राजधानी

22-Jan-2019 11:07:37 am
Posted Date

डॉ पुनीत गुप्ता को डीकेएस से हटाया जाने पर धोबी समाज में खुशी की लहर

० कांग्रेस सरकार का जताया आभार 
० डॉ गुप्ता के द्वारा निकाली गई लॉन्ड्री टेंडर की जांच और उनकी मनसा की होनी चाहिए जांच- निर्मलकर

रायपुर, 22 जनवरी । छत्तीसगढ़ धोबी समाज में डीकेएस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के अधीक्षक डॉ पुनीत गुप्ता को हटाए जाने से हर्ष की लहर है। समाज के प्रदेश महामंत्री चंद्रहास निर्मलकर ने कहा है भ्रष्टाचार  के विरुद्ध परिवर्तन के लहर के चलते सत्तासीन हुए कांग्रेस सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया है। समाज के प्रदेश महामंत्री चंद्रहास निर्मलकर ने कहा है लॉन्ड्री टेंडर के लिए डॉ पुनीत गुप्ता ने सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल जो 450 बिस्तर का है जिसके लिए 4 करोड़ रुपए के टर्नओवर 15 लाख रुपए की डिपाजिट और इस तरह अनाप-शनाप शर्त नियम लागू किए थे आखिर इसके पीछे उनकी मंशा क्या था इसकी जांच होनी चाहिए। जिसके विरुद्ध मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह को भी शिकायत की गई थी इस पर उन्होंने क्या कार्यवाही की क्या आदेश दिए थे उसकी भी जांच होनी चाहिए, जबकि  लॉन्ड्री  संचालन के लिए 1120 बिस्तर वाले राज्य के सबसे बड़े डॉ भीमराव आंबेडकर हॉस्पिटल में मात्र 50 हजार की डिपाजिट और बिना कोई टर्नओवर के विज्ञापन निकाला जाता है। आखिर डीकेएस में किस कारण से ऐसा विज्ञापन निकाला और कितना स्टैंडर्ड मेंटेन करना चाहते थे डॉ पुनीत गुप्ता उनके कारगुजारीओं से स्पष्ट परिलक्षित होता है। लॉन्ड्री संचालन के लिए लगाई गई मशीन राजधानी के एक निजी हॉस्पिटल जहां कंडम की गई मशीन को इस सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में लगाया गया है, जबकि लॉन्ड्री विभाग ऑपरेशन थिएटर से संबंधित और संवेदनशील विभाग है। आखिर  इतना इनको घमंड क्यों हो चुका था जो पैतृक व्यवसाय करने वालों के साथ मजाक कर बैठे। समाज ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की है कि डॉ पुनीत गुप्ता के द्वारा निकाली गई इस विवादित टेंडर की जांच किया जाए और इस टेंडर को तत्काल निरस्त किया जाए। इतना ही नहीं राज्य के 6 मेडिकल कॉलेज को जोडक़र के सीजीएमएससी के द्वारा भी टेंडर निकाली गई थी जिसमें 10 करोड़ का टर्नओवर 5 करोड़ का नेटवर्थ और 45 लाख रुपए की डिपाजिट राशि मांगी गई थी। अगर लॉन्ड्री का कार्य करने वालों के पास इतने रुपए होते हैं तो लॉन्ड्री का कार्य क्यों करते परंतु डॉ पुनीत गुप्ता और मुख्यमंत्री के संरक्षण में निकालने वाले एजेंसी सीजीएमएससी धोबी समाज के लोगों को इस कार्य से वंचित करने के लिए ऐसा अनाप-शनाप शर्ते नियम लागू करके बाहरी लोगों से सांठगांठ करके टेंडर जारी किया था। समाज ने मांग की है कि इन सब तथ्यों की जांच होनी चाहिए। गौरतलब रहे धोबी समाज ने आंदोलन का भी बिगुल फूंक दिया था और समर्थन में साहू समाज, गोंडवाना समाज, खिलाडी संघ भी मैदान में उतर रहे थे। 

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