कार्डिफ (आरएनएस)। एबी डिविलियर्स दक्षिण अफ्रीका के इंग्लैंड दौरे पर सीमित ओवरों के मैचों में हिस्सा लेने के बाद स्वदेश लौट गए और उन्होंने कहा है कि वह अपने क्रिकेट भविष्य पर फैसला अगस्त में करेंगे। अपनी पीढ़ी के सबसे असाधारण बल्लेबाजों में से एक 33 साल के डिविलियर्स तीन मैचों की टी 20 और इतने ही मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला में 1-2 के समान अंतर से हार और चैंपियंस ट्राफी के पहले दौर से ही टीम के बाहर होने के बाद स्वदेश लौट गए। हालांकि यह काफी पहले ही तय था कि डिविलियर्स को चार टेस्ट की श्रृंखला से आराम दिया जाएगा। बांग्लादेश की टीम को अब सितंबर में दक्षिण अफ्रीका का दौरा करना है और डिविलियर्स ने उम्मीद जताई कि तब तक उन्हें पता चल जाएगा कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन पर कितना बोझा रहेगा। डिविलियर्स ने संवाददाताओं से कहा, 'मैं अगस्त में सीएसए (क्रिकेट दक्षिण अफ्र ीका) से मिलूंगा और इससे मेरा भविष्य (अंतरराष्ट्रीय) तय होगा।Ó उन्होंने कहा, 'हम देखेंगे कि दोनों पक्षों के लिए क्या सही रहेगा। हम मैचों को चुनने का काम नहीं करेंगे लेकिन हम अंतिम फैसला करेंगे कि अगले कुछ वर्षों में क्या होगा।Ó
बिलासपुर (आरएनएस)। ब्रिलियंट पब्लिक स्कूल मिशन कैंपस के छात्र अमर प्रकाश साहू ने राज्य स्तरीय स्वीमिंग प्रतियोगिता में शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए रिकार्ड चार स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। इस उपलब्धि के साथ ही उसका चयन 28 जून को पुणे में होने वाली राष्ट्रीय स्वीमिंग प्रतियोगिता के लिए हुआ है। अमर की इस उपलब्धि से स्कूल के सहपाठी सभी बच्चों व शिक्षकों में उत्साह है और सभी उसे बधाई दे रहे हैं। प्राचार्य बी.उपाध्याय ने कहा कि हमारे जीवन में खेल का विशेष स्थान है। खेलकूद से हमारा शरीर स्वस्थ रहता है। साथ ही हमारा सर्वांगीण विकास भी होता है। जब कोई खिलाड़ी खेलता और जीतता है तब वह अपने राज्य व देश के सभी लोगों को खुशी प्रदान करता है।
नई दिल्ली। खेल मंत्रालय ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने का अनुरोध किया है। ध्यानचंद को भारत का सर्वोच्च नागरिक समान दिलाने की मंत्रालय की यह नई कोशिश है। खेल मंत्री विजय गोयल ने कहा कि उन्होंने इस संदर्भ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखा है। वैसे यह पहली बार नहीं है जब खेल मंत्रालय ने ध्यानचंद के लिए भारत रत्न की मांग की है। जिन्होंने भारत को तीन ओलंपिक (1928, 1932 और 1936) में स्वर्ण पदक दिलाने में मदद की। 2013 में यूपीए सरकार ने महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर के बजाय इस महान हॉकी खिलाड़ी को समान के लिए चुना था। हालांकि उसी साल तेंदुलकर के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के कुछ ही घंटों बाद घोषणा की गई कि यह क्रिकेटर इस पुरस्कार को पाने वाला पहला खिलाड़ी होगा। यह पूछने पर कि या ध्यानचंद को तेंदुलकर से पहले भारत रत्न मिलना चाहिए था, गोयल ने कहा, 'मैं इस मामले में नहीं पडऩा चाहता और इस तरह के महान खिलाडिय़ों के बारे में टिह्रश्वपणी करना उचित नहीं होगा। आप किसी पुरस्कार से ध्यानचंद की उपलिधयों को नहीं आंक सकते। वह इससे कहीं बढ़कर हैं।Ó खेल मंत्री ने कहा, 'जैसा कि मैंने कहा, इस मुद्दे पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री करेंगे। वह चाहते हैं कि भारत खेल ताकत के रूप में उभरे और यही कारण है कि वह खेलों पर काफी जोर दे रहे हैं।Ó मंत्रालय ने इसी हते की शुरुआत में प्रधानमंत्री को इस संदर्भ में लिखने का फैसला किया था। ध्यानचंद के बेटे अशोक कुमार और अन्य पूर्व खिलाड़ी लंबे समय से ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग कर रहे हैं। पिछले साल पूर्व भारतीय कप्तानों अशोक कुमार, अजित पाल सिंह, जफर इकबाल और दिलीप टिर्की उन 100 पूर्व खिलाडिय़ों में शामिल थे, जो ध्यानचंद की लगातार अनदेखी करने पर धरने पर बैठे थे। इससे पहले 2011 में भी सरकार ने संसद के 82 सदस्यों का आग्रह स्वीकार नहीं किया था, जिन्होंने इस समान के लिए ध्यानचंद का समर्थन किया था। ध्यानचंद का जन्मदिन (29 अगस्त) राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।