राजनीति

06-Dec-2018 1:00:49 pm
Posted Date

नान घोटाले मामले में भूपेश ने कहा-हमारी सरकार बनी तो एसआईटी गठित कर फिर से कराई जाएगी मामले की जांच

रायपुर, 06 दिसंबर ।  नान घोटाले में एसीबी के अधिकारियों द्वारा दो आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध बहुप्रतीक्षित चालान अंतत: न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि आशा थी कि ईओडब्ल्यू-एसीबी के द्वारा इतनी लंबी की गई कथित जांच में डॉक्टर साहब और सीएम मैडम के विरुद्ध भी चालान पेश किया जाएगा। लेकिन यह जानकारी प्राप्त हुई है कि मामले में लीपा पोती कर डॉक्टर साहब, सीएम मैडम और कुछ अन्य मंत्रियों को ईओडब्ल्यू-एसीबी द्वारा क्लीन चिट दे दी गई है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सरकार आई तो इस मामले की दोबारा विस्तृत एवं निष्पक्ष जांच के लिए एसआईटी गठित की जाएगी। 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि 14 दिसंबर 2014 को नान में छापेमारी के बाद मीडिया में ख़ुद ईओडब्ल्यू-एसीबी के अधिकारियों द्वारा यह जानकारी दी गई थी कि उन्होने अनेक डायरियां ज़ब्त की हैं, जिनसे पता लगता है कि नान में हज़ारों करोड़ रू. का घोटाला हुआ है, जो 10 वर्षों से भी अधिक अवधि से जारी था, तथा इस घोटाले में राज्य के अनेक प्रमुख राजनीतिज्ञ शामिल थे। मुख्यमंत्री जी के इस घोटाले में लाभान्वित होने से सम्बंधित कुछ दस्तावेज़ तो ईओडब्ल्यू-एसीबी के अधिकारियों द्वारा ख़ुद ही मीडिया में लीक किए गए। 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि विधानसभा चुनावों की पोलिंग के बाद तथा मतगणना के ठीक पहले राज्य के मुख्यमंत्री एवं अन्य मंत्री गणों को क्लीन चिट देने की कार्यवाही यह दर्शाती है कि डॉक्टर रमन सिंह को यह जानकारी प्राप्त हो चुकी है कि चुनाव में उनकी हार सुनिश्चित है। इसीलिए उन्होंने ईओडब्ल्यू-एसीबी के अधिकारियों पर दबाव डालकर षडयंत्रपूर्वक प्रकरण में ख़ुद को पाक साफ़ दिखाने की यह साजि़श की है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा है कि 11 दिसंबर को मतगणना के बाद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनना निश्चित है। कांग्रेस की सरकार बनते ही डॉक्टर रमन सिंह के 15 वर्षों के कार्यकाल में नान में हुए घोटाले की नए सिरे से विस्तृत एवं निष्पक्ष जाँच हेतु एक सप्ताह के भीतर ही एसआईटी का गठन किया जाएगा तथा समय सीमा निर्धारित कर जाँच की कार्यवाही पूर्ण की जाएगी। इस जाँच में जो भी दोषी पाया जाएगा उन्हें अवश्य ही दंडित किया जाएगा चाहे वे कितने ही शक्तिशाली व्यक्ति क्यों न हों। इसके साथ ही इतनी लंबी जाँच के नाम पर प्रकरण में लीपापोती करने वाले तथा उच्च पदस्थ लोगों को क्लीन चिट देने के षड्यंत्र में शामिल ईओडब्ल्यू-एसीबी के अधिकारियों को भी दंडित किया जाएगा।

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