मुंबई। घरेलू शेयर बाजार बुधवार को शुरुआती कारोबार के दौरान गुलजार रहा। जोरदार लिवाली आने से सेंसेक्स 400 अंक से ज्यादा उछला और निफ्टी भी 100 अंक चढक़र 12,000 के ऊपर कारोबार कर रहा था। कोरोना वायरस के प्रकोप के असर से घरेलू उद्योग पर पडऩे वाले प्रभाव से निपटने के लिए कदम उठाए जाने के सरकार के भरोसे से निवेशकों का मनोबल ऊंचा हुआ। और विदेशी संकेतों से भी घरेलू बाजार को सपोर्ट मिला। जिससे शुरुआती कारोबार के दौरान जोरदार लिवाली देखी गई। सुबह 9.31 बजे सेंसेक्स पिछले सत्र से 409.51 अंकों यानी एक फीसदी की तेजी के साथ 41,303.89 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 122.55 अंकों यानी 1.02 फीसदी की तेजी के साथ 12,115.05 पर बना हुआ था। इससे पहले बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स ने शुरुआत ही 41,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर की। सेंसेक्स बढ़त के साथ 41,121.51 पर खुला और 41,309.67 तक उछला। इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी ने भी 12,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर के ऊपर से कारोबार की शुरुआत की। निफ्टी पिछले सत्र के मुकाबले तेजी के साथ 12,090.60 पर खुला और 12,118.90 तक उछला। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने एक दिन पहले कहा कि देश की अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के प्रकोप से भारत सरकार के मेक-इन इंडिया मिशन के प्रभावित होने के बारे में बात करना अभी जल्दबाजी होगी, लेकिन इससे घरेलू उद्योग पर पडऩे वाले असर से निपटने के लिए सरकार जल्द कदम उठाएगी।
कोवेंट्री(ब्रिटेन)। टाटा मोटर्स की कंपनी जगुआर लैंड रोवर्स ने भविष्य के अनुकूल एक चालक-रहित इलेक्ट्रिक कार को प्रदर्शित किया। इसे मध्य ब्रिटेन के वारविक यूनिवर्सिटी में स्थित कंपनी के नवोन्मेष केंद्र में विकसित किया गया है। कंपनी ने इसे ‘प्रोजेक्ट वेक्टर’ के तहत तैयार किया है। कंपनी के अनुसार, प्रोजेक्ट वेक्टर उन्नत, बहुद्देश्यीय, स्वचालित व लचीली इलेक्ट्रिक कार विकसित करने की परियोजना है। जगुआर लैंड रोवर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) राल्फ स्पेथ ने कहा, ‘‘प्रोजेक्ट वेक्टर से यह पता चलता है कि जगुआर लैंड रोवर हमारे समाज को अधिक सुरक्षित, अधिक स्वस्थ और पर्यावरण को अधिक स्वच्छ बनाने के लिये नवोन्मेष में अग्रणी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम इस परियोजना के जरिये अकादमिक जगत, आपूर्ति श्रृंखला और डिजिटल सेवा क्षेत्र की उत्कृष्ट प्रतिभाओं को एक साथ ला रहे हैं, ताकि आवागमन की कनेक्टेड व एकीकृत प्रणालियां विकसित की जा सकें। ये प्रणालियां ही ‘डेस्टिनेशन जीरो’ की आधारशिलाएं हैं।’’ कंपनी वाहन उद्योग के एक ऐसे भविष्य को ‘डेस्टिनेशन जीरो’ नाम देती है, जहां दुर्घटनाएं शून्य हों, उत्सर्जन शून्य हो और सडक़ पर यातायात का दबाव शून्य हो।कंपनी ने कहा कि इस कार की लंबाई महज चार मीटर है तथा इसे शहरों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। इसमें एक समतल पर सारी बैटरियां और ड्राइवट्रेन उपकरण लगाये गये हैं, जो इसे बहुद्देश्यीय बनाता है। अंदर का केबिन भी इस तरह से तैयार किया गया है कि उसे व्यक्तिगत या वाणिज्यिक इस्तेमाल के हिसाब से बदला जा सकता है।
मुंबई । कोरोना वायरस को लेकर फैली चिंताओं के बीच शुरुआती कारोबार में मंगलवार को रुपया 10 पैसे टूट गया। डॉलर के मुकाबले यह 71.42 पर खुला। मुद्रा कारोबारियों के अनुसार कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर दुनियाभर चिंताजनक माहौल है। इसके चलते निवेशकों का रुख भी सावधानी भरा बना हुआ है। इसके अलावा विदेशी पूंजी की निकासी और अन्य विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने से भी रुपये पर दबाव पड़ा है। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार पर डॉलर के मुकाबले रुपया 71.42 पर खुला। यह पिछले बंद के स्तर से 10 पैसे कमजोर की स्थिति है। सोमवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 71.32 पर बंद हुआ था। इस बीच ब्रेंट कच्चा तेल भाव 1.13 प्रतिशत टूटकर 57.02 डॉलर प्रति बैरल चल रहा है। आरंभिक आंकड़ों के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने सोमवार को शेयर बाजारों से 374.06 करोड़ रुपये की पूंजी निकासी की। सुबह के कारोबार में 10 साल की परिपक्वता अवधि वाले सरकारी बांड पर प्रतिफल 6.39 प्रतिशत रहा।
नईदिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार पिछले कई वर्ष के निचले स्तर पर गिर जाने से विपक्ष के निशाने पर आई नरेंद्र मोदी सरकार के लिए अमेरिका के खोजी संस्थान वर्ल्ड पापुलेशन रिव्यू की रिपोर्ट खुशखबरी लाई है और भारत ने ब्रिटेन और फ्रांस को पीछे धकेलते हुए विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था का तमगा हासिल किया है।
वर्ष 2019 के लिए इस रिपोर्ट में भारत का सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) 29 खरब 40 अरब डालर के बराबर हो गया है जो ब्रिटेन से एक खरब और फ्रांस से दो खरब डालर से अधिक है। भारत इस मामले में ब्रिटेन की 28 खरब 30 अरब डालर और फ्रांस की 27 खरब 10 अरब डालर से आगे निकल गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक क्रय शक्ति क्षमता के आधार पर भारत की जीडीपी 10510 अरब डालर के बराबर है जो जापान और जर्मनी से भी अधिक है ।
गौरतलब है कि है कि श्री मोदी ने 2024 तक भारत को 50 खरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है और इस लिहाज से यह रिपोर्ट प्रधानमंत्री के इस सपने को पूरा करने की दिशा में अहम नजर आ रही है ।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में आर्थिक उदारीकरण का श्रीगणेश 1990 के दशक में शुरु हुआ और इसके बाद अर्थव्यवस्था को खोलने के लिए आर्थिक सुधार की दिशा में कई बड़े कदम उठाए गए जिनमें विदेशी व्यापार और निवेश पर नियंत्रण कम करना , उद्योगों पर नियंत्रण कम करना , सार्वजिनक क्षेत्र की कंपनियों का निजीकरण करना आदि शामिल है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत आत्मनिर्भर बनने की अपनी पहले की नीति से अब आगे बढ़ गया है और खुले बाजार वाली अर्थव्यवस्था के रुप में तेजी से सामने आया है ।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष(आईएमएफ) ने वर्ष 2018 के अंत में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 2019 में ब्रिटेन को पीछे धकेल कर भारत विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। आईएमएफ ने अपनी रिपोर्ट में कहा था ब्रिटेन के आर्थिक रुतबे में कमी आने की वजह विश्व उत्पादन में उभरते बाजारों की बढ़ती पकड़ है ।
नईदिल्ली। टेक दिग्गज गूगल ने कहा कि उसने 2020 तक भारत सहित पूरी दुनिया में अपने स्टेशन प्रोग्राम को बंद करने का फैसला किया है। गूगल का कहना है कि पिछले पांच वर्षों में इंटरनेट और ऑनलाइन सेवा पहले की तुलना में अधिक आसान और सस्ती हो गई है।
अमेरिकी कंपनी ने कहा है कि वह मौजूदा साइटों से हटने के लिए अपने साझीदरों के साथ काम कर रही है, ताकि ये बाद में भी उपयोगी बनी रहे। गूगल ने 2015 में भारतीय रेल और रेलटेल के साथ मिलकर स्टेशन प्रोग्राम शुरू किया था, ताकि 2020 के मध्य तक देश में 400 रेलवे स्टेशनों पर लोगों के लिए मुफ्त वाई-फाई सुविधा मुहैया कराई जा सके।
गूगल के वाइस प्रेजिडेंट (पेमेंट्स एंड नेक्स्ट बिलियन यूजर्स) ने अपने ब्लॉग में लिखा है, हमने तय संख्या को जून 2018 में ही पार कर लिया। सेनगुप्ता ने भारत का उदाहरण दिया, जहां मोबाइल डेटा पूरी दुनिया में सबसे सस्ता है। उन्होंने कहा, इसीलिए हमने 2020 तक धीरे-धीरे स्टेशन प्रोग्राम को बंद करने का फैसला किया है।
मुंबई । मूडीज की रिपोर्ट के बाद मंगलवार को भारतीय शेयर बाजार में विकवाली के भारी दबाव से प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स लुढक़कर 41,000 से नीचे आ गया और निफ्टी भी 12,000 के नीचे बना हुआ था। सेंसेक्स शुरूआती कारोबार के दौरान करीब 270 अंक टूटा और निफ्टी में भी 90 अंकों से ज्यादा की गिरावट आई। रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेंस्टर्स सर्विस ने भारत की आर्थिक विकास दर के अपने अनुमान में कटौती की है। विदेशी बाजार से भी कमजोर संकेत मिलने से भारतीय शेयर बाजार पर विकवाली का दबाव बना हुआ था।
सेंसेक्स सुबह 9.45 बजे पिछले सत्र से 264.07 अंकों की गिरावट के साथ 40,791.62 पर बना हुआ था, जबकि निफ्टी पिछले सत्र से 82.55 अंकों से नीचे आकर 11,963.25 पर कारोबार कर रहा था। इससे पहले बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स मामूली गिरावट के साथ 41,042.46 पर खुला ,लेकिन बाद में विकवाली के दबाव में 41,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से लुढक़कर 40,785.12 पर आ गया।
इसी प्रकार नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के 50 शेयरों पर आधारित प्रमुख संवेदी सूचकांक निफ्टी भी पिछले सत्र की क्लोजिंग के मुकाबले नरमी के साथ 12,028.25 पर खुला और 12,030.75 तक उछला, लेकिन बाद में 12,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से गिरकर 11,954.35 पर आ गया। रेटिंग एजेंसी मूडीज ने वर्ष 2019 के लिए भारत के जीडीपी विकास दर के अपने अनुमान में सोमवार को 60 आधार अंकों की कटौती करके इसे पांच फीसदी जबकि 2020 के लिए 120 आधार अंकों की कटौती करके इसे 5.4 फीसदी कर दिया।