य अब भी फरार हैं।
राजधानी के डीसीपी मधुर वर्मा ने बताया कि बुधवार रात 2 बजे के बीच बाराखंभा रोड थाने की पुलिस की रात्रि गश्ती टीम ने इस गिरोह को पकड़ा। ये लोग उस वक्त विंडसर प्लेस के गोल चक्कर के पास फिरोजशाह रोड पर स्थित कोठी नंबर-18 की बाउंड्री वॉल के बाहर सुरंग खोदकर केबल चुराने की कोशिश कर रहे थे। यह कोठी बिहार के अररिया से लोकसभा के सांसद सरफराज आलम की है। घटना के वक्त वहां कोई गार्ड तैनात नहीं था। कोठी के गेट के ठीक बगल में एक पुराना पुलिस बूथ भी बना हुआ है, जो अब बंद पड़ा रहता है।
गिरफ्तार किए गए 11 आरोपियों की पहचान मनोज कुमार, अजय कुमार, प्रदीप, सत्य प्रकाश, मंगलू, किशन पाल, अरविंद, आलम मंसूरी, राज कुमार, राहुल कुमार ओर अनिल के रूप में हुई। ये लोग बदरपुर, सरिता विहार, मदनपुर खादर जैसे साउथ-ईस्ट दिल्ली के अलग-अलग इलाकों के रहने वाले हैं। इनकी उम्र 19 से लेकर 35 साल के बीच है। बाराखंभा रोड थाने में इन सभी के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।
पहले भी पकड़े गए थे चोरी करते
पुलिस के मुताबिक इस गिरोह का सरगना अखलाक नाम का एक कबाड़ी है, जो बदरपुर की तरफ ही कहीं रहता है। पुलिस उसे भी तलाश रही है। पकड़े गए लोगों में दो ऑटोवाले भी हैं। गिरोह के सदस्य इन्हीं के ऑटो में आकर वारदात करते थे। इन लोगों ने केबल चुराने के लिए सुरंग तो खोद ली थी और दोनों तरफ से तार भी काट दिए थे, लेकिन इससे पहले कि ये लोग रस्से से खींचकर केबल को बाहर निकाल पाते, पुलिस ने इन्हें धर दबोचा। छानबीन में पुलिस को पता चला है कि इस गिरोह के कुछ लोग इसी साल अगस्त में भी इसी इलाके में केबल चोरी करते पकड़े गए थे।
0-चीफ जस्टिस गोगोई बोले-आज पूरी बात सुनूंगा
नई दिल्ली ,29 नवंबर । सीबीआई के भीतर मचे अंदरूनी घमासान पर पिछली बार सुनवाई को अचानक स्थगित करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई चल रही है। अदालत में सुनवाई के दौरान जोरदार बहस हो रही है। वरिष्ठ वकील फली नरीमन ने छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा की तरफ से दलीलें दीं।
नरीमन ने सुप्रीम कोर्ट को भेजे गए वर्मा के जवाब लीक होने पर दलील दी कि मीडिया को रिपोर्टिंग से नहीं रोक सकते हैं। बता दें कि 20 नवंबर को पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा का सीलबंद जवाब मीडिया में लीक होने पर नाराजगी जताई थी। सीजेआई रंजन गोगोई ने यह कहते हुए सुनवाई स्थगित कर दी थी कि आप सब सुनवाई के काबिल नहीं हैं। तब नरीमन ने सीलबंद जवाब लीक होने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया था और कहा था कि रिपोर्ट कैसे लीक हुई, उन्हें नहीं पता।
दूसरी तरफ अंडमान ट्रांसफर किए गए अधिकारी ए. के. बस्सी के वकील राजीव धवन ने आज चीफ जस्टिस रंजन गोगोई से कहा कि पिछली सुनवाई में आपने कहा था कि हम सब सुनवाई के काबिल नहीं हैं। यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण था। तब चीफ जस्टिस ने धवन से कहा कि आपको पूरा सुना जाएगा। कृपया आप शांत रहें। इसपर धवन ने कहा कि वह शांत हैं। फिलहाल मामले की सुनवाई दोपहर 2 बजे तक के लिए टाल दी गई है। दो बजे के बाद फिर से मामले की सुनवाई शुरू होगी।
नरीमन ने शीर्ष अदालत में दी दलील
नरीमन ने शीर्ष अदालत में अपने जिरह में कहा कि पीएम, विपक्ष के नेता और सीजेआई की कमिटी ही सीबीआई निदेशक की नियुक्ति करती है और निदेशक का कार्यकाल न्यूनतम दो साल होता है। अगर इस दौरान असाधारण स्थितियां बनती हैं और सीबीआई निदेशक का ट्रांसफर किया जाना है तो कमिटी की अनुमति लेने का प्रावधान है। उनके मुवक्किल के मामले में ट्रांसफर में नियमों का पालन नहीं किया गया। नरीमन ने कहा कि आलोक वर्मा की नियुक्ति 1 फरवरी 2017 को की गई थी। अगर उनका ट्रांसफर करना ही था तो यह अधिकार सिलेक्शन कमिटी को था। नरीमन ने सवाल उठाए कि कैसे सीबीआई निदेशक के अधिकारों को छीना जा सकता है?
ज्ञात हो कि पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने छुट्टी पर भेजे गए सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा का सीवीसी को भेजे गए जवाब लीक होने पर कड़ी नाराजगी जताई थी। इसके अलावा सीबीआई के डीआईजी मनीष कुमार के आरोपों के प्रकाशित होने पर भी कोर्ट ने सख्त रुख दिखाया था। बता दें कि आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में एनजीओ कॉमन कॉज ने सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ विशेष जांच टीम के गठन के लिए याचिका डाली है।
सीबीआई बनाम सीबीआई के विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में आलोक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीवीसी की रिपोर्ट पर सुनवाई की थी।आलोक वर्मा ने केंद्र सरकार की ओर से छुट्टी पर भेजे जाने के फैसले को अदालत में चुनौती दी है। स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर करप्शन के आरोप लगने के बाद वर्मा ने उनके खिलाफ जांच का आदेश दिया था और छुट्टी पर भेज दिया था। इसके बाद सरकार ने वर्मा को भी छुट्टी पर भेज दिया। उन पर भी करप्शन के आरोप थे, ऐसे में सरकार का कहना था कि स्वतंत्र जांच के लिए दोनों का ही छुट्टी पर जाना जरूरी है।
सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर नागेश्वर राव के फैसलों को सुप्रीम कोर्ट ग्रीन सिग्नल दे चुका है। कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में कहा कि फैसलों में कुछ भी गलत नहीं पाया गया है। गौरतलब है कि कोर्ट ने वर्मा को छुट्टी पर भेजे जाने के बाद नागेश्वर राव के लिए गए फैसलों को सीलबंद लिफाफे में तलब किया था। कोर्ट ने राव को किसी भी तरह के नीतिगत फैसले नहीं लेने का आदेश दिया है।