राज्य

खदान में 18वें दिन भी फंसे मजदूर, बचाव कार्य जारी
Posted Date : 29-Dec-2018 11:11:04 am

खदान में 18वें दिन भी फंसे मजदूर, बचाव कार्य जारी

0-तीन हेल्मेट मिलने से गहराई आशंका
शिलॉन्ग,29 दिसंबर । मेघालय में रैट होल कोयला खदान में बाढ़ का पानी भर जाने से उसमें फंसे 15 मजूदरों को बचाने का अभियान लगातार 18वें दिन भी जारी है। हालांकि शुक्रवार को खदान से तीन हेल्मेट मिले हैं, जिसके बाद बचाव कार्य में लगे अधिकारियों को किसी अनहोनी की आशंका सता रही है।
एनडीआरएफ के असिस्टेंट कमांडेंड एसके सिंह ने बताया कि मजदूरों को बचाने के लिए राहत और बचाव कार्य बड़े स्तर पर चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा, हमें खदान से तीन हेल्मेट मिले हैं। हालांकि अभी इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है कि ये हेल्मेट खदान में फंसे मजदूरों के ही हैं या कहीं और से आए हैं।
उधर मजदूरों को बचाने के लिए मशक्कत कर रहे प्रशासन की मदद को ओडिशा दमकल विभाग का एक दल शुक्रवार को मेघालय पहुंच गया। मेघालय में लुम्थारी गांव के एक इलाके में 370 फुट गहरी अवैध कोयला खदान में ये मजदूर 13 दिसंबर से फंसे हुए हैं। उधर, भारतीय नौसेना की 15 सदस्यीय गोताखोरों की टीम शनिवार से अभियान में शामिल होगी। 
ओडिशा की दमकल टीम को है बचाव कार्य का अनुभव 
ओडिशा दमकल विभाग के महानिदेशक बी. के. शर्मा ने बताया कि मुख्य दमकल अधिकारी सुकांत सेठी के नेतृत्व में 20 सदस्यीय दल हाई पावर पम्प समेत अन्य उपकरणों के साथ भारतीय वायु सेना के एक विशेष विमान से शिलॉन्ग के लिए शुक्रवार को रवाना हुआ था। अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पहले भी केरल समेत ओडिशा के भीतर और बाहर मुश्किल बचाव अभियान सफलतापूर्वक चलाए हैं। इस साल अगस्त में केरल में आई विध्वंसकारी बाढ़ के समय ओडिशा दमकल सेवा के 240 सदस्यीय दल ने बचाव अभियान में मदद की थी।

 नक्सलगढ़ में उतरा सी एम का उडऩखटोला, विधायक के घर शोक सभा में भूपेश बघेल
Posted Date : 24-Dec-2018 11:32:55 am

नक्सलगढ़ में उतरा सी एम का उडऩखटोला, विधायक के घर शोक सभा में भूपेश बघेल

० लखमा, ताम्रध्वज भी रहे साथ, उमड़े सैकड़ों लोग
मॉनपुर, 24 दिसम्बर । भूपेश बघेल राजनांदगांव जिले के धुर नक्सल प्रभावित मानपुर ब्लॉक के दौरे पर पहुंचे। उनके साथ मंत्री ताम्रध्वज साहू व कोंटा विधायक कवासी लखमा भी यहाँ पहुंचे। दरअसल मोहला-मानपुर विस क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक इन्द्रशाह मंडावी की माता जी का बीते दिनों आकस्मिक निधन हो गया था। इसी को लेकर विधायक के पैतृक ग्राम पानाबरस में विधायक निवास पर शोक मिलन कार्यक्रम आयोजित था। सी एम, मंत्री व विधायक समेत प्रसासनिक अमला यहाँ पहुंचा था। मुख्यमंत्री करीब एक घंटे यहाँ रहे। शोक सभा को संबोधित किया और फिर वापस लौट गए।
हेलीकाप्टर से उतरते ही ग्रामीणों के पास पहुंचे भूपेश
सीएम अपने निर्धारित समय से करीब दो घंटे विलंब यहाँ पहुचे। लेकिन हैलीकाप्टर और सीएम को देखने की चाहत ने बड़ी संख्या में लोगों को हैलीपैड में घंटो जमाए रखा। भूपेश जैसे ही हैलीकाप्टर से उतरे नेताओ द्वारा अभिवादन लेने के बाद वे हैलीपेड के भीतर से ही यहां मौजूद ग्रामीणों के पास पहुंच गए। बाकी नेताओ के साथ हैलीपेड के चारो ओर घूमकर ग्रामीणों का अभिवादन किया। उसके बाद वे इन्द्रशाह के निवास के लिए निकले।
हैलीपेड में घुसने की होड़, पुलिस से नोकझोक
बता दें कि सीएम के पहूंचने का समय1:40 था लेकिन भूपेश समय परिवर्तन कराते हुए करीब 3:40 को यहाँ पहुंचे। कांग्रेसी हैलीपेड में नियत समय से जुटे थे। जब हैलीपेड के अंदर जानव की नौबत आई तो पुलिस ने पूर्व विधायक तेजकुंवर नेताम, भोला राम साहू, दलेश्वरसाहू व अन्य चुनिंदा नेताओ को छोड़ किसी को अंदर जाने नही दिया गया। इस दौरान अंदर जाने की की चाहत वाले नेता जिन्हें वहां जाने नही मिला उनके और पुलिस जवानों अफसरों के बीच नोकझोक हलिपेड में2 कुछ देर देखने  को मिली। 

अब जल्द होगा झीरम हमले की साजिश का पर्दाफाश: अलका मुदलियार
Posted Date : 24-Dec-2018 11:31:44 am

अब जल्द होगा झीरम हमले की साजिश का पर्दाफाश: अलका मुदलियार

0 शहीद पूर्व विधायक की धर्मपत्नी ने किया एस.आई.टी. जांच के फैसले का स्वागत
0 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को दिया धन्यवाद
रायपुर, 24 दिसम्बर । झीरम घाटी के नक्सल हमले में शहीद पूर्व विधायक उदय मुदलियार की धर्मपत्नी श्रीमती अलका मुदलियार ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा इस घटना की उच्च स्तरीय जांच के लिए एस.आई.टी गठन के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इसके लिए बघेल को धन्यवाद दिया है। उदय मुदलियार राजनांदगांव के पूर्व विधायक थे। 
श्रीमती मुदलियार ने आज कहा कि मुख्यमंत्री बघेल द्वारा शपथ ग्रहण के तत्काल बाद एस.आई.टी की गठन की घोषणा से न सिर्फ हमारे परिवार को, बल्कि झीरम घाटी में शहीद सभी लोगों के शोकाकुल परिवारों में अब जल्द-जल्द से न्याय मिलने की उम्मीद जागी है। अब हमें यह भी विश्वास है कि एस.आई.टी. द्वारा इस आपराधिक वारदात की साजिश का जल्द से जल्द पर्दाफाश होगा और अपराधियों को पकडक़र उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। श्रीमती मुदलियार ने मुख्यमंत्री द्वारा इसके लिए सरकार गठन के तुरंत बाद पहली केबिनेट में पारित निर्णय को उनकी संवेदनशीलता का परिचायक बताया। 
श्रीमती मुदलियार ने कहा- बस्तर जिले में लगभग साढ़े पांच साल पहले हुए इस नक्सल हमले में  मैंने अपने पति उदय मुदलियार को खोया। मेरे परिवार ने अपना मुखिया खोया। हम सब, जिन्होंने अपनों को इस हमले में खोया, वे सभी परिवार भूपेश बघेल के मुख्यमंत्री बनते ही उनके एस.आई.टी. गठन के निर्णय से पूरी तरह आश्वस्त है कि उन्हें न्याय मिलेगा। 
स्वर्गीय उदय मुदलियार के बेटे जितेंद्र मुदलियार ने बताया कि झीरम घाटी की यह दु:खद घटना उनके परिवार के लिए अपूरणीय क्षति रही। उनके पिता को चचेरे भाई की शादी में शामिल होने सपरिवार नागपुर आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने सार्वजनिक जीवन के अपने कर्तव्य को ज्यादा प्राथमिकता दी और वे बस्तर जिले प्रवास पर निकल गए। उस दिन हमने साथ लंच किया। फिर पिता बस्तर के लिए रवाना हो गए। उनके साथ बिताया खुशनुमा पल फिर कभी लौटकर नहीं आया। शाम को पापा के नजदीकी मित्रों ने इस दु:खद घटना की जानकारी दी। हम लोग इतने बड़े षडय़ंत्र के बारे में सोच भी नहीं सकते थे। उस एक पल में हम लोगों ने क्या खो दे दिया, इसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर सकते।
 अल्पकालीन कृषि ऋण माफ ी योजना 2018 के विस्तृत प्रावधान जारी
Posted Date : 23-Dec-2018 10:23:30 am

अल्पकालीन कृषि ऋण माफ ी योजना 2018 के विस्तृत प्रावधान जारी

रायपुर, 23 दिसम्बर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर त्वरित अमल करते हुए सहकारिता विभाग ने यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से राज्य के किसानों के लिए अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना 2018 के विस्तृत प्रावधान जारी कर दिए गए हैं। सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि यह योजना 30 नवम्बर 2018 पर बकाया अल्पकालीन कृषि ऋणों के लिए प्रभावशील होगी। योजना में किसानों की परिभाषा तय कर दी गयी है। इसमें कहा गया है कि कृषक से अभिप्राय ऐसे व्यक्ति से है, जो भूस्वामी, मौरूसी कृषक, शासकीय पट्टेदार या सेवा भूमि के स्वत्व में कृषि भूमि धारण करता हो या अन्य किसी व्यक्ति की कृषि भूमि पर खेती करता हो। इसके अलावा अधिकतम 2.50 एकड़ भूमि धारण करने वाले सीमांत किसानों, 2.50 एकड़ से अधिक और पांच एकड़ तक कृषि भूमि वाले लघु किसानों, पांच एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि वाले बड़े किसानों सहित 31 मार्च 2018 के पहले गठित किसानों के स्व-सहायता समूहों और संयुक्त देयता समूहों को भी योजना में शामिल किया गया है। योजना की प्रस्तावना में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। जहां एक बड़ी आबादी की आय का स्त्रोत कृषि आधारित है। किसानों द्वारा कृषि कार्य के लिए विभिन्न बैंकों, सहकारी समितियों से अल्पकालीन कृषि ऋण लिया जाता है। प्रदेश में विगत कई वर्षो से अवर्षा और अन्य प्राकृतिक कारणों से फसल की क्षति होती आयी है। इस वजह से किसानों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। प्रदेश के किसानों द्वारा विभिन्न मंचों के माध्यमों से कृषि ऋण माफ करने के लिए सरकार से लगातार अनुरोध किया जा रहा है। प्रस्तावना में आगे कहा गया है - प्रदेश की समग्र परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए यह उचित प्रतीत होता है कि किसानों के बकाया अल्पकालीन कृषि ऋण माफ कर दिए जाने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे बेहतर जीवन-यापन कर सकेंगे। अत: किसानों के व्यापक हित में छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित सहकारी बैंकों और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में समस्त किसानों के 30 नवम्बर 2018 तक के अल्पकालीन कृषि ऋण माफ करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के क्रियान्वयन के लिए ऋण माफी योजना निर्धारित की गई है, जो ‘अल्पकालीन कृषि ऋण योजना 2018’ कहलाएगी। इसका विस्तार सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाओं तक होगा। 
सहकारिता विभाग द्वारा जारी इस योजना में किसानों की परिभाषाएं भी दी गई हैं। इसमें कहा गया है - (1) कृषक से अभिप्राय ऐसे व्यक्ति से है, जो भूस्वामी, मौरूसी कृषक, शासकीय पट्टेदार या सेवा भूमि के स्वत्व में कृषि भूमि धारण करता हो या अन्य किसी व्यक्ति की कृषि भूमि पर खेती करता हो। (2) सीमांत कृषक से अभिप्राय ऐसे किसान से है, जो अधिकतम 2.50 एकड़ भूमि धारण करता हो। (3) लघु कृषक से अभिप्राय ऐसे किसान से है, जो 2.50 एकड़ से अधिक और 5 एकड़ तक कृषि भूमि धारण करता हो। (4) बड़े कृषक से अभिप्राय ऐसे कृषक से है, जो पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि धारण करता है। (5) स्व-सहायता समूह से अभिप्राय किसानों के ऐसे समूह से है, जो 31 मार्च 2018 के पूर्व से गठित है और जिनके द्वारा समिति/बैंक से अल्पकालीन कृषि ऋण लिया गया है। (6) संयुक्त देयता समूह से अभिप्राय किसानों के ऐसे समूह से है, जो 31 मार्च 2018 के पहले गठित है और जिनके द्वारा समिति अथवा बैंक से अल्पकालीन कृषि ऋण लिया गया हो। (7) स्थगित ऋण से अभिप्राय प्राकृतिक आपदा की स्थिति में शासन/भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों पर अल्पकालीन कृषि ऋणों को एक वर्ष के लिए स्थगित किया गया हो। (8) मध्यमकालीन परिवर्तित ऋण से अभिप्राय है - प्राकृतिक आपदा की स्थिति में शासन/भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों पर अल्पकालीन कृषि ऋणों को मध्यमकालीन ऋणों में परिवर्तित किया गया हो। (9) मध्यम कालीन पुन: परिवर्तित ऋण से अभिप्राय है - प्राकृतिक आपदा की स्थिति में शासन/भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों पर मध्यमकालीन परिवर्तित ऋणों की किश्तों को पुन: परिवर्तित किया गया हो। (10) बैंक से अभिप्राय सहकारी बैंक और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक से है। (11) संस्था से अभिप्राय प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था/वृहत्ताकार प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था/कृषि सेवा सहकारी संस्था/आदिम जाति बहुउद्देश्यीय सहकारी संस्था से है। (12) अल्पकालीन कृषि ऋण का अभिप्राय सीधे किसानों अथवा उनके समूह (स्व-सहायता समूह/संयुक्त देयता समूह) को दिए गए अल्पावधि कृषि ऋण से है। योजना में ऋण माफी की पात्रताओं का भी उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार प्रदेश के सभी किसानों के ऐसे अल्पकालीन कृषि ऋण/स्थगित ऋण/मध्यमकालीन परिवर्तित ऋण और मध्यमकालीन पुन: परिवर्तित ऋण जो 30 नवम्बर 2018 पर बकाया हो, ऐसी बकाया राशि माफ की जाएगी। इसके साथ ही दिनांक 01 नवम्बर 2018 से 30 नवम्बर 2018 के मध्य बीच लिंकिंग या नगद रूप में चुकाए गए ऋणों की राशि भी माफी योग्य रहेगी, जो किसानों को वापसी योग्य होगी। 
सहकारिता विभाग की ओर से अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना 2018 के प्रावधानों में यह भी कहा गया है कि इस योजना के तहत अल्पकालीन कृषि ऋणों को छोडक़र शेष किसी भी प्रकार के मध्यमकालीन/दीर्घकालीन ऋण की माफी नहीं की जाएगी। ऋण माफी का लाभ केवल सहकारी बैंक और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक तथा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था/वृहत्ताकार प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था/कृषि सेवा सहकारी संस्था/आदिम जाति बहुउद्देश्यीय सहकारी संस्था से लिए गए अल्पकालीन कृषि ऋणों पर दिया जाएगा। कार्पोरेट/पार्टनरशिप फर्म/ट्रस्ट को दिए गए कृषि ऋण पर ऋण माफी का लाभ नहीं दिया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियंत्रित माइक्रोफाइनेंस संस्थान द्वारा वितरित किसी भी प्रकार का ऋण इस योजना में शामिल नहीं होगा। खड़ी फसल के अलावा अन्य कृषि उत्पादों हेतु प्लेज एवं हाईपोथिकेशन के विरूद्ध दिए गए ऋण भी इस योजना में शामिल नहीं होंगे। 
अधिकारियों ने बताया कि कल जारी इस योजना के लिए निर्धारित प्रावधानों के अनुसार ऋण माफी के लिए आवश्यक बजट की मांग संबंधित बैंकों द्वारा अपने प्रशासकीय विभाग के माध्यम से की जाएगी। ऋण देनी वाली संस्थाओं के दायित्वों का उल्लेख करते हुए योजना में कहा गया है कि ऋण देने वाले प्रत्येक बैंक/संस्था इस योजना के अधीन पात्र किसानों की सूची और प्रत्येक किसान के संबंध में ऋण माफी की सत्यता और विश्वसनीयता के लिए जिम्मेदार होंगी। सहकारी बैंकों के मामले में ऋण माफी की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र उप पंजीयक अथवा सहायक पंजीयक द्वारा सत्यापित करवाने के बाद जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा राज्य सहकारी बैंक के माध्यम से सहकारी संस्थाओं के पंजीयक को प्रस्तुत किया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के मामले में ऋण राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र संबंधित बैंक द्वारा संचालक, संस्थागत वित्त को प्रस्तुत किया जाएगा। 
योजना के दिशा-निर्देशों में आगे कहा गया है कि इस योजना के किसी पैराग्राफ या योजना के तहत जारी किसी अनुदेश की व्याख्या करने में यदि कोई संदेह होता है, तो राज्य शासन द्वारा संदेह का समाधान किया जाएगा। इस संबंध में राज्य शासन का निर्णय अंतिम होगा। यदि योजना के प्रावधानों या इस योजना के तहत जारी किसी अनुदेश को प्रभावी बनाने में कोई कठिनाई आती है तो राज्य शासन द्वारा कठिनाई दूर करने के लिए उसे जो भी आवश्यक या तत्काल अपेक्षित प्रतीत होगा, उसके अनुसार आदेश जारी किया जाएगा। प्रचार-प्रसार की दृष्टि से योजना की प्रति अल्पकालीन कृषि ऋण देने वाले बैंक और संस्थाओं की प्रत्येक शाखा में प्रदर्शित की जाएगी।

 अल्पकालीन कृषि ऋण माफ ी योजना 2018 के विस्तृत प्रावधान जारी
Posted Date : 23-Dec-2018 10:23:30 am

अल्पकालीन कृषि ऋण माफ ी योजना 2018 के विस्तृत प्रावधान जारी

रायपुर, 23 दिसम्बर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की घोषणा पर त्वरित अमल करते हुए सहकारिता विभाग ने यहां मंत्रालय (महानदी भवन) से राज्य के किसानों के लिए अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना 2018 के विस्तृत प्रावधान जारी कर दिए गए हैं। सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि यह योजना 30 नवम्बर 2018 पर बकाया अल्पकालीन कृषि ऋणों के लिए प्रभावशील होगी। योजना में किसानों की परिभाषा तय कर दी गयी है। इसमें कहा गया है कि कृषक से अभिप्राय ऐसे व्यक्ति से है, जो भूस्वामी, मौरूसी कृषक, शासकीय पट्टेदार या सेवा भूमि के स्वत्व में कृषि भूमि धारण करता हो या अन्य किसी व्यक्ति की कृषि भूमि पर खेती करता हो। इसके अलावा अधिकतम 2.50 एकड़ भूमि धारण करने वाले सीमांत किसानों, 2.50 एकड़ से अधिक और पांच एकड़ तक कृषि भूमि वाले लघु किसानों, पांच एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि वाले बड़े किसानों सहित 31 मार्च 2018 के पहले गठित किसानों के स्व-सहायता समूहों और संयुक्त देयता समूहों को भी योजना में शामिल किया गया है। योजना की प्रस्तावना में कहा गया है कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है। जहां एक बड़ी आबादी की आय का स्त्रोत कृषि आधारित है। किसानों द्वारा कृषि कार्य के लिए विभिन्न बैंकों, सहकारी समितियों से अल्पकालीन कृषि ऋण लिया जाता है। प्रदेश में विगत कई वर्षो से अवर्षा और अन्य प्राकृतिक कारणों से फसल की क्षति होती आयी है। इस वजह से किसानों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है। प्रदेश के किसानों द्वारा विभिन्न मंचों के माध्यमों से कृषि ऋण माफ करने के लिए सरकार से लगातार अनुरोध किया जा रहा है। प्रस्तावना में आगे कहा गया है - प्रदेश की समग्र परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए यह उचित प्रतीत होता है कि किसानों के बकाया अल्पकालीन कृषि ऋण माफ कर दिए जाने से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और वे बेहतर जीवन-यापन कर सकेंगे। अत: किसानों के व्यापक हित में छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित सहकारी बैंकों और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक में समस्त किसानों के 30 नवम्बर 2018 तक के अल्पकालीन कृषि ऋण माफ करने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के क्रियान्वयन के लिए ऋण माफी योजना निर्धारित की गई है, जो ‘अल्पकालीन कृषि ऋण योजना 2018’ कहलाएगी। इसका विस्तार सम्पूर्ण छत्तीसगढ़ राज्य की सीमाओं तक होगा। 
सहकारिता विभाग द्वारा जारी इस योजना में किसानों की परिभाषाएं भी दी गई हैं। इसमें कहा गया है - (1) कृषक से अभिप्राय ऐसे व्यक्ति से है, जो भूस्वामी, मौरूसी कृषक, शासकीय पट्टेदार या सेवा भूमि के स्वत्व में कृषि भूमि धारण करता हो या अन्य किसी व्यक्ति की कृषि भूमि पर खेती करता हो। (2) सीमांत कृषक से अभिप्राय ऐसे किसान से है, जो अधिकतम 2.50 एकड़ भूमि धारण करता हो। (3) लघु कृषक से अभिप्राय ऐसे किसान से है, जो 2.50 एकड़ से अधिक और 5 एकड़ तक कृषि भूमि धारण करता हो। (4) बड़े कृषक से अभिप्राय ऐसे कृषक से है, जो पांच एकड़ से अधिक कृषि भूमि धारण करता है। (5) स्व-सहायता समूह से अभिप्राय किसानों के ऐसे समूह से है, जो 31 मार्च 2018 के पूर्व से गठित है और जिनके द्वारा समिति/बैंक से अल्पकालीन कृषि ऋण लिया गया है। (6) संयुक्त देयता समूह से अभिप्राय किसानों के ऐसे समूह से है, जो 31 मार्च 2018 के पहले गठित है और जिनके द्वारा समिति अथवा बैंक से अल्पकालीन कृषि ऋण लिया गया हो। (7) स्थगित ऋण से अभिप्राय प्राकृतिक आपदा की स्थिति में शासन/भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों पर अल्पकालीन कृषि ऋणों को एक वर्ष के लिए स्थगित किया गया हो। (8) मध्यमकालीन परिवर्तित ऋण से अभिप्राय है - प्राकृतिक आपदा की स्थिति में शासन/भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों पर अल्पकालीन कृषि ऋणों को मध्यमकालीन ऋणों में परिवर्तित किया गया हो। (9) मध्यम कालीन पुन: परिवर्तित ऋण से अभिप्राय है - प्राकृतिक आपदा की स्थिति में शासन/भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों पर मध्यमकालीन परिवर्तित ऋणों की किश्तों को पुन: परिवर्तित किया गया हो। (10) बैंक से अभिप्राय सहकारी बैंक और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक से है। (11) संस्था से अभिप्राय प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था/वृहत्ताकार प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था/कृषि सेवा सहकारी संस्था/आदिम जाति बहुउद्देश्यीय सहकारी संस्था से है। (12) अल्पकालीन कृषि ऋण का अभिप्राय सीधे किसानों अथवा उनके समूह (स्व-सहायता समूह/संयुक्त देयता समूह) को दिए गए अल्पावधि कृषि ऋण से है। योजना में ऋण माफी की पात्रताओं का भी उल्लेख किया गया है। इसके अनुसार प्रदेश के सभी किसानों के ऐसे अल्पकालीन कृषि ऋण/स्थगित ऋण/मध्यमकालीन परिवर्तित ऋण और मध्यमकालीन पुन: परिवर्तित ऋण जो 30 नवम्बर 2018 पर बकाया हो, ऐसी बकाया राशि माफ की जाएगी। इसके साथ ही दिनांक 01 नवम्बर 2018 से 30 नवम्बर 2018 के मध्य बीच लिंकिंग या नगद रूप में चुकाए गए ऋणों की राशि भी माफी योग्य रहेगी, जो किसानों को वापसी योग्य होगी। 
सहकारिता विभाग की ओर से अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना 2018 के प्रावधानों में यह भी कहा गया है कि इस योजना के तहत अल्पकालीन कृषि ऋणों को छोडक़र शेष किसी भी प्रकार के मध्यमकालीन/दीर्घकालीन ऋण की माफी नहीं की जाएगी। ऋण माफी का लाभ केवल सहकारी बैंक और छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक तथा प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था/वृहत्ताकार प्राथमिक कृषि साख सहकारी संस्था/कृषि सेवा सहकारी संस्था/आदिम जाति बहुउद्देश्यीय सहकारी संस्था से लिए गए अल्पकालीन कृषि ऋणों पर दिया जाएगा। कार्पोरेट/पार्टनरशिप फर्म/ट्रस्ट को दिए गए कृषि ऋण पर ऋण माफी का लाभ नहीं दिया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नियंत्रित माइक्रोफाइनेंस संस्थान द्वारा वितरित किसी भी प्रकार का ऋण इस योजना में शामिल नहीं होगा। खड़ी फसल के अलावा अन्य कृषि उत्पादों हेतु प्लेज एवं हाईपोथिकेशन के विरूद्ध दिए गए ऋण भी इस योजना में शामिल नहीं होंगे। 
अधिकारियों ने बताया कि कल जारी इस योजना के लिए निर्धारित प्रावधानों के अनुसार ऋण माफी के लिए आवश्यक बजट की मांग संबंधित बैंकों द्वारा अपने प्रशासकीय विभाग के माध्यम से की जाएगी। ऋण देनी वाली संस्थाओं के दायित्वों का उल्लेख करते हुए योजना में कहा गया है कि ऋण देने वाले प्रत्येक बैंक/संस्था इस योजना के अधीन पात्र किसानों की सूची और प्रत्येक किसान के संबंध में ऋण माफी की सत्यता और विश्वसनीयता के लिए जिम्मेदार होंगी। सहकारी बैंकों के मामले में ऋण माफी की राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र उप पंजीयक अथवा सहायक पंजीयक द्वारा सत्यापित करवाने के बाद जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों द्वारा राज्य सहकारी बैंक के माध्यम से सहकारी संस्थाओं के पंजीयक को प्रस्तुत किया जाएगा। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के मामले में ऋण राशि का उपयोगिता प्रमाण पत्र संबंधित बैंक द्वारा संचालक, संस्थागत वित्त को प्रस्तुत किया जाएगा। 
योजना के दिशा-निर्देशों में आगे कहा गया है कि इस योजना के किसी पैराग्राफ या योजना के तहत जारी किसी अनुदेश की व्याख्या करने में यदि कोई संदेह होता है, तो राज्य शासन द्वारा संदेह का समाधान किया जाएगा। इस संबंध में राज्य शासन का निर्णय अंतिम होगा। यदि योजना के प्रावधानों या इस योजना के तहत जारी किसी अनुदेश को प्रभावी बनाने में कोई कठिनाई आती है तो राज्य शासन द्वारा कठिनाई दूर करने के लिए उसे जो भी आवश्यक या तत्काल अपेक्षित प्रतीत होगा, उसके अनुसार आदेश जारी किया जाएगा। प्रचार-प्रसार की दृष्टि से योजना की प्रति अल्पकालीन कृषि ऋण देने वाले बैंक और संस्थाओं की प्रत्येक शाखा में प्रदर्शित की जाएगी।

)वन विभाग के अफसर की करोड़ों की संपत्ति का खुलासा
Posted Date : 23-Dec-2018 10:04:26 am

)वन विभाग के अफसर की करोड़ों की संपत्ति का खुलासा

इंदौर ,23 दिसंबर । मध्य प्रदेश के इंदौर में पुलिस की विशेष शाखा द्वारा वन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी (एसडीओ) आर. एन. सक्सेना के यहां रविवार की सुबह मारे गए छापे में करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है। नगदी के अलावा अधिकारी के कई मकानों का भी पता चला है। लोकायुक्त दल जांच में लगे हुए हैं। 
लोकायुक्त के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, महू में पदस्थ सक्सेना के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायतें मिली थीं जिसके आधार पर रविवार की सुबह सक्सेना के भंवरकुआं स्थित आवास सहित उनके अन्य ठिकानों पर लोकायुक्त के दलों ने दबिश दी।
सूत्रों के अनुसार, बड़ी मात्रा में सक्सेना के आवास से नगदी के अलावा जेवरात भी मिले हैं। उनके कई मकानों के दस्तावेज भी मिले हैं। लोकायुक्त के दल उनके आवास को खंगाल रहे हैं। अन्य स्थानों पर भी कार्रवाई जारी है। इंदौर के लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप सोनी ने पुष्टि कर कहा कि कार्रवाई जारी है।