राज्य

वेल में घुसते ही स्वत: निष्कसित हो जाएंगे माननीय
Posted Date : 21-Dec-2018 1:24:48 pm

वेल में घुसते ही स्वत: निष्कसित हो जाएंगे माननीय

0-प्ले कार्ड दिखाने और दूसरों को बाधा पहुंचाने वालों के लिए भी तय होगी सजा
0-कड़े नियम बनाने पर स्पीकर को मिला कांग्रेस छोड़ सभी दलों का साथ
0-रूल्स कमेटी के सदस्यों ने नियमों में बदलाव का ड्राफ्ट तैयार करने का दिया अधिकार

नई दिल्ली ,21 दिसंबर । लोकसभा में वेल में हंगामा करने वाले सांसद अब स्वत: ही निष्कासित हो जाएंगे। इसके अलावा कार्यवाही के दौरान प्ले काड्र्स दिखाने, दूसरों को बोलने के दौरान बाधा पहुंचाने की भी सजा जल्द तय होगी। लोकसभा की 15 सदस्यीय रूल्स कमेटी ने सदन के नियमों में बदलाव का ड्राफ्ट तैयार करने का अधिकार कमेटी की अध्यक्ष स्पीकर सुमित्रा महाजन को दे दिया है। शुक्रवार को कमेटी की बैठक में कांग्रेस के इस प्रस्ताव को सभी दलों ने खारिज कर दिया कि नियमों में बदलाव का जिम्मा नई लोकसभा को दे दी जाए।
शीत सत्र में पहले दिन से हंगामे के कारण कार्यवाही ठप रहने से आजिज हो कर स्पीकर ने गुरूवार को सभी दलों केनेताओं से बात की थी। अमर्यादित आचरण में बदलाव का ठोस आश्वासन न मिलने के बाद स्पीकर ने गुरूवार को कमेटी की बैठक बुलाई थी। उक्त बैठक में भी स्पीकर ने साफ कर दिया था कि वह सदन चलाने से जुड़े नियमों में सख्ती लाना चाहती हैं।
कमेटी के एक सदस्य के मुताबिक बैठक से दूर रही कांग्रेस के संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ने पत्र लिख कर नियमों में बदलाव का विरोध करते हुए कहा था कि इसकी जिम्मेदारी नई लोकसभा पर डाल दी जाए। इस पत्र का भाजपा केसदस्य निशिकांत दुबे और बीजेडी के भर्तृहरि महताब सहित अन्य सदस्यों ने असहमति जताई। दोनों ने कहा कि हालत इतनी खराब है कि इसके लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना चाहिए। महताब ने कहा कि वह चाह कर भी बीते कई सत्र से जरूरी मुद्दे नहीं उठा पा रहे हैं। इसकेबाद समिति के सभी सदस्यों ने संसद चलाने केनियम 374(ए) में बदलाव के लिए ड्राफ्ट बनाने का जिम्मा स्पीकर को दिया। बैठक में टीएमसी भी मौजूद नहीं थी, मगर सदस्य सुदीप बंदोपाध्याय ने पहले ही पत्र लिख स्पीकर का समर्थन कर दिया था।
हंगामे पर नियंत्रण के लिए नियमों में बदलाव कर वेल में आते ही स्वत: निष्कासन की व्यवस्था की। इसके तहत वेल में आने वाले सदस्य स्वत: ही तीन दिन के लिए निष्कासित हो जाते हैं। लोकसभा में अभी नियम 374 (ए) के तहत स्पीकर को संबंधित सदस्य का नाम लेना होता है या कार्रवाई के लिए सरकार को प्रस्ताव लाना होता है। अब स्पीकर तय करेंगी कि ऐसे मामले में सांसदों का निष्कासन कितने दिनों का है।
इससे पहले गुरूवार को विभिन्न दलोंं के नेताओं के साथ बैठक में स्पीकर बुरी तरह नाराज हो गई थी। उन्होंने कहा था कि वह जब तक इस सदन में हैं तब तक सदन नियम से ही चलेगा। वर्तमान नियम का चूंकि कोई प्रतिष्ठïा या भय नहीं दिख रहा, इसलिए वह रूल्स कमेटी की बैठक बुला रही हैं।

बीजेपी पर सदन की कार्यवाही बाधित करने का टीएमसी ने लगाया आरोप
Posted Date : 20-Dec-2018 12:20:03 pm

बीजेपी पर सदन की कार्यवाही बाधित करने का टीएमसी ने लगाया आरोप

नयी दिल्ली ,20 दिसंबर । राज्यसभा की बैठक लगातार दूसरे सप्ताह बाधित रहने के लिये टीएमसी ने बीजेपी को जिम्मेदार ठहराते हुये सत्तापक्ष पर विपक्ष को जनहित के विभिन्न मुद्दे सदन में उठाने से रोकने के लिये कार्यवाही नहीं चलने देने का आरोप लगाया। राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने गुरुवार को सदन की बैठक शुरु होने के कुछ समय बाद ही दिन भर के लिये स्थगित किए जाने पर क्षोभ व्यक्त किया। उन्होंने भाजपा पर सदन की बैठक बाधित कराने का आरोप लगाते हुये कहा ‘‘संसद के शीतकालीन सत्र की तीन सूत्री पटकथा लिखी गयी है, जिसमें भाजपा सदन में अन्नाद्रमुक सदस्यों को आसन के समीप भेजती है जिससे सदन की कार्यवाही बाधित हो जाये।’’ उल्लेखनीय है कि उनकी पार्टी ने बृहस्पतिवार को ‘युवाओं को नौकरी और रोजगार’ विषय पर चर्चा कराने की मांग को लेकर नियम 267 के तहत नोटिस दिया था। डेरेक ने सदन की बैठक में लगातार व्यवधान के लिये सत्तापक्ष पर रोष व्यक्त करते हुये ट्वीटर के माध्यम से कहा ‘‘सदन में गतिरोध पैदा किया जाता है जिससे विपक्ष रोजगार, किसानों के असंतोष और संवैधानिक संस्थाओं पर गहराते संकट जैसे मुद्दे नहीं उठा सके।’’

लालू को मिली अंतरिम जमानत, अभी जेल में ही रहेंगे
Posted Date : 20-Dec-2018 12:19:11 pm

लालू को मिली अंतरिम जमानत, अभी जेल में ही रहेंगे

0-आईआरसीटीसी घोटाला
नई दिल्ली ,20 दिसंबर । रेलवे टेंडर घोटाले में दायर दो मुकदमों में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव को राहत मिल गई है। राजधानी की पटियाला हाउस कोर्ट ने सीबीआई और ईडी की ओर से दायर मुकदमों में लालू को 19 जनवरी तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। हालांकि जमानत मिलने के बावजूद चारा घोटाला मामले की सजा काट रहे लालू अभी जेल में ही रहेंगे।
स्पेशल जज अरुण भारद्वाज ने रांची जेल से विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए प्रसाद को अंतरिम राहत दी। चारा घोटाला मामले में जेल में बंद लालू स्वास्थ्य कारणों से अदालत आने में सक्षम नहीं थे, इसलिए वह विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। इससे पिछली सुनवाई में जज भारद्वाज को बताया गया था कि खराब सेहत की वजह से लालू पहले के निर्देश के मुताबिक अदालत के समक्ष उपस्थित नहीं हो सकते हैं। 
ऐसे में अदालत ने सीबीआई और ईडी को निर्देश दिया कि लालू चाहे अस्पताल में हों या फिर जेल में, विडियो कॉन्फ्रेंस के मार्फत उनकी मौजूदगी सुनिश्चित की जाए। 
अदालत ने सीबीआई और ईडी को निर्देश दिया कि वह दोनों मामलों में प्रसाद की जमानत याचिका पर अपना जवाब दें। यह मामला आईसीआरसीटीसी के दो होटेल की देखरेख का ठेका निजी फर्म को सौंपने में हुई अनियमितताओं से जुड़ा है। इससे पहले 6 अक्टूबर को हुई सुनवाई में अदालत ने इसी मामले में राबड़ी और तेजस्वी यादव को भी जमानत दी थी।
टेंडर के बदले 3 एकड़ जमीन 
आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू ने रेलवे के 2 होटलों बीएनआर रांची और पुरी के देखभाल की जिम्मेदारी विनय और विजय कोचर के मालिकाना हक वाली कंपनी सुजाता होटल को सौंपी और इसके बदले लालू ने एक बेनामी कंपनी के जरिए 3 एकड़ महंगी जमीन प्राप्त की। सीबीआई ने इस मामले में इंडियन पेनल कोड की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), धारा 420 (धोखाधड़ी) और भ्रष्टाचार से जुड़ी अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। 
आरोपों के मुताबिक पुरी और रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों के नियंत्रण को पहले आईआरसीटीसी को सौंपा गया और फिर इसका रखरखाव, संचालन और विकास का काम पटना स्थित सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को दे दिया गया। सुजाता होटल को फायदा पहुंचाने के लिए टेंडर की शर्तों को हलका कर दिया गया। इसके बदले में पूर्वी पटना में 3 एकड़ जमीन को बेहद कम कीमत पर डिलाइट मार्केटिंग को दिया गया जो कि लालू यादव के परिवार के जानकार की है। बाद में इसे लारा प्रॉजेक्ट्स को स्थानांतरित कर दिया गया, जिसके मालिक लालू के परिवार के सदस्य हैं।

सज्जन कुमार ने सरेंडर के लिए हाईकोर्ट से मांगे 30 दिन
Posted Date : 20-Dec-2018 12:18:32 pm

सज्जन कुमार ने सरेंडर के लिए हाईकोर्ट से मांगे 30 दिन

0-1984 सिख विरोधी दंगे
नईदिल्ली ,20 दिसंबर । 1984 सिख विरोधी दंगा मामले के दोषी सज्जन कुमार ने सरेंडर के लिए हाईकोर्ट से एक महीने का समय मांगा है. इस केस की सुनवाई कल हो सकती है. उन्हें इसी हफ्ते दिल्ली हाईकोर्ट ने उम्र कैद की सज़ा सुनाई थी. कोर्ट ने उन्हें 31 दिसंबर तक सरेंडर करने का आदेश दिया है. उम्रकैद के अलावा उनपर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. इसके अलावा बाकी दोषियों को जुर्माने के तौर पर एक-एक लाख रुपये देने होंगे.
ज्ञात हो कि मंगलवार को कोर्ट से फैसला आने के बाद सज्जन कुमार ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था। 
ये मामला तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एक नवंबर 1984 का है. दिल्ली छावनी के राजनगर क्षेत्र में एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. मामले में बाक़ी लोगों को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है.
करीब 34 साल बाद 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की दो जजों की बेंच ने सोमवार को निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए सज्जन कुमार को दंगे के लिए दोषी माना और उम्रकैद की सजा दे दी. उनको आपराधिक षडयंत्र रचने, हिंसा कराने और दंगा भडक़ाने का दोषी पाया गया है. इस मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को पहले निचली अदालत ने बरी कर दिया था.
जस्टिस एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने 29 अक्टूबर को सीबीआई, दंगा पीडि़तों और दोषियों की ओर से दायर अपीलों पर दलीलें सुनने का काम पूरा करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था. मामले की शुरुआत 1984 से होती है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद देशभर में सिख विरोधी दंगे भडक़ गए थे. दिल्ली भी इससे अछूती नहीं रही. हिंसा की इसी आग में राजधानी के दूसरे पंजाबी बहुल इलाकों के साथ पूर्वी त्रिलोकपुरी इलाके में करीब 95 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग सौ घरों को जला दिया गया था.
क्या था मामला
एक नवंबर 1984 को हरदेव सिंह, कुलदीप सिंह और संगत सिंह महिपालपुर में अपनी किराने की दुकानों पर थे. उसी समय 800 से 1000 लोगों की हिंसक भीड़ उनकी दुकानों की तरफ आई. भीड़ में शामिल लोगों के हाथों में लोहे के सरिए, लाठियां, हॉकी स्टिक, पत्थर, केरोसीन तेल था. इस पर उन्होंने (हरदेव,कुलदीप और संगत) ने दुकानें बंद कर दी और वे सुरजीत सिंह नाम के शख्स के किराए के घर की तरफ भागे. कुछ समय बाद अवतार सिंह ने भी वहीं शरण ली. उन्होंने अंदर से कमरा बंद कर लिया.
दुकानों को जलाने के बाद भीड़ ने सुरजीत के कमरे को निशाना बनाया. उन्होंने सभी को बुरी तरह से मारा. उन्होंने हरदेव और संगत को चाकू से गोद दिया और सभी लोगों को बालकनी से नीचे फेंक दिया.
आरोपियों ने कमरे को केरोसीन छिडक़कर आग लगा दी. घायलों को बाद में सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां अवतार सिंह और हरदेव सिंह की मौत हो गई.
दिल्ली पुलिस ने 1994 में सबूतों की कमी के अभाव में केस बंद कर दिया. हालांकि एसआईटी ने मामले की आगे की जांच की थी.
क्यों हुए थे दंगे?
1984 में इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी. जिसके बाद देश के कई शहरों में सिख विरोधी दंगे भडक़ उठे थे. कहा जाता रहा है कि कांग्रेस पार्टी के कुछ कार्यकर्ता इसमें सक्रिय रूप से शामिल थे. इंदिरा गांधी की हत्या सिखों के एक अलगाववादी गुट ने उनके द्वारा अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में करवाई गई सैनिक कार्रवाई के विरोध में कर दी थी.
भारत सरकार की ऑफिशियल रिपोर्ट के मुताबिक पूरे भारत में इन दंगों में कुल 2800 लोगों की मौत हुई थी. जिनमें से 2100 मौतें केवल दिल्ली में हुई थीं. सीबीआई जांच के दौरान सरकार के कुछ कर्मचारियों का हाथ भी 1984 में भडक़े इन दंगों में सामने आया था. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनके बेटे राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने थे.

सुनंदा पुष्कर केस की कोर्ट में सुनावाई आज
Posted Date : 20-Dec-2018 12:17:51 pm

सुनंदा पुष्कर केस की कोर्ट में सुनावाई आज

नईदिल्ली ,20 दिसंबर । सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में पटियाला हाउस में आज सुनावाई है. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कांग्रेस नेता शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में आरोपी थरूर को कुछ दस्तावेज सौंपने का निर्देश दिया था.
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल से थरूर की ओर से वरिष्ठ वकील विकास पाहवा ने कहा था कि अभियोजन पक्ष द्वारा मुहैया कराये गये कुछ इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों में विसंगतियां हैं.
पाहवा ने अदालत को बताया था कि साक्ष्यों की सूची में दर्ज कुछ दस्तावेज या तो उन्हें मिले नहीं हैं या खुल नहीं पा रहे. अभियोजन और बचाव पक्ष के पास उपलब्ध सभी दस्तावेजों के मिलान में समय लग रहा है.
सुनंदा पुष्कर 17 जनवरी, 2014 की रात को शहर के एक बड़े होटल में अपने सुइट में मृत मिली थीं. उस समय थरूर के बंगले में मरम्मत का काम चल रहा था, इसलिए वह अपनी पत्नी के साथ वहां ठहरे हुए थे.

बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दिन भर के लिए स्थगित
Posted Date : 20-Dec-2018 12:17:08 pm

बैठक शुरू होने के कुछ ही देर बाद दिन भर के लिए स्थगित

0-रास में गतिरोध जारी
नईदिल्ली,20 दिसंबर । संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान बृहस्पतिबार को भी राफेल विमान सौदे के मुद्दों पर लोकसभा का सत्र दोपहर 12 बजे तक और राज्यसभा का सत्र दिन भर के लिए स्थगित कर दिया गया. ये अलग बात है कि लोकसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू हो गई है. विपक्ष राफेल विमान सौदे की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) बनवाने की मांग पर अड़ा हुआ है. जबकि सरकार ने इस मांग को सिरे से खारिज कर दिया है.
राफेल विमान सौदे सहित विभिन्न मुद्दों पर हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक गुरुवार को शुरू होने के कुछ ही देर बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. जबकि कावेरी डेल्टा, किसानों के मुद्दे और आंध्रप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने की मांग पर भी कांग्रेस, अन्नाद्रमुक एवं तेलुगू देशम पार्टी के सदस्य लोकसभा में जमकर हंगामा कर रहे हैं. जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही गुरुवार को शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद ही स्थगित करनी पड़ी.
लोकसभा में प्रश्नकाल शुरू होने के साथ ही कांग्रेस सदस्य अध्यक्ष के आसन के पास आकर राफेल विमान सौदे की जांच के लिए जेपीसी के गठन की मांग करने लगे. तेदेपा सदस्य भी आंध्रप्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते हुए हाथों में तख्तियां लेकर आसन के पास आ गए. कुछ देर बाद अन्नाद्रमुक सदस्य भी कावेरी नदी पर बांध का निर्माण रोकने की मांग करते हुए आसन के निकट पहुंच गए. कांग्रेस सदस्यों के हाथों में तख्तियां थीं जिन पर वी डिमांड जेपीसी तथा अन्य नारे लिखे हुए थे. उन्होंने प्रधानमंत्री सदन में आओ और प्रधानमंत्री जवाब दो के नारे भी लगाए.
इस दौरान सत्तारूढ़ भाजपा के कुछ सदस्यों ने अपने स्थान पर खड़े होकर राहुल गांधी माफी मांगो के नारे लगाए. शोर शराबे के बीच ही अध्यक्ष ने देश में बुनकरों एवं वस्त्र क्षेत्र के कामगारों की कर्ज संबंधी तथा दूसरी समस्याओं से जुड़ा प्रश्न लिया. इस पर वस्त्र राज्य मंत्री अजय टम्टा ने प्रश्नों के उत्तर भी दिए. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सदस्यों से अपने स्थान पर जाने और सदन की बैठक चलने देने का आग्रह किया. हंगामा बढ़ता देख उन्होंने कार्यवाही शुरू होने के करीब 10 मिनट बाद ही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी.