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ईओयू का बड़ा एक्शन, पटना में 9 स्टूडेंट्स को भेजा नोटिस, अबतक 19 गिरफ्तार
Posted Date : 15-Jun-2024 9:07:19 pm

ईओयू का बड़ा एक्शन, पटना में 9 स्टूडेंट्स को भेजा नोटिस, अबतक 19 गिरफ्तार

0-नीट पेपर लीक मामला
नईदिल्ली। मेडिकल फील्ड में करियर बनाने वालों के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानी जाने वाली एंट्रेंस एग्जाम नीट को लेकर इन दिनों माहौल गर्माया हुआ है. पेपर लीक से लेकर स्टूडेंट्स के करियर तक कई तरह के सवाल इस परीक्षा को लेकर उठे हैं. मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. इस बीच इस मामले में लगातार नए अपडेट भी सामने आ रहे हैं. इसी कड़ी में आर्थिक अपराध इकाई यानी ईओयू का बिहार में बड़ा एक्शन देखने को मिला है. दरअसल नीट एग्जाम में पेपर लीक को लेकर बिहार से कनेक्शन सामने आया है. इस कनेक्शन के चलते अब तक यहां से 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. यही नहीं शनिवार को भी इओयू ने 9 परीक्षार्थियों को नोटिस भेजा है. इन सभी परीक्षार्थियों से सबूत के साथ दफ्तर आने को कहा गया है. 
दरअसल बिहार की राजधानी पटना में एक घटना से सबका ध्यान नीट पेपर लीक की तरफ खींचा. यहां सॉल्वर गिरोह ने एक प्राइवेट स्कूल में कुछ स्टूडेंट्स को प्रश्नपत्र को रटवाया था. इसी स्कूल से जले हुए प्रश्नपत्रों को यानी एग्जाम पेपर के टुकड़े भी मिले थे. इसके बाद पटना से नीट एग्जाम में पेपर लीक की बातें सामने आने लगीं. इस मामले में ईओयू की ओर से एक्शन लिया गया और अब तक सिर्फ बिहार से ही 14 लोगों को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है. 
पेपर लीक के तार अकेले बिहार के पटना से नहीं जुड़े बल्कि इसका कनेक्शन गुजरात के गोधरा से भी मिला है. यहां के पंचमहल जिले में  कुछ लोगों को आरोप हैं कि उन्होंने 27 स्टूडेंट्स से 10 लाख रुपए की रिश्वत लेकर नीट-यूजी एग्जाम पास कराने में मदद की. इसके चलते अब तक गुजरात से भी 5 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. यानी इस मामले में अब तक 19 लोग अरेस्ट किए जा चुके हैं. 
गोधरा के एक स्कूल में हुई धांधली का खुलासा 9 मई को की गई एक एफआईआर के जरिए हुआ. दरअसल गोधरा के एक स्कूल में नीट-यूजी में 5 मई को हुई एग्जाम के दौरान सेंटर बनाया गया था. कलेक्टर को इससे जुड़ी एक शिकायत मिली कि एग्जाम में कुछ गड़बड़ी हुई है. जांच पड़ताल में पूरा मामला सामने आया था.
बिहार के पटना में पकड़े गए चार छात्रों से पूछताछ में बड़ा खुलासा हुआ है. इन छात्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि एग्जाम से चार घंटे पहले ही इन्हें प्रश्न पत्र मिल गया था. इसका प्रिंट आउट भी लेने के बाद इसे एक निजी स्कूल में ले जाकर स्टूडेंट्स को रटाया गया था. ईओयू के एक अधिकारी की मानें तो एनटीए की ओर से उन्हें जरूरी एग्जाम पेपर नहीं भेजे गए हैं, यही वजह है कि स्कूल से मिले जले हुए प्रश्न पत्र का मिलान अब तक नहीं किया जा सका है. 
नीट पेपर लीक मामले को लेकर सियासत भी गर्मा चुकी है. विपक्षी दल कांग्रेस ने इसको लेकर मोर्चा खोल दिया है. आगामी संसद सत्र में कांग्रेस ने इस मुद्दे को जोर शोर से उठाने की बात कही है. दरअसल कोर्ट में भी इस मामले को लेकर कई याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं. कहीं एग्जाम रद्द करने तो कहीं दोबारा करने तो कहीं कुछ और मांगों के साथ याचिकाएं दायर की गई हैं. सुप्रीम कोर्ट और 7 हाई कोर्ट मिलाकर अब तक 41 याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं. मामले कोर्ट में चल रहा है और 8 जुलाई को इस मामले में अगली सुनवाई होना है. 

 

50 फीट गहरे बोरवेल में गिरी बच्ची की मौत, 17 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
Posted Date : 15-Jun-2024 9:06:34 pm

50 फीट गहरे बोरवेल में गिरी बच्ची की मौत, 17 घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन

अहमदाबाद। गुजरात के अमरेली जिला के सुरगापारा गांव में 45-50 फीट गहरे बोरवेल में गिरी एक मामूम बच्ची की मौत हो गई. बच्ची को बचाने के लिए 16-17 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. लेकिन शनिवार सुबह बच्ची ने को मृत घोषित कर दिया गया. अग्निशमन अधिकारी एचसी गढ़वी ने बताया कि, बच्ची को सुबह 5:10 बजे बोरवेल से बाहर निकाला गया. उसके बाद उसे अमरेली सिविल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया गया. इस घटना के बाद केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पंशेरिया ने गुजरात के लोगों से खुले बोरवेल को बंद करने की अपील की.
बच्ची को बोरवेल से जिंदा निकालने के लिए घंटों रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया. रेस्क्यू ऑपरेशन में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), अमरेली अग्निशमन दल और 108 एम्बुलेंस सेवा के कर्मियों ने संयुक्त रूप से अभियान में लगे रहे. इस रेस्क्यू ऑपरेशन को शुक्रवार दोपहर 12.30 बजे शुरू किया गया था. जो शनिवार सुबह तक जारी रहा. 16-17 घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद भी बच्ची को बचाया नहीं जा सका. बोरवेल से निकालने के बाद बच्ची को तुरंत अमरेली सिविल अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय राज्य मंत्री प्रफुल्ल पंशेरिया ने राज्य के लोगों से खुले बोरवेल के बारे में सरकार को सूचित करने का अनुरोध किया था. पानशेरिया ने कहा, मैं गुजरात में सभी से अनुरोध करता हूं कि यदि आप बोरवेल बंद नहीं कर सकते हैं, तो कृपया हमें सूचित करें. यदि आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो कृपया हमें एक संदेश भेजें या हमें एक पत्र भेजें. मानवता के लिए काम करें. उन्होंने कहा कि, चार महीने पहले द्वारका में भी इसी तरह की घटना हुई थी. उस समय, मैंने शिक्षकों से अपील की और हमने लगभग 35-40 बोरवेल बंद कर दिए. मुख्यमंत्री ने खुले बोरवेल के संबंध में एक पत्र भी जारी किया है.
बता दें कि इसी तरह की एक घटना राजस्थान के अलवर जिले में भी हुई थी, जहां लक्ष्मणगढ़ इलाके के कनवाड़ा गांव में एक पांच साल का बच्चा 40 फुट गहरे बोरवेल में गिर गया था. हालांकि बच्चे को सुरक्षित बचा लिया गया. इससे पहले 14 अप्रैल को मध्य प्रदेश के रीवा जिले के जनेह थाना क्षेत्र के मनिका गांव में एक छह वर्षीय बच्चा खेत में खुले बोरवेल में गिर गया था. 45 घंटे के लंबे रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बच्चे को बाहर निकाल लिया गया. लेकिन उनकी जान नहीं बची.

 

कई राज्यों में भारी बारिश की आशंका, प्रचंड गर्मी के बीच मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट
Posted Date : 15-Jun-2024 9:05:26 pm

कई राज्यों में भारी बारिश की आशंका, प्रचंड गर्मी के बीच मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

नईदिल्ली। दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्से में प्रचंड गर्मी पड़ रही है. वहीं दूसरी और पश्चिम की ओर से आने वाली हवाओं के चलते मानसून की रफ्तार धीमी हो गई है. जिसके चलते लोगों को मानसून बारिश का इंतजार करना पड़ रहा है. वहीं बंगाल की खाड़ी में दो हफ्ते पहले आए रेमल चक्रवात के असर से मानसून को मिली गति भी अब लगभग खत्म हो गई है. इस बीच मौसम विभाग ने देश के कई राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, 10 जून के बाद मानसून की रफ्तार धीमी हो गई और ये आगे नहीं बढ़ पा रहा है. फिलहाल मानसून की स्थिति स्थिर बनी हुई है. हालांकि अच्छी बात ये है कि अब मानसून के आगे बढऩे के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनने लगी हैं. जिसके चलते आने वाले चार से पांच दिनों में मानसून फिर से रफ्तार पकड़ेगा और झमाझम बारिश होगी.
बता दें कि हमारे देश में जून से सितंबर के बीच मानसून की दो शाखाएं सक्रिय रहती हैं. एक शाखा बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर आती है वहीं दूसरी अरब सागर की ओर से प्रवेश करती है. बंगाल की खाड़ी वाली शाखा अभी बेहद कमजोर पड़ गई है, लेकिन पश्चिमा शाखा अभी भी सक्रिय बनी हुई है.
फिलहाल दक्षिण-पक्षिम मानसून देश के कई राज्यों में सक्रिय है और इससे बारिश भी हो रही है. मौसम विभाग की मानें तो दक्षिण पश्चिम मानसून से गुजरात एवं राजस्थान के कुछ इलाकों के अलावा दक्षिणी राज्यों में अच्छी बारिश हो रही है. जबकि पूर्वी शाखा सबसे ज्यादा क्षेत्र को प्रभावित करती है. इसके सुस्त पड़ जाने से देश की औसत बारिश पर बड़ा असर पड़ रहा है.
मौसम विभाग के मुताबिक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, पश्चिमी बंगाल और बिहार के पूर्वी भाग में अगले कुछ दिनों में भारी बारिश होने की संभावना है. मौसम विभाग का कहना है कि यहां दक्षिणी-पश्चिमी मानसून के आगे बढऩे के लिए स्थितियां अनुकूल होने लगी हैं. जिसके चलते अगले चार से पांच दिनों में बंगाल, सिक्किम एवं पूर्वोत्तर भारत में भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है. वहीं पूर्वी मानसून भी गति पकड़ सकता है, इसके बाद ये बिहार और झारखंड के साथ पूर्वी उत्तर प्रदेश में आगे बढ़ सकता है.
वहीं राजधानी दिल्ली में इनदिनों प्रचंड गर्मा का कहर देखने को मिल रहा है. स्काइमेट वेदर के मुताबिक, पश्चिमी हवाओं की गति तेज है, जो बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर आ रही पूर्वी हवाओं को उत्तर-पश्चिम में आगे बढऩे से रोक रही हैं. जब हवा की दिशा बदलेगी तभी मानसून आगे बढ़ेगा. जब मानसून एक बार गति पकड़ लेगा तब ये तेजी से आगे बढ़ेगा. जिससे बारिश होगी. दक्षिण पश्चिम मानसून के इस महीने यानी जून के आखिर तक दिल्ली पहुंचने की संभावना है. जिससे दिल्ली के अलावा हरियाणा और पश्चिमी यूपी में बारिश होगी.

 

सिक्किम में भारी बारिश के बाद भूस्खलन, अब तक 9 लोगों की मौत, सैकड़ों पर्यटक फंसे
Posted Date : 15-Jun-2024 9:05:04 pm

सिक्किम में भारी बारिश के बाद भूस्खलन, अब तक 9 लोगों की मौत, सैकड़ों पर्यटक फंसे

गंगटोक। पूर्वोत्तर के राज्य सिक्किम में इनदिनों भारी बारिश के चलते कई इलाकों में भूस्खलन हो रहा है. जिसके चलते अब तक नौ लोगों के मारे जाने की जानकारी सामने आई है. बताया जा रहा है कि उत्तरी सिक्किम के मंगन जिले में लगातार हो रही बारिश से बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ है. जिसके चलते 15 विदेशी नागरिकों समेत 1,200 से ज्यादा पर्यटक फंस गए हैं.  एक अधिकारी के मुताबिक, भूस्खलन और भारी बारिश के चलते पर्वतीय राज्य में 9 लोगों की मौत हो गई है और संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है. इसके साथ ही कई क्षेत्रों में सडक़ संपर्क टूट गया है.
भारी बारिश और भूस्खलन से बिजली और खाद्य आपूर्ति तथा मोबाइल नेटवर्क भी बाधित हुआ है. राज्य के पर्यटन एवं नागर विमानन विभाग के प्रधान सचिव सी एस राव ने कहा कि, रिपोर्ट के मुताबिक भारी बारिश और भूस्खलन के चलते सडक़ अवरुद्ध हो गई है जिससे करीब 1,200 घरेलू और 15 विदेशी पर्यटक मंगन जिले के लाचुंग में फंस गए हैं. इनमें थाईलैंड के दो, नेपाल के तीन और बांग्लादेश के 10 पर्यटक शामिल हैं.
वहीं प्रशासन भी पूरी घटना पर नजर बनाए हुए हैं. सिक्किम के सीएम प्रेम सिंह तमांग ने भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के बाद स्थिति का जायजा लिया.  इसके लिए उन्होंने मिंटोकगांग में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई. बता दें कि पर्वतीय राज्य सिक्किम भूस्खलन से बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. राज्य के स्थानीय अधिकारियों ने वहां फंसे पर्यटकों से अपने-अपने स्थानों पर ही रहने तथा जोखिम मोल लेने से बचने की सलाह दी है.
अधिकारियों का कहना है कि सभी फंसे हुए पर्यटकों के लिए राशन का पर्याप्त भंडार है. मुख्य सचिव कार्यालय ने मौसम की स्थिति के आधार पर सभी पर्यटकों को हवाई मार्ग से लाने के लिए केंद्र के साथ बातचीत शुरू की है. प्रधान सचिव सी एस राव ने पर्यटकों को इस प्राकृतिक आपदा में हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया. राव ने कहा कि केवल लाचुंग ही राज्य के बाकी हिस्सों से कटा हुआ है और सिक्किम के अन्य सभी हिस्से खुले और यात्रा के लिए सुरक्षित हैं.
एक अन्य अधिकारी के मुताबिक, जिले में भारी बारिश के चलते भूस्खलन हुआ है. जिससे कई सडक़ें अवरुद्ध हो गईं, साथ ही कई मकान जलमग्न हो गए हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं. इसके साथ ही कई बिजली के खंभे भी पानी के साथ बह गए हैं. अधिकारियों के मुताबिक, लगातार हो रही बारिश से गुरुवार को मंगन जिले में कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ. जिसके चलते संगकालांग में पिछले साल अक्टूबर में बनाया गया एक पुल ढह गया. जिसके चलते उत्तरी सिक्किम में बड़ी संख्या में पर्यटक फंस गए हैं. यहां एक बांस का पुल भी टूट गया है.

 

कुवैत अग्निकांड में मरने वाले 45 भारतीयों के शव लेकर कोच्चि पहुंचा एयरफोर्स का विमान
Posted Date : 14-Jun-2024 10:48:14 am

कुवैत अग्निकांड में मरने वाले 45 भारतीयों के शव लेकर कोच्चि पहुंचा एयरफोर्स का विमान

0-मृतकों में इंजीनियर-ड्राइवर शामिल
नईदिल्ली। कुवैत के मंगाफ में एक इमारत में लगी भीषण आग में 45 भारतीयों समेत 49 लोगों की मौत हो गई है। मरने वालों में इंजीनियर, अकउंटेंट और ड्राइवर समेत कई ऐसे लोग हैं, जो सालों से कुवैत में काम कर रहे थे।मृतकों में सबसे ज्यादा 23 केरल के, 7 तमिलनाडु के, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के 2-2 और बिहार, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के एक-एक लोग शामिल हैं।
कुवैत से मृतकों के शवों को लेकर भारतीय वायुसेना का विशेष विमान सी-130जे भारत पहुंच चुका है। इसमें विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह भी सवार हैं।वे घायलों का हालचाल जानने और शवों की शीघ्र वापसी के लिए बीते दिन ही कुवैत गए थे।ये विमान केरल के कोच्चि में सुबह करीब 11 बजे उतरा, क्योंकि मृतकों में ज्यादातर केरल के हैं। इसके बाद बाकी शवों को लेकर विमान दिल्ली जाएगा।
कुवैत ने मृतकों की सूची जारी की है। इसमें 45 भारतीयों के नाम हैं।23 साल के आकाश एस नायर पंडालम से थे और वह पिछले 6 सालों से कुवैत में रहते थे।एक अन्य मृतक श्रीहरि प्रदीप चंगनास्सेरी के रहने वाले मैकेनिकल इंजीनियर थे। उनके पिता भी कुवैत में काम करते हैं।लुकोस नामक एक अन्य शख्स पिछले 18 सालों से कुवैत में काम कर रहे थे। उनके 2 बच्चे हैं।
अमरुद्दीन शमीर: वह कोल्लम पोयापल्ली से थे और कुवैत में ड्राइवर थे।स्टेफिन अब्राहम सबू: पेशे से इंजीनियर थे और कोट्टायम के रहने वाले थे।केआर रंजीत: कुवैत में 10 सालों से रह रहे थे और स्टोर कीपर थे।केलू पोनमलेरी: प्रोडक्शन इंजीनियर थे। अपने पीछे 2 बेटे छोड़ गए हैं।पीवी मुरलीधरण: कुवैत में पिछले 30 सालों से रह रहे थे। एक कंपनी में सीनियर सुपरवाइजर थे।साजन जॉर्ज: केमिकल इंजीनियर थे।
हादसे की शुरुआती जांच में कई बड़ी खामियों निकलकर आई हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 7 मंजिला इमारत के ग्राउंड फ्लोर पर 2 दर्जन गैस सिलेंडर, कागज, कार्डबोर्ड और प्लास्टिक जैसा सामान रखा हुआ था, जिससे आग तेजी से फैल गई।छत पर भी ताला लगा हुआ था, जिससे लोगों को भागने की कोई जगह नहीं मिली। इमारत में क्षमता से कई गुना ज्यादा लोग रह रहे थे।
अभी तक आधिकारिक तौर पर आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है, लेकिन कहा जा रहा है कि ग्राउंड फ्लोर पर शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी और धीरे-धीरे पूरी इमारत में फैल गई।इस इमारत को एनबीटीसी समूह ने किराए पर लिया था, जहां कंपनी से जुड़े करीब 196 लोग रहते थे। मृतकों में भारतीयों के अलावा पाकिस्तान, नेपाल और मिस्र के भी कुछ लोग हैं।

सीबीआई जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को जारी किया नोटिस, 8 जुलाई को सुनवाई
Posted Date : 14-Jun-2024 10:47:41 am

सीबीआई जांच की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को जारी किया नोटिस, 8 जुलाई को सुनवाई

0-नीट पेपर लीक मामला
नई दिल्ली। नीट परीक्षा को लेकर छात्रों के अंदर बढ़ते रोष के बीच इस मामले की सुनवाई आज भी सुप्रीम कोर्ट में हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई जांच की मांग वाली अर्जी पर किसी भी तरह के आदेश जारी करने से फि़लहाल इंकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने एनटीए को इस संबंध में नोटिस जारी कर दो हफ्ते में जवाब देने को कहा है। अब नीट परीक्षा से जुड़ी सभी याचिकाओं पर 8 जुलाई को सुनवाई होगी। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने नीट काउंसिलिंग  पर रोक लगाने से भी इंकार कर दिया है।
जस्टिस विक्रमनाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई के दौरान सीबीआई जांच की मांग पर किसी भी तरह का आदेश फिलहाल नहीं दिया है। अब इस मामले की सुनवाई 8 जुलाई को होगी। सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका में बड़े स्तर पर पेपर लीक की घटनाओं का हवाला देते हुए मनमाफिक एग्जाम सेन्टर चुनने के लिए अपनाए जा रहे हथकंडो का भी जि़क्र है। मसलन ओडिशा, झारखंड और गुजरात जैसे  राज्यों के छात्रों ने नीट का एग्जाम देने के लिए गुजरात के गोधरा में एक खास सेन्टर को चुना। इन छात्रों ने नीट क्लियर करने और गोधरा में एक ख़ास सेंटर जय जल राम स्कूल में अपना सेन्टर चुनने के लिए 10 लाख की रिश्वत दी।
सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट किया कि ग्रेस मार्क्स वाले 1563 छात्रों की दोबारा परीक्षा लेने का आदेश अदालत ने नहीं दिया है। सुनवाई के दौरान एनटीए ने इसे रद्द करने की बात कही और दोबारा परीक्षा कराने के आदेश दिए।  याचिकाकर्ता ने सीबीआई जांच की मांग की जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा आज ही सुप्रीम कोर्ट जांच का आदेश दे सकते है क्या?नही न.. । अदालत ने सीबीआई जांच पर फिलहाल कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। वहीं एक याचिकाकर्ता ने पेपर लीक मामले में दर्ज एफआइआर का मुद्दा उठाया। जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 8 जुलाई को इस मामले की सुनवाई होगी।
बता दें कि नीट परीक्षा पांच मई को 4,750 केंद्रों पर हुई थी और इसमें लगभग 24 लाख उम्मीदवार शामिल हुए थे। इसके रिजल्ट 14 जून को घोषित किए जाने की उम्मीद थी, लेकिन आंसर शीट का मूल्यांकन पहले पूरा हो जाने के कारण 4 जून को नतीजे घोषित कर दिए गए। बिहार जैसे राज्यों में नीट पेपर लीक होने और इस प्रतिष्ठित परीक्षा में कई अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं। आरोपों के कारण कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और सात हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में मामले दायर किए गए। नीट-यूजी देश भर के सरकारी और निजी संस्थानों में मेडिकल शिक्षा से जुड़े संबंधित पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए एनटीए द्वारा आयोजित की जाती है। 
उधर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि नीट परीक्षा मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत परीक्षार्थियों के हितों को सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार प्रतिबद्ध है। मैं परीक्षार्थियों को आश्वस्त करना चाहता हूँ कि किसी भी बच्चे के कैरियर के साथ खिलवाड़ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि इस मामले से जुड़े तथ्य माननीय सर्वोच्च न्यायालय के संज्ञान में है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार जो भी आवश्यक कदम उठाने होंगे, सरकार उसे पूरा करेगी। नीट की काउन्सलिंग प्रक्रिया शुरू होने जा रही है और अब इस दिशा में भ्रमित हुए बिना आगे बढऩे की आवश्यकता है।