नईदिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार (19 मई) को नीदरलैंड, डेनमार्क और जर्मनी की आधिकारिक यात्रा के साथ अपनी 6 दिवसीय यूरोप यात्रा की शुरुआत करेंगे। उनकी यह यात्रा 24 मई तक चलेगी।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि विदेश मंत्री जयशंकर तीनों देशों के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात करेंगे और अपने समकक्षों के साथ द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम के साथ-साथ आपसी हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों पर भी चर्चा करेंगे।
यह यात्रा संभवत: भारत द्वारा प्रमुख यूरोपीय भागीदारों के साथ अपने रणनीतिक जुड़ाव को गहरा करने के निरंतर प्रयासों का हिस्सा है।
चर्चाओं में व्यापार, प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय ऊर्जा, नवाचार और लोगों के बीच आपसी संबंधों में सहयोग शामिल होने की उम्मीद है।
यह यात्रा भारत द्वारा यूनाइटेड किंगडम के बीच मुक्त व्यापार समझौता होने के बाद हो रही है। जिसके तहत ब्रिटेन के बाजार में 99 प्रतिशत भारतीय उत्पादों पर टैरिफ समाप्त हो गया है।
इस महीने की शुरुआत में विदेश मंत्री जयशंकर ने आर्कटिक सर्कल इंडिया फोरम 2025 में कुछ यूरोपीय देशों पर निशाना साधते हुए कहा था कि भारत साझेदारों की तलाश कर रहा है, न कि ऐसे उपदेशकों की जो अपने देश में समान सिद्धांतों का पालन नहीं करते।
उन्होंने कहा था, जब हम दुनिया को देखते हैं, तो हम भागीदारों की तलाश करते हैं, हम उपदेशकों की नहीं करते। यूरोप का कुछ हिस्सा अभी भी इस समस्या से जूझ रहा है।
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने प्रशासन में विवादास्पद नियुक्तियों को लेकर एक बार फिर चर्चाओं में हैं। दरअसल, ट्रंप प्रशासन ने आतंकवाद से संबंधित आरोपों में 13 साल जेल में बिताने वाले पूर्व जिहादी इस्माइल रॉयर को व्हाइट हाउस के धार्मिक स्वतंत्रता आयोग के सलाहकार बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया है।
इसके अलावा एक और पूर्व जिहादी शेख हमजा यूसुफ को भी इसी बोर्ड का सदस्य नियुक्त किया गया है।
2003 में इस्माइल पर आतंकवाद से संबंधित अपराधों का आरोप लगाया गया था। इनमें अमेरिका के खिलाफ युद्ध छेडऩे की साजिश रचने और अल-कायदा और लश्कर-ए-तैयबा को सहायता प्रदान करना शामिल था।
रिपोर्ट के अनुसार, 2004 में उसने विस्फोटकों के इस्तेमाल में मदद करने के आरोप भी स्वीकार किए थे। इस मामले में इस्माइल को 20 साल की सजा हुई थी और वो 13 साल जेल में रहा है।
इस्माइल का जन्म सेंट लुईस में हुआ था। अमेरिकी डिपोर्टमेंट और जस्टिस के मुताबिक, इस्लाम धर्म अपनाने के बाद इस्माइल बोस्नियाई शरणार्थियों के साथ काम करने लगा।
इसके बाद वह गृहयुद्ध लडऩे के लिए बोस्निया चला गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 में इस्माइल पाकिस्तान गया, जहां वो लश्कर-ए-तैयबा के संपर्क में आया।
इसके बाद वह वर्जीनिया में लोगों को आतंकी संगठन में शामिल होने के लिए प्रेरित करने लगा। उसे 2017 में जेल से रिहा किया गया था।
शेख हमजा कैलिफोर्निया में जैतुना कॉलेज का सह-संस्थापक है।
सूत्रों के अनुसार, शेख हमजा हमास और मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़ा हुआ है। उनका कहना है कि 9/11 से 2 दिन पहले यूसुफ ने जमील अल-अमीन के लिए पैसे जुटाने का कार्यक्रम आयोजित किया था।
अल-अमीन पर एक पुलिस अधिकारी की हत्या का मुकदमा चल रहा था।
लूमर के अनुसार, शेख हमजा पर इस्लामिक जिहादियों और प्रतिबंधित आतंकी समूहों से संबंध होने का आरोप है।
व्हाइट हाउस ने कहा, इस्माइल वर्तमान में धार्मिक स्वतंत्रता संस्थान में इस्लाम और धार्मिक स्वतंत्रता कार्रवाई टीम के निदेशक हैं। 1992 में इस्लाम धर्म अपनाने के बाद उन्होंने पारंपरिक इस्लामी विद्वानों के साथ धार्मिक विज्ञान का अध्ययन किया है और एक दशक से ज़्यादा समय तक गैर-लाभकारी इस्लामी संगठनों में काम किया है। रॉयर ने धर्मों के बीच शांति को बढ़ावा देने के लिए गैर-लाभकारी संगठनों के साथ काम किया है।
2023 में एक साक्षात्कार में इस्माइल ने कहा था, मुझे लश्कर-ए-तैयबा के लोग पसंद थे। मैं बिन लादेन के सख्त खिलाफ था और अल-कायदा को चरमपंथियों के समूह के रूप में देखता था। मुझे बताया गया कि लश्कर-ए-तैयबा कोई चरमपंथी समूह नहीं है और वे सऊदी इमाम का अनुसरण करते हैं। मैंने मुसलमानों को लश्कर में शामिल होने और कश्मीर में उनके साथ प्रशिक्षण लेने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रशिक्षण बहुत गंभीर नहीं था, यह पर्यटन जैसा अधिक महसूस हुआ।
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इस्लामाबाद। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। आईएमएफ ने बैलआउट पैकेज की अगली किस्त जारी करने से पहले पाकिस्तान पर 11 शर्तें लगा दी हैं। अगर पाकिस्तान इन शर्तों को पूरा करेगा तो ही उसे अगली किस्त मिलेगी।
इन शर्तों में बजट की संसदीय मंजूरी, बिजली उपभोक्ताओं पर लगने वाले कर्ज सेवा अधिभार में बढ़ोतरी और 3 साल से ज्यादा पुरानी कारों के आयात पर प्रतिबंध हटाना शामिल है।
रिपोर्ट के मुताबिक, आईएमएफ द्वारा लागू की गईं शर्तों में 17.6 लाख करोड़ रुपये के अगले बजट को संसदीय मंजूरी दिलाना, वित्त वर्ष 2026 का बजट संसद से पारित कराना, जिससे आईएमएफ के लक्ष्य जून, 2025 तक पूरा किया जा सके और कृषि आय कर पर नई नीति लागू करना शामिल है।
इसमें आयकर जमा करने, लोगों को कर के दायरे में लाने और जागरूकता फैलाने की योजना शामिल है। ये काम जून, 2025 तक करने होंगे।
आईएमएफ ने ऊर्जा क्षेत्र से जुड़ी भी कई शर्तें लगाई हैं।
1. एक जुलाई तक बिजली दरों में सालाना संशोधन लागू करना, ताकि लागत के मुताबिक कीमत तय हो सके।
2. 15 फरवरी, 2026 तक गैस दरों में छमाही संशोधन लागू करना, जिससे सब्सिडी खत्म हो सके।
3. सिल सशक्त उद्योगों को राष्ट्रीय ग्रिड से जोडऩे के लिए कैप्टिव पावर लेवी को स्थायी कानून बनाना।
4. बिजली सेवा अधिभार पर 3.21 रुपये प्रति यूनिट की सीमा को खत्म करना।
आईएमएफ ने ये भी चेतावनी दी है कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की मौजूदा स्थिति, विशेषकर हालिया सैन्य गतिविधियों को देखते हुए पाकिस्तान की राजकोषीय स्थिति, बाह्य खातों और आर्थिक सुधार कार्यक्रमों पर सीधा असर पड़ सकता है।
आईएमएफ ने कहा कि पिछले 2 हफ्तों में पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव काफी बढ़ा, लेकिन बाजार की प्रतिक्रिया मामूली रही है।
इन नई शर्तों के साथ अब तक आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान पर 50 शर्तें लगाई जा चुकी हैं।
पहलगाम हमले के बाद भारत पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए बैलआउट पैकेज का विरोध कर रहा था। भारत ने पैकेज पर मतदान में भी हिस्सा नहीं लिया था। हालांकि, आईएमएफ ने 130 करोड़ डॉलर के पैकेज को मंजूरी दे दी थी।
हाल ही में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि आईएमएफ को पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज पर पुनर्विचार करना चाहिए, क्योंकि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सहयोग की राशि को आतंकी गतिविधियों में इस्तेमाल करता रहा है।
इस्लामाबाद। लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष आतंकी सैफुल्लाह खालिद की पाकिस्तान में अज्ञात हमलावरों ने हत्या कर दी। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के सिंध प्रांत में अज्ञात हमलावरों ने सैफुल्लाह को गोली मारकर हत्या कर दी।
सैफुल्लाह भारत में हुए कम से कम 3 आतंकी हमलों का साजिशकर्ता रहा है और भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर था।
पहलगाम आतंकी हमले में भी सैफुल्लाह का नाम सामने आ रहा था।
सैफुल्लाह खालिद को सैफुल्लाह कसूरी, अली, हबीबुल्लाह और नौमान समेत कई नामों से भी जाना जाता है। उसे आतंकी हाफिज सईद का बेहद करीबी माना जाता है।
वह लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रमुख कमांडर और डिप्टी चीफ है और पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का रहने वाला है। कई बार उसे पाकिस्तानी सेना के लोगों के साथ देखा गया है।
माना जाता है कि जम्मू-कश्मीर में लश्कर की गतिविधियां संचालित करने के लिए सैफुल्लाह मुख्य हैंडलर है।
सैफुल्लाह पर महाराष्ट्र के नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय पर 2006 में हुए हमले की साजिश रचने का आरोप है।
2001 में रामपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल कैंप पर हमले और 2005 में बेंगलुरू में भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी) पर हमले में भी सैफुल्लाह का हाथ सामने आया था।
वह कई सालों तक नेपाल में छिपकर अलग नाम से लश्कर की गतिविधियों को अंजाम देता रहा है।
भुवनेश्वर । ओडिशा से दर्दनाक खबर सामने आई है। जहां बिजली गिरने से एक ही दिन में 14 लोगों की मौत हो गई है, जबकि छह अन्य का गंभीर हालत में अस्पतालों में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि कोरापुट जिले के लक्ष्मीपुर प्रखंड अंतर्गत ओडियापेंठ ग्राम पंचायत के पर्तिगुडा गांव में कालबैसाखी के कारण आंधी के साथ बारी बारिश हुई।
इसी दौरान खेत में काम कर रहे लोगों ने पास में मौजूद एक झोपड़ी में शरण ली। तभी झोपड़ी में बिजली गिर गई। बुद्री माडिंगा,उनकी पोती कासा माडिंगा और अंबिका काशी की मौके पर ही मौत हो गई। इसी तरह सिमिलीगुड़ा प्रखंड की चारंगुल पंचायत अंतर्गत खालपड़ी गांव के कुम जानी के पुत्र दास जानी (32) की बिजली गिरने से मौत हो गई। नवरंगपुर जिले के उमरकोट प्रखंड के बेनोरा गांव में बिजली गिरने से एक नाबालिग की मौत हो गई, जबकि उसके दादा का गंभीर हालत में अस्पताल में इलाज चल रहा है। मृतकों की पहचान बुद्री माडिंगा (60), कासा माडिंगा (16) और अंबिका काशी (35) के रूप में हुई है। बुद्री के पति हिंगु माडिंगा और पांच अन्य को गंभीर हालत में लखीमपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में भर्ती कराया गया है।
बेनोरा पंचायत के शंकरदा गांव के चैतराम मांझी (35) और उनके भतीजे ललित माझी (15) मक्का सुखाने के लिए बनारा गांव गए थे। फर्श पर मकई सुखाते समय दोपहर करीब 3.30 बजे तेज हवा चली और वर्षा होने लगी। इसी दौरान बिजली गिरने से चैतराम और ललित की मौत हो गई। ढेंकानाल जिले के कंकड़ाहाड़ ब्लॉक के दसीपुर पंचायत पंचायत के कुसुमुंडिया गांव की सुरुषि बिस्वाल (40) की बिजली गिरने से मौत हो गई है। दोपहर बाद सुरुषि घर के सामने थी तभी अचानक बिजली और वह झुलस गई। उन्हें परजंग सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया। गंजाम जिले के बेलगुंटा थाना क्षेत्र के केबिरी बरहमपुर में बिजली गिरने से एक महिला की मौत हो गई और एक महिला घायल हो गई। केबिरी बरहमपुर गांव के पूर्णचंद्र गौड़ की बेटी रीता गौड़ (30) बिजली की चपेट में आने से झुलस गई थी, जिसे नजदीकी अंबाटोटा अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने रीता को मृत घोषित कर दिया।
इसी तरह तनरादा गांव की नर्मदा पोलाई (38) अपने घर के सामने बैठी थी, तभी बिजली गिरने से गंभीर रूप से झुलस गई। उसका भंजनगर अस्पताल में इलाज चल रहा है। कविसूर्यनगर थाना अंतर्गत ए.बारीदा गांव के लक्ष्मण प्रधान के 13 वर्षीय पुत्र ओम प्रकाश प्रधान की बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई है। वह गांव के खेल के मैदान में क्रिकेट खेल रहा था जब वह बिजली की चपेट में आ गया। सियालीलटी पंचायत के कानकटा गांव की दमयंती मंडल (35) की सडक़ किनारे बैठकर सब्जी बेच रही थी। बिजली गिरने की वजह से उनकी मौत हो गई। इसी दौरान बिजली की चपेट में आने से गांव के एक परिवार के दाऊद मंडल, लंकेई भुइयां, पंडित भुइयां, मेंगी भुइयां और सुनीला रैत झुलस गए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। कटक जिले के नरसिंहपुर प्रखंड के सियारिया विश्वनाथपुर गांव के आदित्य कुमार साहू (24) पुत्र प्रफुल्ल कुमार साहू अपने घर के पास खड़े थे, तभी बिजली की चपेट में आ गए। उनके परिवार के सदस्य उन्हें बेहोशी की हालत में कानपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले गए और वहां से कटक के एससीबी मेडिकल अस्पताल रेफर किया गया। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
ढेंकानाल जिले के गोंदिया थाना अंतर्गत काबरा गांव के सनातन दियाणी (45) की बिजली गिरने से मौत हो गई। जाजपुर जिले के धर्मशाला प्रखंड के कटाबंध इलाके में बिजली गिरने से दो नाबालिग लडक़ों की मौत हो गई है। मृतक की पहचान मणि हेम्ब्रम के बेटे तारा हेम्ब्रम (9) और पांडेय चातार का बेटा जाखुम चातार (12) के रूप में हुई है। शाम 5 बजे दोनों घर के बाहर में खेल रहे थे तभी उन पर बिजली गिरी और दोनों की मौत हो गई। बालेश्वर के अउपड़ा ब्लॉक में बिजली गिरने से एक मजदूर चुनाराम किस्कू (31) की मौत हो गई है। उसका घर मयूरभंज जिले के उदला थाने के कुटिंग गांव में बताया जा रहा है।
नई दिल्ली । भारत के ऑपरेशन सिंदूर से कोई भी नुकसान न होने की बात कह रहा पाकिस्तान का एक और फिर बेनकाब हुआ है। अब पाकिस्तान के ही पूर्व एयर मार्शल मसूद अख्तर ने उसकी पोल खोली है। पाकिस्तान के पूर्व एयर मार्शल रिटार्यड मसूद अख्तर ने ऑन कैमरा यह कबूल किया है कि भारत की एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान के एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम एयरक्राफ्ट को काफी नुकसान पहुंचा है। एक टीवी इंटरव्यू में अख्तर ने कहा, ‘’10 मई की सुबह को एयरबेस पर हमला हुआ। उस बेस के ऊपर चार ब्रह्मोस मिसाइलें आईं। पायलट पहले दौड़ें कि अपने जहाजों को सुरक्षित करें। पूर्व एयर मार्शल ने कहा कि हालांकि, वह इस पर कन्फर्म नहीं हैं कि ये मिसाइलें सतह से सतह वाली थीं या फिर हवा से सतह पर मार करने वाली, लेकिन ब्रह्मोस मिसाइलें थीं। उन्होंने कहा, पहला आया और दूसरा आया, फिर तीसरा और फिर चौथा आया जोकि भोलारी में खड़े हैंगर पर हिट किया, यहां हमारा ्रङ्ख्रष्टस् एयरक्राफ्ट खड़ा हुआ था। वह इस हमले में डैमेज हो गया। मसूद का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिससे पाकिस्तान के झूठे दावों की पोल खुल गई है। ्रङ्ख्रष्टस् लंबी दूरी पर विमान, जहाज, वाहन, मिसाइल और अन्य आने वाले प्रोजेक्टाइल का पता लगाने में सक्षम है। यह आसमान पर और जमीन पर मौजूद ऑपरेटरों को खतरे की पहचान करने, उसका आकलन करने और फिर उसपर जवाबी कार्रवाई करने में भी मदद करता है।
पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए भारत ने 6-7 मई की रात में पाकिस्तान और पीओके में मौजूद आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इसमें कई दशकों से चल रहे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी कैंप भी शामिल थे। इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकवादी ढेर हो गए थे। इसके बाद पाकिस्तान ने भारत के सैन्य ठिकानों समेत अन्य को निशाना बनाने के लिए ड्रोन से हमले किए थे, जिसके जवाब में भारत ने पाकिस्तानी एयरबेस और उनके रडार स्टेशनों को निशाना बनाया।