छत्तीसगढ़

01-Sep-2022 5:24:13 am
Posted Date

गणेशोत्सव का आगाज: पुलिस ने किये चाक-चौबंद व्यवस्था

कोरबा। सीतामणी में दो दिन पूर्व हुई माब्लीचिंग की घटना में एक युवक की हत्या के बाद धूमधाम से मनाए जाने वाले गणेशोत्सव कार्यक्रमों के तहत आज गणेश चतुर्थी का आगाज होते ही पुलिस प्रशासन ने चाक.चौबंद पेट्रोलिंग एवं गणेश पंडालों के आसपास के व्यवस्था अलर्ट होकर कर ली है। जिसके तहत प्रत्येक गणेश पंडाल के सदस्य एवं वहां के कार्यक्रम डीजे व्यवस्था एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अलावा प्रसाद वितरण आदि सारे कार्यक्रम पुलिस के राडार में रहेंगे। 
इस संबंध में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सूत्रों के अनुसार जो जानकारी मिली है उसके तहत शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों से सभी गणेश पंडालों की समितियों के मुख्य पदाधिकारियों के नाम एवं मोबाइल नंबर पुलिस के संबंधित क्षेत्र के थाना एवं चौकी प्रभारी शांति समिति की मीटिंग लेकर ले लिये हैं। यहां तक कि पुलिस के अधिकारियों एवं बीट प्रभारियों के भी नंबर समितियों को उपलब्ध करा दिए गए हैं। थाना एवं चौकियों में प्रभारियों ने आज सुबह अपने.अपने क्षेत्रांतर्गत गणेश समितियों एवं पंडाल में आयोजित कार्यक्रमों के आयोजकों की मीटिंग लेकर उन्हें पुलिस द्वारा की गई व्यवस्था में सहयोग किये जाने तथा तमाम गणेश समितियों के अपने स्वच्छ छवि के वालंटियरों की देखरेख में कार्यक्रमों को संपन्न कराए जाने की भी हिदायत दी गई है। इसी तारतम्य में एसपी संतोष सिंह के मार्गदर्शन में जिले में गणेशोत्सव कार्यक्रमों के दौरान पुलिस की पेट्रोलिंग एवं कानून व्यवस्था किस तरह की हो इस संदर्भ में तरूण छत्तीसगढ़ को जानकारी देते हुए एएसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि गणेश पूजा से लेकर विसर्जन तक के कार्यक्रमों के संबंध में सभी समितियों के पदाधिकारियों को आवश्यक गाइड लाइन भी बता दी गई है।
विसर्जन के लिए संबंधित थाना क्षेत्र के प्रभारी एवं चौकी प्रभारी जो रूट निर्धारित किये हैं उसी के अनुसार उन्हें विसर्जन के दौरान नियमों का पालन करना पड़ेगा। इसके अलावा डीजे बजाने के लिए समय भी निर्धारित किया गया है जिसके तहत 10 बजे रात्रि तक ही निर्धारित व सीमित आवाज में ही आयोजक अपने-अपने इलाके में डीजे व धमाल कार्यक्रमों के आवाज का प्रसारण व वादन करा सकते हैं। नियम विरूद्ध आचरण करने वाले एवं कार्यक्रमों में हुड़दंग करने वालों के लिए भी पुलिस ने खास गाइड लाइन तय की है। जिसके तहत या तो समय के अनुसार सुधरे हुए आचरण का कार्यक्रम में प्रदर्शन करेंगे वरना मौके पर ही उनमें सुधार लाने की भी पुलिस की अपनी भाषा में रणनीति भी तैयार रखी गई है। जिससे कि सीतामणी जैसी घटनाओं की पुनर्रावृत्ति न हो सके।

 

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