छत्तीसगढ़

07-Sep-2022 3:39:36 am
Posted Date

मनरेगा से हुआ भूमि का कायाकल्प, सिंचाई नाली निर्माण से 250 से 300 एकड़ भूमि हुआ सिंचित

रायगढ़। जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत कार्यों से ग्रामीण अंचल में लगातार सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है। योजना से लोगों को न सिर्फ  काम मिला है बल्कि उनके लिये आर्थिक विकास के कई रास्ते खुलने लगे हैं। कृषक अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर रहते है, लेकिन सिंचाई की सुविधा न हो पाने पर वे कृषि कार्य कर पाने में असमर्थ हो जाते है। वर्षा अधारित कृषि करने से किसान एक ही फसल ले पाते है, लेकिन आज सिंचाई नाली निर्माण से किसानों को अधिक लाभ मिल रहा। इससे अब किसान अल्प वर्षा की स्थिति में पानी की समस्या से जूझना भी नही पड़ रहा है। आज जिला पंचायत के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि कार्य को बढ़ावा देकर आजीविका के साधनों को बढ़ाने व प्राकृतिक संसाधनों को सहेजने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है।
इसका उदाहरण देखने को मिल रहा है, अमझर के आश्रित ग्राम मकरी के किसान जो जिले के सारंगढ़ जनपद अंतर्गत आता है। ग्राम पंचायत ग्राम पंचायत अमार के आश्रित ग्राम मकरी में मनरेगा योजनांतर्गत वित्तीय वर्ष 2021-22 में स्वीकृत 19.66 लाख रूपए की सिंचाई नाली निर्माण से ग्राम मकरी व अमझर के सैकड़ों किसान लगभग 250 से 300 एकड़ भूमि में सिंचाई सुविधा का लाभ ले पा रहे हैं। सिंचित भूमि विस्तार से किसान अब धान की खेती के साथ-साथ सब्जी-भाजी व दलहन की खेती कर रहे है। सिंचाई नाली निर्माण कार्य मकरीदरहा जंगल से किसान के खेतों तक बनाया गया है जो कि जंगल से उतरने वाले सारे पानी को सिंचाई नाली निर्माण के माध्यम से खेतों तक कृषि कार्य के लिये पहुंचाती हैं। पूर्व में उक्त स्थल पर कच्ची सिंचाई नाली बनी हुई थी, जिससे किसानों के खेतों में सिंचाई के लिये पानी बहती थी, परंतु जंगल की मिट्टी कच्ची नाली होने ने कारण नाली पूरी तरह से बंद हो चुकी थी। ग्रामीणों द्वारा पुन: सिंचाई का लाभ लेने के लिये पक्की सिंचाई नाली का मांग किये जाने पर जिला पंचायत द्वारा पक्की सिंचाई नाली निर्माण कार्य का स्वीकृति दिया गया। आज पक्की सिंचाई नाली निर्माण से ग्राम मकरी व अमझर के ग्रामीण अच्छी फसल लेने के साथ सिंचाई कार्य का भरपूर लाभ ले रहें हैं।

 

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