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परेड में पहली बार महिला स्वाट कमांडो!
Posted Date : 14-Jan-2019 10:52:45 am

परेड में पहली बार महिला स्वाट कमांडो!

0-गणतंत्र दिवस
नई दिल्ली ,14 जनवारी । इस वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली की सुरक्षा 48 पैरामिलिट्री फोर्स की कंपनियों और 35 हजार दिल्ली पुलिस के जवानों के हाथ होगी। कंपनियां अगले 4 दिनों में दिल्ली पहुंच जाएंगी। पहली बार परेड का रूट भी डायवर्ट हुआ है। संभावना है कि देश की पहली महिला स्वाट कमांडो परेड में नजर आएं। स्वदेशी और विदेशी तोप के-9 वज्र और एम-777 होवित्जर तोप भी परेड में नजर आएंगी।
ऐसा पहली बार होगा जब परेड इंडिया गेट अमर जवान ज्योति से होते हुए नहीं निकलेगी। पुलिस अफसरों ने बताया कि रूट में फेरबदल की वजह है, इंडिया गेट पर नैशनल वॉर मेमोरियल का कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा है। वहीं, एनएसजी से ट्रेंड देश की पहली महिला स्वाट कमांडो परेड में नजर आ सकती है, इसका फाइनल फैसला 16 जनवरी को स्पेशल सेल की मीटिंग में होना है। 
जैश-लश्कर के साथ स्लीपर मॉड्यूल से भी खतरा 
अफसरों के मुताबिक, दिल्ली और यूपी से संदिग्ध आतंकियों के पकड़े जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियां इस बार ज्यादा अलर्ट हैं। दिल्ली पुलिस ने पड़ोसी राज्यों की पुलिस के साथ इंटरनल इंटेलिजेंस कोर्डिनेशन कोर बनाया है। सूत्रों की मानें तो काफी समय से जैश और लश्कर के आतंकी तो साजिश रच ही रहे हैं, अब खतरा ऐसे स्लीपर मॉड्यूल से ज्यादा है, जो तबाही का मंसूबा बना रहे हैं।
10 हजार सीसीटीवी कैमरों से नजर 
नई दिल्ली, नॉर्थ और सेंट्रेल डिस्ट्रिक्ट में ही 4000 रूफ टॉप सुरक्षा को लेकर चिन्हित किए गए हैं। समारोह में आने वालों को स्पेशल व्हीकल चेक्ड स्टीकर दिए जाएंगे। इंडिया गेट के तीन किलोमीटर के दायरे में विशेष गश्ती दल होंगे। इस हफ्ते डमी काफिला बनाकर समारोह स्थल तक पहुंचने की टाइमिंग, स्पीड और सुरक्षा का जायजा लिया जाएगा। एनएसजी कमांडो के साथ दिल्ली पुलिस के करीब 25 हजार जवान समारोह स्थल के आसपास की सुरक्षा संभालेंगे। इसके साथ ही करीब 10,000 सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी।

सज्जन कुमार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से मांगा जवाब
Posted Date : 14-Jan-2019 10:51:51 am

सज्जन कुमार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से मांगा जवाब

0-1984 सिख विरोधी दंगा केस
नई दिल्ली ,14 जनवारी । सुप्रीम कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगों के मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे पूर्व सांसद सज्जन कुमार की याचिका पर सीबीआई से जवाब मांगा है। सज्जन कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी है। सीबीआई को जवाब देने के लिए 6 हफ्ते का समय दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने तब तक के लिए मामले की सुनवाई टाल दी है।
ज्ञात हो कि 22 दिसंबर को सज्जन कुमार ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रूख किया था। दिल्ली हाई कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को दोषी पाया था। सज्जन कुमार को दंगा भडक़ाने और साजिश रचने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई थी, हालांकि कोर्ट ने सज्जन को हत्या के आरोप से बरी कर दिया था।
हाई कोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर और जस्टिस विनोद गोयल की बेंच ने यह फैसला सुनाया था। सज्जन कुमार के अलावा कैप्टन भागमल, गिरधारी लाल और पूर्व कांग्रेस पार्षद बलवान खोखर को भी उम्रकैद की सजा हुई थी। वहीं, किशन खोखर और पूर्व विधायक महेंदर यादव को 10 साल जेल की सजा हुई थी। 
ज्ञात हो कि पूरे 34 साल के बाद कोर्ट ने सज्जन कुमार को सजा हुई है, जबकि इससे पहले उन्हें बरी कर दिया गया था। दरअसल, सीबीआई ने 1 नवंबर, 1984 को दिल्ली कैंट के राज नगर इलाके में पांच सिखों की हत्या के मामले में कांग्रेस नेता सज्जन कुमार को बरी किए जाने के निचली अदालत के फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने पूछा था कि स्टेट मशीनरी क्या कर रही थी? घटना दिल्ली कैंटोनमेंट के ठीक सामने हुई थी।

पाक उच्चायोग के अधिकारी को दिल्ली पुलिस ने तलब किया
Posted Date : 14-Jan-2019 10:49:59 am

पाक उच्चायोग के अधिकारी को दिल्ली पुलिस ने तलब किया

नईदिल्ली ,14 जनवारी । पाकिस्तानी उच्चायोग के एक अधिकारी को दिल्ली पुलिस ने रविवार शाम तलब किया. ये अलग बात है कि पूछताछ के बाद अधिकारी को छोड़ दिया गया. इससे पहले खबर थी कि अधिकारी को पुलिस ने हिरासत में लिया है, हालांकि विदेश मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने अधिकारी को हिरासत में लिये जाने से इनकार किया है.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, दिल्ली के एक मार्केट में इस अधिकारी की एक महिला से बहस हो गई थी. महिला की शिकायत के बाद पुलिस ने अधिकारी को तलब किया था. अधिकारी ने पुलिस थाने पहुंचकर अपनी सफाई दी. इसके साथ ही उन्होंने लिखित में माफी भी मांगी जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया.
फिलहाल इस संबंध में दिल्ली पुलिस या विदेश मंत्रालय की तरफ से आधिकारिक बयान नहीं आया है.

लद्दाख में बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट
Posted Date : 13-Jan-2019 11:27:48 am

लद्दाख में बनेगा दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट

नई दिल्ली ,13 जनवारी । अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए मशहूर लद्दाख अब जल्द ही एक नई वजह से जाना जाएगा। यहां पर दुनिया का सबसे बड़ा सोलर प्लांट लगाए जाने की तैयारी है। जानकारी के अनुसार, दक्षिणी करगिल से करीब 200 किलोमीटर दूर बनाए जाने वाले इस प्लांट से बिजली उत्पादन के साथ ही एक साल में करीब 12,750 टन कार्बन उत्सर्जन को रोकने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही आसपास के इलाकों को रोजगार भी मिलेगा।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अधीन संस्था सोलर एनर्जी कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया इससे जुड़े प्रॉजेक्ट्स को प्रमोट कर रही है। माना जा रहा है कि लद्दाख में 5,000 मेगावॉट की यूनिट और करगिल के लिए 2,500 मेगावॉट की यूनिट साल 2023 तक तैयार हो जाएगी। इस पर करीब 45,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
लद्दाख की प्रॉजेक्ट यूनिट रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्र लेह के न्योमा में हनले-खलदो में बनाई जाएगी। वहीं करगिल सोलर प्लांट यूनिट को जान्स्कार के सुरु में बनाया जाएगा जो डिस्ट्रिक्ट हेडचर्टर से 254 किलोमीटर की दूरी पर है। 
लद्दाख यूनिट से जनरेट होने वाली बिजली को कैथल तक सप्लाई किया जाएगा, जिसके लिए 900 किलोमीटर लंबी लाइन लेह-मनाली सडक़ पर बिछाई जाएगी। करगिल परियोजना श्रीनगर के पास न्यू वानपोह में ग्रिड के साथ शुरू होगी। करगिल परियोजना श्रीनगर के पास न्यू वान्पोह में ग्रिड के साथ जुड़ेगी। 
एसईसीआई के डायरेक्टर एसके मिश्रा ने बताया कि टेंडर्स से जुड़ी समस्याओं पर गौर करने के साथ ही प्रॉजेक्ट के स्थान से जुड़ी समस्याओं पर भी गौर कर उन्हें दूर करने की कोशिश की गई है। 
प्रॉजेक्ट से जुड़ी एक और सकारात्मक बात यह है कि लेह और करगिल प्रशासन ने पहाड़ी परिषदों के लिए पारिश्रमिक कीमतों पर क्रमश: 25,000 और 12,500 एकड़ गैर-चरने वाली भूमि को नामित किया है, जो 3त्न वार्षिक वृद्धि के साथ प्रति वर्ष लगभग 1,200 रुपये प्रति हेक्टेयर का किराया भी कमाएगा। 
मिश्रा ने कहा, प्रॉजेक्ट के लिए जमीन का चुनाव हो जाना संभावित प्रमोटरों के लिए एक बड़ी राहत है, जो अलग-अलग स्थानों से साइट विजिट के लिए आ रहे हैं और प्रॉजेक्ट में काफी रुचि दिखा रहे हैं। 
उम्मीद की जा रही है कि सोलर पैनल परियोजनाएं सुदूर सीमावर्ती क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देंगी और स्थानीय लोगों को सोलर पैनलों की सफाई और ट्रांसफार्मर का रखरखाव आदि जैसे कौशल सिखा कर उन्हें रोजगार उपलब्ध करवाएंगी।

मेहरम’ के बिना हज पर जाएंगी 2340 महिलाएं
Posted Date : 13-Jan-2019 11:26:36 am

मेहरम’ के बिना हज पर जाएंगी 2340 महिलाएं

0-मिलेंगी विशेष सुविधाएं
नयी दिल्ली ,13 जनवारी । ‘मेहरम’ (पुरुष साथी) के बिना हज पर जाने की इजाजत मिलने के बाद इस साल 2340 महिलाएं अकेले हज पर जाने की तैयारी में हैं।यह संख्या पिछले साल के मुकाबले करीब दोगुनी है। भारतीय हज समिति के मुताबिक, ‘मेहरम’ के बिना हज पर जाने के लिए कुल 2340 महिलाओं का आवेदन मिला और सभी को स्वीकार कर लिया गया। इन महिलाओं के रहने, खाने, परिवहन और दूसरी जरूरतों के लिए विशेष सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी। हज कमेटी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मकसूद अहमद खान ने बताया, ‘‘इस बार कुल 2340 महिलाएं मेहरम के बिना पर हज पर जा रही हैं। जितनी भी महिलाओं ने बिना मेहरम के हज पर जाने के लिए आवेदन किया, उन सबके आवेदन को लॉटरी के बिना ही स्वीकार कर लिया गया।’’ पिछले साल करीब 1300 महिलाओं ने आवेदन किया था। नई हज नीति के तहत पिछले साल 45 वर्ष या इससे अधिक उम्र की महिलाओं के हज पर जाने के लिए मेहरम होने की पाबंदी हटा ली गई थी। ‘मेहरम’ वो शख्स होता है जिससे इस्लामी व्यवस्था के मुताबिक महिला की शादी नहीं हो सकती अर्थात पुत्र, पिता और सगे भाई । मेहरम की अनिवार्य शर्त की वजह से पहले बहुत सारी महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता था और कई बार तो वित्तीय एवं दूसरे सभी प्रबन्ध होने के बावजूद सिर्फ इस पाबंदी की वजह से वे हज पर नहीं जा पाती थीं। खान ने कहा कि पिछले साल की तरह इस बार भी ‘मेहरम’ के बिना हज पर जाने के लिए ज्यादातर आवेदन केरल से आए, हालांकि इस बार उत्तर प्रदेश, बिहार और कुछ उत्तर भारतीय राज्यों से भी महिलाएं अकेले हज पर जा रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘बिना मेहरम के जा रही महिलाओं को हज के प्रवास के दौरान विशेष सुविधाएं दी जाएंगी। उनको रहने, खाने और परिवहन की बेहतरीन सुविधाएं दी जाएंगी। उनकी सुरक्षा का भी पूरा ध्यान दिया जाएगा और मदद के लिए पिछले साल की तरह ‘हज सहायिकाएं भी मिलेंगी।’’ भारतीय हज समिति को 2019 में हज के लिए ढाई लाख से ज्यादा आवेदन मिले जिनमें 47 फीसदी महिलाएं हैं। इस साल 1.7 लाख लोग हज पर जाएंगे।

बराबरी पर यूं ही नहीं रुका एसपी-बीएसपी का कांटा
Posted Date : 13-Jan-2019 11:19:50 am

बराबरी पर यूं ही नहीं रुका एसपी-बीएसपी का कांटा

लखनऊ, 13 जनवरी । सियासत में सहयोगी से लेकर विरोधी तक पर हावी रखने के बीएसपी प्रमुख मायावती के अंदाज को देखते हुए गठबंधन की तस्वीर भी कुछ ऐसी ही होने के कयास थे। लेकिन मायावती ने कांटा 38-38 के बराबरी पर टिका दिया। एक-दूसरे को बराबर रखने की यह दरियादिली दरअसल इसलिए जरूरी हो गई ताकि एसपी के वोटरों में कहीं भी ‘पिछलग्गू’ होने का भ्रम न फैले। सीधी लड़ाई में वोटों का गणित ठीक रहने के लिए यह संदेश बहुत जरूरी था।
गठबंधन को हर हाल में हकीकत में बदलने के लिए एसपी मुखिया अखिलेश यादव किसी भी तरह के समझौते के लिए तैयार थे। खुद शनिवार को भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश ने कहा कि हम दो कदम पीछे हटने को भी तैयार थे लेकिन मायावती ने हमें बराबरी का सम्मान दिया इसके लिए धन्यवाद। जानकारों का कहना है गठबंधन पर अखिलेश के नरम रुख और मायावती की तल्ख टिप्पणियों के बीच एसपी के कोर वोटरों पर एक भ्रम की स्थिति बन सकती थी।
एसपी-बीएसपी की संभावित सीटें
पार्टी नेताओं के साथ ही समर्थकों के बीच यह स्वाभाविक सवाल पैदा होता कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में एसपी का प्रदर्शन बीएसपी से काफी बेहतर होने के बाद भी हमारा दर्जा ‘दूसरा’ क्यों? इस सवाल को बीजेपी भी एसपी के वोटरों और खासकर यादवों में हवा देती। गठबंधन के रणनीतिकारों ने इस संभावित संकट को भांपते हुए इसकी गुंजाइश खत्म कर दी कि वोटरों में किस तरह का रोष पनपे।
यूपी में पिछले दो दशक से भी अधिक समय में जब यह दोनों ही पार्टियां एक-दूसरे के खिलाफ लड़ रही थीं तो इनके वोटर भी एक-दूसरे से जूझ रहे थे। दोनों के सरकार बनने के दौरान कार्यकर्ताओं को खुश करने के लिए एक-दूसरे के कार्यकर्ताओं को भी अलग- अलग तरह से ‘कसा’ गया। इसलिए यह जरूरी था कि जब नेता एक हो रहे हैं तो उनके कोर वोटर व समर्थक भी सहज हों।