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उपराष्ट्रपति ने विधानमंडलों की बैठकें लम्बी अवधि के लिए बुलाने का किया आह्वान
Posted Date : 10-Mar-2022 2:17:57 pm

उपराष्ट्रपति ने विधानमंडलों की बैठकें लम्बी अवधि के लिए बुलाने का किया आह्वान

नई दिल्ली । उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने पूर्वोत्तर राज्यों के विधानमंडलों सहित सभी राज्यों के विधानमंडलों की बैठकें अधिक से अधिक तथा लम्बी अवधि के लिए बुलाने की आवश्यकता पर बल दिया ताकि कानून बनाने के लिए पर्याप्त समय मिले, बड़े सार्वजनिक हित के विषयों पर चर्चा की जा सके और कार्यपालिका का दायित्व सुनिश्चित किया जा सके। 
मिजोरम विधानसभा के सदस्यों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने सुझाव दिया कि उचित अवधि के लिए विधानसभा सत्र की योजना बनाई जानी चाहिए ताकि विचार-विमर्श, चर्चा और बहस तथा अंतिम निर्णय लेने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। उन्होंने कहा कि विधानमंडलों की और अधिक बैठकें होनी चाहिए और प्रत्येक सत्र में सार्थक बहस होनी चाहिए। 
स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव समारोहों की चर्चा करते हुए नायडू कहा कि अपने देश की महान लोकतांत्रिक परंपरा को मजबूत बनाने के लिए हमें महान संकल्प लेना चाहिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि राज्य विधानसभाएं तथा संसद नए भारत को आकार देने के लिए प्रभावी औजार बन सकें। हम सभी यह सपना देख रहे हैं। हमारा लोकतंत्र विश्व के सबसे पुराने लोकतंत्रों में एक है और विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। हमें इसे और अच्छा बनाना चाहिए। 
नायडू ने कुछ विधानमंडलों में हाल की घटनाओं पर चिंता व्यक्त की और कहा कि संवैधानिक पदों का हमेशा सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विधायकों को सार्थक बहस करनी चाहिए और सदन की कार्यवाही में व्यवधान नहीं डालना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि जन आकांक्षा को सुना जाना चाहिए और उनका सम्मान किया जाना चाहिए। 
संसद तथा पूर्वोत्तर राज्यों सहित देश के विधानमंडलों में महिलाओं के उचित प्रतिनिधित्व के विषय में उपराष्ट्रपति ने कहा कि कानून बनाने के कार्य में अधिक महिला सदस्यों को शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा यद्यपि मिजोरम तथा नगालैंड की विधानसभाओं में कोई महिला सदस्य नहीं हैं, लेकिन मणिपुर और त्रिपुरा विधासभाओं में क्रमश: दो और पांच महिला सदस्य हैं। क्षेत्र की 8 विधानसभाओं के कुल 498 सदस्यों में से केवल 20 महिला सदस्य हैं। यह केवल 4 प्रतिशत है। संसद में भी केवल 11 प्रतिशत महिला सदस्य हैं। 
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को हमारी विकास रणनीति में महिलाओं की पूर्ण भागीदारी को मान्यता देने का अवसर बताते हुए उन्होंने कहा कि जीवन के सभी क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी से विकास की गति तेज होगी और विकास की प्रक्रिया अधिक समावेशी होगी। 
मिजोरम विधानसभा के सदस्यों को मई में मनाए जाने वाले स्वर्ण जयंती समारोह की बधाई देते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में विकास का 75 वर्ष मना रहा है। उन्होंने कहा कि मिजोरम विधानसभा की स्वर्ण जयंती समारोह तथा देश का आजादी का अमृत महोत्सव दोनों भारत की लोकतांत्रिक यात्रा की प्रगति के समारोह हैं। 
उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि पिछले पांच दशकों में शांतिपूर्ण निर्वाचन प्रक्रिया, विधानसभा में विधायकों का सम्मानजनक आचरण तथा सतत समावेशी विकास से मिजोरम ने देश के लोकतांत्रिक जड़ों को गहरा बनाया है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि सर्वाधिक अनुशासन, परिश्रम और शिष्टाचार के साथ सदन का सत्र संचालित किया जाता है। उन्होंने विधायकों से कहा- आपने वास्तव में जनता द्वारा अपने प्रतिनिधि के रूप में व्यक्त विश्वास, आशा और आकांक्षाओं को ऊपर रखा है। आप सभी को मैं उच्च मानक स्थापित करने के लिए बधाई देता हूं जिसका अनुसरण राज्य विधानमंडलों और संसद भी कर सकती है। 
भारत सरकार, मिजोरम सरकार तथा मिजो नेशनल फ्रंट के बीच 1986 में हुए ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर की चर्चा करते हुए नायडू ने कहा कि मिजोरम ने संवाद की शक्ति तथा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान का रास्ता दिखाया है जो लोकतंत्र में आवश्यक है। इस ऐतिहासिक समझौते ने दो दशक पुरानी अशांति और संघर्ष को समाप्त किया और शांति तथा प्रगति प्रारंभ हुई। 
उन्होंने कहा कि शांति समझौता एक उदाहरण है जिसके आधार पर पूर्वोत्तर क्षेत्र के अन्य हिस्सों में इसी तरह के शांति समझौते वास्तविकता में बदले हैं। 
देश में सर्वाधिक शांतिपूर्ण राज्यों में एक गिने जाने तथा गंभीरता के साथ विकास यात्रा पर चलने के लिए मिजोरम की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने अंतिम रूप से इस सपने को देखा था। संविधान निर्माता लोगों की आवश्यकताओं और आकांक्षाओं के प्रति जवाबदेह शासन संचालन और शांतिपूर्ण लोकतांत्रिक बातचीत के माध्यम से मतभेदों का समाधान चाहते थे। 
ताजा सतत विकास लक्ष्य-एसडीजी भारत सूचकांक 2021 में 2019-20 के 21वें स्थान से 12वें स्थान पर पहुंचने के लिए मिजोरम की प्रशंसा करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि राज्य सरकार कृषि तथा बागबानी, फूलों की खेती के अतिरिक्त आधारभूत विकास पर फोकस कर रही है। 
उपराष्ट्रपति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अकसर पूर्वोत्तर क्षेत्र की शक्ति और संभावनाओं तथा अपार क्षमता की चर्चा करते हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार की एक्ट ईस्ट नीति के अंतर्गत मिजोरम केंद्रीय स्थान प्राप्त करने के लिए तैयार और यह राज्य दक्षिण पूर्ण एशिया की अर्थव्यवस्थाओं तथा देश के महत्वपूर्ण द्वार के रूप में सेवा प्रदान करेगा। 
इस अवसर पर मिजोरम के राज्यपाल डॉ. हरि बाबू कम्भमपति, मुख्यमंत्री जोरामथंग, विधानसभा अध्यक्ष लालरिनलियाना सैलो, उपमुख्यमंत्री, विधायक, आयुक्त तथा विधानसभा के सचिव उपस्थित थे।  

देशभर के किसान ले रहे हैं पूसा कृषि मेले का लाभ
Posted Date : 10-Mar-2022 2:17:36 pm

देशभर के किसान ले रहे हैं पूसा कृषि मेले का लाभ

नई दिल्ली । भारतीय कृषि अनुसंधान संसथान द्वारा आयोजित कृषि विज्ञान मेला के दुसरे दिन भी देशभर से आये हजारो किसान ने मेले का लाभ लिया। मेले की प्रमुख थीम तकनीकी ज्ञान से आत्म-निर्भर किसान है। मेले के दूसरे दिन भी देश भर से लगभग 12000 किसानों ने भाग लिया एवं 1100 क्विंटल से अधिक पूसा बीज की किसानों द्वारा खरीद की गई। मेले के दूसरे दिन 4 तकनीकी सत्र हुए।   चार तकनीकी सत्रों में किसानों को स्मार्ट कृषि; प्राकृतिक खेती; उच्च उत्पादकता के लिए हाइड्रोपोनिक और एरोपोनिक कृषि; और समृद्धि के लिए कृषि निर्यात के बारे में बताया गया।
मेले में किसानों को बासमती चावल की झुलसा एवं झोंका रोग रोधी तीन किस्में पूसा बासमती 1847, पूसा बासमती 1885, पूसा बासमती 1886 का बीज भी वितरित किया जा रहा है ताकि वे इन नवीन कि़स्मों का बीज निर्माण स्वयं भी कर सकें। नई फसल किस्मों के लाइव प्रदर्शन, सब्जियों और फूलों की संरक्षित खेती के प्रदर्शन और भा.कृ.अनु.प. के संस्थानों तथा निजी कंपनियों द्वारा विकसित कृषि उपकरणों की प्रदर्शनी और बिक्री पर अपनी रुचि दिखाई। इसी तरह से, किसान उन्नत किस्मों के बीज और पौधों की बिक्री से काफी खुश थे। इसके अलावा कृषि उत्पादों और कृषि रसायनों का प्रदर्शन और बिक्री, नवोन्मेषी किसानों द्वारा विकसित उत्पादों का प्रदर्शन और बिक्री ने भी जनसमूह को आकर्षित किया। मेले में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के 100 से अधिक संस्थान, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं कृषि क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले अन्य संस्थान उन्नत तकनीकियों का प्रदर्शन 225 स्टॉल के माध्यम से कर रहे हैं। प्रथम दिवस देश के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे 12000-15000 किसानों ने विभिन्न संस्थानों एवं भा.कृ.अनु.स. नई दिल्ली के विभिन्न संभागों द्वारा विकसित किस्मों और प्रौद्योगिकियों की जानकारी ली, साथ ही जीवित प्रदर्शनी, मॉडल एवं किसान परामर्श सेवाओं का लाभ उठाया।
मेले के प्रमुख आकर्षण हैं: स्मार्ट/डिजिटल कृषि, एग्री स्टार्टअप एवं किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), जैविक तथा प्राकृतिक खेती, संरक्षित खेती/ हाइड्रोपोनिक/ एरोपोनिक/ वर्टिकल खेती, कृषि उत्पादों के निर्यात, प्रोत्साहन सलाह केंद्र। मेले में संस्थान द्वारा विकसित नवीन किस्मों की जानकारी दी जा रही है, वहीं पूसा संस्थान की अन्य नवोन्मेषी प्रौद्योगिकियां, जैसे कि सौर उर्जा संचालित ‘पूसा-फार्म सन फ्रिज; पूसा डीकंपोजर, पूसा संपूर्ण जैव-उर्वरक (नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटेशियम प्रदान करने वाला अनूठा तरल सूत्रीकरण) को भी प्रदर्शित किया गया है।
            मेले के दूसरे दिन पहला सत्र डिजिटल स्मार्ट कृषि पर था जिसकी अध्यक्षता भा.कृ.अनु.प. के उपमहानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन) डॉ. एस. के. चौधरी, ने की। इस सत्र में आशीष जंगले, (अध्यक्ष, परिशुद्ध खेती, महिंद्रा एंड महिंद्रा लि) ने स्मार्ट कृषि के लिए स्वचालन एवं कृत्रिम बुद्धिमत्ता, अभिषेक बर्मन (सी.ई.ओ., जनरल एयरोनॉटिक्स प्रा.लि.) ने फसल के उत्तम स्वास्थ्य हेतु ड्रोन प्रौद्योगिकी तथा सुराशि वर्मा (एगस्मार्टिक प्रा.लि.) ने स्मार्ट सिंचाई के लिए आई.ओ.टी.एस विषय पर विस्तृत जानकारी सांझा की।
दूसरा सत्र उच्च उत्पादकता एवं आय के लिए संरक्षित, वर्टीकल, हाइड्रोपोनिक एवं एरोपोनिक कृषि पर था जिसकी अध्यक्षता भा.कृ.अनु.प. के उपमहानिदेशक (उद्यान विज्ञान), डॉ ए.के. सिंह ने की। इस सत्र में पद्मडॉ ब्रह्मा सिंह, पूर्व ओ.एस.डी. (बागवानी), राष्ट्रपति भवन एवं डॉ पीतम चंद्रा, पूर्व सहा. महानिदेशक (अभियांत्रिकी), भाकृअनुप, ने भी भाग लिया। इस सत्र में शिवेंद्र सिंह (सी.ई.ओ, बार्टन एंड ब्रीज, गुरूग्राम) ने वर्टिकल हाइड्रोपोनिक खेती से पूरे वर्ष उत्पादन पर चर्चा की । साथ ही संरक्षित खेती उद्यम एवं हाइड्रोपोनिक्स खेती के व्यवसाय मॉडल पर दो प्रगतिशील किसान गौरव कुमार एवं अंकित शर्मा ने अपना अनुभव सांझा किया।
तीसरा सत्र समृद्धि के लिए कृषि निर्यात प्रोत्साहन पर था जिसकी अध्यक्षता निदेशक, एपीडा, डॉ तरुण बजाज ने की। इस सत्र में नदीम सिद्दीकी (निर्यातक, अमरोहा, उत्तर प्रदेश) ने आम का निर्यात: अवसर और चुनौतियाँ एवं विपिन गुप्ता (चेयरमैन, अल्फा मिल्क फूड्स, करनाल) ने भारत से डेयरी निर्यात की क्षमता का दोहन विषय पर विस्तृत चर्चा की । विनोद कौल (कार्यकारी निदेशक, अखिल भारतीय चावल निर्यातक संघ) ने भारत से बासमती चावल का निर्यात में संभावनाएं तथा डॉ. रितेश शर्मा (बासमती निर्यात विकास फाउंडेशन) ने बासमती निर्यात में चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ, विषय पर जानकारी दी।
चौथा सत्र जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर था जिसकी अध्यक्षता अपर आयुक्त (कृषि प्रसार एवं आई.एन.एम.), कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, डॉ वाई.आर. मीणा ने की। इस सत्र में अशोक कुमार यादव (पूर्व निदेशक, राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र, गाजियाबाद) ने ‘सहभागिता गारंटी प्रणाली (पी.जी.एस.) द्वारा जैविक खेती का प्रमाणीकरण ’एवं डॉ रीबा अब्राहम (सहायक महाप्रबंधक, जैविक उत्पाद, एपीडा, नई दिल्ली) ने ‘जैविक खेती में तृतीय पक्ष प्रमाणीकरण (थर्ड पार्टी सर्टिफिकेशन)’विषय पर विस्तृत चर्चा की । इस सत्र में पद्मभारतभूषण त्यागी, प्रगतिशील कृषक, बुलंदशहर (उ.प्र.) एवं श्यामबिहारी गुप्ता, प्रगतिशील कृषक, झांसी, (उ.प्र.) ने अपने अनभव सभी किसानों एवं वैज्ञानिकों के साथ सांझा किए। जैविक एवं प्राकृतिक खेती विषय पर किसान एवं वैज्ञानिक के साथ एक खास प्रश्न एवं उत्तर सत्र भी करवाया गया ।

एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने खनन क्षेत्र से 2600 हेक्टेयर भूमि वापस ली
Posted Date : 10-Mar-2022 2:17:10 pm

एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने खनन क्षेत्र से 2600 हेक्टेयर भूमि वापस ली

नई दिल्ली ।  कोयला मंत्रालय के अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र का नवरत्न प्रतिष्ठान एनएलसी इंडिया लिमिटेड वर्तमान में नवीकरणीय ऊर्जा यानी सौर ऊर्जा उत्पादन, स्थायी भूमि वापसी गतिविधि तथा अन्य पर्यावरण अनुकूल क्षेत्रों में प्रगति कर रही है। सभी खनन क्षेत्रों में पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की खदान बंदी योजना के अनुरूप वनरोपण तथा ग्रीन बेल्ट बनाने की परियोजनाएं चलाई जा रही हैं।
        जीवाष्म ईंधन खनन तथा थर्मल विद्युत उत्पादन में काम कर रही एनएलसी इंडिया लिमिटेड ने ग्रीन बेल्ट बनाने की पहल के हिस्से के रूप में निवेली टाउनशिप तथा औद्योगिक क्षेत्र में 2 करोड़ से अधिक पौधे लगाए हैं। सार्वजनिक क्षेत्र के इस प्रतिष्ठान ने खनन क्षेत्र से 2600 हेक्टेयर भूमि वापस ली है और 2188 हेक्टेयर में वनरोपण किया जा रहा है। विभिन्न प्रकार के देशी पेड़ इस क्षेत्र में लगाए गए हैं। वापस ली गई भूमि में अब तक 27.96 लाख पौध लगाए गए हैं और 100 हेक्टेयर भूमि में सब्जी की खेती की जा रही है।
        खदान की सतह के अधिक बोझ भूमि की पुन: प्राप्ति के भाग के रूप में खनन क्षेत्रों में भरा जाता है। इस प्रकार की मिट्टी खेती के लिए अनुकूल नहीं होती क्योंकि मिट्टी की प्रकृति विषम होती है और पोधौं के लिए पोषक की कमी रहती है। ऐसी मिट्टी में पौधों की वृद्धि के लिए उचित ढांचा नहीं होता। एनएलसीएल समर्पित प्रयास के साथ खनन पूर्व स्तर पर मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार करके और वैज्ञानिक कृषि पद्धियों से ऐसे भरे गए क्षेत्रों को कृषि भूमि में बदल रही है। 52 जलाशय 104 हेक्टेयर में बनाए गए हैं जिससे एनएलसीएल द्वारा वर्षा जल संचय सतत खनन पहलों के अनुरूप किया जाता है। अन्य आकर्षणों में वोटिंग सुविधायुक्त ईको-पर्यटन पार्क और विभिन्न पक्षियों वाला चिडिय़ाघर है। एनएलसीएल की सतत पर्यावरण अनुकूल पहल से यह क्षेत्र बड़ी संख्या में स्थानीय तथा प्रवासी पक्षियों का घर बन गया है।

रक्षा सचिव ने अस्पष्ट वातावरण से निपटने के लिए नवाचारी तरीकों का किया आह्वान
Posted Date : 10-Mar-2022 2:16:29 pm

रक्षा सचिव ने अस्पष्ट वातावरण से निपटने के लिए नवाचारी तरीकों का किया आह्वान

नई दिल्ली । सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवाओं (एएफएमएस) तथा अमरीका भारत-प्रशांत कमान (यूएसआईएनडीओपीएसीओएम) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित चार दिवसीय भारत-प्रशांत सैन्य स्वास्थ्य आदान-प्रदान (आईपीएमएचई-2021-22) सम्मेलन 10 मार्च 2022 को संपन्न हो गया। रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार ने समापन समारोह को संबोधित करते हुए एएफएमएस तथा यूएसआईएनडीओपीएसीओएम को वर्चुअल मोड की सीमाओं के बावजूद सम्मेलन सफलतापूर्वक आयोजित करने के लिए बधाई दी और कहा कि सर्वाधिक संकट के समय में स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में सैन्य चिकित्सकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
सम्मेलन का विषय था ‘अस्थिर, अनिश्चित, जटिल तथा अस्पष्ट-(वीयूसीए) वातावरण में स्वास्थ्य सेवा’। सैन्य स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने के लिए सम्मेलन का उद्घाटन 7 मार्च 2022 को वर्चुअल रूप में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा किया गया था। चार दिनों के इस सम्मेलन में प्रतिनिधियों ने अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की, जिसमें सामरिक/संघर्ष चिकित्सा सेवा, उष्णकटिबंधीय चिकित्सा, फील्ड सर्जरी, फील्ड एनेस्थीशिया, विमानन तथा समुद्री चिकित्सा आपात जैसे विषय शामिल थे। सम्मेलन में 38 से अधिक देशों के 600 से अधिक भारतीय तथा विदेशी प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
निरंतर अनुसंधान और प्रशिक्षण से सभी क्षेत्रों में अद्यतन जानकारी से लैस रहने की आवश्यकता पर बल देते हुए रक्षा सचिव ने अस्थिर, अनिश्चित, जटिल और अस्पष्ट विश्व वातारवरण में सामरिक तथा संघर्ष चिकित्सा सेवा, वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा, कोविड-19 की चुनौतियों, सैन्य आपदा ड्रील तथा अनुसंधान एवं नवाचार जैसे विभिन्न विषयों पर चर्चा करने के लिए आईपीएमएचई की प्रशंसा की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि सम्मेलन के दौरान प्राप्त ज्ञान से सभी हितधारकों को अपनी योजनाएं बेहतर तरीके से बनाने में मदद मिलेगी और ऐसे माहौल में नवाचारी तरीके सामने आएंगे। डॉ. अजय कुमार ने आईपीएमएचई को उसके लक्ष्य हासिल करने में भारत के पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया। उन्होंने साझा और सार्थक अध्ययन के लिए वैश्विक मंच प्रदान करने तथा समकालीन रियल टाइम और सैन्य चिकित्सा, मानवीय सहायता तथा आपदा राहत से संबंधित प्रासंगिक विषयों पर विचार करने के लिए सम्मेलन की सराहना की।
डॉ. अजय कुमार ने कहा कि सैन्य डॉक्टरों द्वारा संघर्ष के समय आपात स्थिति का किए गए मूल्यांकन और उससे निपटने के उपाय का प्रभाव न केवल व्यक्ति पर पड़ता है बल्कि यूनिट की टुकडिय़ों के मनोबल और देश के मनोबल पर भी पड़ता है। उन्होंने कहा कि चिकित्सा सेवा सेना का महत्वपूर्ण सहयोगी अंग है जो शांति और युद्ध के दौरान शानदार सेवा प्रदान करती है। उन्हें सैन्यकर्मियों तथा उनके परिवारों को रोकथाम, उपचारात्मक तथा पुनर्वासित चिकित्सा सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की जिम्मेदारी दी गई है।
सम्मेलन के अंतिम दिन भारतीय तथा अमरीकी विशेषज्ञों ने अस्थिर, अनिश्चित, जटिल तथा अस्पष्ट विश्व में क्लिनिकल इंटेलीजेंस की तुलना में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की भूमिका पर चर्चा की। अमरीका के डॉक्टर केवॉन मोजार्ड ने संक्रामक बीमारियों के विभिन्न पहलुओं और भविष्य के महामारी प्रबंधन पर सम्मेलन को संबोधित किया। डॉ. मोजार्ड की टीम ने नैनोपार्टिकल टेक्नोलॉजी के आधार पर नोबेल एसएआरएस-सीओवी-2 का टीका विकसित किया था।
भारत, रूस तथा इंडोनेशिया के चयनित अनुसंधानकर्ताओं को अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने बेहतरीन साइंटिफिक पेपर प्रस्तुत करने के अवसर दिए गए तथा वैज्ञानिक समिति द्वारा पोस्टरों, प्लेटफॉर्म तथा अनुसंधान नवाचार की श्रेणियों में पुरस्कारों की घोषणा की गई।

अपरिष्कृत हीरों की नीलामी में एनएमडीसी ने अपनी चमक बिखेरी
Posted Date : 10-Mar-2022 2:15:46 pm

अपरिष्कृत हीरों की नीलामी में एनएमडीसी ने अपनी चमक बिखेरी

नई दिल्ली । इस्पात मंत्रालय के तहत कार्यरत एक सीपीएसई और देश के सबसे बड़े लौह अयस्क उत्पादक राष्ट्रीय खनिज विकास निगम लिमिटेड (एनएमडीसी) ने मध्य प्रदेश राज्य में स्थित अपनी पन्ना हीरा खदानों से निकाले गए अपरिष्कृत हीरों की बिक्री के लिए ई-नीलामी आयोजित की। इस ई-नीलामी के दौरान सूरत, मुंबई और पन्ना के हीरा व्यापारियों से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। दिसंबर 2020 से पहले निकाले गए लगभग 8337 कैरेट के अपरिष्कृत हीरे नीलामी के लिए पेश किए गए थे और इनके लिए लगभग 100त्न मात्रा में सफल बोलियां प्राप्त हुई थीं। मझगवां-पन्ना में एनएमडीसी की हीरा खनन परियोजना देश की एकमात्र यंत्रीकृत हीरे की खान है। यह खनन परियोजना स्थल अयस्क प्रसंस्करण संयंत्र की सुविधाओं से सुसज्जित है, जिसमें हेवी मीडिया सेपरेशन यूनिट, हीरों के पृथक्करण के लिए एक्स-रे सॉर्टर और उत्पन्न अवशेष के लिए निपटान प्रणाली भी शामिल है।
एनएमडीसी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सुमित देब ने कहा कि एनएमडीसी छह दशकों से अधिक समय से खनन के क्षेत्र में सक्रिय है। उन्होंने कहा कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी और अद्वितीय अनुभव के साथ यह कंपनी एक ऐसी इकाई बन गई है, जो देश के लिए बढ़ी हुई उत्पादन क्षमता के साथ खानों के आसपास के लोगों की पर्यावरण सुरक्षा और संरक्षण को संतुलित करती है। हमें हाल ही में सूरत में आयोजित हीरे की नीलामी में जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, जहां लगभग 100त्न मात्रा में हीरा व्यापारियों से निविदाएं प्राप्त हुईं। मध्य प्रदेश के पन्ना में एनएमडीसी की अपनी हीरे की खदान है, जो भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पर हमारे देश के कुल हीरा संसाधन की 90त्न हिस्सेदारी है। 84,000 कैरेट प्रति वर्ष की उत्पादन क्षमता के साथ राज्य में एनएमडीसी की उपस्थिति देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

अनुराग ठाकुर ने आज राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के उद्घाटन सत्र को किया संबोधित
Posted Date : 10-Mar-2022 2:15:27 pm

अनुराग ठाकुर ने आज राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव के उद्घाटन सत्र को किया संबोधित

नई दिल्ली । केंद्रीय युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने आज नई दिल्ली में संसद के केंद्रीय कक्ष में, राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव (एनवाईपीएफ) 2022 के तीसरे राष्ट्रीय चरण के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्यमंत्री निसिथ प्रमाणिक भी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे। इस अवसर पर युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय में सचिव श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी, राज्यसभा के महासचिव पी.सी. मोदी और मंत्रालय तथा संसद के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। लोकसभा अध्यक्ष, ओम बिरला 11 मार्च, 2022 को एनवाईपीएफ के समापन समारोह को संबोधित करेंगे। शीर्ष तीन राष्ट्रीय विजेताओं को भी समापन समारोह के दौरान लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष बोलने का अवसर मिलेगा। अपने संबोधन के दौरान, अनुराग ठाकुर ने कहा, इस साल के राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव का विषय नए भारत की आवाज बनें और समाधान खोजें एवं नीति में योगदान करें है। मैं आप सभी से ठोस कचरा प्रबंधन, भुखमरी को खत्म करने, लैंगिक समानता, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ पानी और स्वच्छता जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह करता हूं। जैसा कि हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, मैं आपसे यह भी आग्रह करता हूं कि अब तक हमने जो प्रगति की है, उस पर चर्चा करें और भारत को बदलने के लिए समाधानों की परिकल्पना करें, जब हम आजादी के ञ्च100 वर्ष मनाएं। स्वास्थ्य, खेल, मीडिया, परिवहन, बुनियादी ढांचे, विदेशी मामलों के क्षेत्र में युवा क्या कर सकते हैं जो एक बिलियन लोगों के जीवन को बदल दे? मानवता के भविष्य और जीवन की सुगमता में एक बिलियन लोग क्या योगदान दे सकते हैं? ठाकुर ने कहा कि स्वामी विवेकानंद की विचारधारा को आगे बढ़ाते हुए राष्ट्रीय युवा संसद ने युवाओं में नेतृत्व के गुणों का निर्माण करने में मुख्य भूमिका निभाई है। ठाकुर ने आग्रह करते हुए कहा कि युवा इस अवसर का उपयोग स्वामी विवेकानंद की विचारधारा से प्रेरणा लेने के लिए करें।
आत्मनिर्भर भारत के बारे में ठाकुर ने कहा कि जब पूरी दुनिया महामारी के दौरान संघर्ष कर रही थी, भारत इस अवसर पर आगे बढ़ता रहा और हम सभी ने इस स्थिति से निपटने के लिए मिलकर काम किया। इससे हम दुनिया के सामने एक मिसाल कायम करते हैं कि सही विजन और नेतृत्?व से हम सभी विपरीत परिस्थितियों का सामना कर सकते हैं। युवाओं को भी इस गुण को आत्मसात करना चाहिए और देश को एकजुटता की भावना से आगे ले जाना चाहिए ताकि भारत की स्वतंत्रता के 100 वर्ष पूरे होने पर हमारे देश में बदलाव हो सके।
अनुराग ठाकुर ने दोहराते हुए कहा कि यह युवाओं की भावना और भागीदारी है जिसके माध्यम से एक देश की नींव रखी जाती है, यह युवा ही हैं जो देश और समाज को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकते हैं, युवा देश के वर्तमान के साथ-साथ अतीत और भविष्य के बीच का सेतु हैं।
ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने स्किल इंडिया, खेलो इंडिया और फिट इंडिया जैसी योजनाओं को बढ़ावा दिया है, जिसने न केवल करोड़ों युवाओं को कौशल प्रदान किया है बल्कि एक मजबूत भारत की नींव भी रखी है। केंद्रीय मंत्री ने युवा संसद के विभिन्न चरणों में भाग लेने वाले युवाओं की भी सराहना की और राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव 2022 के तीसरे संस्करण के सभी फाइनलिस्ट को शुभकामनाएं दीं। श्रीमती सुजाता चतुर्वेदी ने कहा कि राष्ट्रीय युवा संसद का उद्देश्य युवाओं को देश के लिए अपने विचारों और सपनों को आवाज देने के लिए एक मंच प्रदान करना है और साथ ही एक आकर्षक संवादात्मक मंच पर युवाओं के लिए सरकार की विभिन्न योजनाओं और गतिविधियों को प्रचारित करना तथा नागरिक जुड़ाव एवं संवाद के माध्यम से लोकतंत्र की भावना को विकसित करना है। राष्ट्रीय युवा संसद महोत्सव (एनवाईपीएफ) का आयोजन युवाओं की आवाज सुनने के लिए किया जाता है, जो आने वाले वर्षों में लोक सेवाओं सहित विभिन्न करियर में शामिल होंगे। एनवाईपीएफ 31 दिसंबर, 2017 को अपने मन की बात संबोधन में प्रधानमंत्री द्वारा दिए गए विचार पर आधारित है। इस विचार से प्रेरणा लेते हुए, एनवाईपीएफ का पहला आयोजन 12 जनवरी से 27 फरवरी, 2019 तक नए भारत की आवाज और समाधान खोजें और नीति में योगदान करें विषय पर किया गया था। कार्यक्रम में कुल 88,000 युवाओं ने भाग लिया।
एनवाईपीएफ का दूसरा आयोजन 23 दिसंबर, 2020 से 12 जनवरी, 2022 तक वर्चुअल मोड के माध्यम से युवा-उत्साह नए भारत का विषय पर आयोजित किया गया था, जिसमें देश भर के 23 लाख से अधिक युवाओं और हितधारकों ने जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर भाग लिया था।
एनवाईपीएफ का तीसरा आयोजन 14 फरवरी, 2022 को जिला स्तर पर वर्चुअल मोड के माध्यम से लॉन्च किया गया था। 23 से 27 फरवरी, 2022 तक देश भर के 2.44 लाख से अधिक युवाओं ने जिला युवा संसदों के बाद राज्य युवा संसदों में वर्चुअल मोड के माध्यम से भाग लिया। राज्यों/ केंद्र-शासित प्रदेशों  के 87 विजेताओं (62 महिला और 25 पुरुष) को युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्री और युवा कार्यक्रम एवं खेल राज्य मंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के समक्ष संसद के केंद्रीय कक्ष में उपस्थित होने का अवसर मिलता है। राज्य युवा संसद (एसवाईपी) के उनतीस (29) विजेताओं को राष्ट्रीय जूरी के समक्ष अपनी बात रखने का अवसर मिलता है जिसमें लोकसभा सांसद भर्तृहरि महताब, लोकसभा सांसद डॉ. सत्य पाल सिंह, आईआरएस (सेवानिवृत्त) श्रीमती अनु जे. सिंह और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के वरिष्ठ सलाहकार कंचन गुप्ता शामिल हैं। आज 11 मार्च 2022 को शीर्ष तीन राष्ट्रीय विजेताओं को समापन समारोह के दौरान लोकसभा अध्यक्ष के समक्ष बोलने का अवसर भी मिलेगा। राष्ट्रीय स्तर पर 3 अंतिम विजेताओं को प्रमाणपत्र और पुरस्कार दिए जाएंगे (2,00,000 रुपये, 150,000 रुपये, 100,000 रुपये का नकद पुरस्कार) और 2 सांत्वना पुरस्कार के लिए 50,000 रुपये, यदि कोई हो, से भी सम्मानित किया जा सकता है।