तीसरा क्वार्टर पूरी तरह पाकिस्तान के नाम रहा. लेकिन भारतीय रक्षापंक्ति की भी तारीफ करनी पड़ेगी, जिन्होंने पाकिस्तान के लगातार हमलों को विफल किया. चौथे क्वार्टर में मैच के 48वें मिनट में पाकिस्तान ने एक बार आक्रमण किया. उमर भुट्टा ने शानदार शॉट लगाया लेकिन दीवार के रूप में मौजूद भारती गोलकीपर श्रीजेश ने इस बार भी सफलतापूर्वक बचाव कर लिया और बराबरी हासिल करने से महरूम रखा. मुकाबले के 54 वें मिनट में सुरेंदर कुमार ने सिमरनजीत को पास दिया जिन्होंने 17 साल के दिलप्रीत को पास दिया और दिलप्रीत ने शानदार मैदानी गोल कर भारत को 2-0 की बढ़त दिला दी. मुकाबले में 0-2 से पिछड़ने के बाद पाकिस्तान ने इमरान बट्ट को गोलकीपर से हटा दिया.
भारत ने इसका फायदा उठाते हुए मैच के 57 वें मिनट में डी में खड़े मंदीप सिंह के गोल की बदौलत स्कोर 3-0 कर दिया. मैच समाप्त होने के एक मिनट पहले ही रमनदीप के मिडफील्ड के आसपास से पास दिया था. डी के सामने मौजूद ललित उपाध्याय ने 59 वें मिनट में गोल दाग कर भारत को 4-0 की एकतरफा जीत दिला दी. भारत को अब अपना अगला मुकाबला रविवार को ओलंपिक चैंपियन अर्जेंटीना से खेलना है. चैंपियंस ट्रॉफी 1978 में शुरू हुई थी. भारत ने तब से इस टूर्नामेंट में 36 बार भाग लिया है, लेकिन एक बार भी जीतने में सफल नहीं हुआ. चैंपियंस ट्रॉफी में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 2016 में रहा था, तब भारत खिताबी मुकाबले में ऑस्ट्रेलिया से पेनल्टी शूटआउट में हार गया था. वहीं पाकिस्तान 3 बार (1978, 1980 और 1994) चैंपियंस ट्रॉफी जीत चुका है. हालांकि तीनों बार उसने घरेलू मैदान पर ही यह उपलब्धि अपने नाम की है.