राजनीति

14-Jul-2017 7:35:57 pm
Posted Date

अब पॉलिटिकल फंडिंग का सिस्टम साफ करना है: अरुण जेटली

मुंबई,(आरएनएस)। सरकार ने अपनी नजरें अब पॉलिटिकल फंडिं" के सिस्टम को साफ करने की ओर मोड़ दी हैं और वह इस समस्या को खत्म करने के लिए जल्द कुछ कदमों का ऐलान करेगी। यह बात वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को बैंकरों और उद्योगपतियों से कही। जेटली ने मुंबई में आयोजित एसबीआई बैंकिंग ऐंड इकनॉमिक कॉन्क्लेव को विडियो लिंक से संबोधित करते हुए कहा, हम कुछ बड़े कदमों के ऐलान के बारे में सोच रहे हैं, जिनके जरिए हम भारत में समूची पॉलिटिकल फंडिंग का सिस्टम साफ करना चाहते हैं। वित्त मंत्री ने कहा, पिछले 70 वर्षों में दुनिया का यह सबसे बड़ा लोकतंत्र ऐसी फंडिंग के सहारे बढ़ा है, जिससे असल में लोकतंत्र की साख नहीं बढ़ती। प्रधानमंत्री का इस बात पर जोर रहा है कि सरकार को इस विषय को टॉप प्रायरिटी बनाते हुए लेना चाहिए। जेटली जीएसटी और डीमॉनिटाइजेशन के बाद किए जा सकने वाले बड़े रिफॉर्म्स के बारे में एसबीआई की चेयरमैन अरुंधति भट्टाचार्य के एक सवाल का जवाब दे रहे थे। हाल के वर्षों में राजनीतिक गतिविधियों पर खर्च तेजी से बढ़ा है और इसकी रफ्तार प्रति व्यक्ति आय से भी तेज रही है। हालांकि राजनीतिक गतिविधियों में होने वाले खर्च का बड़ा हिस्सा चोर दरवाजे से आता रहा है। जेटली ने फरवरी में जो आम बजट पेश किया था, उसमें कैश डोनेशंस की लिमिट तय करने और एक इलेक्टोरल बॉन्ड शुरू करने जैसे कुछ कदमों की बात की गई थी। यह बॉन्ड कुछ बैंकों की ओर से जारी किया जाएगा, जिसके जरिए राजनीतिक दल चंदा ले सकें"े। कैश डोनेशन की लिमिट अब 2000 रुपये है और राजनीतिक दल चेक या डिजिटल माध्यम से दान देने वालों से पैसा ले सकते हैं। जेटली ने हालांकि पॉलिटिकल फंडिंग में करप्शन से लडऩे के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों का जिक्र नहीं किया, लेकिन बजट भाषण में उन्होंने कहा था कि आरबीआई ऐक्ट में बदलाव किया जाएगा ताकि इलेक्टोरल बॉन्ड जारी किए जा सकें। जेटली ने यह भी कहा कि गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स लागू होने और नोटबंदी के प्रभावों के लिहाज से उठाए गए कदमों से आने वाले दो वर्षों में विकास को रफ्तार मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा, डीमॉनिटाइजेशन के बाद देश ने जिस तरह कठिन निर्णय किए और उन्हें ला"ू किया, उससे हमारे दमखम का पता चलता है। जीएसटी और डीमॉनिटाइजेशन के इन दो रिफॉर्म्स ने रिफॉर्म की प्रक्रिया को और आसान कर दिया है। मेरा मानना है कि अगले एक-दो वर्षों में टैक्स कलेक्शंस में उछाल के रूप में इनका असर सामने आएगा।

 

Share On WhatsApp