मनोरंजन

21-Jul-2017 6:42:28 pm
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लड़कियां ही क्यों हर दिन नए टेस्ट से गुजरती हैं?

अपकमिंग फिल्म लिपस्टिक अंडर माय बुर्का से बॉलिवुड में डेब्यू कर रहीं ऐक्ट्रेस प्लबिता बोरठाकुर इस फिल्म को लेकर बेहद उत्साहित हैं। उन्होंने बताया, जब मुझे यह स्क्रिप्ट सुनाई गई, तो मैं एकदम शॉक्ड हो गई। मुझे लगा कि इतना बोल्ड रोल कौन करेगा? फिर मैंने सोचा कि जो काम लड़के कर सकते हैं, वो मैं क्यों नहीं कर सकती। वह आगे कहती हैं मुझे यह भी जानने की जल्दी थी कि बाकी के तीन रोल कौन कर रहा है। जब मुझे बता चला कि रत्ना पाठक शाह, कोंकणा सेन शर्मा और आहना कुमार जैसी बेहतरीन ऐक्ट्रेसेज इस फिल्म से जुड़ रही हैं, तो मेरी हिम्मत और बढ़ गई। मैं खुद को खुशनसीब मानती हूं कि मुझे इस तरह के प्रॉजेक्ट का हिस्सा बनने का मौका मिला। समाज में लड़कियों के साथ हो रहे व्यवहार पर प्लबिता कहती हैं, हम लड़कियों के लिए हर दिन एक नया टेस्ट होता है। हर एक चीज पर हमें जज किया जाता है। कभी वर्जिनिटी को लेकर, तो कभी हमारे ड्रेसिंग सेंस को लेकर हम पर सवाए उठाए जाते हैं। सबसे बड़ी प्रॉब्लम तो यह है कि कई बार लड़कियां ही हमें जज कर रही होती हैं। लड़कों को कोई कुछ नहीं बोलता है। 
समाज की सोच पर सवाल उठाते हुए वह कहती हैं दरअसल दिक्कत हमारी कंडिशनिं" में है। हमें बचपन से यही सिखाया जाता है कि लड़के जो कर रहे हैं, वो सही है और हमें अपने तौर-तरीकों पर ध्यान देने की जरूरत है। मैं खुश हूं कि मैं असम से बिलॉन्ग करती हूं, जहां जेंडर बायसनेस न के बराबर है। मैं अपने पैरेंट्स की तीसरी बेटी हूं, लेकिन मेरे पापा ने कभी इस बात पर अफसोस नहीं जताया कि उनकी तीन बेटियां हैं। उन्होंने हम सभी को पढ़ाया लिखाया और इस काबिल बनाया कि हम कुछ अलग कर सकें।

 

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