राजधानी

13-Apr-2019 1:16:06 pm
Posted Date

महासमुंद) वन चौकीदार को मौत के घाट उतारने वाली मादा भालू की हुई मौत

० रेबीज संक्रमण से विचलित हो गया था भालू

महासमुंद।  पिथौरा वन परिक्षेत्र में बुधवार की देर रात ग्राम जम्हर निवासी चमार सिंह ध्रुव को मौत के घाट उतारने वाले मादा भालू की संदेहास्पद मौत हो गई है। भालू का शव पिथौरा वन परिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम जम्हर बीट जंगल के कक्ष क्रमांक-242 में मिला। वन विभाग ने शव का परीक्षण एवं पोस्टमार्टम कराकर वन काष्ठागार में दाह संस्कार कर दिया गया है। वन विभाग के सूत्रों का कहना है कि भालू विगत 24 घंटे से विचलित नजर आ रहा था। भालू को रेबीज संक्रमण होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

बुधवार की देर रात पिथौरा वन परिक्षेत्र अंतर्गत जम्हर बीट में कक्ष क्रमांक-242 के समीप अपने खेत की रखवाली करने जंगल के रास्ते खेत जा रहे ग्राम जम्हर के चमार सिंह ध्रुव (42) पर दो भालुओं ने हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। इसके बाद भालू पर वन विभाग द्वारा नजर रखी जा रही थी। 24 घंटे के दौरान उसकी गतिविधि संदिग्ध नजर आ रही थी, तथा भालू विचलित हो गया था। आक्रोश में आकर वह पेड़ों एवं पत्थरों तक को काटना प्रारंभ कर दिया था। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि भालू रेबीज का शिकार हो गया था और वह अपना मानसिक संतुलन खो बैठा था। शुक्रवार सुबह 10 बजे गोदगोदा नाले के भीतर भालू मृत पड़ा था। वन विभाग के अफसरों का कहना है कि पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही भालू की मौत के कारणों का खुलासा हो पाएगा। मृत मादा भालू की उम्र करीब चार वर्ष है। वन्य प्राणियों पर काम करने वाली  एसओएस की टीम, पशु चिकित्सक तथा वन अधिकारियों की मौजूदगी में मृत भालू का दाह संस्कार किया गया है। इधर, डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी स्थिति रेबीज होने के कारण निर्मित होती है। वन परिक्षेत्र अधिकारी जयकांत गंडेचा का कहना है कि टीम मादा भालू पर निगाह रखी हुई थी। उसकी गतिविधि संदिग्ध थी, जिससे अनुमान है कि भालू रेबीज का शिकार हो गया था।

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