भारत की रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कहा कि सीमा पार से होने वाले बिना उकसावे के हर हमले का जवाब दिया जाना चाहिए और रक्षा बलों को जवाबी कार्रवाई की पूरी छूट दी जा रही है। सीतारमण, युद्धविराम पर दोनों पक्षों की ओर से सहमति के बावजूद भारत-पाक सीमा पर जारी गोलीबारी से संबंधित सवालों के जवाब दे रही थीं। उन्होंने कहा कि हम अपनी सीमाओं को सुरक्षित रखेंगे, बलों को किसी भी बिना उकसावे की गोलीबारी का जवाब देने के लिए छूट दी गयी है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि बिना उकसावे के किए गए किसी भी हमले का जवाब दिया जाए। रक्षामंत्री ने कहा कि यह तय करना उनके मंत्रालय का काम नहीं है कि जम्मू-कश्मीर में जारी रमजान संघर्षविराम सफल रहा है या नहीं। बिना उकसावे का हमला होने पर उसका जवाब देने के लिए हमें छूट दी गयी है । जम्मू – कश्मीर में संघर्ष विराम सफल रहा है या नहीं , यह आकलन करना रक्षा मंत्रालय का काम नहीं है। काउंटरिंग अमेरिकाज एडवसरीज थ्रू सेंक्शंस एक्ट के कारण भारत – रूस रक्षा संबंधों पर असर पड़ने से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अमेरिका को यह बता दिया गया है कि नयी दिल्ली रक्षा उपकरणों और स्पेयर पार्टस की खरीद मास्को से करता है। ।उन्होंने कहा कि प्रतिबंधों का इस पर असर नहीं पड़ सकता क्योंकि ये संबंध काफी पुराने हैं।
केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों की मदद के लिए दस हजार करोड़ रुपये के पैकेज को हरी झंडी दे दी है. सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने गन्ना किसानों की मदद के लिए दस हजार करोड़ रुपये के पैकेज को हरी झंडी दे दी है. इसके साथ ही खबर हैं कि मिल से निकलने वाली चीनी का न्यूनतम समर्थन मूल्य भी 30 रुपये किलो तय किया गया है. साथ ही करीब 30 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाने की भी तैयारी है. आपको बता दें कि चीनी मिलों पर 22 हजार करोड़ रुपये बकाया हैं, अकेले यूपी में ही करीब 13 हजार करोड़ रुपये किसानों के बकाया हैं.
चीनी मिलें गन्ना उत्पादकों का भुगतान करने में असमर्थ हैं क्योंकि चीनी उत्पादन वर्ष 2017-18 (अक्टूबर-सितंबर) में अब तक 3.16 करोड़ टन के रिकॉर्ड उत्पादन के बाद चीनी कीमतों में तेज गिरावट आने से उनकी वित्तीय हालत कमजोर बनी हुई है. देश के सबसे बड़ी गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में ही किसानों का अकेले 13,000 करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना बकाया है. आपको बता दें कि वर्तमान में चीनी की औसत एक्स-मिल कीमत 25.60 से 26.22 रुपये प्रति किलो की सीमा में है, जो उनकी उत्पादन लागत से कम है. केंद्र ने चीनी आयात शुल्क को दोगुना कर 100 फीसदी तक बढ़ा दिया है और घरेलू कीमतों में गिरावट को रोकने के लिए निर्यात शुल्क को खत्म कर दिया है. उसने चीनी मिलों से 20 लाख टन चीनी निर्यात करने को भी कहा है.
बर्न,(आरएनएस)। द स्विस पीपल्स पार्टी (एसवीपी) ने अपनी सरकार के उस कदम का विरोध किया है जिसमें उसने भारत समेत 11 देशों को स्विजरलैंड के बैंक खातों के बारे में जानकारी देने का करार किया है। पार्टी का कहना है कि इससे बैंकों की साख कम होती तो दूसरे देशों में रह रहे नागरिकों को खतरे का सामना करना पड़ सकता है। स्विटजरलैंड की सरकार ने भारत के अलावा रूस, चीन, अर्जेटीना, ब्राजील, इंडो नेशिया, कोलंबिया, मैिसको, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका व संयुक्त अरब अमीरात के साथ समझौता किया था। इसके तहत फैसला किया गया था कि इन देशों के साथ ऑटोमेटिक एसचेंज ऑफ इनफॉरमेशन सिस्टम (एईओआइ) शुरू किया जाएगा। यह समझौता अगले साल से अमल में आएगा। इसके तहत बैंकों में जमा धन का योरा संबंधित देशों को मिल सकेगा। भारत के लिए यह बड़ी उपलिध है, योंकि कालेधन पर सरकार पहले ही बड़ा अभियान शुरू कर चुकी है। एसवीपी स्विजटलैंड की दक्षिण पंथी पार्टी मानी जाती है। उसका कहना है कि विश्व में हमारे बैंकों की साख है। लोग मानते हैं कि गोपनीयता के मामले में बैंक कोई समझौता नहीं करते, लेकिन जब सूचनाएं लीक होने लगेंगी तो स्विस बैंकों पर कोई भरोसा नहीं करेगा। हालांकि पार्टी का ये भी कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई व लोकतंत्र की बहाली के पैमाने पर आकलन के बाद जिस देश को कम से कम 45 अंक मिलते हैं, उसके साथ सरकार समझौते को अमल में न लाया जाए। पारदर्शिता में भारत का की 79वीं (176 देशों में)रैंक है जबकि लोकतंत्र की बहाली में उसके सौ में से 77 अंक हैं। इस मामले में सबसे बुरा हाल चीन व रूस का है जबकि स्विटजरलैंड 96 व अमेरिका के 86 अंक हैं। उल्लेखनीय है कि बैंकों की गोपनीय जानकारी साझा न करने की बात स्विटजरलैंड के संविधान में दर्ज है, लेकिन इसके बावजूद वहां की सरकार ने ये समझौता किया है। ये कालेधन के खिलाफ वैश्विक स्तर पर एक लड़ाई मानी जा रही है। माना जाता है कि दुनिया के बहुत से देशों के लोग अपने कालेधन को स्विस बैंकों में जमा कराने में रुचि लेते हैं। गोपनीयता इसकी प्रमुख वजह है।
नई दिल्ली,(आरएनएस)। करीब चार महीने पहले उप्र के मुयमंत्री बने योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को दिल्ली में उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान करने के बाद लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। वह गोरखपुर संसदीय क्षेत्र से लगातार पांच बार से सांसद रहे। उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को इस्तीफा सौंप दिया। योगी आदित्यनाथ अब उप्र विधान परिषद की सदस्यता ले सकते हैं। बसपा के एक और सपा के तीन सदस्यों ने हाल ही में विधान परिषद से इस्तीफा दिया है। माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ के साथ उनके दोनों उप मुयमंत्री दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्य इन रिक्त स्थानों के लिए चुने जा सकते हैं। मुयमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू को बधाई दी है। योगी ने कहा कि उपराष्ट्रपति जैसे महत्वपूर्ण संवैधानिक पद पर वेंकैया का निर्वाचन समाज के सभी वर्गो खासकर किसानों के लिए गौरवपूर्ण है। वेंकैया को सार्वजनिक जीवन का लंबा अनुभव है। अब तक उनको जो भी पद मिला है उसका उन्होंने सफलता पूर्वक निर्वहन किया है। ऐसे व्यक्ति को उपराष्ट्रपति पद के लिए अवसर देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और संसदीय दल ने सकारात्मक सोच का परिचय दिया।
रायपुर,(आरएनएस)। इस बार रक्षाबंधन में की रात को चंद्रग्रहण लगने से बहनों को भाई की कलाई पर राखी बांधने के लिए कम समय मिलेगा। चंद्रग्रहण लगने से पहले दिन में ग्रहण का सूतक रहेगा। खास बात यह है कि इस दिन एक साथ रक्षा बंधन, चंद्रग्रहण और सावन माह के आखरी सोमवार का भी संयोग पड़ रहा है। सात अगस्त को श्रावण मास का आखिरी सोमवार भी है और रक्षाबंधन भी। रक्षाबंधन की रात 10 बजकर 52 मिनट पर खंडग्रास चंद्रग्रहण लग रहा है। जो मध्यरात्रि 12 बजकर 48 मिनट पर खत्म हो"ा। जबकि खंडग्रास चंद्रग्रहण का सूतक दोपहर 1 बजकर 52 मिनट से लग जाएगा। सुबह 11 बजे तक भद्रा होने से इससे पहले राखी नहीं पहनाई जा सकती। यानि बहनों के पास राखी पहनाने के लिए रक्षाबंधन के दिन सुबह 11 बजे से 1 बजकर 52 मिनट का ही समय है। आचार्य भरत राम तिवारी के अनुसार श्रावण पूर्णिमा को चंद्रग्रहण होने से श्रावण नक्षत्र एवं पूर्णिमा तिथि दोनों ही दूषित हैं। इससे रक्षाबंधन पर्व ग्रहण के साये में है। ज्योतिषविदों की राय में इस बार करीब नौ साल के बाद रक्षाबंधन के दिन चंद्रग्रहण का योग बना है। रक्षाबंधन के दिन चन्द्रग्रहण और भद्रा होने से राखी बांधने के लिए के केवल 2 घंटे 52 मिनट का ही समय मिल रहा है। भारत में दिखेगा चंद्रग्रहण श्रावण शुल पूर्णिमा सोमवार 7 और 8 अगस्त को होने वाला चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा। यह ग्रहण सोमवार को हो रहा है। इसलिए इसे चूड़ामणि चंद्रग्रहण कहा जाएगा। इसमें स्नान, दान, जप, हवन, श्राद्ध का अत्यधिक महत्व है। राशि पर शुभ-अशुभ ग्रहण के समय मेष, सिंह, वृश्चिक व मीन राशि वाले के लिए शुभ, वृष, मिथुन, कर्क, कन्या, तुला, धनु, मकर और कुभ राशि वाले जातकों के लिए अशुभ होगा। श्रावण नक्षत्र में जन्मे जातकों के लिए ग्रहण अशुभ हो रहा है। ज्योतिषों की राय में उन्हें छाया दान कर अपने इष्ट का जाप करना चाहिए।
कोलकाता,(आरएनएस)। जियोलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के वैज्ञानिकों को भारतीय समुद्र से लाखों टन कीमती धातु और खनिज प्राप्त हुए हैं। 2014 सबसे पहले इनका पता चला था मंगलुरु, चेन्नई और मन्नार से। वैज्ञानिकों को जो लाइम मड, फॉस्फेट रिच और कैलकेरियस सेडीमेंट्स, हाइड्रोकार्बंस, मेटेलीफेरस डिपॉजिट्स और माइक्रोनोडयूल्स मिले उनसे यह साफ पता चलता है कि समुद्र की और गहराई में जाने पर और ज्यादा मात्र में खनिज और धातु मिलने की संभावना है। तीन साल के अन्वेषण के बाद जीएसआई को 181,025 वर्ग किलोमीटर के हाई रिजोल्यूशन सीबेड मोर्फोलोजिकल डाटा, मिला है जो भारत के इकॉनोमिक जों में 10,000 मिलियन टन के लाइम मड के होने का पता चला है। इसी के साथ करवर, मंगलुरु और चेन्नई के तट पर फॉस्फेट सेडीमेंट का भी पता चला है। तमिलनाडु के मन्नार बेसिन पर भी गैस हाइड्रेट मिला है। इसके साथ ही अंडमान से फेरो मैंगनीज क्रस्ट मिले हैं और लक्ष्यद्वीप से माइक्रो-मैंगनीज नोड्यूल्स मिले हैं। इस काम को पूरा करने में तीन रिसर्च वेसेल की मदद ली गई जिसमें समुद्र रत्नाकर, समुद्र कौस्तुभ और समुद्र सऊदीकामा शामिल है। इसका मूल उद्देश्य समुद्री खनिज संसाधनों का पता लगाना था।