छत्तीसगढ़

19-Jul-2022 5:54:43 am
Posted Date

कृषि संबंधित प्रशिक्षण के लिए कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र में हुआ रावे कार्यक्रम का शुभारंभ

रायगढ़ / कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र रायगढ़ में गत दिवस बीएससी (कृषि) चतुर्थ वर्ष के छात्र-छात्राओं के लिए कृषि संबंधित प्रशिक्षण के लिए रावे कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत शैक्षणिक प्रभारी डॉ.श्रीकांत संावरगांवकर के उद्बोधन के साथ शुरू हुआ जिसमें उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया की रावे के अंतर्गत वो किसानों से कृषि संबंधित अत्यंत महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और किसानों को वो कृषि की उन्नत तकनीक से अवगत करा सकते हैं। एनएसएस प्रभारी गंगा राम राठिया ने रावे के महत्व के ऊपर प्रकाश डाला और विद्यार्थियों को पूरी मेहनत के साथ इसे करने को कहा। महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ.ए.के.सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए बताया की रावे कार्यक्रम के तहत विद्यार्थीगण किसानों से अपने अनुभव कार्य एवं तकनीक को साझा करेंगे। उन्होंने बताया कि अगर विद्यार्थी रावे को प्रायोगिक रूप से निष्ठापूर्वक करें तो इससे उनको बहुत कुछ सीखने को मिलेगा। कार्यक्रम के अगले वक्ता के रूप में डॉ.रोशनी भगत ने विद्यार्थियों को कृषि क्षेत्र पर कार्य करके उससे ज्यादा से ज्यादा सीखने के लिए प्रेरित किया। उद्यानिकी विज्ञान की वैज्ञानिक डॉ.सरिता अग्रवाल ने छात्र-छात्राओं को पौधरोपण कार्यक्रम को प्रभावी रूप से करने पर बल दिया। रावे प्रभारी संदीप पैंकरा ने रावे के बारे में छात्र-छात्राओं से विस्तार से बताते हुए कहा कि रावे कार्यक्रम के लिए समीपस्थ गांव संबलपुरी को चुना गया है। चतुर्थ वर्ष के 45 विद्यार्थी पूरे सेमेस्टर भर विभिन्न विषयों की तकनीकी कार्य साझा करेंगे। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी महाविद्यालय के अलग-अलग विषय विशेषज्ञों के मार्गदर्शनुसार कृषि के विभिन्न विषयों के नवीन तकनीक को सीख सकते हैं। महाविद्यालय के एलपीएम सहायक प्राध्यापक डॉ.ब्रजेश पटेल ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा की रावे कार्यक्रम के अंतर्गत उन्हें डेरी, मछलीपालन और मुर्गी फार्म का भ्रमण करवाया जाएगा और उनसे संबंधित समस्या और उसका निदान बताया जाएगा। महाविद्यालय के सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष एवं मीडिया प्रभारी सुनील कुमार गौतम ने विद्यार्थियों को रावे के दौरान सही सूचनाओं को संकलित कर रावे रिपोर्ट बनाने के लिए आह्वान किया। उन्होंने विद्यार्थियों से इस बात पर विशेष जोर दिया की पूर्व में जो रावे रिपोर्ट पुस्तकालय में जमा हैं उनकी नकल किए बिना जो मूल कार्य वो इस सत्र के रावे में कर रहें है उनकी रिपोर्ट निष्ठापूर्वक तैयार करें। अतिथि शिक्षक के रूप कृषि यंत्रिकी के डॉ.योगेश कोसरिया ने विद्यार्थियों से मशीनों को प्रायोगिक से उपयोग करने पर बल दिया।

 

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