नई दिल्ली,15 जनवरी । राजधानी दिल्ली में पुराने बस टर्मिनलों को नये सिरे से तैयार कर मॉडर्न लुक दिए जाने की योजना में अभी तक तीन बस टर्मिनल का डिजाइन फाइनल किया गया है। कुछ समय पहले दिल्ली सरकार ने नेहरू प्लेस बस टर्मिनल को मॉडर्न बस टर्मिनल में तब्दील किए जाने के लिए टेंडर जारी किया था। अब नजफगढ़ और आजादपुर बस टर्मिनल का डिजाइन भी फाइनल कर लिया गया है।
सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को इन दोनों बस टर्मिनलों को नए डिजाइन के आधार पर तैयार किए जाने के लिए टेंडर हो जाएगा। एयरपोर्ट और मेट्रो स्टेशनों पर मुसाफिरों को मिलने वाली सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए नया डिजाइन तैयार किया गया है।
अब बस टर्मिनल में बस प्लैटफॉर्म होंगे। पब्लिक प्लाजा होगा। वॉटर एटीएम, ई-कियोस्क और एटीएम की फैसिलिटी भी दी जाएगी। लोग अपनी जरूरत का सामान भी खरीद सकेंगे। हर बस टर्मिनल में कियोस्क और दुकानें अलॉट की जाएंगी। जो लोग अपना सामान रखना चाहेंगे. उनको लॉकर की फैसिलिटी मिलेगी। बसों के इंतजार के लिए धूप में खड़ा नहीं रहना होगा और टूटे-फूटे स्टैंड में नहीं बैठना होगा। जब नये बस टर्मिनल बनकर तैयार हो जाएंगे तो लोग एसी वेटिंग रूम में बैठकर बस का इंतजार कर सकेंगे।
बसों की टाइमिंग की सटीक जानकारी यहां मिलेगी। स्टाफ के लिए रेस्ट रूम बनाया जाएगा। साथ ही, बस पास सेक्शन होगा। पैदल चलने वालों के लिए अलग लेन बनेगी। स्टाफ कैंटीन, एंकर स्टोर, टॉयलेट ब्लॉक होगा। बसों की लेन को मॉडर्न सिस्टम से बनाया जाएगा, ताकि बसों के आते-जाते समय कोई रुकावट न हो और न ही ट्रैफिक जाम हो। नये टर्मिनल में प्रमुख जगह पर मोहल्ला क्लिनिक भी होगा। कॉमन मोबिलिटी कार्ड को भी रिचार्ज करवाया जा सकेगा। प्राइवेट साइकल पार्क करने के लिए साइकल स्टैंड भी होगा। किराये पर बाइक भी मिल सकेगी। अगर ऑनलाइन बिल पेमेंट करना है तो ई-क्यिोस्क भी लगाए जाएंगे। बच्चों के लिए क्रेच और प्ले एरिया बनाने की तैयारी भी इस प्लान का हिस्सा है। ऑटो के लिए अलग से स्पेस होगा। इलेक्ट्रिक बसों के लिए भी अलग प्लैटफॉर्म बनेंगे।
सरकार ने नेहरू प्लेस बस टर्मिनल के लिए टेंडर कर दिया है और मंगलवार को नजफगढ़ और आजादपुर बस टर्मिनल के लिए भी टेंडर हो जाएगा। एक सीनियर अधिकारी का कहना है कि चार नई जगहों पर बस टर्मिनल बनाए जाने का टेंडर भी जल्द हो जाएगा। नरेला ए-9, द्वारका सेक्टर-4, द्वारका सेक्टर-12 और विकासपुरी में नए बस टर्मिनल बनाए जाएंगे।
नई दिल्ली ,15 जनवरी । राजधानी दिल्ली में ठंडी हवाओं के साथ-साथ तापमान में एक बार फिर से तीन से चार डिग्री की गिरावट दर्ज की गई। जिससे दिन में भी ठंडक बढ़ गई है। अगले तीन से चार दिनों तक न्यूनतम तापमान 5 से 6 डिग्री के आसपास बना रहेगा।
सोमवार को अधिकतम तापमान 19.5 डिग्री रहा, जो सामान्य से एक डिग्री कम है। वहीं, न्यूनतम तापमान भी 8 डिग्री रहा। हवा में नमी का स्तर 41 से 95 पर्सेंट तक बना रहा। इधर लगातार तीसरे हफ्ते मौसम विभाग ने बारिश की संभावना जताई है। 20 जनवरी को एक बार फिर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से बारिश की संभावना बनी हुई है। स्काईमेट के अनुसार, बारिश रविवार और सोमवार को होगी। इसके बाद कोहरा देखने को मिल सकता है। सोमवार को दिन में धूप रही, लेकिन हवाओं की वजह से धूप में लोगों को ठिठुरन से राहत नहीं मिली। बुधवार से दिल्ली में बादल देखने को मिलेंगे।
19 से 22 जनवरी तक दिल्ली में घने बादल छाए रह सकते हैं, जिसकी वजह से लोगों को धूप नहीं मिलेगी। मंगलवार को तापमान 19 और 6 डिग्री रह सकता है। हालांकि न्यूनतम तापमान के 5 डिग्री से कम होने की संभावना फिलहाल नहीं है। इस हफ्ते भी कोहरा परेशान नहीं करेगा। बादलों की वजह से दिन के समय ठंड अधिक परेशान नहीं करेगी। बुधवार से तापमान 20 डिग्री या इससे अधिक रहने की संभावना है।
नई दिल्ली ,14 जनवारी । राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोमवार सुबह धुंध छाई रही। यहां का न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वायु गुणवत्ता एवं मौसम पूवानुर्मान प्रणाली (सफर) के मुताबिक, दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब की श्रेणी में रही और वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 386 दर्ज किया गया।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के एक अधिकरी ने कहा, दिनभर कुहासा छाया रहेगा। अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। सुबह 8.30 बजे आद्र्रता का स्तर 77 फीसदी रहा। कोहरे के कारण राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने वाली कम से कम 12 ट्रेनें देरी से चल रही हैं।
वहीं, रविवार को न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 8.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकिअधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री ऊपर 23.5 डिग्री सेल्सियस रहा।
0-कोरेगांव-भीमा मामला
नयी दिल्ली,14 जनवारी । सुप्रीम कोर्ट ने एल्गार परिषद-कोरेगांव भीमा हिंसा में कथित भूमिका और माओवादियों से कथित संबंधों के मामले में सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बड़े के खिलाफ दर्ज पुणे पुलिस की एफआईआर रद्द करने से सोमवार को इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में जारी जांच में हस्तक्षेप करने से भी इनकार कर दिया। सीजेआई रंजन गोगोई, जस्टिस अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस के कौल ने बंबई उच्च न्यायालय द्वारा तेलतुम्बड़े को दी गई गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा की अवधि चार सप्ताह और बढ़ा दी। शीर्ष अदालत ने कहा कि तेलतुम्बड़े सक्षम निचली अदालत से इस मामले में नियमित जमानत की अपील कर सकते हैं। बम्बई उच्च न्यायालय से तेलतुम्बड़े की याचिका 21 दिसंबर को खारिज कर दी थी। तेलतुम्बड़े ने अपने खिलाफ दायर पुणे पुलिस की प्राथमिकी रद्द करने और तीन सप्ताह के लिए गिरफ्तारी से अंतरिम सुरक्षा देने की मांग की थी। पुलिस के अनुसार कोरेगांव भीमा में एक जनवरी को हुई हिंसा से एक दिन पहले पुणे में एल्गार परिषद समारोह में कई कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से भडक़ाऊ भाषण दिए थे जिसके कारण हिंसा भडक़ी।
0-इंटरसेप्ट मामला
नयी दिल्ली ,14 जनवारी । सुप्रीम कोर्ट ने कंप्यूटर प्रणालियों को इंटरसेप्ट करने, उन पर नजर रखने और उनके आंकड़ों का विश्लेषण करने के लिए 10 एजेंसियों को अनुमति देने वाले सरकारी नोटिस के खिलाफ दायर याचिका पर केन्द्र को सोमवार को नोटिस जारी किया। शीर्ष अदालत ने केन्द्र से छह सप्ताह के भीतर नोटिस का जवाब देने को कहा है। इससे पहले केन्द्र सरकार की 20 दिसंबर की अधिसूचना को चुनौती देते हुए न्यायालय में याचिका दायर की गई थी। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि सरकार की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार सूचना एवं प्रौद्योगिकी कानून के तहत केन्द्र की 10 जांच एवं जासूसी एजेंसियों को कंप्यूटरों को इंटरसेप्ट करने और उनके आंकड़ों का विश्लेषण करने का अधिकार प्राप्त हो गया है।
नई दिल्ली ,14 जनवारी । राजधानी दिल्ली में बीते साल पॉक्सो ऐक्ट के तहत दर्ज हुए बच्चों के खिलाफ यौन अपराध के मामलों में दो गुना वृद्धि दर्ज की गई। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, बीते साल 2018 में 30 नवंबर तक ऐसे 165 मामले सामने आए, जबकि 2017 में यह संख्या 88 थी।
पुलिस के मुताबिक 165 में से 140 मामलों में कार्रवाई शुरू कर दी गई है और 144 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। वहीं साल 2017 के 88 में से 86 मामलों में 75 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उन पर कार्रवाई की गई है।
जहां 2018 में 80 मामलों में सुनवाई लंबित है, वहीं 82 मामलो में जांच अभी बाकी है। आंकड़ों के अनुसार साल 2017 में, 77 मामलों में सुनवाई का इंतजार रहा, जबकि 35 मामलों में साल के अंत तक जांच जारी थी। इनमें से तीन मामलों में, जांच में कोई परिणाम नहीं निकल सका। 2017 की तरह, पुलिस ने 2018 में 80 लोगों को चालान जारी किए।
दर्ज किए गए मामलों की संख्या में वृद्धि मुख्य रूप से लोगों में जागरूकता बढऩे के कारण है। पिछले साल, विशेष रूप से गरीब तबके से जुड़े लोग आगे आए और बच्चों के खिलाफ अपराधों की सूचना दी। उन्होंने कहा कि 2012 के बाद से मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है।
पुलिस के अनुसार, लगभग 90 प्रतिशत मामलों में अपराधी पीडि़तों के जान-पहचान वाले होते हैं, जिससे ऐसे मामलों को रिपोर्ट करना पीडि़त व उनके परिवार के लिए मुश्किल हो जाता है। हालांकि, पुलिस ने दावा किया कि शिकायत किए जाने पर ऐसे अपराधियों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया।
पीडि़तों के परिवार के सदस्यों के अलावा, अस्पताल के कर्मचारियों ने भी कार्रवाई करने में पुलिस की मदद की है। उदाहरण के लिए, अस्पताल कर्मियों द्वारा दी गई जानकारी पर कार्रवाई करते हुए, एक 19 वर्षीय को गिरफ्तार किया गया था जब उसकी चचेरी बहन को पिछले साल दिसंबर में नजफगढ़ में प्रसव के लिए भर्ती कराया गया था। काउंसलिंग के दौरान लडक़ी ने कहा कि उसका चचेरा भाई पिछले चार साल से उसके साथ बलात्कार कर रहा था।