कजान .1998 का चैंपियन फ्रांस फीफा वर्ल्ड कप में अपने अभियान की शुरुआत शनिवार को करेगा. उसे ग्रुप सी के अपने पहले मैच में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ना है. फ्रांस 2016 में यूरो कप के फाइनल में हार गया था. तब टीम की बड़े मैचों में खेलने की क्षमता पर सवाल उठाए जाने लगे थे. लेकिन मैनेजर डिडियर डेसचेंप्स की टीम ने क्वालिफाइंग में शानदार प्रदर्शन कर आलोचकों को चुप कर दिया. उसे अपने पिछले 6 मैचों में से केवल एक में हार का सामना करना पड़ा था. उसने 13 गोल किए थे. एंटोनी ग्रिजमैन और किलियन एमबापे टीम के स्टार खिलाड़ी हैं. वहीं, ऑस्ट्रेलिया पांचवीं बार वर्ल्ड कप खेल रहा है. उसने 2006 में प्री क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी. यह उसका वर्ल्ड कप में बेस्ट परफॉर्मेंस है. 38 साल के टिम काहिल उसकी टीम के सबसे उम्रदराज खिलाड़ी हैं.
टीम इंडिया ने अफगानिस्तान को उनके ऐतिहासिक डेब्यू मैच में पारी और 262 रनों से मात दे दी है. भारतीय टीम ने बेंगलुरु टेस्ट दो दिन में ही जीत लिया और एक ही दिन में अफगानिस्तान की दोनों पारियों को समेट दिया. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी में अफगानिस्तान के सामने 474 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया. जवाब में अफगानिस्तान की टीम अपनी पहली पारी में 109 रन पर ढेर हो गई और भारत ने पहली पारी के आधार पर अफगानिस्तान पर 365 रनों की बढ़त ले ली. भारत के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने अफगानिस्तान को फोलोऑन दिया. जिसके बाद दूसरी पारी में भी अफगानिस्तान ने महज 103 रन पर सरेंडर कर दिया.
पहली पारी में अश्विन की फिरकी के सामने ढेर हुआ अफगानिस्तान
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी में अफगानिस्तान के सामने 474 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया. जवाब में अफगानिस्तान की टीम अपनी पहली पारी में 109 रन पर ढेर हो गई. टीम इंडिया के लिए रविचंद्रन अश्विन ने सबसे ज्यादा 4 विकेट लिए जबकि रवींद्र जडेजा और ईशांत शर्मा ने 2-2 और उमेश यादव ने एक विकेट लिया. अफगानिस्तान की टीम के कप्तान असगर स्टेनिकाजई ने मैच से पहले कहा था कि उनके स्पिनर भारतीय स्पिनरों से ज्यादा बेहतर हैं, जिसका जवाब अश्विन ने 4 विकेट लेकर दिया है. भारत ने मैच के दूसरे दिन दूसरे सत्र में ही उसे सिर्फ 27.5 ओवरों में अफगानिस्तान को पवेलियन पहुंचा दिया. भारत ने पहली पारी के आधार पर अफगानिस्तान पर 365 रनों की बढ़त ले ली. अफगानिस्तान की तरफ से मोहम्मद नबी ने सबसे ज्यादा 24 रन बनाए. मुजीब उर रहमान ने नौ गेंदों में दो चौके और एक छक्की मदद से 15 रनों की पारी खेली.
भारत द्वारा खड़े किए गए विशाल स्कोर के सामने अपनी पहली पारी खेलने उतरी अफगानिस्तान की बल्लेबाजी बेहद कमजोर साबित हुई. टीम के बल्लेबाज टेस्ट की परीक्षा में विफल रहे. विकेट पर पैर जमाना उनके लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा था. मोहम्मद शहजाद के रूप में मेहमान टीम ने अपना पहला विकेट खोया. वह 15 के कुल स्कोर पर रन आउट हुए. आठ रन बाद ईशांत शर्मा ने जावेद अहमदी (1) को बोल्ड कर दिया. यहां से विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हो गया. रहमत शाह (14), अफसर जजाई (6), कप्तान असगर स्टानिकजाई (11) 50 के कुल स्कोर तक पवेलियन लौट लिए थे. अश्विन ने हसमतउल्लाह शाहीदी (11) को आउट कर टेस्ट क्रिकेट में अपने 313 विकेट पूरे किए और इसी के साथ वह भारत की तरफ से टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदबाजों की सूची में जहीर खान को पछाड़ कर चौथे स्थान पर आ गए. राशिद खान (7) को आउट कर जडेजा ने अपना खाता खोला. अश्विन ने यामिन अहमदजाई को अपना तीसरा शिकार बनाया. मोहम्मद नबी दूसरे छोर पर खड़े होकर अच्छ से भारतीय गेंदबाजों का सामना करने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन अश्विन की गेंद पर बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में वो ईशांत द्वारा लपके गए. इसके बाद जडेजा ने मजुीब को आउट कर अफगानिस्तान को फॉलोऑन के लिए मजबूर कर दिया.
474 रनों पर सिमटी टीम इंडिया की पहली पारी
टीम इंडिया ने अपनी पहली पारी में अफगानिस्तान के सामने 474 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया. टीम इंडिया के लिए पहली पारी में शिखर धवन ने सिर्फ 96 गेंद में 107 रन बनाए वहीं विजय ने 153 गेंद में 105 रन बनाए. इसके अलावा हार्दिक पंड्या ने 94 गेंदों में 71 रनों की पारी खेली और टीम को 450 रन के पार पहुंचने में मदद की. उमेश यादव ने भी आखिर में कुछ करारे शॉट जमाए और 21 गेंदों पर नाबाद 26 रन बनाए जिससे भारत इस स्कोर तक पहुंचने में सफल रहा. अफगानिस्तान की ओर से यामिन अहमदजई ने 3, राशिद खान और वफादार ने 2-2, मोहम्मद नबी और मुजीब उर रहमान ने 1-1 विकेट लिए. जबकि एक खिलाड़ी रन आउट हुआ.
अफगान स्पिनरों पर भारी पड़े भारतीय बल्लेबाज
टेस्ट मैच के पहले दिन भारतीय बल्लेबाजों ने अफगानिस्तान के स्पिनरों को जम कर थकाया और रन भी बटोरे. हालांकि अफगानी गेंदबाजों ने दिन के आखिरी सत्र में वापसी करते हुए भारत के चार विकेट चटका दिए. मेजबान टीम ने दिन का अंत 78 ओवरों में छह विकेट के नुकसान पर 347 रनों के साथ किया. टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने अफगानिस्तान की स्पिन तिगड़ी- राशिद खान, मुजीब उर रहमान और मोहम्मद नबी की जमकर धुनाई की उनके टेस्ट क्रिकेट में अनुभवहीन होने का फायदा उठाया. धवन ने सिर्फ 96 गेंद में 107 रन बनाकर पहले सत्र में अफगान गेंदबाजों को नाकों चने चबवा दिए. वहीं विजय ने 153 गेंद में 105 रन बनाए. दोनों ने मिलकर 28.4 ओवर में 168 रन जोड़े.
दुनिया की नंबर एक टेस्ट टीम ने आखिरी सत्र में 32 ओवर में 99 रन के भीतर पांच विकेट गंवा दिए. पहले दो सत्र में लग रहा था कि अफगान गेंदबाज मेजबान की मजबूत बल्लेबाजी के सामने नहीं टिकेंगे, लेकिन आखिरी सत्र में उन्होंने उम्मीद जगाई. आखिरी सत्र अफगान गेंदबाजों के नाम रहा. विजय और के एल राहुल (64 गेंद में 54 रन) को यामिन अहमदजई और वफादार ने आउट किया. अहमदजई ने 13 ओवर में 32 रन देकर दो और वफादार ने 15 ओवर में 53 रन देकर एक विकेट लिया. विजय और राहुल ने दूसरे विकेट के लिए 112 रन की साझेदारी की लेकिन उनके आउट होने के बाद भारत के विकेट जल्दी गिर गए. कप्तान अजिंक्य रहाणे 45 गेंद में 10 और चेतेश्वर पुजारा 35 रन बनाकर आउट हो गए. रहाणे को राशिद खान ने पवेलियन भेजकर पहला टेस्ट विकेट लिया जबकि मुजीब रहमान ने पुजारा को लेग गली में लपकवाया. टीम में वापसी करने वाले दिनेश कार्तिक चार रन बनाकर रन आउट हो गए. शीर्षक्रम से मिली अच्छी शुरूआत का मध्यक्रम के बल्लेबाज फायदा नहीं उठा सके. राशिद ने 26 ओवरों में 120 रन दे डाले और उन्हें एक ही विकेट मिला. आखिरी सत्र में हालांकि उसने बेहतर गेंदबाजी की और नौ ओवर में 15 रन देकर एक विकेट लिया.
दूसरे दिन हार्दिक पंड्या (71) और रविचंद्रन अश्विन (18) ने सातवें विकेट के लिए 35 रन जोड़े और टीम को 369 के स्कोर पर पहुंचाया. इसी स्कोर पर यामिन अहमदजाई ने अश्विन को विकेट के पीछे खड़े अफसर जजाई के हाथों कैच आउट कर भारतीय टीम को दिन का पहला झटका दिया. हार्दिक ने इसके बाद रवींद्र जडेजा (20) के साथ मिलकर 67 रनों की शानदार अर्धशतकीय पारी खेली और भारतीय टीम को 436 के मजबूत स्कोर तक पहुंचाया. इस साझेदारी को अफगानिस्तान के स्पिन गेंदबाज मोहम्मद नबी ने तोड़ा. जडेजा इसी स्कोर पर नबी की गेंद पर रहमत शाह के हाथों लपके गए. अफगानिस्तान के गेंदबाज वफादार ने इसके बाद पंड्या को भी ज्यादा देर तक मैदान पर नहीं टिकने दिया और जजाई के हाथों कैच आउट करा भारतीय टीम का नौंवां विकेट भी गिरा दिया.
इसके बाद उमेश ने ईशांत शर्मा (8) के साथ 10वें विकेट के लिए 34 रन जोड़े और टीम को 474 के स्कोर तक पहुंचाया. इसी स्कोर पर राशिद ने ईशांत को एलबीडब्ल्यू आउट कर पवेलियन भेजा. ईशांत खुद को आउट नहीं मान रहे थे और इस कारण उन्होंने रिव्यू की अपील की. गेंद सीधे उनके पैर पर लगी और ऐसे में उन्हें पगबाधा करार दे दिया गया. इसके साथ ही 474 रनों के स्कोर पर भारतीय टीम के पारी का समापन हो गया. इस पारी में अफगानिस्तान के लिए अहमदजाई ने सबसे अधिक तीन विकेट लिए, वहीं वफादार और राशिद को दो-दो विकेट मिले. मुजीब उर-रहमान और नबी को एक-एक सफलता हासिल हुई.
पिछले कुछ समय से लगातार लचर प्रदर्शन करने, डोपिंग के साए में जीने और फीफा विश्व कप 2018 की सबसे कम रैंकिंग वाली टीम होने के बावजूद मेजबान रूस गुरुवार को जब अपनी सरजमीं पर फुटबाल महासमर में उतरेगा। मेजबान रूस का लक्ष्य एक अन्य कमजोर टीम सऊदी अरब पर जीत दर्ज करके सकारात्मक शुरुआत करना होगा। मेजबान होने के कारण रूस को विश्व कप में स्वत: ही जगह मिल गई थी लेकिन फीफा की ताजा विश्व रैंकिंग में वह 70वें स्थान पर है जो टूर्नामेंट में भाग ले रही सभी 32 टीमों में से सबसे कम है। सऊदी अरब 67वें स्थान पर है वह विश्व कप के लिए क्वालीफाई करने वाली 31 टीमों में सबसे कम रैंकिंग वाली टीम है। सऊदी अरब विश्व कप का उदघाटन मैच खेलने वाली एशिया की पहली टीम भी बन जाएगी। रूस और सऊदी अरब यहां लुजनिकी स्टेडियम में आमने सामने होंगे जहां 15 जुलाई को फाइनल भी खेला जाएगा। रूस ग्रुप ए से नाकआउट में पहुंचने और ग्रुप चरण से बाहर होने वाला दूसरा मेजबान बनने से बचने के लिए इस मैच में अपनी जीजान लगा देगा जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन के दर्शक दीर्घा में मौजूद रहने की संभावना है।
रूस ने गंवाए थे चारों मैत्री
स्टेनिसलाव चेरचेसोव के कोचिंग वाली रूसी टीम का हालिया प्रदर्शन हालांकि अच्छा नहीं रहा। उसे टूर्नामेंट से पहले चारों मैत्री मैचों में से किसी में भी जीत नहीं मिली। असल में रूस ने अपनी आखिरी जीत पिछले साल अक्टूबर में दर्ज की थी जब उसने दक्षिण कोरिया को अपनी सरजमीं पर 4-2 से हराया था। यही नहीं इससे पहले 2016 यूरो कप और 2017 फीफा कन्फेडरेशन कप में भी वह ग्रुप चरण से आगे नहीं बढ़ पाया था।
ब्राजीली सांबा पर फुटबॉल की पूरी दुनिया थिरकती है। बीते कई दशक से फुटबॉल का पूरा इतिहास ब्राजील के ईद-गिर्द ही घूम रहा है। पांच बार खिताब पर कब्जा कर चुकी ब्राजीली टीम रूस में होने वाले फीफा वर्ल्ड कप में भी चैंपियन बनने की सबसे बड़ी दावेदार है। स्पोर्ट्स डेस्क की रिपोर्ट....
सर्वे में ब्राजील सबसे बड़ा दावेदार
वर्ल्ड कप की शुरुआत से पहले यह अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं कि इस बार कौन सी टीम चैंपियन बनेगी? एक सर्वे के मुताबिक इस बार ब्राजील खिताब की प्रबल दावेदार है। उसने आखिरी बार 2002 में खिताब जीता था और इस बार वह 16 साल का खिताबी सूखा खत्म कर सकता है। जिन अन्य टीमों की चैंपियन बनने की संभावना है, वे ब्राजील से काफी पीछे हैं। डालते हैं एक नजर...
ग्रुप मैचों में भी रहेगा दबदबा
ग्रुप सर्वे के मुताबिक ग्रुप मैचों में बी ब्राजील का दबदबा रहेगा। इसके अनुसार ब्राजील के सबसे अधिक 90 फीसदी दूसरे दौर में पहुंचने की संभावना है। सर्वे की माने तो ब्राजील के अलावा सभी बड़ी टीमें नॉकआउट दौर में पहुंचेगी। काबिलेगौर है कि 32 टीमों को चार-चार के ग्रुप में बांटा गया है। प्रत्येक ग्रुप की शीर्ष दो टीमें अंतिम-16 में पहुंचेगी।
जानिए नेमार की टीम क्यों रहेगी सबसे आगे?
नेमार की कप्तानी में ब्राजील को इसलिए फिर से खिताब का दावेदार माना जा रहा है क्योंकि पिछले कुछ सालों से टीम का प्रदर्शन बेहतरीन रहा है। नेमार भले पिछले तीन माह से चोटिल रहे लेकिन वह फॉर्म में खेल रहे थे। 2014 में पहली बार वर्ल्ड कप खेलने वाले नेमार ने तब भी बेहतरीन प्रदर्शन किया था। उन्होंने चार गोल किए थे।
कोच से अच्छी जुगलबंदी
नेमार और कोच टिटे की जुगलबंदी अभी तक कमाल की रही है। 2016 में टीटे के नए कोच का पद संभालने के बाद ब्राजील की टीम में जबरदस्त बदलाव देखने को मिला है। उनके मार्गदर्शन में टीम ने लगातार नौ मैच जीतकर वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई किया। यही नहीं पिछले चार सालों में ब्राजील की टीम ने सिर्फ चार मैच गंवाए हैं।
सिर्फ पेले ही नहीं, एक से एक धुरंधर रहे हैं टीम में
ब्राजील की टीम फीफा विश्व रैंकिंग में 2 नंबर पर है। ब्राजील ने 7 बार फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई है। ब्राजील की टीम ने सबसे ज्यादा 20 बार वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया है। ब्राजील को महान टीम बनाने का श्रेय एक नहीं कई दिग्गजों को जाता है। पेले, वावा, जेजिन्हो और रोनाल्डो सीनियर वे स्टार हैं जिन्होंने अपने दम पर इस टीम को ताज पहनाया। यह फेहरिश्त बेहद लंबी है। चुनिंदा खिलाड़ियों के वर्ल्ड कप में प्रदर्शन पर....
पेले
17 साल की उम्र में पहली बार 1958 में वर्ल्ड कप खेलने वाले पेले ब्राजील के लिए सर्वाधिक तीन बार विश्व कप खिताब जीतने वाले खिलाड़ी हैं। उन्होंने विश्व कप में ब्राजील के लिए कुल 12 गोल किए हैं।
वावा
1958 और 1962 में यदि ब्राजील ने लगातार दो बार खिताब जीता तो उसमें पेले संग वावा का भी योगदान रहा। उन्होंने दोनों फाइनल मैचों में गोल दागे थे। वावा ने विश्व कप में ब्राजील के लिए कुल 09 गोल किए हैं।
गारिचा
1962 वर्ल्ड कप में पेले के चोटिल होने से जब टीम मुश्किल में पड़ गई थी, तब गारिचा ने मोर्चा संभाला। उन्होंने इस टूर्नामेंट में पांच गोल कर किए। गारिचा ने विश्व कप में कुल 05 गोल किए हैं।
गारिन्हों
1970 के वर्ल्ड कप में गारिन्हो ने सर्वाधिक सात गोल ठोके। इस वर्ल्ड कप के हर मैच में उन्होंने गोल किया। इस कारण उन्हें 'द हरिकेन' नाम दिया गया। गारिन्हों के रहते ब्राजील ने एक बार विश्व खिताब जीता है। उन्होंने विश्व कप में ब्राजील के लिए कुल 09 गोल दागे।
रोनाल्डो सीनियर
रोनाल्डो के नाम वर्ल्ड कप में ब्राजील की ओर से सर्वाधिक गोल करने का रिकॉर्ड है। 2002 वर्ल्ड कप में उन्होंने कुल आठ गोल, जबकि फाइनल में तीन गोल दागे। रोनाल्डो विश्व कप में जर्मनी के मिरास्लाव क्लोसे के बाद सबसे ज्यादा गोल करने वाले खिलाड़ी हैं। क्लोसे ने 16 जबकि रोनाल्डो ने 15 गोल दागे हैं।