नईदिल्ली,23 जून । राजधानी दिल्ली के बसंत विहार में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। यहां एक वयोवृद्ध दंपति और नौकरानी की गला रेतकर हत्या करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। रविवार सुबह साउथ वेस्ट दिल्ली में तीनों का शव उनके ही अपार्टमेंट में मिला है, सूचना मिलने पर पुलिस और क्राइम टीम मौके पर पहुंच गई और अपनी तफ्तीश शुरू कर दी है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बुजुर्ग विष्णु माथुर सीजीएचएस से रिटायर हुए थे, जबकि उनकी पत्नी शशि माथुर एनडीएमसी से रिटायर हुई थीं। वहीं नौकरानी का नाम खुशबू नौटियाल है। शक है कि बुजुर्ग दंपति और नौकरानी की हत्या के पीछे चोरी या लूट की आशंका है। दंपति नौकरानी के साथ यहां पर अकेले ही रहते थे। इलाके निवासियों ने बताया कि घर के बाहर भी काफी खून पड़ा है और घर के अंदर से कोई जवाब नहीं दे रहा है। पुलिस अब घर के सामान की तलाशी ले रही है साथ ही दंपति के परिवार के सदस्यों से भी संपर्क करने की कोशिश की जा रही है।
गौर हो कि इससे पहले शनिवार को दो जगहों से मर्डर की घटनाएं सामने आई थीं। पहला मामला महरौली का था। वहां शख्स ने पत्नी और तीन बच्चों की गला रेतकर हत्या कर दी थी। दूसरा मामला द्वारका का था। वहां ब्लाइंड म्यूजिक टीचर और उनकी पत्नी की चाकू गोदकर बेरहमी से हत्या कर दी गई। दोनों की गर्दन और पेट पर चाकू से ताबड़तोड़ वार किए गए हैं।
नईदिल्ली,22 जून । राजधानी दिल्ली के महरौली में शुक्रवार देर रात दिल दहलाने वाली वारदात को अंजाम दिया गया। जिसे सुनकर आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे। यहां पर वार्ड 2 में रहने वाले एक शख्स ने अपने ही तीन मासूम बच्चों और पत्नी की हत्या कर दी। आरोपी शख्स ने चाकू से हत्या की है। इसके बाद मासूम बच्चे की गला घोंटकर हत्या की गई। आरोपी की पहचान उपेंद्र शुक्ला के तौर पर की गई है। 42 साल का उपेंद्र ट्यूशन पढ़ाता है। बच्चों की उम्र क्रमश: 6, 5 साल और 2 महीने है।
हत्या करने वाले शख्स ने एक नोट भी लिखा है, जिसमें उसने कबूला कि उसने चारों लोगों की हत्या की है। फिलहाल यह पता नहीं चल पाया है कि उसने इतना खौफनाक कदम क्यों उठाया। शख्स की दो बेटियां और एक बेटा है। बड़ी लडक़ी उम्र 7 वर्ष, लडक़े की उम्र 5 साल और सबसे छोटी लडक़ी की उम्र 2 महीने है। वह पेशे से टीचर है। उसने शुक्रवार देर रात 1 से 1.30 बजे के बीच सभी की हत्या कर दी।
पूछताछ में उस उपेंद्र ने खुद को डिप्रेशन में बताया। जिस घर में चारों लोगों के कत्ल हुए, उसी घर में आरोपी की मां भी रहती है। उसने देखा कि उपेंद्र दरवाजा नहीं खोल रहा है तो उसने सुबह पड़ोसी को सूचना दी। इसके बाद पड़ोसियों ने 100 नंबर पर फोन कर पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर आरोपी को हिरासत में ले लिया। अब उससे पूछताछ की जा रही है।
पालनपुर ,21 जून । गुजरात के बनासकांठा जिले में एक व्यक्ति ने कथित तौर पर आर्थिक संकट के कारण अपनी पत्नी समेत चार सदस्यों की धारदार हथियार से हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि आगथड़ा थाने के कूड़ा गांव निवासी करसण चौधरी पटेल ने घर में सो रही पत्नी, दो पुत्रों और पुत्री की हत्याएं करने के बाद स्वयं भी जहर पी लिया
उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। समझा जा रहा है कि यह घटना आर्थिक संकट और ब्याज पर लिये गये पैसे के कारण पैदा हुई मुश्किल के चलते हुई है। उनके घर के बाहर कोयले या अन्य किसी चीज से दीवार पर कुछ लोगों के नाम और 21 लाख रूपये की रकम की बात लिखी गयी है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि कहीं यह ब्याज पर पैसे देने वालों के नाम तो नहीं है।
0-दरवेश यादव हत्याकांड
लखनऊ,21 जून । दरवेश यादव हत्याकांड की सीबीआई जांच करवाने संबंधी याचिका शुक्रवार को सु्प्रीम कोर्ट ने सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली. अब शीर्ष कोर्ट में 25 जून को याचिका पर सुनवाई की जाएगी. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की पहली महिला अध्यक्ष दरवेश यादव की आगरा जिला न्यायालय के परिसर में ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद परिजन ने सरकार से सीबीआई जांच की मांग की थी.
दरवेश की हत्या के बाद पूरे प्रदेश में वकीलों ने खराब कानून व्यवस्था को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. साथ ही कुछ जगहों पर वकीलों ने न्यायिक कार्य का भी बहिष्कार किया था. इस दौरान यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने प्रदेश में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं की निंदा करते हुए कहा था कि ऐसी वारदातों में पुलिस की संलिप्तता की भी आशंका है. साथ ही उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि प्रदेश में यह कैसी सरकार है जिसमें कानून व्यवस्था का नामो निशां ही नहीं है.
आगरा में 5 जून को दरवेश यादव की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. वे स्वागत समारोह में भाग लेने के लिए आगरा जिला न्यायालय पहुंची थीं. हत्या का आरोपी भी वकील ही था जिसने दरवेश को गोली मारने के बाद खुद को भी गोली मार ली थी, जिसे घायल हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. गौरतलब है कि दरवेश दो दिन पहले ही बार काउंसिल की अध्यक्ष चुनी गई थीं.
कोलकाता ,20 जून । तृणमूल की नवनिर्वाचित सांसद और बंगाली फिल्म अभिनेत्री नुसरत जहां शादी के बंधन में बंध चुकी है। उन्होंने तुर्की के बोडरम में कोलकाता के मशहूर कपड़ा व्यवसायी निखिल जैन के साथ 19 जून को हिन्दू-रीति रिवाज से शादी कर ली है। शादी की पहली तस्वीरें निखिल और नुसरत ने अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर शेयर की हैं। शादी में दोनों के करीबी दोस्त और रिश्तेदार ही शरीक हुए।
नुसरत ने शादी के मौके पर मशहूर फैशन डिजायनर सब्यसाची मुखर्जी का लंहगा पहना था। वहीं निखिल ने भी सब्यसाची की डिजायन की हुई शेरवानी पहनी थी। नुसरत जहां की शादी के दौरान उनकी खास दोस्त, बांग्ला ऐक्ट्रेस और जाधवपुर से टीएमसी सांसद मिमि चक्रवर्ती भी मौजूद रहीं। उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तुर्की से अपनी तस्वीर भी शेयर की है। बताया जा रहा है कि यह शादी बेहद निजी तरीके से की गई थी और इसमें नुसरत और निखिल के परिवार के अलावा केवल कुछ नजदीकी मित्र ही शामिल हुए थे।
बता दें 29 साल की नुसरत निखिल के कपड़ा श्रृंखला का चेहरा रही हैं। नुसरत जहां ने साल 2010 में एक ब्यूटी कॉन्टेस्ट जीतकर अपने मॉडलिंग करियर की शुरुआत की थी। निखिल जैन और नुसरत जहां की मुलाकात पिछले साल दुर्गा पूजा के दौरान हुई थी। उसके बाद से दोनों की मुलाकात का सिलसिला बढ़ता गया। जल्द ही दोनों रिलेशनशिप में आ गए और शादी के बंधन में बंधने का फैसला कर लिया।
0-हिरासत में मौत का मामला
जामनगर ,20 जून । गुजरात के जामनगर की एक अदालत ने बर्खास्त आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट (55) को लगभग तीन दशक पुराने हिरासत में मौत (कस्टोडियल डेथ) से जुड़े एक मामले में आज उम्रकैद की सजा सुनायी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार भट्ट ने जामनगर के तत्कालीन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के तौर पर जामजोधपुर शहर में 1990 में हुए दंगे के दौरान 100 से अधिक लोगों को हिरासत में लेने के आदेश दिये थे। हिरासत से मुक्त किये जाने के बाद इनमें से एक प्रभुदास वैष्णानी की अस्पताल में मौत हो गयी थी। उनकी हिरासत के दौरान पिटायी की गयी थी।
मृतक के भाई अमृत वैष्णानी ने इस मामले में भट्ट समेत आठ पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाते हुए मामला दर्ज कराया था। अदालत ने भट्ट को दोषी ठहराते हुए आज उम्रकैद की सजा सुनायी। एक अन्य आरोपी तथा तत्कालीन कांस्टेबल प्रवीण झाला को भी उम्रकैद की सजा दी गयी। ज्ञातव्य है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी पर गुजरात के 2002 के दंगों के दौरान दंगाई के खिलाफ पुलिस पर नरम रवैया अपनाने का आरोप लगाने वाले भट्ट को लंबे समय तक ड्यूटी से अनुपस्थित रहने के कारण 2011 में निलंबित किया गया था तथा अगस्त 2015 में बर्खास्त कर दिया गया था।
उन्होंने इस मामले में 12 जून को उच्चतम न्यायालय में याचिका देकर 10 अतिरिक्त गवाहों के बयान लेने का आग्रह किया था पर अदालत ने इसे खारिज कर दिया था। राज्य सरकार ने इसे ऐसे समय में मामले को विलंबित करने का प्रयास करार दिया था जब निचली अदालत फैसला सुनाने वाली थी।