0-2 महीने से बेटी लापता
गाजियाबाद । गाजियाबाद पुलिस का गैर जिम्मेदाराना चेहरा एक बार फिर सामने आया है। आरोप है कि 3 पुलिसकर्मियों ने 2 महीने से लापता किशोरी को ढूंढ़ करने लाने के लिए उसके परिवार से प्लेन के तीन टिकट बुक कराने को कहा। परिवार ने असमर्थता जताई तो पुलिस वालों ने ट्रेन में सेकंड क्लास एसी कोच का टिकट मांगा। परेशान पिता ने एक एनजीओ की मदद से शनिवार को मामले की शिकायत सीओ इंदिरापुरम से की। उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं।
क्या है मामला
जानकारी के अनुसार, खोड़ा कॉलोनी में रहने वाले पीडि़त पिता नोएडा की एक एक्सपोर्ट कंपनी में जॉब करते हैं। उनकी सैलरी करीब 10 हजार रुपये प्रति महीना है। उनकी 16 साल की बेटी को स्पाइन की बीमार थी। डॉक्टर ने उसे कुछ देर चलने की सलाह दी थी। 11 सितंबर को वह मुहल्ले में रहने वाले कुछ बच्चों के साथ टहलने बाहर गई थी। कुछ देर बाद सभी बच्चे घर लौट आए, लेकिन वह नहीं आई। पूछने पर बच्चों ने जानकारी होने से इनकार कर दिया। परिवार वालों ने जब उसे ढूंढ़ते हुए आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज को चेक किया तो किशोरी एक युवक की बाइक पर बैठी दिखाई दी। उन्होंने फौरन खोड़ा पुलिस को मामले की शिकायत दी। आरोप है कि सीसीटीवी फुटेज होने के बाद भी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है।
‘पीडि़त को नहीं देना होता खर्च’
इस संबंध में जब कुछ पुलिसकर्मियों से बात की गई तो उन्होंने बताया कि अगर केस के संबंध में आईओ या अन्य पुलिसकर्मी को किसी अन्य राज्य या जिले में जाना होता है तो इसकी सूचना फौरन अधिकारियों को दी जाती है और इसके बाद निकला जाता है। वहां होने वाला खर्च पद के अनुसार फॉर्म भर कर लिया जा सकता है। इस प्रकार की दबिश के लिए पीडि़त से रुपये लेने की जरूरत नहीं होती है। यह गलत है।
पहले भी लगते रहे हैं वर्दी पर दाग
सितंबर 2018 में विजय नगर पुलिस ने एक किशोरी उत्तराखंड से लेकर आने के लिए परिवार ने एसी गाड़ी ली थी और रेस्तरां में खाने के लिए रुपये। परिवार ने इसके लिए 10 हजार रुपये का कर्ज भी लिया था। अगस्त 2018 में घंटाघर कोतवाली एरिया में दिल्ली के कारोबारी प्रदीप अपनी स्कूटी खराब होने के कारण उसे छोडक़र दिल्ली जाना पड़ा। इस दौरान पुलिस ने स्कूटी कब्जे में लिया। जब पीडि़त स्कूटी लेने के लिए पहुंचे तो उनके साथ अभद्र व्यवहार किया गया और उनसे 10 हजार रुपये भी मांगे गए। अक्टूबर 2018 मसूरी थाने में रेप की शिकायत करने गई पीडि़ता से पुलिस ने केस दर्ज करने की जगह रुपये लेने के लिए कहा।
0-मुंबई पुलिस कमिश्नर की राय
मुंबई। मुंबई को इस्लामिक स्टेट (आईएस) से ज्यादा पाकिस्तान से आतंकी हमले को लेकर तैयार रहने की जरूरत है। यह कहना है मुंबई के पुलिस कमिश्नर सुबोध जयसवाल का। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान 26/11 के मुंबई हमले के 10 वर्ष बाद भी यह वाकया दुहराने के भरपूर प्रयास में रहता है। गौरतलब है कि 26 नवंबर 2008 को अजमल कसाब समेत लश्कर-ए-तैयबा के कुल 10 आतंकवादियों ने मुंबई पर हमला बोल कर 166 लोगों की जानें ले ली थीं।
देश की इंटेलिजेंस एजेंसी में प्रमुख पदों पर कार्यरत रहे जयसवाल ने कहा कि इन 10 सालों में मुंबई पुलिस ने व्यवस्था, प्रक्रिया, अभ्यास, असलहों एवं इन सबसे ऊपर ऐसी किसी भी हालत से निपटने के मामले में कई सुधारों को अंजाम दिया है। दूसरी सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय और खुफिया जानकारियों की साझेदारी के मोर्चे पर भी पहले के मुकाबले आज बेहतर माहौल है। उन्होंने ये बातें सुरक्षा के संसाधनों के अभाव को उजागर करने वाली 26/11 की रिव्यू रिपोर्ट को लेकर सवालों के जवाबों में कहीं।
जयसवाल के मुताबिक, पाकिस्तानी इस्टैब्लिशमेंट लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद के जरिए भारत की सरजमीं पर आतंकी वारदातों को अंजाम देने में जुटी रहती है। वह अब भी हमले करवाने को बेताब हैं। लेकिन, पिछले 10 वर्षों में हमने अपने सिस्टम्स अपग्रेड किए और किसी भी तरह के हालात से निपटने के लिए तैयार हैं। हमारे एसओपीएस ज्यादा बेहतर हुए हैं, च्कि रिएक्शन टीम्स को बेहतर ट्रेनिंग मिली है, हम एजेंसियों को महत्वपूर्ण जगहों से परिचित करवाते रहते हैं, हर तरह के हालात के बारे में चर्चा करते रहते हैं और आदेशों पर क्रमिक चर्चा होती रहती है। उन्होंने कहा कि प्रतिक्रिया देने की क्षमता बढ़ाने पर सबसे ज्यादा जोर देते हैं क्योंकि कहा जाता है कि आतंकवादियों की किस्मत एक बार साथ दे दे तो उनका काम बन जाता है, हमारी किस्मत 100 बार साथ देगी, तब हम सफल हो पाएंगे।
26/11 के हमले के बाद ऐसे आतंकी हमलों से निपटने की मुंबई पुलिस की क्षमता को लेकर सवाल उठे थे। तब सरकार ने पूर्व गृह सचिव राम प्रधान, पूर्व विशेष सचिव, कैबिनेट सचिव वी बालचंद्रन की एक समिति बनाई थी जिसे मामले की समीक्षा करके कमियों को उजागर करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इस समिति ने अपनी रिपोर्ट में जहां मानक संचालन प्रक्रिया के पालन में नाकामयाबी के साथ-साथ मानव संसाधन एवं आधुनिक हथियारों के अभाव की बात कही, वहीं खुफिया जानकारियों की साझेदारी एवं कानून-व्यवस्था को बनाए रखने में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के बीच समन्वय के अभाव का भी जिक्र किया।
अब मौजूदा पुलिस कमिश्नर का कहना है कि मुंबई पुलिस ने राज्य की विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय का तंत्र विकसित किया है। स्टेट मल्टि एजेंसी सेंटर्स के जरिए विभिन्न पक्षों के बीच खुफिया जानकारियों के आदान-प्रदान और उनके मुताबिक फैसले लेने में आपसी तालमेल रखी जाती है। उन्होंने कहा कि इसी वजह से गुरुदासपुर और पठानकोट के सिवा देश में किसी आतंकी वारदात को अंजाम नहीं दिया जा सका है।
कोझिकोड । केरल के कोझिकोड जिले में एक लडक़ी द्वारा स्कूल में प्ले के दौरान अजान दिए जाने को लेकर मुस्लिम संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। परंपरागत तौर पर इस्लाम में अजान किसी पुरुष के द्वारा ही दी जाती है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि स्कूल में जो प्ले किया गया, वह मुस्लिम जीवनशैली का अपमान था।
दरअसल में बुधवार को मेमुंडा उच्च माध्यमिक विद्यालय के स्टूडेंट्स ने आर उन्नी द्वारा लिखी गई स्टोरी पर वाडकारा में डिस्ट्रिक्ट स्कूल आर्ट फेस्टिवल के दौरान प्ले परफॉर्म किया था। फ्ले में एक अजान देने वाले मुस्लिम पुरुष की बेटी भी अपने पिता की तरह अजान देने की ख्वाहिश रखती है। पहले तो उसके पिता इससे इनकार करते हैं, लेकिन बाद में वह मान जाते हैं और बेटी को अजान देने की इजाजत दे देते हैं।
सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) के सदस्यों ने कार्यक्रम स्थल के बाहर शनिवार को जमकर प्रदर्शन किया। स्थानीय एसडीपीआई नेता सलीम पी अज़ीयूर ने कहा, इस प्ले को सामाजिक आलोचना नहीं माना जा सकता है। यह इस्लामिक जीवनशैली का अपमान करता है। इस मामले में हमने शिक्षा विभाग के उप निदेशक के पास शिकायत भी दर्ज कराई है।
सलीम ने कहा, मेमुंडा स्कूल को सीपीएम द्वारा मैनेज किया जाता है और इस प्ले से पार्टी का अजेंडा साफ हो जाता है। इस प्ले से मुस्लिम समुदाय के बारे में गलत मेसेज गया है। वहीं दूसरी ओर स्कूल के एक टीचर पी के श्रीधरन ने कहा कि इस प्ले ने लिंगभेद को लेकर कई वैलिड सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि लोग इस प्ले का विरोध क्यों कर रहे हैं। थिअटर अक्सर संवेदनशील धार्मिक मुद्दों को उठाता है।
अयोध्या । अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले शिवसेना ने एकबार फिर केंद्र सरकार को राम मंदिर के मुद्दे पर निशाने पर लिया है। शिवसेना ने मंदिर पर अपनी प्रतिबद्धता को साफ करते हुए केंद्र से कहा कि चाहे कानून बनाए या अध्यादेश लाए लेकिन अयोध्या में मंदिर जल्द बनना चाहिए। अयोध्या के दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन शिवसेना चीफ ने रविवार को आरोप लगाया कि पार्टियां चुनाव के समय राम-राम करती हैं और फिर बाद में आराम से बैठ जाती हैं।
उद्धव ने कहा, मंदिर नहीं बना सकते तो हमसे कहो कि नहीं हो पाएगा। चुनाव के समय मंदिर का मुद्दा नहीं उठाओ। अब हिंदू ताकतवर हो गया है, हिंदू मार नहीं खाएगा। यह सरकार मंदिर नहीं बनाएगी तो कौन बनाएगा? अगर मामला अदालत के पास ही जाना है तो चुनाव प्रचार के समय उसे इस्तेमाल न करें। बता दो कि भाइयो और बहनों हमें माफ करो, ये भी हमारा एक चुनावी जुमला था।
उन्होंने कहा, शनिवार को जिन संतों ने मुझे आशीर्वाद दिया, मैंने उन्हें बताया कि जो काम हम शुरू करने वाले थे, वो उनके आशीर्वाद के बिना नहीं हो सकता। मंदिर कब बनेगा? उस तारीख का ऐलान होना चाहिए। हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। चुनाव के समय सब लोग राम-राम करते हैं, चुनाव के बाद आराम करते हैं।
रविवार सुबह राम लला के दर्शन के बाद उन्होंने कहा, अब हिंदुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। अब चाहे कानून बनाओ, चाहे अध्यादेश लाओ लेकिन जल्द मंदिर बनाओ। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि के दर्शन के लिए जाते वक्त उन्हें लगा कि वह जेल में जा रहे हैं। आज की सरकार बहुत ताकतवर है, अगर वह चाहे तो मंदिर बन सकता है।
राम मंदिर का इंतजार कर रहे हैं देश के हिंदू
उद्धव ने कहा, शनिवार को जिन संतों ने मुझे आशीर्वाद दिया, मैंने उन्हें बताया कि जो काम हम शुरू करने वाले थे, वह उनके आशीर्वाद के बिना नहीं हो सकता। अयोध्या में मंदिर निर्माण की तारीख का ऐलान होना चाहिए।
उद्धव ने कहा कि देश के हिंदू राम मंदिर का इंतजार कर रहे हैं, सरकार को हिंदुओं की भावनाओं से खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। भविष्य में भले ही बीजेपी सरकार न बने लेकिन अयोध्या में राम मंदिर जरूर बनेगा।
बीजेपी तारीख बताए, अध्यादेश पर शिवसेना करेगी समर्थन
इससे पहले अयोध्या पहुंचे उद्धव ठाकरे ने शनिवार को कहा था, मैं यहां राजनीति करने नहीं आया हूं। सोए हुए कुंभकर्ण को जगाने आया हूं। बीजेपी तारीख बताए, कब बनवाओगे राम मंदिर। बाकी बातें बाद में होती रहेंगी। केंद्र और राज्य में ताकतवर सरकारें हैं। इस मुद्दे पर बिल या अध्यादेश लाएं, शिवसेना समर्थन करेगी।
लक्ष्मण किला मैदान में संत सम्मान और आशीर्वाद कार्यक्रम के बहाने उद्धव ने अध्यादेश पर खुलकर शिवसेना के समर्थन की बात कहकर सारी जिम्मेदारी वीएचपी, बीजेपी और केंद्र सरकार के पाले में डाल दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस पर नोटबंदी जैसा फैसला लेना चाहिए।
नयी दिल्ली, 25 नवंबर । कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर शनिवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर फिर निशाना साधा और कहा कि इस चोरी ने अब फ्रांस की सरकार को भी मुश्किल में डाल दिया है। गांधी ने किया हमारे चौकीदार की चोरी ने फ्रांस की सरकार को मुश्किल में डाल दिया हैं। राफेल सौदे को लेकर अब फ ्रांस की जनता जाँच की माँग कर रही है। उन्होंने दावा किया गली-गली तक ही नहीं, पूरे विश्व में ये शोर है, हिंदुस्तान का चौकीदार चोर है। कांग्रेस अध्यक्ष ने जो खबर शेयर की है उसमें कहा गया है कि फ ्रांस के एक एनजीओ ने राफेल मामले को लेकर वहां के लोक अभियोजक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। एनजीओ ने तथ्यों की गंभीरता से जांच कर यह स्पष्टीकरण उपलब्ध कराने की मांग की है कि आखिर किन नियम कायदों के जरिए भारत और फ ्रांस के बीच 36 राफेल विमानों का सौदा हुआ।
पिछले कई महीनों से कांग्रेस और राहुल गांधी राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर सवाल खड़े करते आ रहे हैं। उनका आरोप है कि संप्रग सरकार के समय विमान की तय कीमत के मुकाबले मोदी सरकार ज्यादा कीमत अदा कर रही है। उनका आरोप यह भी है कि इस सौदे में ऑफसेट साझेदार के तौर पर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को उपेक्षित रखा गया और रिलायंस डिफेंस को फ ायदा पहुंचाया गया है। सरकार की तरफ से कांग्रेस और राहुल गांधी के इन आरोपों को सिरे से खारिज किया गया है। सरकार और राफेल विनिर्माता कंपनी दसाल्ट का कहना है कि यह सौदा पूरी तरह से नियमों के तहत किया गया है।
जयपुर, 25 नवंबर । पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारत माता के जय बोलने के मामले में भारतीय जनता पार्टी पर तीखा पलटवार करते हुए शनिवार को कहा कि कुछ लोग केवल राजनीतिक फायदे के लिए यह नारा लगाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा ने राम मंदिर मुद्दे का जैसे चुनावों में इस्तेमाल किया है, उसके लिए तो भगवान राम भी उन्हें माफ नहीं करेंगे। गहलोत को वसुंधरा राजे सरकार को शराब, भूमि एवं बजरी माफिया को संरक्षण देने वाली सरकार करार दिया और कहा कि उसके ‘कुशासन’ से आजिज आई जनता सात दिसंबर को मतदान के दिन उसे जवाब देगी। गहलोत ने दावा किया कि राज्य में कांग्रेस के पक्ष में जबरदस्त उत्साह है और पार्टी जोर शोर से सत्ता में आ रही है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एवं मुख्यमंत्री राजे सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने बीकानेर में कांग्रेस के एक नेता द्वारा कथित तौर पर सोनिया गांधी के जयकारे लगवाए जाने की एक घटना को कांग्रेस पर निशाना साध रखा है और वे विपक्षी दल पर परिवारवाद का आरोप लगा रहे हैं। इस पर गहलोत ने यहां संवाददातओं से कहा,‘ किस हिंदुस्तानी को भारत माता की जय बोलने में संकोच होगा। लेकिन कई लोग राजनीतिक फायदे के लिए बोलते हैं कुछ दिल से बोलते हैं।
वसुंधरा राजे उस जमात से संबंध रखती हैं जो राम का नाम लेती है तो (किंतु)चुनाव के लिए लेती है। चुनाव आते ही इनको राम याद आता है। इनको राम मिल भी गए तो वे इन्हें माफ नहीं करेंगे। इनको सजा वहीं देंगे। गहलोत ने आरोप लगाया कि वसुंधरा राजे सरकार में जमीन, शराब व बजरी माफिया पनपा और इसमें हुए भ्रष्टाचार का पैसा ‘ऊपर तक पहुंचा।’ उन्होंने कहा, ‘राजे अपनी पार्टी के अध्यक्ष के सामने झुककर प्रणाम कर रही हैं लेकिन वे पांच साल में कभी जनता से तो नहीं मिलीं। शाह के सामने झुककर प्रणाम करने से अच्छा होता अगर वह राजस्थान की जनता की परवाह करती जिसने 2013 में उन्हें इतना प्रचंड बहुमत दिया। उन्होंने दावा किया कि लोगों में राजे सरकार को लेकर बहुत गुस्सा है और वे पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के कामकाज को याद कर रहे हैं।उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में राज्य में भ्रष्टाचार चरम पर रहा और मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के आरोपी अधिकारियों को प्रश्रय दिया। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘कांग्रेस सरकार के शासन में, मनरेगा में 25 लाख लोग काम करते थे लेकिन अब यह संख्या घटकर सिर्फ 2.5 लाख रह गयी है।