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केंद्र सरकार से डेटा शेयर नहीं करेगा पश्चिम बंगाल
Posted Date : 29-Dec-2018 11:18:07 am

केंद्र सरकार से डेटा शेयर नहीं करेगा पश्चिम बंगाल

0-ममता बनर्जी ने कहा
कोलकाता ,29 दिसंबर । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रदेश सरकार के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे केंद्र सरकार से बंगाल से जुड़े डेटा शेयर करना बंद कर दें। गुरुवार को 24 परगना जिले में प्रशासनिक अधिकारियों संग हुई बैठक में ममता ने कहा कि पश्चिम बंगाल के सरकारी विभाग अपना खुद का पोर्टल बनाएंगे और डेटा सुरक्षित रखेंगे। ममता का आरोप है कि केंद्र सरकार पश्चिम बंगाल से लिए डेटा का प्रयोग समाज के कुछ वर्गों में राजनीतिक संदेश भेजने के लिए कर रहा है।
पहली बार मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए इस तरह के निर्देश का पालन करते हुए प्रदेश सरकार के अधिकारियों ने सभी सरकारी विभागों के डेटा सुरक्षित रखने के लिए डैशबोर्ड बनाने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। यह डैशबोर्ड सभी सरकारी पोर्टलों के लिए कॉमन प्लेटफॉर्म का काम करेगा।
कई चीजों को कंट्रोल में लेने की कोशिश कर रहा केंद्र 
ममती बनर्जी का कहना है, अब से हम अपने पोर्टल पर ही पश्चिम बंगाल से जुड़े डेटा सुरक्षित रखेंगे। हमें केंद्र से डेटा शेयरिंग बंद करनी होगी क्योंकि डेटा इक_ा करने के नाम पर वे लोग बहुत सारी चीजों को खुद के कंट्रोल में लेने का प्रयास कर रहे हैं। केंद्र सरकार सीधे तौर पर संघीय ढांचे को प्रभावित कर रहा है जो उचित नहीं है। इससे पहले देश में ऐसा कभी नहीं हुआ। हमारी सरकार भी केंद्र की तरह ही चुनकर सत्ता में आई है।
अल्पसंख्यकों के विकास के लिए नहीं दिया फंड 
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल में अल्पसंख्यकों की जनसंख्या से जुड़ा डेटा तो हमसे लिया पर उनके विकास के लिए न तो पैसा दिया और न ही उनके बच्चों को स्कॉलरशिप। बाद में हमारी सरकार ने उनके लिए पैसा जारी किया। वे हमारे अधिकारियों से डेटा तो ले लेते हैं पर कोई फंड नहीं जारी करते हैं। वे इस डेटा का सिर्फ अपने राजनीतिक हितों को साधने के लिए कर रहे हैं। 
गौरतलब है कि पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दस जांच एजेंसियों को यह अधिकार दिया था कि वे देश में कहीं भी किसी कंप्यूटर का डेटा खंगाल सकती हैं। विपक्ष की प्रमुख नेताओं में शामिल ममता बनर्जी ने गृह मंत्रालय की इस अधिसूचना का पुरजोर विरोध जताया था। कांग्रेस ने भी उनके सुर में सुर मिलाया था। कहा था कि बीजेपी सरकार का यह फैसला लोगों की निजता पर वार है।

मुठभेड़ के दौरान 4 आतंकवादी ढेर
Posted Date : 29-Dec-2018 11:14:52 am

मुठभेड़ के दौरान 4 आतंकवादी ढेर

0-सेना की बड़ी कार्रवाई
पुलवामा,29 दिसंबर । जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सेना ने शनिवार सुबह एक बड़ी मुठभेड़ में 4 आतंकियों को मार गिराया है। पुलवामा के राजपोरा गांव में हुई इस मुठभेड़ के दौरान सेना और एसओजी के जॉइंट ऑपरेशन में 4 आतंकी मार गिराए गए। सुरक्षा बलों का ऑपरेशन अब खत्म हो गया है।
सैन्य सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सेना को शुक्रवार-शनिवार की रात पुलवामा में आतंकी मौजूदगी के इनपुट्स मिले थे। इस सूचना पर कार्रवाई करते हुए सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स, केंद्रीय रिजर्व पुलिस की 183 बटैलियन और जम्मू-कश्मीर पुलिस की एसओजी टीम को राजपोरा गांव की घेराबंदी करने के लिए भेजा गया। इसी दौरान यहां के हाजीपाइन इलाके के एक मकान में छिपे आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर फायरिंग कर भागने के प्रयास किए।
इलाके में इंटरनेट सेवाओं पर लगी रोक 
इस गोलीबारी के बाद जवानों ने जवाबी कार्रवाई करते हुए आतंकियों को एक मकान में घेर लिया, जिसके बाद शनिवार सुबह से ही इलाके में दोनों तरफ से भारी गोलीबारी की शुरुआत हुई। इस कार्रवाई के दौरान सेना ने इलाके में इंटरनेट सेवाओं पर भी रोक लगवा दी और सुरक्षा के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस की कई टीमों को मुठभेड़ स्थल के आसपास तैनात किया गया। सेना के ऑपरेशन के दौरान सुबह 8 बजे के आसपास 4 आतंकी मार दिए गए।
सांबा जिले में हथियारों का जखीरा बरामद 
कश्मीर घाटी में सेना की इस कार्रवाई से पहले जम्मू संभाग के सांबा जिले में सेना ने जमीन के नीचे छिपाए गए घातक हथियारों का एक जखीरा भी बरामद किया है। सांबा जिले में सेना एक एक सर्च ऑपरेशन के दौरान दो एके-47 राइफल और भारी मात्रा में कारतूस बरामद हुए हैं। सेना के मुताबिक, 28 और 29 दिसंबर की रात हुए इस सर्च ऑपरेशन के दौरान बरामद हथियारों को जमीन के नीचे छिपाकर रखा गया था।

जमीन से निकल रहे हैं लावा जैसा तरल पदार्थ
Posted Date : 29-Dec-2018 11:13:59 am

जमीन से निकल रहे हैं लावा जैसा तरल पदार्थ

0-ज्वालामुखी सक्रिय होने की आशंका
अगरतला ,29 दिसंबर । त्रिपुरा के जलिफा गाँव में एक ज्वालामुखी सक्रिय होने की प्रक्रिया है। स्थानीय मीडिया के अनुसार उक्त गांव में तरल व ज्वलनशील, जमीन से बाहर निकल रहे हैं। इस बात की सूचना जैसे ही प्रशासन के पास पहुंची भूगर्भ वैज्ञानिक सक्रिय हो गए हैं। इससे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई है। यह धीरे-धीरे त्रिपुरा राज्य सरकार के लिए भी चिंता का विषय बन रहा है। गौरतलब है कि उत्तर पूर्व भारत भूकंप के लिए अत्यधिक संवेदनशील है माना जाता रहा है। 
इससे पहले इंडोनेशिया में पिछले सप्ताह एक द्वीप पर ज्वालामूखी फटने से भयंकर सुनामी आयी थी, जिसमें 400 से ज्यादा लोगों की मौत और हजारों लोग घायल हुए थे। इस साल की यह तीसरी घटना है जो बांग्लादेश में चटगांव के बहुत करीब है। इससे पहले अप्रैल के मध्य में बैष्णवपुर और घाघरबस्ती में आग और गैस के साथ लावा जैसा तरल पदार्थ फूटा था। हाल ही में कुछ दिनों पहले हुई एक घटना में जलिफा के स्थानीय ग्रामीण सडक़ के किनारे बिजली के पोल के निचले हिस्से से लावा निकलने से डर गए थे और आग बुझाने वाली टीम और स्थानीय पुलिस को मामले की सूचना दी गई थी। 
इस बीच त्रिपुरा सरकार के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण विभाग के वैज्ञानिकों ने भी जलिफा गांव के घटनास्थल का दौरा किया है। घटनास्थल की जांच करने और घटनास्थल से एकत्र किए गए नमूनों का विश्लेषण करने के बाद उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि आग, धुआं और जमीन से बाहर निकलने वाली अन्य सामग्री भूमिगत टेक्टोनिक प्लेटों के विस्थापन के साथ उस क्षेत्र से गुजरती है, जो घटना के कारण भारी गर्मी पैदा कर रही है। 
हालांकि, त्रिपुरा स्पेस एप्लिकेशन सेंटर में वैज्ञानिक टीम का नेतृत्व कर रहे अविसेक चौधुरी ने कहा कि लावा या सक्रिय ज्वालामुखी के फटने की बहुत कम संभावना है। इधर त्रिपुरा के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण मंत्री सुदीप रॉय बर्मन ने चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि राज्य में पहले ही बड़े स्तर पर भूकंप जैसी कई घटनाएं देखी जा चुकी है। इस मामले को लेकर भूगर्भ विज्ञानी बेहद सक्रिय हो गए हैं। 

महाराष्ट्र में ठंड ने तोड़ा 27 साल पुराना रिकॉर्ड
Posted Date : 29-Dec-2018 11:13:12 am

महाराष्ट्र में ठंड ने तोड़ा 27 साल पुराना रिकॉर्ड

0-ओस की बूंदे बनीं बर्फ
मुंबई ,29 दिसंबर । उत्तर भारत ठंड की चादर में लिपटा हुआ है। यहां कई राज्यों में न्यूनतम तापमान 3 डिग्री से भी निचे चला गया है। तो वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में ठंड ने 27 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ दिया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब महाराष्ट्र में इतनी ठंड हुई हो। 
कश्मीर में पड़ रही बर्फ ने महाराष्ट्र में भी ठंड कर दी है। राज्य का सबसे कम न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। वहीं, नागपुर का न्यूनतम तापमान 5.7 डिग्री सेल्सियस, पुणे का न्यूनतम तापमान 6.6 सेल्सियस दर्ज किया गया। महाबलेश्वर के वेन्ना तालाब के पास ओस की बूंदे बर्फ में तब्दील हो गई। मौसम विभाग के डॉ. अरविन्द श्रीवास्तव ने बताया कि कश्मीर में हो रही बर्फबारी के कारण महाराष्ट्र में सर्द हवाएं आ रही हैं। आने वाले समय भी ठंड से लोग ठिठुरने के लिए मजबूर रहेंगे। बता दें, नागपुर में न्यूनतम तापमान 5.7 डिग्री सेल्सियस, धुले में 3.2 डिग्री, पुणे शहर में 7.6 डिग्री, पुणे पाषाण इलाके में 6.6 डिग्री, जलगांव में 6.4 डिग्री, नासिक में 6.9 डिग्री, औरंगाबाद में 8.2 डिग्री, परभणी में 8.9 डिग्री, अकोला में 8.5 डिग्री, बुलढाणा में 8.5 डिग्री, वाशिम में 9 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया है। 

मोदी वाराणसी-गाजीपुर में पूर्वांचल को देंगे 499 करोड़ की सौगात
Posted Date : 29-Dec-2018 11:12:40 am

मोदी वाराणसी-गाजीपुर में पूर्वांचल को देंगे 499 करोड़ की सौगात

वाराणसी,29 दिसंबर । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी और गाजीपुर में करीब 499 करोड़ रुपये विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास करेंगे।
अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्रधानमंत्री के एक दिवसीय दौरे के मद्देनजर सुरक्षा समेत तमाम तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। उनके वाराणसी के बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पहुंचने राज्यपाल राम नाईक एवं मुख्यमंत्री योग आदित्यनाथ समेत कई भारतीय जनता पार्टी के कई नेता उनकी आगवानी करेंगे। सर्वश्री नाईक एवं योगी के अलावा केंद्रीय संचार मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री के गाजीपुर और वाराणसी के तमामा कार्यक्रमों में शामिल होंगे। 
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के 16वें दौर पर नव वर्ष उपहार’ स्वरुप करीब 279 करोड़ रुपये की आधारभूत विकास परियोजाओं की सौगत देंगे, जबकि श्री सिन्हा के संसदीय क्षेत्र गाजीपुर के आईटीआई मैदान में एक जन सभा में 220 करोड़ रुपये की अनुमानति लागत वाली राजकीय मेडिकल कॉलज का शिलान्यास करेंगे तथा महाराजा सुहेल देव पर स्मारक डाक टिकट का विमोचन करेंगे। प्रधानमंत्री के पूर्वांचाल के इस दौरे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ताओं में उत्साह का महौल है और वे उनके कायक्र्रमों को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। वाराणसी के जिला अधिकारी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि श्री मोदी द्वारा 27875.85 लाख रुपये की लागत से 29 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास प्रस्तावित है। लोकार्पण होने वाली परियोजनाओं में 9300 लाख रुपये की लागत से वाराणसी में स्थापित केंद्र सरकार के कृषि मंत्रालय के अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र एवं नगर निगम के अंर्तगत 1197 रुपये की लागत से हेरिटेज स्थलों पर बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने समेत 18002.31 लाख रुपये की 15 विकास परियोजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अंर्तगत शहरी इलाके के सीवर लाइनों के जीर्णोंधार की 2109 लाख रुपये की परियोजना समेत 9873.52 लाख अनुमानित लागत की 14 विकास परियोजनाएं शिलान्यास के लिए प्रस्तावित हैं।

भारी बर्फबारी के बाद भारतीय सेना ने 2500 पर्यटकों को नाथू ला से रेस्क्यू किया
Posted Date : 29-Dec-2018 11:11:59 am

भारी बर्फबारी के बाद भारतीय सेना ने 2500 पर्यटकों को नाथू ला से रेस्क्यू किया

गंगटोक ,29 दिसंबर । भारतीय सेना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि क्यों उनकी तत्परता की मिसालें दी जाती हैं। सिक्किम में घूमने गए हजारों लोग जब भारी बर्फबारी के बीच फंस गए तो सेना ने सभी को वहां से बचाकर निकाल लिया। अभी भी सेना राहतकार्य में जुटी है और तब तक लगी रहेगी जब तक सभी को राजधानी गंगटोक न पहुंचा दिया जाए।
भारतीय सेना ने नाथूला में 400 गाडिय़ों में फंसे 2500 नागरिकों को भारी बर्फबारी के बीच से निकाला। सभी लोगों को रात को ही खाना, शेल्टर और मेडिकल केयर मुहैया कराई गई। यह इलाका 17 मील और नाथू ला के बीच जवाहरलाल नेहरू मार्ग का है जहां 28 दिसंबर 2018 को भारी बर्फबारी हुई थी। इसमें 300-400 गाडिय़ां 17 मील के पास फंस गईं।
इन गाडिय़ों में करीब 2500 पर्यटक फंस गए। ये लोग इंडो-चीन बॉर्डर के नजदीक नाथू ला पास घूमने गए थे। भारतीय सेना ने फौरन ऐक्शन लेते हुए फंसे हुए पर्यटकों के लिए राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। इन लोगों को खाना, शेल्टर, गर्म कपड़े और दवाइयां मुहैया कराई गईं। पर्यटकों में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग भी शामिल थे।
करीब 1500 पर्यटकों को 17 मील पर ठहराया गया है जबकि बाकी पर्यटकों को 13 मील पर। भारतीय सेना ने बर्फ हटाने और सडक़ संपर्क जोडऩे के लिए जेसीबी और बीआरओ डोजर के दो सेट दिए हैं। सेना के मुताबिक राहत कार्य तब तक चलता रहेगा जब तक सभी फंसे हुए पर्यटकों को सुरक्षित तरीके से गंगटोक नहीं भेज दिया जाएगा।