0-पाक विदेश मंत्री को सुषमा का करारा जवाब
नई दिल्ली ,02 दिसंबर । पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने बीते गुरुवार को कहा था कि पाक पीएम इमरान खान ने ऐसी गुगली फेंकी कि भारत सरकार को करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास के लिए अपने मंत्री भेजने ही पड़े। कुरैशी के इस बयान पर भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने उन्हें करारा जवाब देते हुए कहा कि इमरान खान सरकार के गुगली बयान से साफ हो गया है कि उसके मन में सिखों की भावनाओं की भावनाओं के प्रति को आदर नहीं है।
पाक के विदेश मंत्री को आड़े हाथों लेते हुए सुषमा स्वराज ने ट्वीट किया, पाकिस्तान श्रीमान विदेश मंत्री आपकी गुगली वाली बात से कोई और नहीं बल्कि आप ही उजागर हो गए हैं। यह बताता है कि सिख भावनाओं के प्रति आपका कोई सम्मान नहीं है, आप केवल गुगली खेलते हैं।
उन्होंने आगे लिखा, मैं यह साफ कर देना चाहती हूं कि हम आपकी गुगली में नहीं फंसे। हमारे दो सिख मंत्री पवित्र गुरुद्वारे में करतार साहिब से प्रार्थना करने गए थे।
बता दें कि बुधवार को करतारपुर कॉरिडोर के शिलान्यास कार्यक्रम के लिए पाकिस्तान ने भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को भी न्यौता भेजा था, लेकिन सुषमा ने अन्य प्रतिबद्धताओं के चलते करतारपुर साहिब जाने से मना कर दिया था। इस कार्यक्रम में भारत की तरफ से मंत्री हरसिमरत कौर बादल और हरदीप सिंह पुरी शामिल हुए थे।
गौरतलब है कि इमरान सरकार के 100 दिन पूरे होने के मौके पर पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि करतारपुर इवेंट दरअसल, इमरान खान की गुगली थी। खास बात यह है कि जब कुरैशी यह बोल रहे थे तो इमरान कार्यक्रम में सबसे आगे बैठे उन्हें सुन रहे थे। मुस्कुराते हुए पाक विदेश मंत्री ने कहा, आपने देखा और दुनिया ने देखा कि कल इमरान खान ने करतारपुर की गुगली फेंक दी और उस गुगली का नतीजा क्या हुआ कि जो हिंदुस्तान मिलने से कतरा रहा था उसे दो मंत्रियों को भेजना पड़ा। वे पाकिस्तान आए।
कुरैशी की यह टिप्पणी भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के उस बयान पर आई थी जिसमें उन्होंने पाक के साथ वार्ता फिर से शुरू करने की संभावना को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि पाकिस्तान जब तक भारत के खिलाफ आतंकी गतिविधियों को नहीं रोकता तब तक बातचीत संभव नहीं है।
मुंबई ,02 दिसंबर । मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के मुसलमानों को आरक्षण न देने के फैसले से मुस्लिम समुदाय में गम और गुस्सा है। कई मुस्लिम धार्मिक संगठनों के पदाधिकारियों ने इस फैसले को खुले तौर पर मुस्लिम विरोधी बताया और इस अन्याय के खिलाफ लडऩे का संकल्प किया है। सरकार के सब का साथ, सब का विकास के नारे को ढकोसला और महज चुनावी प्रचार बताया।
जमीअतुल उलेमा महाराष्ट्र के सेक्रेटरी गुलजार अहमद आजमी ने कहा, फडणवीस सरकार के इस बर्ताव से एक बार फिर बीजेपी की मुसलमानों से नफरत साबित हो गई है। सब का साथ, सब का विकास का नारा झूठा है और जब भी मौका मिला है, बीजेपी ने मुसलमानों को डसा है।
रजा अकेडमी के जनरल सेक्रटरी मोहम्मद सईद नूरी ने कहा, बीजेपी सरकार से तो मुसलमानों को कोई उम्मीद थी ही नहीं। मुस्लिम आरक्षण को लेकर उनका रद्दे-अमल उनके असल अजेंडा को पेश करता है। जहां तक पिछली सरकार की बात है, तो उन्होंने भी जाते-जाते 5 प्रतिशत आरक्षण इस कच्चे अंदाज में दिया कि वह मामला फौरन ही खत्म होकर रह गया। जमीअतुल उलेमा के अध्यक्ष हाफिज नदीम सिद्दीकी ने कहा, फडणवीस का मुसलमानों को आरक्षण न देने की बात करना बीजेपी की मुसलमानों को लेकर असली सोच को दर्शाता है। यह मुसलमानों के साथ अन्याय है। सरकार यह जान ले कि हम अदालत से ले कर सडक़ों तक आंदोलन जारी रखेंगे और आरक्षण लेकर ही दम लेंगे।
अखिल भारतीय उलेमा कौंसिल के सेक्रटरी मौलाना मेहमूद खान दरयाबादी ने कहा, हाई कोर्ट ने मुसलमानों को 5 प्रतिशत शैक्षिक आरक्षण की अनुमति दी थी। इसके बावजूद अगर मुसलमानों को आरक्षण नहीं दिया जा रहा है, तो यह उनके साथ सरासर नाइंसाफी है। उन्होंने कहा मुस्लिम समाज आज भी हर मैदान में दूसरों से बहुत पीछे है, इसीलिए मुसलमानों को आरक्षण हासिल करने की कोशिशें जारी रखनी चाहिए।
जमीअत अहले-हदीस के अध्यक्ष मौलाना अब्दुस्सलाम सलफी ने कहा, जिन मुद्दों को देखते हुए मुसलमानों को 5 प्रतिशत आरक्षण दिया गया था, जिसे अदालत ने भी जारी रखने को कहा था, उन्हें देखते हुए राज्य सरकार का मुसलमानों को आरक्षण न देना बिलकुल गलत है। मुसलमानों को भी तरक्की के मौके दिए जाने चाहिए, जिससे वह आगे बढ़ सकें। ऐसे पक्षपात के माहौल में तरक्की कैसे मुमकिन होगी।
बलिया ,02 दिसंबर । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भगवान हनुमान को दलित बताया तो विपक्षी दलों को बैठे-बिठाए सत्ता पक्ष को घेरने का मौका मिल गया। हनुमान पर दलित का तमगा लगा तो समुदाय के लोग मंदिर में कब्जा करने भी जा पहुंचे। हद तो तब हो गई कि भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर ने चढ़ावे पर हक की बात तक कह डाली। सियासत है, जुबान बेकाबू हो चली है। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता नारद राय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान के बाद पलटवार करते हुए यूपी के सीएम के माता-पिता के डीएनए की जांच की बात कह डाली है।
बलिया में एक कार्यक्रम के दौरान नारद राय ने विवादित टिप्पणी करते हुए कहा, हनुमानजी हों, शंकरजी हों, शिवजी हों...सभी हमारे आराध्य हैं। आराध्य को जाति की सीमा में, जातिसूचक शब्दों से सम्मानित करना, अपमानित करना यह भारतीय जनता पार्टी का रोजगार है। पहले योगीजी को अपनी जाति के बारे में अच्छे से जानना चाहिए, अपनी मां से पूछना चाहिए, अपने बाप से पूछना चाहिए...हम डीएनए टेस्ट कराएंगे तब हनुमानजी पर बहस करेंगे।
सीएम की मां बता सकती हैं कि उनकी जाति क्या है, गोत्र क्या है
एसपी नेता नारद राय इतने पर ही नहीं रुके। उन्होंने कहा, योगीजी पहले बताएं, अपने मां-अपने बाप...मां-बाप ही बताएंगे कि किस जाति के हो....सबसे बढिय़ा उनकी मां ही बता सकती हैं कि वह किस जाति की हैं, उनका गोत्र क्या है, वह किस कुल के रहने वाले हैं। जब आपके माध्यम से वह बता देंगे तो फिर मैं डीएनए टेस्ट कराऊंगा कि उनकी मां जो बताई हैं, उनके बाप जो बताएं हैं वही सही है या गलत है..तब जाकर बात आगे बढ़ेगी।
कैकेयी, सुमित्रा, कौशल्या को एक दिन में ही कैसे हुए चार बच्चे?
इसके बाद नारद राय ने कहा, मैं देवी-देवताओं पर कोई बहस नहीं करना चाहता क्योंकि विनाशकाले विपरीत बुद्धि। भारतीय जनता पार्टी का विनाश नाच रहा है, इसीलिए वह भगवान पर भी आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। सीताजी को इन्होंने टेस्टट्यूब बेबी कह दिया था। हम तो अवतार मानते हैं। दशरथजी के जो चार बच्चे हुए थे, मोदीजी पूछ सकते हैं कि कैकेयी, सुमित्रा और कौशल्या को एक साथ बच्चे कैसे हुए थे। हम लोगों के तो भगवान हैं।
सीएम योगी को नारद राय ने कहा रिफ्यूजी
नारद राय ने यह भी कहा, हम प्रार्थना करते हैं कि धरती पर रहने वाले सभी लोगों को सदबुद्धि दें, सौहार्द बनाकर रहें, बांटने का काम न करें। जो बांटने का काम कर रहा है, जो जाति की बात कर रहा है वह अपनी जाति को परख ले कि किस जाति का है, कहां का रहने वाला है। रिफ्यूजी है, उत्तर प्रदेश का रहने वाला नहीं है।
जैसलमेर ,02 दिसंबर । आठ महीने पहले राजस्थान के बाड़मेर में कथित रूप से लव जिहाद का शिकार होने वाली लापता लडक़ी अपने घर लौट आई है। इस मामले में नया मोड़ उस वक्त आया जब पीडि़त ने बाड़मेर के एसपी से खुद और अपने परिवार को सुरक्षा मुहैया कराने की मांग की। लडक़ी का आरोप है कि एक कश्मीरी युवक ने जबरदस्ती उसका धर्म परिवर्तन कराते हुए शादी की। पीडि़त का कहना है कि उसे जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में बंधक बनाया गया था।
आरोपों के मुताबिक इस साल मार्च में एक कश्मीरी युवक ने बाड़मेर की एक हिंदू लडक़ी को लव जिहाद के जाल में फंसाया। लडक़ी का धर्म परिवर्तन कराने के बाद युवक ने उससे शादी कर ली। इसके बाद उसे कुपवाड़ा ले जाया गया। आतंकवाद प्रभावित कुपवाड़ा में लडक़ी की तलाश करने के लिए बाड़मेर की पुलिस तीन बार गई लेकिन उसे खाली हाथ लौटना पड़ा।
शुक्रवार को लडक़ी अचानक बाड़मेर पहुंची और उसने एसपी राहुल बारहट से मुलाकात की। लडक़ी ने बताया कि कुपवाड़ा में एक घर में उसे बंधक बनाने के बाद युवक ने उससे जबरन दस्तखत कराते हुए शादी कर ली। पीडि़त के मुताबिक उसे बयान देने के लिए मजबूर किया गया। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए लडक़ी ने अपनी और अपने परिवार की जान को खतरा बताया है। पीडि़त ने एसपी से सुरक्षा मुहैया कराए जाने की मांग की है।
इस साल 16 मार्च को लडक़ी लापता हो गई थी। 21 मार्च को इस संबंध में केस दर्ज किया गया। यह भी बताया जा रहा है कि लडक़ी के पिता ने राजस्थान हाई कोर्ट में भी अपील की है, जिस पर सुनवाई अभी लंबित है। बाड़मेर की रहने वाली पीडि़त का कहना है कि कश्मीर के गुलजार खान से शादी के बाद उसका नाम बदलकर जैनब कर दिया गया।
लडक़ी ने पुलिस को यह भी बताया है कि करीब डेढ़ साल पहले खान ने उसकी कुछ तस्वीरें ली थीं और इनके आधार पर वह उसे ब्लैकमेल कर रहा था। 16 मार्च को उसे धमकाते हुए दिल्ली और अहमदाबाद के रास्ते श्रीनगर ले जाया गया। यहां उससे दस्तावेजों पर दस्तखत कराए गए। पीडि़त का आरोप है कि जान से मारने की धमकी देते हुए युवक ने शादी की सहमति देने का उसका विडियो बनाया और इसे यूट्यूब पर अपलोड कर दिया। लडक़ी का आरोप है कि उसे जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट में भी बयान देने के लिए मजबूर किया गया। पीडि़त का कहना है कि गुलजार ने यह भी कहा था कि वह उसे दुबई में बेच देगा।
नई दिल्ली ,01 दिसंबर । अंग परिवहन के लिए ट्रैफिक की समस्या से निपटते हुए ड्रोन की मदद ली जाएगी। केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री ने कहा कि अथॉरिटी हॉस्पिटलों में ड्रोनपोर्ट्स बनाने की तैयारी कर रही है। बड़े ड्रोन के लिए रजिस्ट्रेशन आज 1 दिसंबर से शुरू होगा। इसके लिए एक महीने बाद लाइसेंस इशू करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। हम अपनी ड्रोन पॉलिसी 2.0 पर काम कर रहे हैं। जिसके तहत ड्रोन को नजर से दूर रखकर उड़ाया जा सकेगा। उन्होंने बताया बड़े हॉस्पिटल के बीच एयर कॉरिडोर बनाने पर भी विचार चल रहा है।
हॉस्पिटलों में ड्रोनपोर्ट्स बनने से अंग परिवहन के लिए बहुत ज्यादा समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए नई पॉलिसी पर 15 जनवरी को ग्लोबल एविएशन समिट में विचार किया जाएगा। ड्रोन के लिए स्पेशल डिजिटल एयरस्पेस भी बनाया जाएगा।
अगले फेज में, ड्रोन पॉलिसी में बड़े बदलाव किए जाने हैं। कुछ दिनों में सामान भेजने के लिए एक पायलट कई ड्रोन को ऑपरेट कर सकेगा। इस मुद्दे पर जल्द ही श्वेत पत्र भी जारी किया जाएगा।
0-अब केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह का दावा
बागपत ,01 दिसंबर । इन दिनों बजरंगबली वीर हनुमान की जाति और पहचान बताने को लेकर राजनेताओं में होड़ सी लगी हुई है। अब इस कतार में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय के बाद अब केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह भी शामिल हो गए हैं। बागपत से भाजपा सांसद सत्यपाल सिंह ने हनुमान की पहचान को लेकर नई बात कही है।
उन्होंने कहा कि भगवान राम और हनुमान जी के युग में, यहां कोई जाति व्यवस्था नहीं थी। कोई दलित, वंचित और शोषित नहीं था। वाल्मीकि रामायण और रामचरित मानस का हवाला देते हुए उन्होंने अपने कथन की पुष्टि की। उन्होंने कहा कि उस समय केवल आर्य थे और हनुमान जी उस आर्य जाति के महापुरुष थे।
ज्ञात हो कि नंद कुमार साय ने कहा था, आदिवासियों में हनुमान गोत्र होता है। ठीक उसी तरह रीछ और गिद्दा गोत्र भी होता है। यहां तक कि आदिवासी तिग्गा गोत्र भी लिखते हैं। टिग्गा का मतलब होता है वानर या बंदर। यहां कई आदिवासी समुदाय हैं जिनके अलग-अलग गोत्र होते हैं। जब भगवान राम लंका पर हमला करने गए थे तब उनकी वानरों के सेना में दो वानर गरुण और रीछ भी थे। इनमें हनुमान भी शामिल थे। इसलिए वह दलित नहीं थे।
योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा था?
वहीं, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अलवर के मालाखेड़ा में कहा था, बजरंग बली ऐसे लोकदेवता हैं जो स्वयं वनवासी हैं, गिरवासी हैं दलित हैं वंचित हैं। इससे नाराज ब्राह्मण समाज ने नोटिस में कहा है कि हनुमान भगवान हैं। उन्हें वंचित और लोकदेवता बताना न केवल उनका बल्कि लाखों हनुमान भक्तों का अपमान है।