नेशनल इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) ने सोमवार को लश्कर ए तैयबा का आतंकी हबीबुर रहमान को गिरफ्तार किया है। एनआईए के अनुसार हबीब वर्ष 2007 में गिरफ्तार लश्कर आतंकी शेख अब्दुल नईम उर्फ नोमी का हैंडलर था। रहमान को सऊदी अरब से पहुंचने पर गिरफ्तार कर लिया गया। एनआईए ने बताया कि उसे सूचना मिली थी कि रहमान भारत आ रहा है। जिसके बाद इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।रहमान लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी शेख अब्दुल नईम उर्फ नोमी का कथित हैंडलर है। नईम को 2007 में उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह एक कश्मीरी और दो पाकिस्तानी आतंकवादियों को बांग्लादेश की सीमा के जरिए भारत में घुसपैठ कराने में मदद की कोशिश कर रहा था। नईम अगस्त 2014 में पुलिसकर्मियों को चकमा देकर तब हिरासत से फरार हो गया था जब उसे कोलकाता से महाराष्ट्र में अदालत में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। हबीबुर ओडिशा के केंद्रपाड़ा का रहने वाला है और फिलहाल सऊदी अरब के रियाद में रह रहा है। वह लगभग तीन साल तक सुरक्षा एजेंसियों के साथ चूहा-बिल्ली का खेल खेलता रहा। सरकारी एजेंसियों ने कहा कि, हबीब को उसके हैंडलरों ने भारत में ऐसी जगहों को चिन्हित करने के लिए भेजा था जहां हमले में अधिक से अधिक लोगों को नुकसान पहुंचाया जा सके।एक अधिकारी के मुताबिक, नईम ने कई फर्जी पहचान पत्र बनवाए और जम्मू कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों का दौरा किया और आतंकी हमलों के लिए संभावित ठिकानों का ब्लू प्रिंट तैयार किया।
नई दिल्ली : दिल्ली भारतीय चिकित्सा परिषद एक्ट 1998 के तहत अगर कोई एलोपैथिक डॉक्टर पर्चे पर आयुर्वेदिक दवा लिखते हैं तो उन्हें जेल हो जाएगी. दिल्ली मेडिकल काउंसिल ने एडवाइजरी जारी की है. इस नए आदेश के मुताबिक कोई भी एलोपैथिक डॉक्टर लिव 52, सिस्टोन, सेप्टिलाइन, M2 टोन, एम्लिक्योर डीएस, नीरि, एमिकोरिडियल प्रेसक्राइब नहीं कर पाएंगें. दरअसल, ये इसलिए किया गया है क्योंकि एलोपैथिक मेडिसिन प्रैक्टिस करने वाले कई डॉक्टर आर्युवेद की नॉलेज नहीं रखते और आर्युवेद काउंसिल में रजिस्टर भी नहीं हैं. ऐसे में अगर वे आयुर्वेदिक दवाइयां प्रेसक्राइब भी करते हैं तो उन्हें जेल हो सकती है. क्योंकि इससे पहले एलोपैथिक डॉक्टरों ने भी यही कहकर विरोध किया था कि होमियोपैथिक डॉक्टर कैसे एलोपैथिक दवाएं प्रेसक्राइब करते हैं. दिल्ली मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार गिरिश त्यागी ने कहा, क्रॉसपैथी किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं की जाएगी. भले ही कोई आर्युवेद का डॉक्टर एलोपैथिक दवाएं लिख देते हैं या कोई एलोपैथिक डॉक्टर होमियोपैथी दवाएं लिख देते हैं. ऐसा नहीं चलेगा और अगर अब ऐसा हुआ तो उस डॉक्टर सीधे जेल हो जाएगी. आर्युवेद काउसिंल ऐसे डॉक्टर के खिलाफ एक्शन ले सकता है. दरअसल, मामला कुछ ऐसा होता है कि आयुर्वेदिक दवाएं एलोपैथिक पर्चे के साथ सप्लिमेंट्स के तौर पर दे दी जाती है. आयुर्वेदिक दवाओं में- लिव 52 ये एक कॉमन दवा है जो लिवर के लिए, सिस्टोन किडनी के लिए दी जाती है.
महिला और बाल विकास मंत्रालय की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि देश में बच्चों के यौन शोषण में लड़कियों की तुलना में लड़कों के साथ यौन उत्पीड़न के मामले ज्यादा हैं। मंत्रालय की रिपोर्ट के मुताबिक, देश में 53.22 प्रतिशत बच्चों को यौन शोषण के एक या अधिक रूपों का सामना करना पड़ा है। इसमें 52.94 प्रतिशत लड़के हैं जो यौन उत्पीड़न की घटनाओं का शिकार हुए हैं।चेंज डॉट ओआरजी के माध्यम से बाल यौन उत्पीड़न के मामले को उठाने वाली याचिकाकर्ता और लेखक इंसिया दरीवाला ने इस विषय पर बताया कि सबसे बड़ी समस्या है कि इस तरह के मामले कभी सामने नहीं आते। क्योंकि हमारे समाज में बाल यौन उत्पीड़न को लेकर जो मानसिकता बनी हुई है उसके कारण बहुत से मामले दर्ज ही नहीं होते। अगर आते भी हैं तो बहुत ही कम ऐसे मामले आ पाते हैं। लोग यह मानने को तैयार ही नहीं होते कि पुरुषों के साथ कभी यौन उत्पीड़न हो सकता है।उन्होंने कहा कि लड़कों के साथ यौन उत्पीड़न होने पर पहले लोग उस पर हंसेंगे, उसका मजाक उड़ाएंगे और मानने से इंकार कर देंगे। मजाक बनाए जाने के कारण लड़कों को अपनी सच्चाई बताने में डर लगता है और ज्यादातर घटनाएं दबा दी जाती हैं। जिससे ऐसी घटना को अंजाम देने वाले लोग धरल्ले से ऐसी घटनाओं को अंजाम देने लगते हैं।उन्होंने कहा कि आज सामान्य कानूनों को निष्पक्ष बनाने का प्रयास किया जा रहा है जिसकी शुरुआत पॉस्को कानून से हुई। दरअसल, अब धारा 377, पुरुषों के दुष्कर्म कानून को भी इसके तहत देखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि लिंग समानता का अर्थ यह बिलकुल नहीं है कि एक लिंग को ध्यान में रखकर ही सारे कानून बनाये जाएं । पुरुष और महिलाओं को समान सुरक्षा का अधिकार मिलने की जरूरत है।
इमरान खान पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं, लेकिन सत्ता संभालने से पहले उनकी सौतेली बेटी मेहरू हयात ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) का दामन थाम लिया है. क्रिकेटर से नेता बने इमरान की तीसरी पत्नी बुशरा मनेका की बेटी मेहरू हयात ने देश के नए प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के बाद पार्टी में शामिल होने का फैसला लिया. पार्टी में शामिल होने के दौरान मेहरू के साथ उनकी मां बुशरा भी मौजूद थीं. मेहरू इमरान की सौतेली संतान हैं.
सोमवार को पार्टी में शामिल होने वाली मेहरू के साथ-साथ उनके दोस्त फराह खान ने भी पीटीआई ज्वाइन कर लिया. फराह खान ने हाल में हुए आम चुनाव में जीत हासिल करने के लिए इमरान खान को बधाई भी दी. मेहरू को आज पार्टी की ओर से मंत्री पद के लिए नामित किया गया है. हालांकि पीटीआई प्रमुख इमरान के साथ निकाह के बावजूद मनेका राजनीति में कोई सक्रिय भूमिका नहीं निभा रही हैं.
फरवरी में हुई थी बुशरा संग शादी
इसी साल फरवरी में पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के चीफ इमरान खान ने बुशरा मनेका के साथ तीसरी शादी रचाई थी. 18 फरवरी को पाकपट्टन में एक सम्मानित पीर का दर्जा रखने वाली बुशरा और इमरान की शादी लाहौर में एक सादे समारोह में हुई थी. 40 वर्षीय बुशरा मनेका वाट्टू कबीले से संबंध रखती हैं. बुशरा, वाट्टू का उप-कबीला है. इससे पहले मनेका की शादी खवर फरीद मनेका से हुई थी, जो इस्लामाबाद में वरिष्ठ कस्टम अधिकारी के तौर पर तैनात हैं, लेकिन हाल ही में उन्होंने बुशरा से अलग होने का फैसला किया था.
इमरान की यह तीसरी शादी है. उनकी पहली शादी जेमिमा गोल्डस्मिथ से 1995 में हुई थी, जो एक ब्रिटिश अरबपति की बेटी हैं. लेकिन इमरान ने 2004 में जेमिमा को तलाक दे दिया. इसके बाद उन्होंने रेहम खान के साथ दूसरी शादी की जो महज 10 महीने चली. रेहम और इमरान ने जनवरी 2015 में एक सार्वजनिक समारोह में एक दूसरे का हाथ थामा था.
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय में प्रचलित नाबालिग लड़कियों का खतना किए जाने की प्रथा पर सवाल उठाए हैं। सोमवार को खतने के विरोध में दाखिल याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिलाओं का खतना सिर्फ इसलिए नहीं किया जा सकता कि उन्हें शादी करनी है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि महिलाओं का जीवन केवल शादी और पति के लिए नहीं होता। सुप्रीम कोर्ट से महिलाओं का खतना किए जाने की प्रथा पर भारत में पूरी तरह से बैन लगाने की मांग की गई है।
सोमवार को कोर्ट ने कहा कि शादी के अलावा भी महिलाओं का दायित्व है। इस तरह की प्रथा महिलाओं की निजता के अधिकार का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह लैंगिक संवेदनशीलता का मामला है और स्वास्थ्य ने लिए खतरनाक भी हो सकता है। सर्वोच्च अदालत ने आगे कहा कि यह किसी भी व्यक्ति के पहचान का केंद्र बिंदु होता है और यह कृत्य ( खतना) उसके पहचान के खिलाफ है।
पति को खुश करने का दायित्व महिला पर ही क्यों? : सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरफ का कृत्य एक औरत को आदमी के लिए तैयार करने के मकसद से किया जाता है जैसे वह जानवर हो। कोर्ट ने सवाल पूछते हुए कहा कि किसी महिला पर ही यह दायित्व क्यों हो कि वह अपने पति को खुश करे। आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने भी उस याचिका का समर्थन किया है जिसमें दाऊदी बोहरा मुस्लिम समुदाय की नाबालिग लड़कियों का खतना किए जाने की प्रथा का विरोध किया गया है।
प्राइवेट पार्ट को छूना पॉस्को के तहत अपराध : वहीं, ऐडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने याचिकाकर्ता की तरफ से कहा कि किसी भी आपराधिक कृत्य की सिर्फ इसलिए इजाजत नहीं दी जा सकती है क्योंकि वह प्रथा है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट पार्ट को छूना पॉस्को के तहत अपराध है। सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को भी सुनवाई जारी रहेगी। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि धर्म के नाम पर कोई भी किसी महिला के जननांग को कैसे छू सकता है? जननांग को विकृत करना महिलाओं की गरिमा और सम्मान के खिलाफ है।
बैन के समर्थन में सरकार : केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि धर्म की आड़ में लड़कियों का खतना करना जुर्म है और वह इस पर रोक का समर्थन करता है। इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से कहा जा चुका है कि इसके लिए सात साल तक कैद की सजा का प्रावधान भी है।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने दाऊदी बोहरा मुस्लिम समाज में प्रचलित इस प्रथा पर रोक लगाने वाली याचिका पर केरल और तेलंगाना सरकारों को भी नोटिस जारी किया था। याचिकाकर्ता और सुप्रीम कोर्ट में वकील सुनीता तिहाड़ की याचिका पर कोर्ट में सुनवाई चल रही है। तिहाड़ ने कहा कि भारत ने संयुक्त राष्ट्र बाल अधिकार घोषणा पत्र पर भी हस्ताक्षर किए हैं।
आम चुनाव में खंडित जनादेश मिलने के बाद पाकिस्तान में नई सरकार के गठन के लिए सियासी जोड़-तोड़ जोरों पर है। इस बीच संसद में सबसे पड़ी पार्टी बनकर उभरी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा है कि वे 11 अगस्त को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। रेडियो पाकिस्तान ने खुद इमरान के हवाले से कहा कि वे 11 अगस्त को पदभार संभालेंगे।
सोमवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के नवनिर्वाचित पार्टी विधायकों को संबोधित करते हुए पीटीआइ नेता ने कहा कि मैंने राज्य के अगले मुख्यमंत्री का फैसला कर लिया है। अगले 48 घंटों के अंदर उनके नाम का एलान कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सिंध प्रांत की गरीबी खत्म करना उनकी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल होगा।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इमरान अकेले शपथ लेंगे या उनके साथ उनका मंत्रिमंडल भी शपथ लेगा। इससे पहले रविवार को पीटीआइ ने कहा था कि 14 अगस्त से पहले इमरान प्रधानमंत्री पद की शपथ ले लेंगे। पार्टी प्रवक्ता नईमुल हक ने कहा था कि संसद में बहुमत हासिल करने के लिए वह छोटी पार्टियों और निर्दलीय सांसदों से संपर्क कर रही है। उल्लेखनीय है कि नेशनल असेंबली के चुनाव में पीटीआइ 116 सीटें झटकने में कामयाब रही।
पीएमएल-एन और पीपीपी ने मिलाया हाथ
नेशनल असेंबली में दूसरे नंबर की पार्टी पीएमएल-एन और तीसरे नंबर पर रही पीपीपी ने इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने की स्थिति में एक साथ आने का फैसला किया है। संसद में पीएमएल-एन के 64 और पीपीपी के 43 सदस्य हैं। दोनों पार्टियों ने कहा है कि इमरान सरकार के खिलाफ संयुक्त रणनीति अपनाई जाएगी।उधर, नेशनल असेंबली में नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की 64 और बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की 43 सीटें हैं। पाकिस्तान की 342 सीटों वाली नेशनल एसेम्बली में 272 सीटों पर प्रत्यक्ष निर्वाचन होता है। किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कुल में से 172 सीटों की जरूरत होती है, हालांकि निर्वाचित 272 सीटों में उसे 137 सीटें ही चाहिए होती हैं। सदन में 60 सीटें महिलाओं के लिए जबकि 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं।