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जवानों के खिलाफ वारंट समेत जमानतदार को नोटिस
Posted Date : 05-Dec-2018 1:29:53 pm

जवानों के खिलाफ वारंट समेत जमानतदार को नोटिस

0-हाशिमपुरा मामले पर कोर्ट नाराज
नईदिल्ली ,05 दिसंबर । नईदिल्ली के हाशिमपुरा नरसंहार मामले में सभी 16 पीएसी जवानों के आत्मसमर्पण न किए जाने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई. तीस हजारी कोर्ट ने सरेंडर न करने पर सभी चार दोषी पीएसी जवानों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया. वहीं दोषियों की जमानत लेने वाले जमानतदार को भी नोटिस जारी किया.
बता दें कि इन जवानों को हाशिमपुरा मामले में दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषी ठहराया था. कुल 16 जवानों में से 1 दोषी पीएसी जवान कमल सिंह की मौत हो चुकी है. सरेंडर न करने वाले दोषी पीएसी जवानों के नाम राम वीर सिंह, बुद्धि सिंह, लीला धर, बसन्त बल्लभ हैं. वहीं गाजियाबाद के एसएचओ ने भी कोर्ट से सभी दोषियो को अरेस्ट करने के लिए 15 दिन का समय मांगा है.
अब इस मामले की सुनवाई 19  दिसम्बर को होगी. ज्ञात हो कि कुल 11 दोषी पीएसी जवान पहले ही कोर्ट में सरेंडर कर चुके हैं.

पुरोहित की रिहाई अर्जी पर सुनवाई 13 दिसंबर तक टली
Posted Date : 05-Dec-2018 1:29:28 pm

पुरोहित की रिहाई अर्जी पर सुनवाई 13 दिसंबर तक टली

0-मालेगांव ब्लास्ट
मुंबई,05 दिसंबर । मुंबई के मालेगांव ब्लास्ट मामले में कर्नल पुरोहित को अभी राहत मिलती नहीं दिख रही है. हाईकोर्ट ने उसकी रिहाई अर्जी पर सुनवाई 13 दिसंबर तक के लिए टाल दी है. इस मामले में पुरोहित ने बॉम्बे हाईकोर्ट में अर्जी दी है कि इस मामले से उन्हें अब रिहा कर देना चाहिए.
इससे पहले मुंबई की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने कर्नल पुरोहित द्वारा दायर की गई उस याचिका को ख़ारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने मालेगांव ब्लास्ट मामले से यूएपीए को हटाने की मांग की थी. पुरोहित ने कोर्ट में याचिका कर मांग की थी कि उनके खिलाफ चल रहे मालेगांव ब्लास्ट केस से यूएपीए यानी अनलाफुल एक्टिवीटिज (प्रिवेंशन) एक्ट की धारा को हटाया जाए. कर्नल पुरोहित का दावा था कि उनके खिलाफ लगाई गई यूएपीए की धारा वैध नहीं है. यूएपीए की धारा को इस केस में गलत तरीके से जोड़ा गया है. कोर्ट ने केस में लगे यूएपीए की धारा को वैध मानते हुए कर्नल पुरोहित की याचिका ख़ारिज कर दी.
उल्लेखनीय है कि 29 सितम्बर 2008 को महाराष्ट्र के मालेगांव में बम ब्लास्ट हुआ था. इसमें 7 लोगों की मौत और करीब 100 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे. यह ब्लास्ट तब किया गया था, जब लोग नमाज पढऩे जा रहे थे.

बिचौलिया क्रिश्चियन को आज कोर्ट में पेश करेगी सीबीआई
Posted Date : 05-Dec-2018 1:28:28 pm

बिचौलिया क्रिश्चियन को आज कोर्ट में पेश करेगी सीबीआई

0-अगस्ता वेस्टलैंड केस
नईदिल्ली ,05 दिसंबर । अगस्ता वेस्टलैंड प्रकरण हेलीकॉप्टर सौदे मामले में कथित बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल (57) को सीबीआई द्वारा गिरफ्तार कर सऊदी अरब से प्रत्यर्पित करके मंगलवार देर रात भारत लाया गया. सूत्रों के अनुसार मिशेल को लेकर आ रहा गल्फस्ट्रीम का विमान रात दस बजकर 35 मिनट पर इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उतरा. मिशेल के भारत पहुंचने के कुछ देर बाद ही सीबीआई ने उसे गिरफ्तार कर लिया.
इस अभियान के कोड का नाम ‘यूनिकॉर्न’ था. अभियान को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के दिशानिर्देश में चलाया गया. इस पूरे ऑपरेशन के दौरान सीबीआई के अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव संचालित कर रहे थे. उन्होंने बताया कि एजेंसी के संयुक्त निदेशक साई मनोहर के नेतृत्व में अधिकारियों की एक टीम मिशेल को लाने के लिए दुबई गई थी.
एजेंसी ने बताया कि प्रत्यर्पण की प्रक्रिया पूरी करने के बाद मिशेल को भारत वापस लाया गया.
बता दें कि 36,00 करोड़ रुपए की अगस्ता-वेस्टलैंड डील में क्रिश्चियन मिशेल पर मनी लॉन्ड्रिंग, घूस लेने और धोखाधड़ी का आरोप है. उसे 2017 में दुबई पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इसके बाद भारत ने यूएई से क्रिश्चियन को प्रत्यर्पित करने की अपील की थी.
यूएई सरकार ने मिशेल को भारत प्रत्यर्पित करने की मंजूरी दे दी थी, जिसके खिलाफ उसने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मिशेल को भारत लाए जाने से पहले यूएई की कोर्ट ने उसकी अपील को खारिज कर दिया था. सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने बताया कि अगस्ता वेस्टलैंड को ठेका दिलाने और भारतीय अधिकारियों को गैरकानूनी कमीशन या रिश्वत का भुगतान करने के लिए बिचौलिए के तौर पर मिशेल की संलिप्तता 2012 में सामने आई थी.
कौन है क्रिश्चियन मिशेल?
मिशेल 1980 के दशक से ही कंपनी के साथ काम कर रहा था और इससे पहले उसके पिता भी भारतीय क्षेत्र के लिए कंपनी के ऐड्वाइजर रह चुके थे. सीबीआई प्रवक्ता अभिषेक दयाल के मुताबिक मिशेल अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर्स का ‘ऐड्वाइजर’ बताया जाता है जिसे हेलीकॉप्टर, सैन्य अड्डों और पायलटों की तकनीकी जानकारी थी. आरोप है कि अगस्ता वेस्टलैंड ने डील फाइनल कराने के लिए क्रिश्चियन को करीब 350 करोड़ रुपये सौंपे थे, जो भारतीय राजनेताओं, एयरफोर्स के अधिकारियों और ब्यूरोक्रेट्स को देने थे.
मिशेल पर आरोप है कि उसने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक षडयंत्र रचा. सह आरोपी में तत्कालीन वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं. षड्यंत्र के तहत लोक सेवकों ने वीवीआईपी हेलीकॉप्टर की उड़ान भरने की ऊंचाई 6000 मीटर से घटाकर 4500 मीटर कर अपने सरकारी पद का दुरुपयोग किया. प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि मिशेल को हेलीकॉप्टर, सैन्य अड्डों और पायलटों की तकनीकी संचालनात्मक जानकारी थी.

प्राकृतिक आपदाओं से हुई मौतों में विश्व में दूसरा सबसे खराब देश है भारत
Posted Date : 05-Dec-2018 1:27:18 pm

प्राकृतिक आपदाओं से हुई मौतों में विश्व में दूसरा सबसे खराब देश है भारत

नई दिल्ली ,05 दिसंबर । खराब मौसम के कारण होने वाली आपदाओं और उससे हुई लोगों की मौत के मामले में वर्ष 2017 में भारत दुनिया में 14वें नंबर पर था। 2015 में इस मामले में भारत चौथे और 2016 में छठे नंबर पर था। इसके चलते 2017 में भारत ने अपनी स्थिति में सुधार किया था, किन्तु 2018 में भारत को इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर रखा गया है। 2013 में भारत इस मामले में तीसरे नंबर पर था, जिसके बाद से अब तक यह भारत की सबसे बुरी स्थिति है। मंगलवार को पोलैंड में हुई यूएन क्लाइमेट कॉन्फ्रेंस में बताया गया कि भारत ग्लोबल क्लाइमेट रिस्क इंडेक्स में दूसरे नंबर पर है।
सीआरआई जलवायु परिवर्तन से जुड़ी वजहों से किसी देश में प्रति लाख आबादी में लोगों की मौत आकंड़े से उस देश की जीडीपी को होने वाले नुकसान के विश्लेषण पर आधारित है। इस गणना में बाढ़, साइक्लोन, टॉरनेडो, लू और शीत लहर से होने वाली मौतों को शामिल किया जाता है। इस साल दिए गए आंकड़ों की बात करें, तो भारत में 2017 में प्राकृतिक आपदाओं से 2,736 मौतें दर्ज की गईं, जबकि पुअर्तो रीको 2,978 मौतों के साथ इस लिस्ट में पहले नंबर पर है। 
ये आंकड़े बर्लिन के स्वतंत्र संगठन जर्मनवॉच द्वारा जारी किए गए हैं। इन्हें जारी करते हुए जर्मनवॉच की तरफ से कहा गया कि सीआरआई किसी देश में मौसम संबंधी त्रांसदियों से होने वाली मौत के बारे में बताता है। साथ ही, यह देशों को आगाह करता है कि भविष्य में ऐसे मामलों में इन देशों को और ज़्यादा तैयार रहने की ज़रूरत है। 
जर्मनवॉच द्वारा जारी किए गए दस्तावेज बताते हैं कि अकेले 2017 में पूरी दुनिया में 11,500 लोगों की मौत हुई और इससे करीब 375 बिलियन डॉलर यानी 30 हज़ार करोड़ डॉलर से ज़्यादा का आर्थिक नुकसान हुआ। यह आंकड़े 2017 से पहले के बरसों से मुकाबले सबसे ज़्यादा हैं। 2013 में उत्तराखंड त्रासदी की वजह से भारत की रैकिंग बहुत खराब हो गई थी। वहीं इस साल भारत के दूसरे नंबर पर होने की सबसे बड़ी वजह केरल में आई बाढ़ है।

बिहार, केरल को सभी जिलों में विशेष अदालतों के गठन का निर्देश
Posted Date : 04-Dec-2018 12:36:59 pm

बिहार, केरल को सभी जिलों में विशेष अदालतों के गठन का निर्देश

0-सांसदों/ विधायकों के खिलाफ मामला
नयी दिल्ली,04 दिसंबर । सुप्रीम कोर्ट ने वर्तमान एवं पूर्व सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों पर सुनवाई के लिए बिहार और केरल के प्रत्येक जिले में स्पेशन कोर्ट के गठन का मंगलवार को निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एसके कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसफ की पीठ ने दोनों राज्यों के प्रत्येक जिले में विशेष अदालतों के गठन के दिशा-निर्देश देने के साथ ही 14 दिसंबर तक पटना तथा केरल उच्च न्यायालयों से अनुपालन रिपोर्ट पेश करने को भी कहा है। शीर्ष अदालत ने हाईकोर्टों से कहा कि पहले से गठित विशेष अदालतों से मामलों को जिला अदालतों में भेज दिया जाए। शीर्ष अदालत ने कहा है कि सांसदों/विधायकों के खिलाफ मामलों की सुनवाई के लिए दो राज्यों के जिलों में जरूरत के अनुसार अदालतों का गठन किया जा सकता है। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि विशेष अदालतें जब सांसदों और विधायकों के खिलाफ लंबित मामलों की सुनवाई करेंगी तो उनकी की प्राथमिकता में उम्र कैद के मामले होंगे। अदालत अधिवक्ता एवं भाजपा नेता अश्चिनी उपाध्याय की उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें आपराधिक मामलों में दोषी सिद्ध नेताओं पर ताउम्र प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी, साथ ही निर्वाचित प्रतिनिधियों से जुड़े इस तरह के मामलों में तेज सुनवाई के लिए विशेष अदालतें गठित करने की भी मांग की गई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने नई एसआईटी का किया गठन
Posted Date : 04-Dec-2018 12:36:25 pm

सुप्रीम कोर्ट ने नई एसआईटी का किया गठन

0-1984 सिख दंगा मामला
नईदिल्ली,04 दिसंबर । सुप्रीम कोर्ट ने 1984 सिख दंगा मामले की जांच हेतु 10 महीने के लिए नई एसआईटी का गठन कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस बार एसआईटी में केवल दो लोगों को ही सदस्य बनाया है. एसआईटी की टीम बंद हुए 186 प्रकरणों को खोलेगी और इस पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर सुप्रीम कोर्ट को दस माह में सौंपेगी.
1984 सिख दंगों में बंद हो चुके मामलों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने नई एसआईटी का गठन कर दिया है. पीआईएल दायर कर सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में एसआईटी का गठन करने की मांग की गई थी. मामले की सुनवाई करते हुए अब सुप्रीम कोर्ट ने एसआईटी का गठन कर दिया है. नई एसआईटी दस माह में अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपेगी. इससे पहले की एसआईटी के प्रमुख एसएन धिंगरा थे.
गौरतलब है कि पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में 1984 में सिख विरोधी दंगे को लेकर ट्रायल कोर्ट के फैसले के खिलाफ की गई 22 साल पुरानी अपील पर बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की तरफ से दोषी करार दिए गए सभी 88 दोषियों की सजा के फैसले को बरकरार रखा है और सभी को सरेंडर करने को कहा है. ट्रायल कोर्ट ने दंगों, घरों को जलाने और कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए साल 1996 में उन्हें पांच साल की सजा सुनाई थी. इस मामले में 95 शव बरामद हुए थे लेकिन किसी भी दोषी पर हत्या की धाराओं में आरोप तय नहीं हुए थे.