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सीबीआई कोर्ट ने सभी 22 आरोपियों को बरी किया
Posted Date : 21-Dec-2018 1:29:12 pm

सीबीआई कोर्ट ने सभी 22 आरोपियों को बरी किया

0-सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर
मुंबई ,21 दिसंबर । सोहराबुद्दीन शेख-तुलसीराम प्रजापति कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में 13 साल बाद सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने सभी 22 आरोपियों को बरी किया है। कोर्ट का कहना है कि सबूतों की कमी की वजह से आरोपियों को मामले से रिहा किया जाता है। कोर्ट ने गवाहों के बयान से पलटने पर यह भी कहा कि अगर कोई बयान न दे तो इसमें पुलिस की गलती नहीं है।
सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले में स्पेशल सीबीआई जज ने अपने आदेश में कहा कि सभी गवाह और सबूत साजिश और हत्या को साबित करने के लिए काफी नहीं थे। कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले से जुड़े परिस्थितिजन्य सबूत भी पर्याप्त नहीं है। सीबीआई कोर्ट के अनुसार, तुलसीराम प्रजापति को एक साजिश के तहत मारा गया, यह आरोप भी सही नहीं है।
सीबीआई कोर्ट के जज ने कहा, सरकारी मशीनरी और अभियोजन पक्ष ने काफी प्रयास किया और 210 गवाहों को सामने लाया गया लेकिन उनसे कोई संतोषजनक सबूत नहीं मिल पाया और कई गवाह अपने बयान से पलट गए। इसमें अभियोजक की कोई गलती नहीं है अगर गवाह नहीं बोलते हैं। 
ज्ञात हो कि गुजरात एटीएस और राजस्थान एसटीएफ ने 26 नवंबर 2005 को अहमदाबाद के नजदीक एक एनकाउंटर में मध्य प्रदेश के अपराधी सोहराबुद्दीन शेख को मार गिराया था। इसके एक साल बाद 28 दिसंबर 2006 को सोहराबुद्दीन के सहयोगी तुलसीराम प्रजापति को भी एक मुठभेड़ में मार गिराया गया था। 2010 से इस मामले की जांच सीबीआई कर रहा था। 
22 नवंबर को सीबीआई ने केस के 500 में से 210 गवाहों की जांच करके केस बंद किया था। इसके बाद 5 दिसंबर को सीबीआई के विशेष लोकअभियोजक बीपी राजू ने स्वीकार किया था अभियोजन के केस में कई लूपहोल थे और सीबीआई ने चार्जशीट जल्दबाजी में दाखिल की थी।

क्रिसमस पर संसद में तीन दिन का अवकाश
Posted Date : 21-Dec-2018 1:28:16 pm

क्रिसमस पर संसद में तीन दिन का अवकाश

नई दिल्ली ,21 दिसंबर । क्रिसमस के मौके पर संसद के दोनों सदनों में तीन दिन का अवकाश रहेगा। क्रिसमस के दिन 25 दिसंबर को पहले से ही अवकाश घोषित था। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने आज सभा की सहमति से 24 दिसंबर और 26 दिसंबर को भी अवकाश की घोषणा की। इससे पहले राज्यसभा में 19 दिसंबर को ही सभापति एम. वेंकैया नायडू ने 24 और 26 दिसंबर को अवकाश होने की घोषणा कर दी थी।
एक बार के स्थगन के बाद दोपहर 12 बजे लोकसभा की कार्यवाही जब शुरू हुई तो जरूरी कागजात सभा पटल पर रखे जाने के बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई सदस्यों ने यह माँग की है कि 24 और 26 दिसंबर को सदन की बैठक न हो। इस पर अध्यक्ष ने सभा से उसकी सहमति माँगी और सदस्यों के सहमत होने पर 24 और 26 दिसंबर को सदन में अवकाश की घोषणा कर दी। इस प्रकार अब सदन की अगली बैठक गुरुवार 27 दिसंबर को होगी।

हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित
Posted Date : 21-Dec-2018 1:27:44 pm

हंगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित

नई दिल्ली ,21 दिसंबर । अलग-अलग मुद्दों पर विभिन्न दलों के हँगामे के कारण लोकसभा की कार्यवाही आज लगातार आठवें दिन बाधित रही और एक बार के स्थगन के बाद दिन भर के लिए स्थगित कर दी गयी। अब सदन की अगली बैठक 27 दिसंबर को होगी। 
प्रश्नकाल के दौरान एक बार कार्यवाही स्थगित होने के बाद दोपहर 12 बजे जब दोबारा शुरू हुई तो कांग्रेस, अन्नाद्रमुक और तेलुगुदेशम् पार्टी (तेदेपा) के कई सदस्य अपनी-अपनी माँगों को लेकर अध्यक्ष के आसन के समीप आ गये तथा नारेबाजी करने लगे। उन्होंने हाथों में अपनी माँगे लिखी तख्तियाँ और पोस्टर भी लिये हुये थे। कांग्रेस के सदस्य राफेल विमान सौदे की संयुक्त संसदीय समिति के गठन की माँग कर रहे हैं। तेदेपा सदस्य आँध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने की माँग कर रहे हैं जबकि अन्नाद्रमुक के सदस्य कावेरी नदी पर बाँध निर्माण का विरोध कर रहे हैं। 
हँगामे के बीच ही अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाये। इसके बाद संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कई सदस्यों ने क्रिसमस के मौके पर 24 और 26 दिसंबर को भी सदन की बैठक नहीं करने का अनुरोध किया है। इसके बाद अध्यक्ष ने सभा की सहमति से 24 और 26 दिसंबर को सदन में अवकाश की घोषणा की। 
श्रीमती महाजन ने हँगामे के बीच शून्य काल शुरू किया और कुछ सदस्यों ने अपनी बात भी रखी। लेकिन, हँगामा बढऩे के कारण 12.15 बजे उन्होंने सदन की कार्यवाही गुरुवार 27 दिसंबर सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

सरेंडर का समय बढ़ाने सज्जन कुमार की याचिका को हाईकोर्ट ने किया खारिज
Posted Date : 21-Dec-2018 1:27:07 pm

सरेंडर का समय बढ़ाने सज्जन कुमार की याचिका को हाईकोर्ट ने किया खारिज

0-सिख विरोधी दंगा
नईदिल्ली,21 दिसंबर । हाईकोर्ट ने 1984 में हुए सिख विरोधी दंगा मामले के दोषी करार दिए गए सज्जन कुमार की सरेंडर करने की समय अवधि बढ़ाने वाली याचिका खारिज कर दी है. उन्होंने सरेंडर के लिए दिल्ली हाईकोर्ट से 30 दिन का समय मांगा था. हालांकि कोर्ट ने कहा कि ऐसा ठोस कोई कारण नहीं है कि सरेंडर करने की समयसीमा बढ़ाई जाए.
उन्हें इसी हफ्ते दिल्ली हाईकोर्ट ने उम्र कैद की सज़ा सुनाई थी. कोर्ट ने उन्हें 31 दिसंबर तक सरेंडर करने का आदेश दिया था. उम्रकैद के अलावा उन पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था. इसके अलावा बाकी दोषियों को जुर्माने के तौर पर एक-एक लाख रुपये देने होंगे.
ये मामला तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद एक नवंबर 1984 का है. दिल्ली छावनी के राजनगर क्षेत्र में एक परिवार के पांच सदस्यों की हत्या कर दी गई थी. मामले में बाक़ी लोगों को पहले ही दोषी ठहराया जा चुका है.
करीब 34 साल बाद 1984 सिख विरोधी दंगों से जुड़े एक मामले में हाईकोर्ट की दो जजों की बेंच ने सोमवार को निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए उनको दंगे के लिए दोषी माना और उम्रकैद की सजा दे दी. उनको आपराधिक षडयंत्र रचने, हिंसा कराने और दंगा भडक़ाने का दोषी पाया गया है. इस मामले में उन्हें पहले निचली अदालत ने बरी कर दिया था.
जस्टिस एस मुरलीधर और न्यायमूर्ति विनोद गोयल की पीठ ने 29 अक्टूबर को सीबीआई, दंगा पीडि़तों और दोषियों की ओर से दायर अपीलों पर दलीलें सुनने का काम पूरा करने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था. मामले की शुरुआत 1984 से होती है, जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों द्वारा हत्या किए जाने के बाद देशभर में सिख विरोधी दंगे भडक़ गए थे. दिल्ली भी इससे अछूती नहीं रही. हिंसा की इसी आग में राजधानी के दूसरे पंजाबी बहुल इलाकों के साथ पूर्वी त्रिलोकपुरी इलाके में करीब 95 लोगों की मौत हो गई थी और लगभग सौ घरों को जला दिया गया था.
क्या था मामला
एक नवंबर 1984 को हरदेव सिंह, कुलदीप सिंह और संगत सिंह महिपालपुर में अपनी किराने की दुकानों पर थे. उसी समय 800 से 1000 लोगों की हिंसक भीड़ उनकी दुकानों की तरफ आई. भीड़ में शामिल लोगों के हाथों में लोहे के सरिए, लाठियां, हॉकी स्टिक, पत्थर, केरोसीन तेल था. इस पर उन्होंने (हरदेव,कुलदीप और संगत) ने दुकानें बंद कर दी और वे सुरजीत सिंह नाम के शख्स के किराए के घर की तरफ भागे. कुछ समय बाद अवतार सिंह ने भी वहीं शरण ली. उन्होंने अंदर से कमरा बंद कर लिया.
दुकानों को जलाने के बाद भीड़ ने सुरजीत के कमरे को निशाना बनाया. उन्होंने सभी को बुरी तरह से मारा. उन्होंने हरदेव और संगत को चाकू से गोद दिया और सभी लोगों को बालकनी से नीचे फेंक दिया.
आरोपियों ने कमरे को केरोसीन छिडक़कर आग लगा दी. घायलों को बाद में सफदरजंग अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां अवतार सिंह और हरदेव सिंह की मौत हो गई.
दिल्ली पुलिस ने 1994 में सबूतों की कमी के अभाव में केस बंद कर दिया. हालांकि एसआईटी ने मामले की आगे की जांच की थी.
क्यों हुए थे दंगे?
1984 में इंदिरा गांधी की उनके अंगरक्षकों ने हत्या कर दी थी. जिसके बाद देश के कई शहरों में सिख विरोधी दंगे भडक़ उठे थे. कहा जाता रहा है कि कांग्रेस पार्टी के कुछ कार्यकर्ता इसमें सक्रिय रूप से शामिल थे. इंदिरा गांधी की हत्या सिखों के एक अलगाववादी गुट ने उनके द्वारा अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में करवाई गई सैनिक कार्रवाई के विरोध में कर दी थी.
भारत सरकार की ऑफिशियल रिपोर्ट के मुताबिक पूरे भारत में इन दंगों में कुल 2800 लोगों की मौत हुई थी. जिनमें से 2100 मौतें केवल दिल्ली में हुई थीं. सीबीआई जांच के दौरान सरकार के कुछ कर्मचारियों का हाथ भी 1984 में भडक़े इन दंगों में सामने आया था. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनके बेटे राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने थे.

राजधानी में टूटा सर्दी का रिकॉर्ड, पारा 4 डिग्री पहुंचा
Posted Date : 21-Dec-2018 1:26:21 pm

राजधानी में टूटा सर्दी का रिकॉर्ड, पारा 4 डिग्री पहुंचा

नईदिल्ली ,21 दिसंबर । उत्तर भारत के लगभग सभी राज्य ठंड की गिरफ्त में आ गए हैं. राजधानी में शुक्रवार सुबह घने कोहरे और सर्द हवाओं ने कड़ाके की ठंड का एहसास कराया. मौसम विभाग ने अभी ठंड और बढऩे की आशंका जताई है. गुरुवार को पारा गिरकर चार डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया था. शहर का तापमान इस मौसम के सबसे निचले स्तर पर था.
मौसम विभाग के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी का न्यूनतम तापमान सबसे कम रहा क्योंकि शिमला का न्यूनतम तापमान 6.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. 22 दिसंबर तक दिल्ली में शीत लहर जारी रहेगी. मौसम विभाग के एक अधिकारी ने कहा, राष्ट्रीय राजधानी में अधिकतम तापमान 22.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो इस साल के सामान्य के बराबर रहा. शहर का न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो इस मौसम के औसत से चार डिग्री कम है. न्यूनतम तापमान दिसंबर 2014 में दर्ज किया गया था.
कश्मीर में गुरुवार को अधिकतर स्थानों में न्यूनतम तापमान में गिरावट आई और अधिकांश इलाकों में पारा शून्य से नीचे आ गया. कुछ इलाकों में पानी की आपूर्ति करने वाले इलाकों में पानी जम गया. वहीं पंजाब और हरियाणा में आदमपुर सबसे ठंडा स्थान रहा. जहां न्यूनतम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी चंडीगढ़ में न्यनतम तापमान 5.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.

सोहराबुद्दीन मामले में 13 साल बाद आज आ सकता है फैसला
Posted Date : 21-Dec-2018 1:25:49 pm

सोहराबुद्दीन मामले में 13 साल बाद आज आ सकता है फैसला

0-मुठभेड़ केस
मुंबई,21 दिसंबर । सोहराबुद्दीन शेख-तुलसीराम प्रजापति कथित फर्जी मुठभेड़ के मामले में 13 साल बाद शुक्रवार को फैसला आने की उम्मीद है. वर्ष 2005 के इस मामले में 22 लोग मुकदमे का सामना कर रहे हैं जिनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी हैं.
मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत इस मामले की सुनवाई कर रही है. मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष के करीब 92 गवाह मुकर गए. इस महीने की शुरुआत में आखिरी दलीलें पूरी किए जाने के बाद सीबीआई मामलों के विशेष न्यायाधीश एसजे शर्मा ने कहा था कि वह 21 दिसंबर को फैसला सुनाएंगे. ज्यादातर आरोपी गुजरात और राजस्थान के जूनियर पुलिस अफसर हैं.
न्यायालय ने सीबीआई के आरोपपत्र में नामजद 38 लोगों में 16 को सबूत के अभाव में आरोपमुक्त कर दिया है. इनमें अमित शाह, राजस्थान के तत्कालीन गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया, गुजरात पुलिस के पूर्व प्रमुख पीसी पांडे और गुजरात पुलिस के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी डीजी वंजारा शामिल हैं.
सीबीआई के मुताबिक आतंकवादियों से संबंध रखने वाला कथित गैंगेस्टर शेख उसकी पत्नी कौसर बी और उसके सहयोगी प्रजापति को गुजरात पुलिस ने एक बस से उस वक्त अगवा कर लिया था जब वे लोग 22 और 23 नवंबर 2005 की दरम्यिानी रात हैदराबाद से महाराष्ट्र के सांगली जा रहे थे.
सीबीआई के मुताबिक शेख की 26 नवंबर 2005 को अहमदाबाद के पास कथित फर्जी मुठभेड़ में हत्या कर दी गई थी. उसकी पत्नी को तीन दिन बाद मार डाला गया और उसके शव को ठिकाने लगा दिया गया.
साल भर बाद 27 दिसंबर 2006 को प्रजापति की गुजरात और राजस्थान पुलिस ने गुजरात - राजस्थान सीमा के पास चापरी में कथित फर्जी मुठभेड़ में गोली मार कर हत्या कर दी. अभियोजन ने इस मामले में 210 गवाहों से पूछताछ की जिनमें से 92 मुकर गए.
इस बीच बुधवार को अभियोजन के दो गवाहों ने अदालत से दरख्वास्त की कि उनसे फिर से पूछताछ की जाए. इनमें से एक का नाम आजम खान है और वह शेख का सहयोगी था.
उसने अपनी याचिका में दावा किया है कि शेख पर कथित तौर पर गोली चलाने वाले आरोपी एवं पूर्व पुलिस इंस्पेक्टर अब्दुल रहमान ने उसे धमकी दी थी कि यदि उसने मुंह खोला तो उसे झूठे मामले में फंसा दिया जाएगा. एक अन्य गवाह एक पेट्रोल पंप का मालिक महेंद्र जाला है. अदालत दोनों याचिकाओं पर शुक्रवार को फैसला करेगी.