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19-Nov-2018 2:44:32 pm
Posted Date

माइक्रोफाइनेन्स महिला उद्यमियों को दे रहा है सहयोग

बिलासपुर, 19 नवंबर । आशा वाधवानी,छत्तीसगढ़ के बिलापुर की निवासी हैं और एक सोडा शॉप में काम करती थीं। बाद में उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर स्नैक्स जैसे बिस्कुट, पापड़ आदि का छोटा सा कारोबार शुरू किया। आशा अपने कारोबार को बढ़ाना चाहती थीं, ताकि वह ज़्यादा मुनाफ़ा कमा सकें। हालांकि उन्हें इसके लिए पूंजी की ज़रूरत थी। उनके एक मित्र ने उन्हें नॉन-बैंकिंग फाइनेन्शियल कंपनी-माइक्रोफाइनेन्स इन्स्टीट्यूशन- ग्रोइंग अपॉच्र्युनिटी फाइनेन्स के बारे में बताया, जो उनके क्षेत्र में कम आय वर्ग वाले परिवारों को सूक्ष्म ऋण सुविधाएं प्रदान करती है। उन्होंने ग्रोइंग अपॉच्र्युनिटी फाइनेन्स से पहला ऋण लिया। आज आशा और उनके दो बेटे कपड़ों का कारोबार चलाते हैं और उनका मासिक टर्नओवर छह लाख रुपए है। वे 25,000 रु महीना कमा लेती हैं। 
यह छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तीकरण की एकमात्र कहानी नहीं है, जहां ग्रोइंग अपॉच्र्युनिटी फाइनेन्स ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ग्रोइंग अपॉच्र्युनिटी फाइनेन्स छत्तीसगढ़ में काम करने वाली अग्रणी एनबीएफसी-एमएफआई है। गरीब परिवारों को आसान ऋण सुविधाएं उपलब्ध कराकर उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के उद्देश्य के साथ कंपनी की स्थापाना की गई। कंपनी अब तक एक लाख से अधिक लोगों को ऋण प्रदान करने उनके जीवन में सकारात्मक प्रभाव ला चुकी है। कंपनी ने कई स्थानीय महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार लाकर और उनके सपने साकार कर उनके जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया है।  
स्व-विनियामक संगठन एवं भारत में माइक्रोफाइनैंस उद्योग के संगठन ‘माइक्रोफाइनैंस इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क’ के अनुसार, देश में सूक्ष्म-ऋण लाभार्थियों में महिलाओं की भागीदारी 99 प्रतिशत है। एनबीएफसी-एमएफआई जैसी माइक्रोफाइनैंस कंपनियां भारत में बैंकिंग सुविधाओं रहित आबादी को वित्तीय सेवाएं आसानी से मुहैय्या करने की दिशा में कार्यरत हैं 
एनबीएफसी-एमएफआई देश में ऐसी एकमात्र विनियमित वित्तीय संस्थाएं हैं जो कम आय वाले परिवारों को असुरक्षित ऋण प्रदान करती हैं। ये वित्तीय कंपनियां उन महिलाओं की वित्त  संबंधी जरूरतें को पूरी करती हैं  जिनके पास गिरवीं रखने या सिक्युरिटी के तौर 
पर जमा करने के लिए कुछ भी संसाधन  मौजूद नहीं होतें  है। एनबीएफसी-एमएफआई का मकसद  सतत आजीविका का विकल्प तैयार करने में मदद साधन मुहैया कराना है। दूरदराज के इलाकों में भी वित्तीय सेवाएं मुहैया कराकर ये कंपनियां सरकार के वित्तीय समावेशन के एजेंडे को बढ़ावा दे रही हैं। 
एनबीएफसी-एमएफआई प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की महत्वपूर्ण भागीदार हैं और इस कार्यक्रम के तहत वितरित किए जाने वाले लगभग 50 प्रतिशत ऋण माइक्रोफाइनैंस कंपनियों के जरिये दिए जाते हैं। एनबीएफसी-एमएफआई भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के साथ पंजीकृत हैं और ऋण के आकार, अवधि, ब्याज दर और फेयर प्रैक्टिसेज कोड (एफपीसी) तथा इंडस्ट्री कोड ऑफ कंडक्ट (सीओसी) के संदर्भ में सख्ती से अमल करती हैं। रिजर्व बैंक सभी एनबीएफसी एमएफआई की नियमित रूप से निगरानी करता है।

 

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