नयी दिल्ली ,07 जनवारी । सुप्रीम कोर्ट ने बकाए का भुगतान नहीं करने के मामले में एरिक्सन इंडिया की अवमानना याचिका पर रिलायंस कम्युनिकेशन्स लिमिटेड(आरकॉम) के अध्यक्ष अनिल धीरूभाई अंबानी और अन्य को सोमवार को नोटिस जारी किया। न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने अंबानी और अन्य से चार सप्ताह में जवाब मांगा है। आर कॉम की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ताओं कपिल सिब्बल और मुकुल रोहतगी ने न्यायालय से एरिक्सन इंडिया को बकाए के भुगतान के संदर्भ में 118 करोड़ रुपए पहले स्वीकार करने का अनुरोध किया। एरिक्सन की ओर से पेश वकील ने यह राशि स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि 550 करोड़ रुपए की पूरी बकाया राशि जमा की जानी चाहिए। इस पर पीठ ने आर कॉम को रजिस्ट्री में 118 करोड़ रुपए का डीडी जमा कराने का निर्देश दिया।
नयी दिल्ली ,07 जनवारी । राज्यसभा के सभापति एवं उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को सपा, कांग्रेस और माकपा सदस्यों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर चर्चा कराने के लिये दिये गये कार्य स्थगन प्रस्ताव के नोटिस को अस्वीकार कर दिया। इस पर सदस्यों के हंगामे के कारण नायडू को उच्च सदन की बैठक दोपहर दो बजे तक के लिये स्थगित करनी पड़ी। उन्होंने सदन की बैठक शुरु होने पर कार्यसूची में उल्लिखित दस्तावेजों को सदन पटल पर रखवाने के बाद कुछ सदस्यों द्वारा नियम 267 के तहत नोटिस दिये जाने की जानकारी देते हुये बताया कि उन्होंने ये नोटिस स्वीकार नहीं किये हैं। इस पर सपा, कांग्रेस और माकपा सहित अन्य दलों के सदस्यों द्वारा हंगामा शुरु करने पर नायडू ने बैठक शुरू होने के 15 मिनट बाद ही कार्यवाही को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। संसद भवन परिसर में कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब नबी आजाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘कांग्रेस के आनंद शर्मा ने राफेल मुद्दे पर, सपा के रामगोपाल यादव ने पार्टी नेताओं के खिलाफ सीबीआई के दुरुपयोग पर चर्चा कराने के लिये कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया था।’’ प्राप्त जानकारी के अनुसार, सबरीमला मामले में केरल में जारी हिंसा के मुद्दे पर माकपा की ओर से भी नियम 267 के तहत कार्य स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था। आजाद ने कहा, ‘‘मोदी सरकार ने जो वादे किए उनको पूरा करने पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है। सिर्फ इस पर पूरा ध्यान लगाया है कि सीबीआई, ईडी और आयकर विभाग का कैसे अपने विरोधियों को कमजोर करने और उन पर आरोप लगाने के लिए इस्तेमाल करना है, ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘चाहे कांग्रेस के नेता हों, राकांपा के नेता हों, तृणमूल कांग्रेस, द्रमुक या अन्नाद्रमुक के नेता हों, उन पर सीबीआई, आयकर और ईडी की कार्रवाई के जरिए उनको डराने धमकाने का पूरा प्रयास किया।’’ आजाद ने कहा, ‘‘इस सरकार ने जाते-जाते उन पर (सपा नेताओं पर) कार्यवाही शुरू कर दी। पौने पांच साल यह सरकार कहां बैठी थी। पौने पांच साल तक इनको भ्रष्टाचार नहीं दिखा। इनका मकसद यह है कि डराओ-धमकाओ ताकि गठबंधन न होने पाए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोकतंत्र में यह राजनीतिक दलों पर निर्भर करता है कि वे किसके गठबंधन करते हैं, किसके साथ नहीं । हम इसकी निंदा करते हैं और यह तानाशाही नहीं चलेगी।’’ आजाद ने कहा, ‘‘राफेल का मुद्दा कांग्रेस अध्यक्ष लगातार उठाते आ रहे हैं। पूरा देश कह रहा है कि राफेल खरीद बहुत बड़ा घोटाला है।’’ उन्होंने कहा कि इन दोनों विषयों पर राज्यसभा में चर्चा होनी चाहिए।
नयी दिल्ली ,07 जनवारी । केंद्र में बीजेपी नेतृत्व वाली सरकार पर मनरेगा की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए पूर्व वित्तमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि इस रोजगार कार्यक्रम ने भुखमरी से निपटने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभायी थी, लेकिन अब उसकी भी स्थिति खराब है। उन्होंने दावा किया कि राज्यों ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के लिए आवंटित धन को खर्च कर दिया है और चालू वित्त वर्ष के शेष तीन महीनों के लिए केवल 331 करोड़ रुपये की राशि ही बची हुई है। उन्होंने बताया कि इस बात का कोई संकेत नहीं दिख रहा है कि केंद्र मनरेगा के लिए अब और अधिक धन मुहैया कराएगा। उन्होंने अपने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा कि एक अन्य चिंताजनक बात यह है कि मनरेगा अब मांग के आधार पर संचालित होने वाला कार्यक्रम नहीं रहा, बल्कि इसमें अब धन की उपलब्धता के आधार पर ही श्रमिकों को काम दिया जाता है। उन्होंने कहा, धन उपलब्ध नहीं होने के कारण कई पंचायतों में काम पूरी तरह से रुक गया है। कृषि संबंधी कीमतें कम हैं। नौकरी के अवसर बहुत कम हैं। एक चीज जो भुखमरी से निपटने में मददगार थी, वह थी मनरेगा और इस कार्यक्रम की हालत भी अब खराब है।
0-दिल्ली में कोहरा
नईदिल्ली ,07 जनवारी । राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में छाए कोहरे के चलते सोमवार सुबह दिल्ली एयरपोर्ट पर विमान सेवाएं बाधित रहीं. कई विमान तय समय से देरी से पहुंचे. वहीं दिल्ली आने वाली करीब 13 ट्रेनें भी कोहरे की वजह से देर से पहुंची.
वहीं पाबुक चक्रवात की वजह से हो रही भारी बारिश के चलते बेंगलुरु और अंडमान में भी विमान सेवाएं प्रभावित रहीं.
विस्तारा, इंडिगो और अन्य एयरलाइन्स ने यात्रियों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. यात्रियों से कहा गया है कि एयरपोर्ट के लिए घर से निकलने से पहले अपना फ्लाइट स्टेटस चेक कर लें.
एयरलाइन्स ने यात्रियों से यह भी कहा है कि जरूरत पडऩे पर उनकी फ्लाइट बदली जा सकती है. इसके लिए उनसे अतिरिक्त किराया नहीं लिया जाएगा. पोर्ट ब्लेयर जाने वाली फ्लाइट्स के लिए कैंसिलेशन और चेंज फीस नहीं लिया जाएगा. वहीं बेंगलुरु जाने वाली दो फ्लाइट्स को चेन्नई डाइवर्ट किया गया है.
नईदिल्ली ,07 जनवारी । संसद का एक और सत्र बीतने वाला है और तीन तलाक बिल का पास हो पाना मुश्किल लग रहा है. विपक्ष लगातार मांग कर रहा है कि बिल सेलेक्ट कमिटी को भेजा जाए. वहीं केंद्र और बिहार दोनों जगह बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू के तीन तलाक बिल के पक्ष में वोट नहीं करने के फैसले से बीजेपी को बड़ा झटका लगा है.
जेडीयू के राज्यसभा सांसद और पार्टी के बिहार प्रमुख वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा, यह मामला एक बड़े समुदाय से जुड़ा है ऐसे में तीन तलाक बिल को राज्यसभा में पास करने की हड़बड़ी दिखाना उचित नहीं होगा. उन्होंने कहा कि बिल पेश करने से पहले सरकार को सभी सहयोगियों से चर्चा करनी थी. उन्होंने कहा कि राज्यसभा में वोटिंग हुई तो जेडीयू सरकार के खिलाफ वोट करेगी.
विपक्ष की मांग है कि मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2018 को सेलेक्ट कमिटी को भेजा जाए. संसद का शीतकालीन सत्र मंगलवार को खत्म हो रहा है और विपक्ष राज्यसभा में इस बिल को पास होने देने के मूड में नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त, 2017 को एक बार में तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित किया था. कोर्ट ने कहा था कि इस तरीके से दिए गए तलाक को कानूनी रूप से तलाक नहीं माना जाएगा. हालांकि इस फैसले में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के संबंध में कोई गाइडलाइन तय नहीं किये गए थे.
कोर्ट ने निर्देश दिया था कि केंद्र सरकार इस संबंध में बिल तैयार करे और संसद में उसे पास करवाकर कानून बनाए.
पिछले साल मानसून सत्र में राज्यसभा में बिल पास करवाने में असफलता के बाद केंद्र सरकार इस मुद्दे पर अध्यादेश लेकर आई. हालांकि अध्यादेश के जरिए बनाया गया कानून छह महीने के अंदर अवैध हो जाता है, ऐसे में सरकार के लिए इस बिल को संसद में पास कराना अनिवार्य है. चूंकि शीतकालीन सत्र मंगलवार को खत्म हो रहा है. सरकार इस बिल को सलेक्ट कमिटी को भेजने के पक्ष में नहीं दिख रही है.
ऐसे में सरकार ऑर्डिनेंस को चुनाव तक दोबारा लागू कराने की दिशा में विचार कर सकती है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक पुराने फैसले में इसे लोकतंत्र के साथ धोखा करार दिया था.
विपक्ष का मानना है कि शादी दो वयस्कों के बीच एक सामाजिक कॉन्ट्रैक्ट है, इसलिए तलाक से जुड़े मसलों का समाधान भी सामाजिक ही होना चाहिए. विपक्ष का कहना है कि इस मुद्दे का अपराधिकरण नहीं किया जाना चाहिए.
एक और चिंता यह है कि यदि कानून पास होता हो तो पति आरोपी होगा और उसे जेल भेज दिया जाएगा. वह जेल जाता है तो भी पत्नी की मर्जी के खिलाफ दोनों का सेपरेशन हो जाएगा. जबकि हो सकता है कि पत्नी तलाक नहीं चाहती हो.
नई दिल्ली ,07 जनवारी । दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को लोगों से कांग्रेस को वोट नहीं देने की अपील की। यह अपील ऐसे समय में की गई जब मीडिया में ऐसी खबरें चल रही हैं कि लोकसभा चुनाव में गठबंधन के लिए आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस संपर्क में हैं।
ककरोला में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने लोगों से बीजेपी को भी वोट नहीं देने की अपील की। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली के विकास के लिए बजेपी के सभी सात सांसदों ने कुछ नहीं किया।
केजरीवाल ने कहा, ‘कांग्रेस के लिए बिल्कुल भी वोट नहीं करें क्योंकि अगर आप कांग्रेस को वोट करेंगे तो यह नरेंद्र मोदी को ही मजबूत करेगी। आप अपने वोट बंटने न दें। सभी सात सांसद ‘आप’ के ही चुनें।