छत्तीसगढ़

16-Nov-2018 7:58:15 am
Posted Date

कृषि कॉलेज के सैकड़ों छात्रों को पढ़ाने के लिए व्याख्याता ही नहीं

० स्वीकृति 25 पदों की, पढ़ा रहे 4 विशेषज्ञ
जगदलपुर, 16 नवंबर । कृषि का महत्व निरंतर बढ़ता जा रहा है और भारतवर्ष के अन्य किसानों के समान बस्तर की बड़ी आबादी कृषि पर ही निर्भर है। ऐसे में कृषि से संबंधित पढ़ाई की तीव्र आवश्यकता है, लेकिन कृषि का विकास करने के उद्देश्य से और अनकों कृषि विशेषज्ञों का निर्माण करने के लिए यहां स्थापित हुआ कृषि महाविद्यालय विषयों के विशेषज्ञों के अभाव से गुजर रहा है और महाविद्यालय में पढऩे वाले सैकड़ों छात्रों को पढ़ाने के लिए व्याख्याता या विशेषज्ञ ही नहीं है। महाविद्यालय में 25 पदों की स्वीकृति है और मात्र 4 विशेषज्ञ ही समूचे महाविद्यालय को पढ़ा रहे हैं। 
उल्लेखनीय है कि यहां पर वर्तमान में बीएससी (कृषि) के 303 और एमएसी के 25 विद्यार्थी अध्ययन कर रहे हैं। विशेषज्ञों के अभाव में विद्यार्थी अपने ही साधनों से पढ़ाई करने के लिए विवश हैं। स्थिति यह है कि विषयों की बारीकी समझे बिना ही वे उन विषयों की परीक्षा देकर जैस-तैसे उत्तीर्ण अवश्य होते हैं लेकिन यह उनके लिए उपयुक्त नहीं होता। यह भी इस संबंध में विशेष तथ्य है कि इस महाविद्यालय की स्थापना वर्ष 2002 में की गई थी और पीएटी के माध्यम से छात्र-छात्रओं की भर्ती होती है। इसके अलावा इस महाविद्यालय में जो वर्तमान में विशेषज्ञ अपनी सेवायें दे रहे हैं। उनमें भी कार्य की रूची का अभाव है। जिसके कारण यहां पढऩे वाले विद्यार्थियों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। 

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