0-आधी रात को हुआ सियासी ड्रामा
पणजी,27 मार्च । गोवा में मंगवार को देर रात तक सियासी हलचल का दौर जारी रहा। बीजेपी सरकार में सहयोगी महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के तीन में से दो विधायक अपनी पार्टी के नेता और सरकार में डेप्युटी सीएम सुदिन धवलीकर को अकेला छोड़ बीजेपी के पाले में आ खड़े हुए। यही नहीं, इन दोनों विधायकों ने स्पीकर के सामने बीजेपी में विलय की अर्जी भी दे डाली है।
40 सदस्यीय विधानसभा में अब बीजेपी के 14 विधायक हो गए हैं। एमजीपी विधायक मनोहर अजगांवकर और दीपक पावसकर ने विधायक दल को भाजपा में विलय करने के लिए एक पत्र दिया, जिसे गोवा विधानसभा अध्यक्ष माइकल लोबो ने 1:45 बजे मंजूरी दी। हालांकि एमजीपी के तीसरे विधायक सुदीन गवलकर ने पत्र पर दस्तखत नहीं किए हैं। मनोहर अजगांवकर राज्य सरकार में पर्यटन मंत्री हैं और धवलिकर डिप्टी सीएम हैं। तीन में से दो विधायकों ने विलय किया है, जिससे वह दलबदल विरोधी कानून से बच जाएंगे।
बता दें कि गोवा की 40 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार को 20 विधायकों का समर्थन प्राप्त है। इनमें बीजेपी के 11, एमजीपी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के तीन-तीन और तीन निर्दलीय विधायक शामिल हैं। गोवा सरकार की स्थिरता के लिए एमजीपी के तीन विधायकों का समर्थन बहुत जरूरी था। कांग्रेस के 14 और एनसीपी के एक विधायक ने इस सरकार के खिलाफ वोट दिया था।