चीन की सेना का युद्धाभ्यास करने का एक वीडियो सामने आया है। तिब्बत के बेहद ही ख़तरनाक इलाके में चीनी सैनिक अपने हथियारों की गरज दुनिया को सुनाते दिखाई दिए। कड़ाके की ठंड के बीच चीनी सैनिकों ने करीब 11 घंटों तक युद्ध का अभ्यास किया।
चीनी मीडिया की ख़बर से खुलासा हुआ है कि मंगलवार को चीन की सेना ने तिब्बत के बेहद ही ख़तरनाक इलाके में युद्ध का अभ्यास किया। दुनिया में भारत के लगातार बढ़ते दबदबे से परेशान चीन ने इस बार अपनी असुरक्षा को छुपाने के लिए ये नई चाल चली है। तिब्बत के टॉन्गगुला ग्लेशियर में चीन की सेना यानी पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों ने बर्फीले पहाड़ पर 19 मिनट में चढ़ाई पूरी की।
तिब्बत में टॉन्गगुला का मतलब है, वो पहाड़ जहां तक बाज़ भी उड़ान नहीं भर सकता। दूसरे देशों की ज़मीन पर गिद्ध दृष्टि लगाए रखने वाले चीन के सैनिकों ने इसी टॉन्गगुला ग्लेशियर के बेहद ही खतरनाक पॉइंट पर ऊपर चढ़ने में 19 मिनट लगाए और उन्हें वापस नीचे उतरने में 12 मिनट का वक्त लगा। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि ज़मीन का लालची चीन अपना दबदबा बढ़ाने के लिए किस हद तक जा सकता है।
कहा जाता है कि टॉन्गगुला ग्लेशियर का मौसम और हालात इतने मुश्किल हैं कि सिर्फ़ यहां खड़ा होना 30 किलो वजन उठाने के बराबर है। ऐसे में चीन ने अपने नए शिगूफे के प्लेटफॉर्म के तौर पर इसी जगह का इस्तेमाल किया। चीनी सैनिक करीब 11 घंटे तक यहां रहे। पिछले साल भारत और चीन के बीच डोकलाम को लेकर चले गतिरोध के बाद पहली बार चीन की ये हरकत सामने आई है।
इससे पहले अगस्त 2017 में चीन की सेना ने तिब्बत में युद्धाभ्यास किया था। तब 4600 मीटर की ऊंचाई पर ड्रैगन की सेना की ड्रिल करीब 13 घंटे चली थी। तिब्बत के जिस इलाके में ड्रैगन की ये नई ड्रिल हुई वो इलाका सामरिक तौर पर बेहद अहम है। चीनी के सरकारी मीडिया ने प्रोपेगैंडा चलाया है कि इस ड्रिल का मकसद इस पूरे अभ्यास के दौरान नागरिक और सैन्य सहयोग का टेस्ट करना था।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक इस पूरे ऑपरेशन के दौरान चीन की सेना ने अपनी सप्लाई लाइन को परखा है। इस ड्रिल का मकसद ये जानना था कि युद्ध के हालात में सैन्य साज़ो-सामान की आपूर्ति की व्यवस्था कितनी पुख्ता है। चीनी मीडिया की रिपोर्ट्स में कहा गया है कि तिब्बत का पठार बेहद दुर्गम है और यहां की भौगौलिक स्थिति भी बड़ी जटिल है। इन इलाकों में सबसे बड़ी चुनौती होती है लगातार सैन्य आपूर्ति करना और हथियार मुहैया कराना।
इस युद्धाभ्यास की जानकारी देते हुए चीनी मीडिया में खास तौर पर भारत और चीन के बीच 1962 के युद्ध का जिक्र किया गया है, जिसमें कहा गया है कि उस दौरान जीत हासिल करने के बावजूद चीन ज्यादा फायदा इसलिए नहीं उठा पाया था, क्योंकि सेना की सप्लाई लाइन बेहतर तरीके से काम नहीं कर पाई थी। साफ है कि ड्रैगन अपने प्रोपेगेंडा के ज़रिए एक बार फिर भारत पर दबाव बनाना चाहता है। तिब्बत के युद्ध अभ्यास से जुड़ी सरकारी रिपोर्टिंग में भारत के साथ 1962 के युद्ध का जिक्र चीन के मंसूबों को पूरी तरह उजागर कर देता है। इससे पहले पिछले साल डोकलाम को लेकर गतिरोध के दौरान भी चीन की ओर से बार बार 1962 के युद्ध का जिक्र किया गया था। जाहिर है भारत को ड्रैगन से सतर्क रहने की ज़रूरत है।
दरअसल चीन ने एक तीर से दो शिकार करने की कोशिश की है एक तरफ़ वो भारत को युद्ध के हालात में अपने तैयार होने का संकेत दे रहा है, दूसरी तरफ तिब्बत में नागरिक और सैन्य सहयोग की बात करके ड्रैगन ये भी साबित करना चाहता है कि तिब्बत उसका हिस्सा है। तिब्बत में युद्ध की इस ड्रिल के दौरान ल्हासा सरकार और एक कंपनी द्वारा पूरा सहयोग करने की बात कही गई है। चीनी मीडिया के मुताबिक सैन्य अभ्यास के दौरान एक स्थानीय पेट्रोलियम कंपनी ने हथियारबंद यूनिट का ईंधन खत्म होने पर तत्काल ईंधन की आपूर्ति की। साथ ही ल्हासा सरकार की ओर से एक दिन के युद्धाभ्यास के बाद सैनिकों के लिए खाने की पूरी व्यवस्था की गई।
इस पूरे प्रोपेगेंडा के ज़रिए चीन दुनिया को ये संदेश देना चाहता है कि तिब्बत पूरी तरह उसके साथ है जबकि असलियत ये है कि दलाई लामा की विरासत पर चीन ने जबरन कब्ज़ा कर रखा है।
राज्य में मादक पदार्थ के ओवरडोज से मौत की घटनाएं कथित रूप से बढ़ने को लेकर आलोचना से घिरे पंजाब मंत्रिमंडल ने केंद्र को मादक पदार्थों के तस्करों के लिए मृत्युदंड की सिफारिश करने का आज फैसला किया। इस कदम का लक्ष्य है कि यह सजा इस जघन्य अपराध के लिए प्रतिरोध का काम करेगी। मादक पदार्थ से पंजाब और कई अन्य स्थानों पर युवकों की जिंदगी नष्ट हो रही है।
एक सरकारी प्रवक्ता के अनुसार मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक में केंद्र को औपचारिक रूप से यह सिफारिश करने का निर्णय लिया गया। आप और शिअद समेत विपक्षी दल 15 महीने पुरानी अमरिंदर सिंह की अगुवाई वाली सरकार की आलोचना कर रहे हैं कि विधानसभा चुनाव से पहले चार हफ्ते में इस समस्या का निदान करने का वादा करने वाली यह सरकार इस बुराई को रोकने में विफल रही है।
पंजाब के कई हिस्सों में मादक पदार्थों के ओवरडोज से युवकों की मौत को लेकर आक्रोश है और मादक पदार्थों की तस्करी के विरुद्ध एक जुलाई से राज्य में 'ब्लैक वीक एगेंस्ट चिट्टा अभियान चलाया जा रहा है। मंत्रिमंडल ने मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश के लिए उठाए गए कदमों की रोजाना आधार पर समीक्षा करने के लिए अवर मुख्य सचिव (गृह) एन एस काल्सी की अध्यक्षता में एक विशेष कार्यबल बनाया गया है।
इस संबंध में मंत्रिमंडल की उपसमिति भी बनायी गई है। विशेष कार्यबल सीधे इस उपसमिति को रिपोर्ट करेगा। सिंह ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद ट्वीट किया कि मेरी सरकार ने ड्रग तस्करी के लिए मृत्युदंड की सिफारिश करने का फैसला किया है। इस सिफारिश को केंद्र सरकार के पास भेजा जा रहा है। चूंकि मादक पदार्थों की तस्करी पूरी पीढ़ी को बर्बाद कर रही है, ऐसे में इसके लिए मिसाल देने लायक सजा जरुरी है। मैं मादक पदार्थ मुक्त पंजाब के प्रति अपनी कटिबद्धता पर अडिग हूं।
राजस्थान सरकार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि अति पिछड़ा वर्ग के तहत आने वाली गुर्जर समेत पांच जातियां शिक्षण सस्थानों में प्रवेश और सरकारी नियुक्तियों के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग श्रेणी के अंतर्गत 21 फीसदी आरक्षण की हकदार हैं।
कार्मिक विभाग की ओर से एक आदेश जारी किया गया है। एक जुलाई की तारीख वाले इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अति पिछड़ा वर्गों को अन्य पिछड़ा वर्ग के अंतर्गत 21 फीसदी आरक्षण का अधिकार है।
अति पिछड़ा वर्ग के तहत पांच जातियां हैं। (1) बंजारा/बालदिया/लबाना, (2) गाडिया लुहार/गदालिया (3) गुर्जर (गुजर) (4) राइका/रेबारी और (5) गाडरिया (गाडरी) को 1994 से अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया था। शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में भर्तियों के लिए जारी दो अलग अलग आदेशों में कहा गया है कि अति पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य वर्ग में मेरिट के आधार पर प्रवेश अथवा नियुक्ति नहीं होने की स्थिति में, पहले तो अन्य पिछड़ा वर्ग में 21 फीसदी आरक्षण के तहत प्रवेश या नियुक्ति के लिए विचार किया जाएगा। उसके बाद इन अभ्यर्थियों को अति पिछड़ा वर्ग के लिए निर्धारित एक प्रतिशत आरक्षण के लिए विचार किया जाएगा।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जयपुर में सात जुलाई को होने जा रही बैठक का विरोध करने की चेतावनी दी थी। इसके बाद रविवार को संसदीय कार्यमंत्री राजेन्द्र राठौड ने गुर्जर नेताओं के साथ एक बैठक में आश्वासन दिया था कि आरक्षण के स्पष्टीकरण संबंधी परिपत्र को शीघ्र जारी किया जाएगा। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के प्रवक्ता हिम्मत सिंह ने कहा कि सरकार ने दो आदेश जारी किए हैं और हम उनसे संतुष्ट हैं। हमने प्रधानमंत्री की जयपुर यात्रा के विरोध की चेतावनी को वापस ले लिया है।
बिहार में BJP के सपोर्ट से सरकार चला रहे नीतीश कुमार ने दो साल पहले राज्य में पूर्ण शराबबंदी की घोषणा तो कर दी. लेकिन अब तक बिहार की पुलिस अपने मुख्यमंत्री के इस महत्वाकांक्षी योजना को जमीन पर उतारने में नाकाम रही है.
इतना ही नहीं उनके सहयोगी दल BJP के लोग ही शराबबंदी को धता बता रहे हैं. दरअसल, आज सीवान सदर से बीजेपी विधायक व्यासदेव प्रसाद के बेटे को शराब के साथ गिरफ्तार कर लिया गया है. सीवान एसपी ने इस खबर की पुष्टि की है.
सबसे चौंकाने वाली बात तो यह है कि बीजेपी विधायक का बेटा सिर्फ शराब लेकर चलने के आरोप में नहीं, बल्कि शराब की अवैध तस्करी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. जानकारी के मुताबिक, BJP विधायक व्यासदेव प्रसाद के बेटे को शराब तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस ने बताया कि व्यासदेव प्रसाद का बेटा विकास उर्फ गांधी खुद गाड़ी में शराब भरकर उत्तर प्रदेश से बिहार ला रहा था. विकास के साथ गाड़ी में उसके कुछ साथी भी सवार थे. पुलिस ने सीवान के मैरवा से उसे 4 साथियों के साथ गिरफ्तार किया है.
उन्नाव। जनपद के गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र की मिश्रा कॉलोनी में सोमवार सुबह बदमाशों ने एक युवक पर बम से हमला करने के बाद उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। घटना के बाद पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और जांच-पड़ताल में जुट गई है।
पुलिस के अनुसार, गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र की मिश्रा कॉलोनी निवासी विनय उर्फ बीनू पुत्र राजकिशोर पर सोमवार सुबह घर के पास ही कुछ लोगों ने बम से हमला कर दिया। विनय के गिरते ही हमलावरों में से एक ने उसे गोली मार दी और भाग निकले। अचानक बम और गोली चलने से इलाके में भगदड़ मच गई। लोगों ने घटना की सूचना युवक के परिजनों को दी। परिजन उसे नर्सिगहोम ले गए, जहां उसकी नाजुक हालत देखकर उसे कानपुर के हैलट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। हैलेट ले जाते वक्त रास्ते में ही विनय ने दम तोड़ दिया।
आयकर विभाग ने 'तुरंत पैन संख्या' जारी करने की एक सेवा शुरू की है। इसके तहत पहली बार पैन चाहने वालों को उनके आधार कार्ड के आधार पर तुरंत ई-पैन जारी कर दिया जाएगा। आयकर विभाग ने हाल ही में यह जानकारी दी है।
इसके अनुसार,' यह सुविधा नि:शुल्क है। वैध आधार धारकों के लिए पहले आओ पहले पाओ के आधार पर सीमित समय के लिए उपलब्ध है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बड़ी संख्या में लोग अपनी वित्तीय व कर मामलों के लिए स्थायी खाता संख्या (पैन) का आवेदन कर रहे हैं जिसे देखते हुए यह नयी सुविधा शुरू की गई है।
इसके तहत आवेदनकर्ता के आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर 'ओटीपी' भेजा जाता है और उसी के आधार पर नया पैन जारी कर दिया जाता है। यह ई-पैन सुविधा केवल केवल व्यक्तिगत स्तर पर आवेदन करने वाले नागरिकों के लिए है।
ये है प्रोसेस
इस सुविधा के लिए आपको कोई शुल्क नहीं देना है, सिर्फ आयकर विभाग के पोर्टल पर लॉगइन कर ई-पैन उत्पन्न करना है। यह सौगात सिर्फ स्थानीय निजी करदाताओं के लिए है, न कि हिंदू अविभाजित परिवार, कंपनियों, ट्रस्ट के लिए है। आयकर विभाग का कहना है कि यह सुविधा सिर्फ सीमित समय के लिए वैध आधार कार्डधारकों के लिए है।
विभाग के मुताबिक, इसमें बहुत सारे दस्तावेजों को अपलोड करने की जरूरत नहीं है, आधार की जानकारी के जरिये ई-पैन उत्पन्न किया जा सकेगा। आपको सिर्फ यह सुनिश्चित करना होगा कि दी गई जानकारी अपडेट हो, क्योंकि आधार डाटाबेस के जरिये ही ई-केवाईसी की जाएगी। आधार में पंजीकृत नंबर पर आए ओटीपी को डालते ही ई-केवाईसी भी पूरी हो जाएगी। इसके साथ ही ई-पैन आवेदन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।
आपको सिर्फ सादे कागज पर अपने हस्ताक्षर की एक स्कैन्ड कॉपी वेबसाइट पर अपलोड करनी होगी। यह अपलोड होते ही 15 अंकों का पहचान नंबर आपके मोबाइल नंबर और पंजीकृत ईमेल पर आएगा। इस नई सुविधा से लंबी कागजी कार्यवाही के बाद भी पैन नंबर नहीं पाने वाले लोगों की समस्या दूर होगी।
आधार से पैन को जोड़ने की समय सीमा बढ़ी
केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आज पैन-आधार को जोड़ने की समय सीमा को अगले वर्ष 31 मार्च तक के लिए बढ़ा दिया है। यह पांचवीं बार है जब सरकार ने लोगों के पैन को उनके आधार से जोड़ने की समय सीमा को बढ़ाया है।
आयकर विभाग की नीति निर्धारण इकाई ने आयकर कानून की धारा 119 के तहत देर रात यह आदेश जारी किया। इससे पहले सीबीडीटी ने 27 मार्च को यह समय सीमा बढ़ाई थी।
नए आदेश में कहा गया है आयकर रिटर्न भरने के लिए पैन - आधार को जोड़ने की समय सीमा को ' मामले पर विचार करने के बाद बढ़ाया जा रहा है। माना जा रहा है कि सीबीडीटी का नया आदेश उच्चतम न्यायालय के उस आदेश की पृष्ठभूमि में आया है जिसमें आधार को अन्य सेवाओं से जोड़ने के लिए 31 मार्च 2018 की समय सीमा को बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे।