राजधानी

27-Feb-2019 11:14:45 am
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सरकार ने नवीन तकनीक से सडक़ निर्माण में की 942 करोड़ की बचत

लखनऊ ,27 फरवरी । उत्तर प्रदेश सरकार ने सडक़ निर्माण में नवीनतम तकनीक प्रयोग से चालू वित्त वर्ष में 942 करोड़ रूपये की बचत कियेे जाने का दावा किया है। आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को यहां बताया कि लोक निर्माण विभाग ने सडक़ निर्माण में नवीनतम तकनीक का प्रयोग कर कम पत्थर से मार्गों का निर्माण कर खदान एवं ढ़ुलाई से होने वाले कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने का काम किया है। इससे कम लागत में मजबूत सडक़ बनाने के साथ-साथ पर्यावरण संरक्षण को बल मिला है। 
उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-19 में नवीन तकनीक के प्रयोग से 30.42 लाख घनमीटर पत्थर की बचत की जायेगी। बचत से होने वाले पत्थर से गाजियाबाद से प्रयागराज तक लगभग 680 किलोमीटर लम्बे दो लेन राज्यमार्ग का निर्माण किया जा सकता है। अब तक नवीन तकनीक प्रयोग से 942 करोड़ रूपये की बचत की गयी है। प्रदेश में नवीन तकनीक को बढ़ावा देने के लिये अभियन्ताओं को प्रशिक्षण भी दिलाया जा रहा है।
सूत्रों ने बताया कि सडक़ दुर्घटनाओं को रोकने के लिये पर्यावरण अनुकूल सडक़ें बनाने के साथ-साथ रोड साइनेज एवं रोड मार्किंग, रोड सेफ्टी आडिट भी कराया जा रहा है। प्रदेश में पहली बार प्रथम बार साइन बोर्ड लगाने के लिये 125 करोड़ रूपये की स्वीकृतियां निर्गत की गयीं है। प्रदेश के प्रमुख तथा अन्य जिला मार्गों के लगभग 2000 किलोमीटर एवं 417 ब्लैक स्पाट का रोड सेफ्टी सी0आर0आर0आई0 से कराया जा रहा है तथा 144 अभियन्ताओं को विभिन्न संस्थानों से रोड सेफ्टी का प्रशिक्षण दिलाया गया है।
उन्होंने बताया कि लोक निर्माण विभाग के कार्यों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ई-गवर्नेंस, ई-एम0बी0, ई-मेन्टेनेन्स, ई-बिल, ई-प्रोजेक्ट मॉनीटरिंग, ई-डाटाबेस तथा ई-बजट जैसी व्यवस्था लागू की गयी है ताकि लोक निर्माण विभाग के कार्यों को पारदर्शिता एवं त्वरित गति प्रदान करने के साथ-साथ प्रत्येक स्तर पर निगरानी की जा सके। उन्होंनेे कहा ई-मेन्टनेंस के माध्यम से 24 से 48 घण्टे में पॉट होल्स मरम्मत की व्यवस्था लागू की गयी है, जबकि अन्य जिला मार्गों के पॉट होल्स की मरम्मत 46 से 96 घण्टे में की जाएगी। 
सूत्रों नेे बताया कि विभाग में समस्त श्रेणी के रजिस्टेशन आन लाइन किये जा रहे हैं, अब तक 4544 ऑन लाइन पंजीकरण किये जा चुके हैं। जबकि 75 लाख से अधिक लागत के समस्त कार्यों की माप चाणक्य सॉफ्टवेयर के माध्यम से की जा रही है। अब तक 3700 ऑन-लाईन माप की जा चुकी है। लोक निर्माण विभाग देश में अकेला ऐसा विभाग है जहां निर्माण कार्यों की माप ऑन लाईन की जा रही है।
उन्होंने बताया कि भुगतान में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से ऑनलाइन बिल तैयार हो रहे हैं, जबकि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं प्रगति की समीक्षा के लिये चाणक्य सॉफ्टवेयर का उपयोग किया जा रहा है। प्रदेश के सडक़ मार्गो की जानकारी के लिये सृष्टि वेबसाइट पर डाटाबेस तैयार किया गया है, इसके साथ ही विभागीय बजट की उपलब्धियां एवं खण्ड से मुख्यालय की मांग को स्वीकृति एवं आवंटन विश्वकर्मा सॉफ्टवेयर के माध्यम से हो रहा है।
सूत्रों नेे बताया कि प्रदेश सरकार का एक ही लक्ष्य है कि सभी कार्य पूर्ण गुणवत्ता, पारदर्शिता एवं समय सीमा के साथ पूर्ण हों। सडक़ो का लाभ ग्रामीण जनता को भी मिले यही कारण है कि प्रदेश सरकार ने सभी सात किलोमीटर से अधिक चौड़ी सडक़ों से पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले ग्रामों को मुख्य मार्गों से जोडऩे का काम किया है।

 

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