नयी दिल्ली,06 फरवरी । राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को ओडिशा के अस्का लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले बीजू जनता दल के सांसद लाडू किशोर स्वैन के निधन पर शोक प्रकट किया। राष्ट्रपति ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘अस्का से लोकसभा सदस्य लाडू किशोर स्वैन के निधन की खबर सुनकर दुख हुआ। उन्होंने अनेक भूमिकाएं निभाते हुए समाजसेवा में उल्लेखनीय योगदान दिया। उनके परिवार, लोकसभा क्षेत्र के निवासियों और सहयोगियों के प्रति संवेदनाएं।’’ प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘अस्का से सांसद लाडू किशोर स्वैन के निधन से दुखी हूं। उन्हें समाज की प्रतिबद्ध सेवा के लिये याद किया जायेगा।’’ मोदी ने कहा कि उन्होंने ग्रामीण विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया। उनके पुत्र नचिकेता से बात की और अपनी संवेदना प्रकट की। उल्लेखनीय है कि बीजू जनता दल (बीजद) के लोकसभा सदस्य लाडू किशोर स्वैन का बुधवार सुबह भुवनेश्वर में निधन हो गया। वह 71 वर्ष के थे। वह काफी समय से किडनी संबंधी बीमारी से पीडि़त थे।
नयी दिल्ली,06 फरवरी । अलग अलग मुद्दों पर कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा की बैठक बुधवार को शुरू होने के कुछ ही देर बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। हंगामे की वजह से उच्च सदन में आज भी शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया। सुबह 11 बजे बैठक शुरू होने पर सभापति एम वेंकैया नायडू ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने सदन को सूचित किया कि उन्हें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए सपा के रामगोपाल यादव, राजद के मनोज झा, कांग्रेस के रिपुन बोरा सहित पांच सदस्यों के नोटिस मिले हैं। इसी दौरान सपा सदस्यों ने उच्च शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण संबंधी रोस्टर प्रणाली का मुद्दा उठाया। सभापति ने सपा सदस्यों से कहा कि उनकी बात रिकॉर्ड में नहीं जाएगी। कांग्रेस के रिपुन बोरा ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक का मुद्दा उठाया। पार्टी के सदस्यों ने उनकी बात का समर्थन किया। सभापति ने सदस्यों से शांत रहने और सदन की बैठक चलने देने का अनुरोध किया। लेकिन हंगामा थमते न देख उन्होंने 11 बज कर करीब छह मिनट पर ही बैठक को दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। इससे पहले उन्होंने सदन को सूचित किया कि सपा के बेनी प्रसाद वर्मा और केरल कांग्रेस के जोस के मणि ने वर्तमान सत्र से अवकाश मांगा है। सदन की अनुमति से उन्होंने दोनों सदस्यों को अवकाश की मंजूरी दे दी।
नयी दिल्ली,06 फरवरी । भारत ने इराक के लिए एक संशोधित यात्रा परामर्श जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सुरक्षा हालात में सुधार आने के चलते भारतीय वहां के उन पांच प्रांतों को छोड़ कर देश के शेष हिस्से की यात्रा पर विचार कर सकते हैं, जो अब भी आतंकवाद और हिंसा से प्रभावित हैं। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी परामर्श में कहा गया है, इराक में सुरक्षा की स्थिति में सुधार आने के साथ, भारतीय नागरिक अब इराक के पांच प्रांतों को छोड़ कर शेष देश की यात्रा करने पर विचार कर सकते हैं।’’ इसमें कहा गया है कि भारतीय नागरिक, नीनवेह (राजधानी मोसुल), सलाउद्दीन (राजधानी तिकरित), दीयाला (राजधानी बकूबा), अनबार (राजधानी रमादी) और किरकुक को छोडक़र इराक की यात्रा के बारे में विचार कर सकते हैं । इसमें कहा गया है कि भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे इराक में इन पांच प्रांतों की यात्रा न करें क्योंकि ये अब भी आतंकवाद और हिंसा से प्रभावित हैं।
नई दिल्ली ,06 फरवरी । विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए उसका अभियान आम चुनावों के संपन्न होने तक रोक दिया गया है क्योंकि वह नहीं चाहता कि यह कोई चुनावी मुद्दा बने। प्रयागराज में वीएचपी द्वारा आयोजित धर्मसभा के कुछ दिनों बाद संगठन ने यह घोषणा की है।
गौरतलब है कि धर्मसभा में यह प्रस्ताव स्वीकार किया गया था कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण तक हिंदू चैन से नहीं बैठेंगे और न ही दूसरों को चैन से बैठने देंगे। राम जन्मभूमि आंदोलन का नेतृत्व करता रहा वीएचपी पिछले कई महीनों से देशभर में अभियान चलाकर मांग कर रहा है कि अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के लिए संसद से एक कानून पारित हो। इस अभियान के तहत वीएचपी ने देश भर में रैलियां की हैं और हर पार्टी के सांसदों से मुलाकात की है।
वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा, ‘वीएचपी ने आम चुनाव संपन्न होने तक अयोध्या में भगवान राम की जन्मस्थली पर राम मंदिर के निर्माण के लिए अपना अभियान रोकने का फैसला किया है क्योंकि संगठन नहीं चाहता कि यह कोई चुनावी मुद्दा बने।’ जैन ने कहा कि संगठन अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के मुद्दे को लेकर प्रतिबद्ध है और नई सरकार बनने पर आगे की रणनीति तय करेगा। लोकसभा चुनाव अप्रैल-मई में संभावित हैं।
0-विडियो वायरल
गुवाहाटी ,02 फरवरी । असम में नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 को लेकर चल रहा विरोध-प्रदर्शन अब फूहड़ता के दौर में पहुंच गया है। शुक्रवार को वायरल हुए एक रैप विडियो में तीन प्रदर्शनकारी नग्न होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के विरोध में नारेबाजी करते नजर आ रहे हैं। असम के वित्त मंत्री हिमंत बिस्वा ने इस नग्न प्रदर्शन को राज्य की संस्कृति के खिलाफ बताया है।
रैपर राहुल राजखोआ ने यह विडियो अपलोड किया जो जल्द ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। विडियो में नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर असम के लोगों का गुस्सा दिखाया गया है। इसके अलावा जेएनयू के बुद्धिजीवी प्रस्तावित विधेयक से असम और उत्तर-पूर्वी राज्यों के सामाजिक सौहार्द, पारिस्थितिकी और जनसांख्यिकी पर पडऩे वाले प्रभाव पर सवाल उठाते नजर आ रहे हैं।
कृषक मुक्ति संग्राम समिति (केएमएसएस) के तीन प्रदर्शनकारियों ने राज्य सचिवालय कॉम्प्लेक्स के सामने नग्न होकर प्रदर्शन किया और जमकर नारे लगाए। पुलिसकर्मियों ने तुरंत दौडक़र प्रदर्शनकारियों को कंबल से ढंक दिया। इन लोगों को तत्काल गिरफ्तार कर लिया गया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि असम की बीजेपी सरकार राज्य के लोगों को उनकी पहचान, संस्कृति और भाषा से वंचित रखने का प्रयास कर रही है। हम लोगों ने इसी के खिलाफ नग्न होकर सांकेतिक प्रदर्शन किया है।
रैपर राहुल राजखोआ कहते हैं, इस विधेयक के बारे में असम और पूरे देश की जनता को बताने के लिए मैंने रैप लिखा और यह विडियो बनाया। मैं पहले असमी में गाना लिख रहा था पर बाद में मुझे लगा कि इसे सिर्फ असम के लोग ही समझ पाएंगे और अन्य राज्यों के निवासी अछूते रह जाएंगे इसलिए अंग्रेजी में रैप बनाया। अन्य राज्यों के अधिकांश लोगों को मालूम ही नहीं है ये कैसा विधेयक है और लोग क्यों इसका विरोध कर रहे हैं। अब विडियो वायरल होने के बाद लोग मुझे फोन कर इस बिल के बारे में जानने का प्रयास कर रहे हैं।
नयी दिल्ली,02 फरवरी । शीर्ष उपभोक्ता फोरम ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को निर्देश दिया कि वह एक रक्षा कर्मी की विधवा को मासिक पारिवारिक पेंशन दें जो बैंक ने रोकी हुई थी। राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग (एनसीडीआरसी) की पीठ ने कहा कि महिला का बैंक खाता फ्रीज करना और उसे पेंशन की राशि देने से इनकार करना सेवा में कमी का मामला है। पीठासीन सदस्य अनूप के ठाकुर और सदस्य सी विश्वनाथ की पीठ ने पश्चिम बंगाल में नदिया की एसबीआई शाखा को महिला मणिका सरकार की रोकी हुई पेंशन को जारी करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा, ‘‘प्रतिवादी (सरकार) याचिकाकर्ता (एसबीआई) की ग्राहक थी क्योंकि उसका याचिकाकर्ता के बैंक में संयुक्त खाता था जहां नियमित रूप से उसकी पेंशन जमा होती थी। याचिकाकर्ता सेवा प्रदाता है। याचिकाकर्ता बैंक ने उसका खाता फ्रीज कर दिया और उसे अनुचित रूप से पेंशन की राशि देने से इनकार कर दिया जो सेवा में कमी का मामला है।’’ सरकार को उनकी पति की मौत के बाद बेटे सुमन कल्याण सरकार के साथ संयुक्त बैंक खाते में पेंशन मिल रही थी। महिला की शिकायत के अनुसार, एसबीआई कर्मचारी सुमन पर धन की हेराफेरी का आरोप है जिसके बाद बैंक ने सरकार का खाता फ्रीज करके उसे पेंशन से वंचित कर दिया जो उसकी जीविका का एकमात्र स्रोत था। एक जिला फोरम ने 24 अप्रैल 2018 को अपने आदेश में कहा था कि पेंशन धारक की जीविका के लिए होती है जिसे कोई भी कुर्क या बंद नहीं कर सकता और उसने अधिकारियों को सरकार को पेंशन राशि निकालने देने के निर्देश दिए थे। एनसीडीआरसी ने बैंक की पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए कहा कि सरकार की पेंशन पर रोक लगाना बैंक का गलत कदम है । इससे बेटे की गलती की सजा उन्हें मिल रही है।