राजनीति

30-Nov-2018 10:15:05 am
Posted Date

मतदान के दौरान ईवीएम की गड़बड़ी पर भाजपा ने क्यों साधा था मौन : कांग्रेस

रायपुर, 30 नवंबर । राज्य में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अब चुनाव परिणाम का बेसब्री से इंतजार हो रहा है। कांग्रेस जहां ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर लगातार शिकायत दर्ज कराते आ रहा है तो वहीं इस मामले में भाजपा मौन है। इस पर कांग्रेस ने यहां तक कह दिया कि भाजपा को लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भरोसा नहीं है, भाजपा को किसी भी कीमत पर सत्ता हासिल करना है, इसीलिए राज्य में सैकड़ों ईवीएम के खराब होने के बाद भी भाजपा ने इस पर आज तक कोई आपत्ति दर्ज नहीं कराई। 
भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष धरमलाल कौशिक के बयान पर पलटवार करते हुए कांग्रेस संचार विभागाध्यक्ष ने कहा कि भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रदेश के मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में मिशन-65 को लेकर बड़े-बड़े दावे किए थे। विधानसभा चुनाव के संपन्न होने के बाद अब भाजपा के मिशन-65 पर ग्रहण लग गया है। यही वजह है कि भाजपा के प्रदेश प्रमुख 51 सीट आने और चौथी बार सत्ता में काबिज होने की बात कह रहे हैं। कांग्रेस संचार विभागध्यक्ष ने आरोप लगाते हुए सीधे कह दिया कि भाजपा को लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भरोसा नहीं है, इसीलिए भाजपा किसी भी तरह से सत्ता हासिल करना चाहती है। कांग्रेस की ओर से मतदान के समय ईवीएम में आई गड़बड़ी को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग में लगातार शिकायत दर्ज कराई। राजधानी रायपुर सहित आसपास के विधानसभा क्षेत्रों के अलावा राज्य भर से इसी तरह ईवीएम के खराब होने की लगातार शिकायतें आती रही। इसके बाद बस्तर के एक विधानसभा क्षेत्र के अलावा कई अन्य मतदान केन्द्रों में मतदान की संख्या, मतदान के प्रतिशत, पीठासीन अधिकारी की रिपोर्ट और जिला निर्वाचन के साथ ही राज्य निर्वाचन आयोग से प्राप्त रिपोर्ट में भारी अंतर पाया गया। कांग्रेस ने तत्काल इसकी शिकायत फिर से आयोग में दर्ज कराई। पीठासीन और जिला निर्वाचन अधिकारी की मतदान प्रतिशत और मतदान संख्या को लेकर मिली रिपोर्ट में सैकड़ों मतों का अंतर पाया गया। इस भारी लापरवाही और गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस लगातार आयोग से शिकायत करती रही। लेकिन भाजपा ने इतनी बड़ी चूक के बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई, इससे समझा जा सकता है कि भाजपा को किसी भी कीमत पर सत्ता चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मिशन-65 का नारा देते रहे और अब चुनाव संपन्न होने के बाद प्रदेश भाजपा के मुखिया 51 सीट की बात कह रहे हैं। इससे समझा जा सकता है कि भाजपा का चौथी बार सत्ता में आने का सपना टूट चुका है। 

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