राजधानी

24-Nov-2018 9:36:27 am
Posted Date

लाफ्टर क्लब के ठहाकों से गूंज रहे शहर के उद्यान

० सुबह से ही वरिष्ठ नागरिक बगीचों में पहुंच रहे 
रायपुर,  । तनावरहित जीवन एवं हंसते मुस्कुराते हुए समस्याओं का निदान कर बेहतरीन जीवन जीने के लक्ष्य से वर्षों पूर्व  देश में लाफ्टर क्लब की स्थापना हुई थी। शहर के अनेक उद्यानों में सुबह से ही वरिष्ठ नागरिकों के ठहाके जहां उन्हें तनाव रहित रहने की प्रेरणा देते हैं। वहीं कम आयु समूह में घूमने आने वाले लोगों को भी बुजर्गों की हरकत देखकर बरबस हंसी आ जाती है। लाफ्टर क्लब रविशंकर उद्यान में सुबह से ही नियमित पहुंचने वाले केएल कोरी से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि लाफ्टर क्लब में वरिष्ठ नागरिकों के साथ कुछ कम उम्र के लोग भी शामिल होते हैं। सूर्य नमस्कार एवं थोड़े से योग के बाद कोई भी सदस्य कोई ऐसी बात कहता है जिस पर सभी जोर जोर से ठहाके लगाते हैं। वरिष्ठ नागरिक सरदार प्रीतम सिंह ने बताया कि लाफ्टर क्लब में जिस सदस्य का जन्म दिन रहता है उसका सुबह-सुबह केक भी कटता है। अनेक नागरिक ऐसे भी है जो घरों से काफी परेशान रहते हैं। उन्हें हर सुबह का इंतजार रहता है ताकि कुछ क्षण के लिए अपने साथियों के साथ वे ठहाके लगा सके। इस संबंध में शहर की मनोवैज्ञानिक डॉ. सोनल शुक्ला से प्रतिनिधि ने मोबाइल में बात की तो उन्होंने बताया कि वरिष्ठ नागरिकों का परिवारों में सम्मान धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। अनेक घरों में बुजुर्गों द्वारा खुद की बनाई संपत्ति पर भी उनके बेटा बहू अथवा बेटी दामाद अनाधिकार कब्जे की चेष्ठा करते हैं अपने जीवनकाल में ही सभी तरह से टूटा हुआ बुजुर्ग लाफ्टर क्लब की शरण में जाता है। कुछ क्षण के लिए ही सही उसका तनाव तो कम होता है। डॉ. सोनल के अनुसार जिन परिवारों में बुजुर्गों का सम्मान होता है वहां उनके आशीर्वाद से संतान समृद्धि को प्राप्त करता है। उन्होंने भारतीय परिवारों के संदर्भ में बुजुर्गों का सम्मान कम होने पर चिंता व्यक्त करते हुए समाज कल्याण विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से ओल्ड एक्ट के तहत मां बाप को सताने वाली संतानों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग की है। 

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