नई दिल्ली ,09 दिसंबर । आने वाले समय में थर्ड पार्टी (टीपी) इंश्योरेंस सस्ता हो सकता है। केंद्र सरकार थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के प्रीमियम पर लगने वाले वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती के लिए जल्द ही एक प्रस्ताव लाने वाली है। वर्तमान में थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के प्रीमियम पर जीएसटी की दर 18त्न है। टीपी इंश्योरेंस लेना सभी वाहन मालिकों के लिए अनिवार्य है। कर में कटौती से वाहन मालिकों को राहत मिलेगी।
सूत्रों को मिली जानकारी के मुताबिक, प्रीमियम पर लगने वाले जीएसटी की उच्च दर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की एक बैठक में चर्चा हो सकती है।
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, वित्तीय सेवाओं के विभाग को दर में कटौती पर सुझाव देने के लिए कहा गया है, ताकि प्रस्ताव को जीएसटी परिषद की अगली बैठक में रखा जा सके। अधिकारियों का विचार है कि इस मामले में जीएसटी दर के पुनर्गठन की जरूरत है, क्योंकि वाहन मालिकों के पास किसी भी कीमत पर इसे खरीदने के अलावा और कोई चारा नहीं है।
वहीं, ट्रकर्स एसोसिएशन ने टीपी प्रीमियम पर जीएसटी से पूरी तरह छूट की मांग की है और वित्त मंत्रालय ने उनकी मांग पर विचार करने का भरोसा दिया है। ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के बाल मालकित सिंह ने कहा, यह समाज से जुड़ा मुद्दा है और उसपर इसका असर पड़ता है। हमें अभी भी भरोसा है कि सरकार टीपी प्रीमियम पर जीएसटी को खत्म करेगी। इससे एक बड़े ट्रक पर लगने वाले प्रीमियम में पांच से सात हजार रुपये तक कमी आएगी और कुछ राहत मिलेगी।
इस बीच, पीएमओ ने सडक़ परिवहन मंत्रालय से कहा है कि वह सभी वाहनों के लिए अनिवार्य टीपी इंश्योरेंस के अधिक से अधिक प्रवर्तन के लिए सभी राज्यों को पत्र लिखे। वर्तमान में रजिस्टर्ड 50त्न से अधिक वाहनों के पास मान्य इंश्योरेंस कवर नहीं है।
श्रीनगर,09 दिसंबर । श्रीनगर के बहारी इलाके में दूसरे दिन रविवार को भी सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ जारी रही। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि शनिवार शाम श्रीनगर-बांदीपुरा मार्ग के पास मुज्गुंड इलाके में घेराबंदी कर तलाश अभियान शुरू किया गया था। आतंकवादियों के सुरक्षाबलों पर गोलीबारी करने के बाद मुठभेड़ शुरू हो गई। अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ आज सुबह फिर शुरू हो गई और आतंकवादियों को ठिकाने लगाने के लिए अभियान जारी है। उन्होंने बताया कि रात में गोलीबारी रुक गई थी। सुरक्षाबलों ने इलाके की घेराबंदी कर रखी थी, ताकि आतंकवादी वहां से भाग न पाएं। अधिकारियों ने एहतियाती तौर पर इलाके में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी हैं।
0-सीएम फडणवीस से मिलेंगे
मुंबई ,09 दिसंबर । केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने अपनी पार्टी के एक कार्यक्रम में थप्पड़ मारे जाने की घटना को सुरक्षा में चूक करार दिया है। उन्होंने कहा कि वह इस संबंध में महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात करेंगे और जांच की मांग करेंगे। उधर, महाराष्ट्र पुलिस ने थप्पड़ मारने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर केंद्रीय मंत्री की सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।
रामदास आठवले ने कहा, मैं एक लोकप्रिय नेता हूं। ऐसा किसी व्यक्ति के किसी बात को लेकर गुस्सा होने पर किया गया है। वहां पर सुरक्षा व्यवस्था पर्याप्त नहीं थी। मैं इस घटना के संबंध में मुख्यमंत्री से मुलाकात करूंगा। इसकी जांच की जानी चाहिए। बता दें कि शनिवार रात एक युवक ने उन्हें थप्पड़ जड़ दिया था। आठवले अपनी रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे, जहां युवक ने घटना को अंजाम दिया।
हमले के बाद वहां मौजूद पार्टी कायकर्ताओं ने युवक की धुनाई कर दी। इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया। आरोपी के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली है। इस घटना के बाद शहर में तनाव का माहौल देखते हुए पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है। दरअसल, केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्यमंत्री रामदास आठवले अंबरनाथ वेस्ट स्थित नेताजी चौक पर पार्टी की एक रैली को संबोधित करने पहुंचे थे।
पुलिस ने बताया कि भाषण देने के बाद आठवले स्टेज से उतर रहे थे, इसी दौरान युवक ने उन्हें थप्पड़ मार दिया। घटना होते ही पार्टी के कार्यकर्ता आरोपी युवक पर टूट पड़े। पुलिस इंस्पेक्टर नरेंद्र पाटिल ने आठवले को थप्पड़ मारे जाने की घटना की पुष्टि की है। पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक प्रवीण गोस्वामी को हिरासत में ले लिया गया है। हालांकि, अभी तक इस बात का पता नहीं चल पाया है कि उसने केंद्रीय मंत्री पर हमला क्यों किया। जहां घटना हुई है, वह पार्टी का गढ़ माना जाता है।
दूसरी ओर घटना के बाद आठवले की पार्टी के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। शनिवार रात को ही बड़ी संख्या में लोग आठवले के निवास पर इक_ा हो गए। पार्टी ने इसे पूर्व नियोजित हमला करार देते हुए इसके मास्टरमाइंड को पकडऩे की मांग की। साथ ही पार्टी ने रविवार को महाराष्ट्र बंद बुलाया है।
0-सरकार ने दी मंजूरी
नई दिल्ली ,09 दिसंबर । दिल्ली में सन् 1960 के बाद एक बार फिर सडक़ों पर ट्राम चलाने की योजना बन रही है। दरअसल, यह फैसला सरकार ने लिया है। दावा किया जा रहा है कि यह फैसला व्यापारियों और आम लोगों की डिमांड पर लिया गया है। अरसों बाद दिल्ली की सूरत बदलने वाली है। राजधानी दिल्ली की सडक़ों पर 58 सालों के बाद एक बार फिर ट्राम चलाई जाएगी।
ट्राम चलाने की इस योजना को दिल्ली सरकार ने मंजूरी दी है। दिल्ली सरकार ने चांदनी चौक इलाके में इलेक्ट्रिक ट्राम चलाने की घोषणा की है। अंग्रेजों ने दिल्ली में 1908 में पहली बार ट्राम की शुरुआत की थी लेकिन बढ़ती जाम की वजह से 1960 में इसके संचालन पर रोक लगा दी गयी थी।
अब चांदनी चौक के ट्रैफिक जाम को दूर करने के साथ-साथ दिल्ली-6 की ऐतिहासिक विरासत को उसी अंदाज में लोगों के सामने रखने का मकसद है। चांदनी चौक रिडेवलपमेंट प्लान पर काम शुरू हो गया है। यह योजना उसी का हिस्सा बताया जा रहा है।
बीते शुक्रवार को डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने इस परियोजना का शुभारंभ करते हुए दिल्ली में ट्राम चलाने को लेकर सरकार की इस योजना पर भी बात की। इस मौके पर मनीष सिसोदिया ने कहा, दिल्ली सरकार ने कई विकास की योजनाओं की शुरुआत करने जा रही है। दिल्ली की ऐतिहासिक विरासत को आगे बढ़ाने का हमने जिम्मा लिया है और इस चुनौती को हम स्वीकार करते हैं।
इस बारे में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि चांदनी चौक के ऐतिहासिक गौरव को यहां के पुनर्विकास द्वारा फिर स्थापित किया जा सकेगा। जो भी चांदनी चौक घूमने, खरीदने या सामान बेचने आएंगे,उन्हें भारी ट्रैफिक जाम से जूझना नहीं पड़ेगा। अगर किसी व्यक्ति के पास कम समय है तो भी उन्हें यहां आने में अब हिचक नहीं होगी। बेहतर पुनर्विकास से यहां टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा।
प्रयागराज,09 दिसंबर । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कुंभ मेले को लेकर चल रही तैयारियों की शनिवार शाम को समीक्षा करने के बाद कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रयागराज की धरती पर 16 दिसंबर को आगमन होगा और वह लगभग 3500 करोड़ रुपये के कार्यों का लोकार्पण करेंगे।
मुख्यमंत्री यहां सर्किट हाउस में समीक्षा बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा,एक भव्य एवं दिव्य कुंभ का आयोजन प्रयागराज की धरती पर हो सके, इसके लिए हमने एक वर्ष पहले ही कार्य प्रारंभ कर दिया था। कार्य की प्रगति बहुत अच्छी है। उन्होंने कहा, पहली बार प्रयागराज में कुंभ का जो आयोजन होगा, केंद्र और प्रदेश के सहयोग से यहां ढांचागत विकास के कार्य लोगों को देखने को मिलेंगे। थीम पेंटिंग के माध्यम से प्रयागराज और भारतीय संस्कृति को देश दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का यह एक अद्भुत अवसर होगा। योगी ने कहा, प्रयागराज के जो कार्य 15 दिसंबर तक पूरे हो जाएंगे। लगभग 3500 करोड़ रुपये के इन कार्यों का लोकार्पण करने के लिए प्रधानमंत्री स्वयं 16 दिसंबर को प्रयागराज आएंगे। इन्हीं सब कार्यों की समीक्षा मैंने की है।
0-8 सालों में सबसे ज्यादा
नई दिल्ली ,09 दिसंबर । जम्मू और कश्मीर में इस साल सुरक्षा बलों ने 223 आतंकियों को ढेर किया है। यह पिछले 8 सालों सूबे में मारे जाने वाले आतंकियों का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इससे पहले 2010 में 232 आतंकी मारे गए थे। गृह मंत्रालय के आकंड़ों के मुताबिक, सूबे में इस साल आतंकी गतिविधियों में भी पिछले साल के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल जहां आतंक से संबंधित 342 घटनाएं हुईं, वहीं इस साल अबतक 429 घटनाएं हो चुकी हैं। पिछले साल जहां 40 सिविलियन मारे गए थे, वहीं इस साल 77 सिविलियन मारे गए हैं। इस साल सुरक्षा बलों के 80 जवान शहीद हुए हैं। पिछले साल भी 80 जवान शहीद हुए थे।
पाकिस्तानी आतंकियों को मिल रहा लोकल सपॉर्ट
घाटी में इस साल पाकिस्तानी आतंकियों द्वारा किए गए आतंकी हमलों में इजाफा हुआ है। पाकिस्तानी आतंकियों को घाटी में उनके लोकल काडर का साथ मिल रहा है। यह हाल तब है जब सेना ने मुठभेड़ की जगहों पर पत्थरबाजी करने वालों को सख्त चेतावनी दी थी कि उन्हें आतंकियों के ओवर-ग्राउंड सपॉर्टर के तौर पर देखा जाएगा।
पिछले साल मारे गए थे 213 आतंकी
जम्मू-कश्मीर में इस साल आतंकियों के मारे जाने का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है, क्योंकि अभी साल को खत्म होने में 3 हफ्ते से ज्यादा समय है। इस साल मारे जाने वाले आतंकियों की तादाद पहले ही पिछले साल के 213 के आंकड़े को पार चुका है।
इस साल जो 223 आतंकी मारे गए, उनमें 93 विदेशी थे। 15 सितंबर को सूबे में स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव के ऐलान के बाद से 80 दिनों में ही 81 आतंकी मारे जा चुके हैं। वहीं 25 जून से लेकर 14 सितंबर के बीच 51 आतंकी ढेर किए गए।
8 सिविलियन की भी हुई मौत
15 सितंबर से 5 दिसंबर के बीच 2 सिविलियन भी मारे गए। वहीं, इस दौरान पत्थरबाजी की घटनाओं में 170 लोग जख्मी हुए। इसी तरह, 25 जून से 14 सितंबर के बीच 8 सिविलियन मारे गए और पत्थरबाजी की वजह से 216 घायल हुए। पत्थरबाजी की ये घटनाएं ज्यादातर उन जगहों पर हुईं, जहां सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ चल रहे थे।
राज्यपाल शासन के दौरान ज्यादा मारे गए आतंकी
जम्मू-कश्मीर में 19 जून को राज्यपाल शासन लागू होने के बाद पहले के मुकाबले ज्यादा आतंकी ढेर हुए हैं। इस दौरान सुरक्षा बलों ने घाटी में कई शीर्ष आतंकी कमांडरों को भी ढेर किया। इनमें लश्कर कमांडर नवीद जट, जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर का भतीजा स्नाइपर उस्मान हैदर और हिज्बुल मुजाहिदीन कमांडर अल्ताफ अहमद डार भी शामिल हैं।
इस समय घाटी में सक्रिय हैं 250-300 आतंकी
पिछले साल के मुकाबले ज्यादा सिविलियन की मौत के साथ-साथ सुरक्षा बलों के लिए जो एक और बड़ी चिंता की बात है, वह है स्थानीय आतंकियों की भर्ती में इजाफा। हिज्बुल मुजाहिदीन और पाकिस्तानी आतंकी संगठन स्थानीय कश्मीरियों को भर्ती कर रहे हैं। एक इंटिलिजेंस अधिकारी ने बताया, हालांकि, हाल के महीनों में आतंकी संगठनों में स्थानीय युवाओं की भर्ती के मामलों में कई आई है। इस समय घाटी में 250 से 300 आतंकियों के सक्रिय होने का अनुमान है।
स्थानीय चुनाव में बाधा पहुंचाने के लिए आतंकी हुए पहले से ज्यादा सक्रिय
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आतंकी घटनाओं में इजाफा की मुख्य वजह यह रही कि इस साल आतंकी पहले से ज्यादा सक्रिय थे। पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों ने शहरी निकाय और पंचायत चुनावों में बाधा पहुंचाने की हर मुमकिन कोशिश की। अलगाववादियों ने भी चुनाव प्रक्रिया को पटरी से उतारने के लिए बहिष्कार की अपील की और बार-बार बंद का भी आह्वान किया।